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उदयपुर, अमरावती और मंगलुरु मर्डर में जांच एजेंसियों को मिले 10 चौंकाने वाले कॉमन फैक्ट, जानिए रैडिकलाइज करके सिर्फ हिंदुओं का गला काटने के कृत्य में क्या है कनेक्शन?

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राजस्थान के उदयपुर के टेलर कन्हैयालाल की निर्मम हत्या से शुरू हुआ रिलीजियस हेट क्राइम अमरावती होते हुए मंगलूरु तक जा पहुंचा है। हिंदुओं की हत्या के केस की पड़ताल में एनआईए (NIA) को पता चला है कि इनके कई फैक्ट क़ॉमन हैं। जिस तरह कन्हैयालाल ने बीजेपी की निलंबित प्रवक्ता नुपूर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी, वैसा ही दोनों अन्य पीड़ितों ने भी किया था। राष्ट्रीय इंवेस्टिगेशन एजेंसी अब यह जांच रही है कि तीनों हत्याओं का आपस में कोई कनेक्शन तो नही है। अमरावती और मंगलूरु के हत्यारों के तार उदयपुर के गिरोह के साथ तो नहीं जुड़े हुए हैं, क्योंकि तीनों में ही पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का कनेक्शन आ रहा है।

रैडिकलाइज करके सिर्फ हिंदुओं का गला काटने के लगातार कृत्य देश में पहली बार
उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह और पुलिस के पूर्व अधिकारियों के मुताबिक इस तरह के हत्याकांड दरअसल, हेट रिलीजियस क्राइम है। सभी आरोपियों को यह अच्छी तरह पता था कि पकड़े जाने पर उन्हें फांसी भी हो सकती है। ऐसे में उनका माइंडवॉश किस तरह, किस जगह पर और किन कट्टर लोगों द्वारा किया गया, इसकी जांच भी होनी चाहिए। जांच एजेंसीज को मंगलवार के दिन ही इन हत्याओं के होने को लेकर विशेष पूछताछ करनी चाहिए। यह सिर्फ एक इत्तेफाक नहीं हो सकता है। हमने धार्मिक उन्माद देखा, साम्प्रदायिक दंगे देखे हैं, उकसा कर बम विस्फोट करते हुए देखा है। रैडिकलाइज करके सिर्फ एक समुदाय के लोगों का गला काटने के लगातार कृत्य देश में पहली बार देखने को मिल रहे हैं।उदयपुर, अमरावती और मंगलूरु के तीनों ही हत्याकांड में PFI का कनेक्शन
उदयपुर में 28 जून को दो लोगों ने तालिबानी तरीके से गला काटकर दर्जी कन्हैयालाल की हत्या कर दी थी। इन दोनों कालितों के अजमेर और अन्य स्थानों पर कट्टर इस्लामिक संगठनों से संबंध के सुराग मिले हैं। राज्यों की पुलिस और जांच एजेंसियों को पता चला है कि उदयपुर, अमरावती और मंगलूरु में हुए तीनों ही हत्याकांड में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का कनेक्शन है। उदयपुर के कन्हैया के हत्यारों के न सिर्फ पीएफआई से जुड़े होने के प्रमाण हैं, बल्कि इनके पाकिस्तान के इस्लामिक संगठन दावत-ए-इस्लाम से कनेक्शन थे और इन्होंने कराची में ट्रेनिंग लेने के बाद राजस्थान के कई जिलों में स्लीपर सेल भी बनाए थे। एनआईए जांच कर रही है कि अमरावती और मंगलूरु में पीएफआई से जुड़े लोगों के उदयपुर के हत्यारों या इनके साथियों से कैसे संबंध थे।

‘आतंकियों’ को फंडिंग, ट्रेनिंग, इंटर-कनेक्शन की भी गहनता से हो जांच
एक महीने के दौरान इन हत्याओं ने कहीं न कहीं देश में क्राइम के एक नए पैटर्न की ओर इशारा किया है। अब मंगलुरु में हुआ यह हत्याकांड, उदयपुर और अमरावती में हुए मर्डर केस जैसा ही है। तीनों मामलों में आरोपी और पीड़ित भले ही अलग-अलग हों, लेकिन हत्या का तरीका, दिन और वजह लगभग एक जैसी ही हैं। इससे फिर साबित हुआ कि ऐसी वारदात को अंजाम देने वाले एक ही पैटर्न पर चल रहे हैं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार इनके इन्वेस्टिगेशन में फंडिंग, ट्रेनिंग, इंटर-कनेक्शन आदि की भी गहनता से जांच होनी चाहिए। ताकि इनके मास्टरमाइंड तक पहुंचा जा सके।

अब तक अफगानिस्तान और दुनिया के कुछ देशों में दिखा है इस तरह का नया पैटर्न
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक इस तरह का पैटर्न भारत से पहले अफगानिस्तान में देखा गया है। इसके अलावा इंग्लैंड में एक मरीन ऑफिसर का सिर भी इसी पैटर्न पर काटा गया था। लंदन में भी एक स्टैबिंग इसी पैटर्न पर हुई थी। बेहद कट्टरपंथी लोग इस तरह की सजा की वकालत करते आए हैं। इन कट्टरवादी सोच वाले लोगों को यह समझाया जाता है कि इर्शनिंदा करने वालों की एक ही सजा- सिर तन से जुदा। यही वजह है कि इस तरह की घटनाएं और कट्टरवादी सोच के बयान सामने आ रही हैं। उदयपुर के मर्डर में तो बकायदा इस सोच का वीडियो तक जारी किया गया।

तीनों वारदातों में पड़ताल हो कि क्या उदयपुर से है अमरावती और मंगलूरु का कनेक्शन
पुलिस के पूर्व अधिकारियों के मुताबिक उदयपुर और इसके बाद हुए दो और हत्याकांड में शामिल आरोपी कट्टर धार्मिक विचारधारा को मानने वाले थे। धार्मिक उन्माद को आधार बनाकर इन्हें बाकायदा हत्या के लिए उकसाया और प्रशिक्षित किया गया। तीनों में नुपूर शर्मा के समर्थन का विरोध करते हुए एक ही समुदाय के लोगों को निशाना बनाया गया और वारदात का तरीका धीरे-धीरे एक संगठित अपराध बनता जा रहा है।

तीनों हत्याकांड में पुलिस और जांच एजेंसियों को ये मिले कॉमन फैक्ट

  1. तीनों हत्याओं को करने से पहले तीनों को ही अज्ञात लोगों ने धमकी दी थी।
  2. तीनों मामलों में हमला करके मौत के घाट उतारने से पहले रैकी की गई थी।
  3.  तीनों ही हत्याएं करने के लिए आतंकियों ने मंगलवार का दिन चुना।
  4.  तीनों की हत्या नुपूर शर्मा के समर्थन में पोस्ट लिखने की वजह के हुई थी।
  5.  तीनों हत्याकांड में शामिल आरोपी बेहद कट्टर विचारधारा को मानने वाले थे।
  6.  तीनों ही वारदातों में हत्यारों ने निर्ममता के साथ धारदार हथियार का प्रयोग किया।
  7.  तीनों की ही हत्या पूरी तरह सुनियोजित थी और इसमें एक से ज्यादा हत्यारे शामिल थे।
  8.  तीनों ही निर्दोष हिंदुओं का बिजनेस था. एक दर्जी, दूसरा दवा विक्रेता और तीसरा अपनी शॉप चलाता था।
  9.  तीनों ही हत्याकांड में इस्लामिक संगठन पीएफआई का कनेक्शन मिला है और तीनों मामलों की जांच एनआईए कर रही है।
  10.  तीनों की हत्याओं को शाम के वक्त अंजाम दिया गया। कुछ साल पहले जयपुर में बम विस्फोट मंगलवार के दिन शाम को हुए थे।

राजस्थान: उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल का सिर तन से जुटा कर बनाया वीडियो
राजस्थान के उदयपुर में 28 जून (मंगलवार) की शाम को दो लोगों ने तालिबानी तरीके से गला काटकर दर्जी कन्हैयालाल की हत्या कर दी थी। कन्हैया ने 10 दिन पहले नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट डाला था। 2 हमलावर दिनदहाड़े दुकान में घुसे और धारदार हथियार से कई वार कर कन्हैया का सिर धड़ से जुदा कर दिया। इस मामले की जांच अब नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) कर रही है। आरोपियों ने हत्या का पूरा वीडियो भी बनाया था और इसे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर हत्या की जिम्मेदारी ली है। वीडियो में उन्होंने PM नरेंद्र मोदी तक को धमकी दे डाली।

महाराष्ट्र: अमरावती के केमिस्ट उमेश के गले पर चाकुओं से वार कर मौत के घाट उतारा
महाराष्ट्र के अमरावती में दवा व्यापारी उमेश कोल्हे की हत्या उनकी शॉप से कुछ दूर पर हुई थी। रात तकरीबन 10 बजे घात लगाकर बैठे तीन आरोपियों ने उन्हें बीच सड़क पर रोका और फिर चाकू से गले पर वार कर मौत के घात उतार दिया। उमेश ने भी सोशल मीडिया पर BJP की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट लिखी थी। इस मामले की जांच भी NIA कर रही है और फिलहाल अब तक 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।कर्नाटक: दुकान के पास ही भाजयुमो नेता प्रवीण को कुल्हाड़ी से काट डाला
अब 26 जुलाई को मंगलुरु के बेल्लारे में भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) के शहर अध्यक्ष प्रवीण नेट्टारू (32) की उनकी पोल्ट्री शॉप के बाहर धारदार हथियार से काट कर हत्या हुई थी। वे दुकान बंद कर सिर्फ 50 कदम ही आगे बढ़े थे कि एक बाइक पर सवार तीन लोग वहां पहुंचे और प्रवीण पर हमला बोल दिया। पुलिस के मुताबिक, हमलावरों ने हत्या के लिए कुल्हाड़ी का भी इस्तेमाल किया था। प्रवीण ने 29 जून को टेलर कन्हैया लाल की हत्या के विरोध में सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली थी। इसमें उन्होंने एक स्केच भी शेयर किया था। वहीं, प्रवीण नेट्टारू मर्डर केस NIA को सौंपने की संस्तुति राज्य सरकार की ओर से की जा चुकी है। माना जा रहा है कि जल्द केंद्रीय जांच एजेंसी इस मामले में भी केस दर्ज कर सकती है।

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