Home समाचार जेएनयू झड़प: ये कैसा सेकुलरिज्म, हिंदू पर्व-त्योहार पर ही विरोध क्यों?

जेएनयू झड़प: ये कैसा सेकुलरिज्म, हिंदू पर्व-त्योहार पर ही विरोध क्यों?

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वामपंथी छात्रों और अर्बन नक्सलियों का गढ़ बनता जा रहा जवाहर लाल नेहरू (JNU) विश्वविद्यालय एक बार फिर से सुर्खियों में है। जेएनयू के कावेरी हॉस्टल में रामनवमी दे दिन हवन और पूजा-पाठ को लेकर छात्र के बीच झड़प हो हो गई। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्रों का आरोप है कि हवन के दौरान लेफ्ट से जुड़े छात्रों मे रुकावट डालने की कोशिश की। वामपंथी छात्रों ने इस दौरान पत्थरबाजी की और हवन में शामिल छात्रों की पिटाई भी की। उधर मामले में फंसता देख वामपंथी छात्रों ने एबीवीपी छात्रों पर नॉन वेज खाना ना खाने देने का आरोप लगाया। लेफ्ट के छात्रों का कहना है कि उन्हें हॉस्टल में नॉन वेज नहीं खाने दिया गया। इस पर एबीवीपी का कहना है कि अगर नॉनवेज का विरोध करना होता तो कावेरी के साथ बाकी हॉस्टलों में भी किया जाता। अगर नवरात्रि में नॉन वेज का विरोध करना एजेंडा होता तो फिर बाकी हॉस्टल में ये क्यों बनने दिया जाता। असल में कावेरी हॉस्टल में रहने वाले छात्रों ने रामनवमी के दिन पूजा का आयोजन किया था जिसकी सूचना तीन दिन पहले ही पोस्टर लगाकर दे दी गई थी। इसके बावजूद वामपंथियों ने पूजा और हवन के दौरान बाधा डालने की कोशिश की। सवाल यह उठता है कि मुस्लिम छात्र या मुस्लिम समुदाय के लोग जब कोई पर्व-त्योहार मनाते हैं तो हिंदुओं की ओर से कोई विरोध नहीं होता, लेकिन जब हिंदू कोई उत्सव या पर्व मनाते हैं तो वे विरोध करने लगते हैं। ये किस तरह का सेकुलरिज्म है।

जेएनयू झड़प पर वामपंथी छात्रों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। इसको लेकर भी यूजर्स चुटकी ले रहे हैं।

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