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इनकम टैक्स छापे पर विधवा विलाप करने वाले अखिलेश के करीबियों के यहां सैकड़ों करोड़ के घोटाले और टैक्स चोरी का खुलासा

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समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के करीबियों के ठिकानों पर 18 दिसंबर को जब इनकम टैक्स के छापे पड़े तो वे विधवा विलाप करने लगे। अखिलेश यादव ने छापे को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया। छापे पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि यूपी चुनाव में सीबीआई और ईडी भी चुनाव लड़ने आएंगे। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने तब कहा कि बीजेपी चुनावों में हार के डर से ऐसा कर रही है। क्योंकि जब चुनाव आते हैं तो ऐसी कार्रवाई होती है। लेकिन मुलायम सिंह के बेटे अखिलेश यादव जिस कार्रवाई को सत्ता का इस्तेमाल बता रहे थे, उस पर वित्त मंत्रालय ने सनसनीखेज खुलासा किया है।

लखनऊ, मैनपुरी, मऊ, कोलकाता, बेंगलुरु और एनसीआर सहित 30 से अधिक जगहों पर छापेमारी में सैकड़ों करोड़ रुपये के घोटाले, अघोषित आय के साथ बेनामी संपत्ति का भी पता चला है। छापेमारी में आईटी टीम को करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी मिली है। इनकम टैक्स विभाग ने 1.12 करोड़ रुपये की नकदी भी जब्त की है। तहकीकात के दौरान हार्ड कॉपी, दस्तावेजों, डिजिटल डेटा सहित बड़ी संख्या में आपत्तिजनक सबूत मिले हैं और जब्त किए गए हैं। 

इनकम टैक्स विभाग ने 18 दिसंबर को समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजीव राय, आरसीएल ग्रुप के मनोज यादव, अखिलेश यादव के पूर्व ओएसडी जैनेंद्र यादव नीटू और कारोबारी राहुल भसीन के ठिकानों पर छापेमारी शुरू की थी। छापे में करोड़ों रुपये के बोगस दस्तावेज मिले हैं। इसके अलावा खाड़ी देश में पैसा भेजने में फेमा का भी उल्लंघनका मामला भी पकड़ में आया है।

एबीपी न्यूज की खबर के अनुसार समाजवादी पार्टी के नेताओं और उनके सहयोगियों पर आयकर छापों में 800 करोड़ रुपये के घोटाले और टैक्स चोरी का पता चला है। छापे में समाजवादी पार्टी के एक बड़े नेता और उनके परिजनों के विदेशी टिकटों से जुड़े दस्तावेज मिले हैं। अखिलेश यादव के एक करीबी ने नोएडा में एक विवादित जमीन 92 लाख में खरीदी, जबकि बाजार में उसकी कीमत 40 करोड़ रुपए है। आयकर विभाग को कोलकाता के ठिकानों से 40 करोड़ के बोगस कैपिटल शेयर भी मिले हैं। छापेमारी के दौरान पता चला कि 154 करोड़ रुपए का असुरक्षित लोन फर्जी कम्पनियों के नाम से दिखाए गए।नवभारत टाइम्स की खबर के अनुसार छापे में कंस्ट्रक्शन से जुड़े कारोबारी के यहां से करोड़ों रुपये के बोगस दस्तावेज मिले हैं। इस कंस्ट्रक्शन कारोबारी के यहां इनकम टैक्स विभाग को छापेमारी के दौरान 86 करोड़ की अघोषित आय के प्रमाण मिले हैं। जिसमें से 68 करोड़ की अघोषित आय को कुबूल कर लिया गया है। इस कंस्ट्रक्शन कंपनी का टर्नओवर कुछ ही साल में बढ़कर 150 करोड़ रुपये हो गया था।

टाइम्स नाउ हिंदी के अनुसार अखिलेश के करीबी करोड़ों रुपये के फर्जी खर्च के दावे कर फायदा ले रहे थे। इसके लिए उन्होंने जाली बिल बुक, स्टाम्प पेपर एवं नकली सप्लायरों की हस्ताक्षरित चेक बुक सहित कई आपत्तिजनक दस्तावेज इस्तेमाल किए। इसी तरह एक अन्य संस्था की जांच में भी यह पाया गया कि उसने अपनी अघोषित आय और निवेश को रूट करने के लिए शेल कंपनियों का इस्तेमाल किया है। एक अन्य व्यक्ति के केस में एक शेल कंपनी में 11 करोड़ रुपये के संदेहास्पद निवेश और 3.5 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्तियों में निवेश का पता चला है।

अब इस छापे को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा हो रही है-

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