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कांग्रेस के उदयपुर चिंतन शिविर में मंथन के साथ निकलेंगे शोले, पायलट के बाद अब कांग्रेस की टेंशन बढाएंगे जाखड़…उदयपुर, दिल्ली और चंडीगढ़ में खोलेंगे हाईकमान की पोल

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राजस्थान के उदयपुर में होने वाले कांग्रेस के चिंतन शिविर में मंथन से अमृत निकले या निकले, लेकिन कांग्रेस से सियासी शोले जरूर निकलने वाले हैं। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की सीएम अशोक गहलोत को हटाने की दो-टूक पर एक्शन को इस चिंतन शिविर के नाम पर रोक दिया है। आलाकमान इस बारे में चिंतन शिविर में मंथन करेगा और इसके साथ ही इस बारे में फैसला लिया जाएगा। दूसरी ओर पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ ने भी कांग्रेस पर अटैक करने की पूरी तैयारी कर ली है। उनके जुबानी हमले उस वक्त होंगे, जब कांग्रेस उदयपुर में चिंतन शिविर कर रही होगी। वे बताएंगे कि पंजाब में कांग्रेस की करारी हार के पीछे की असल वजह क्या हैं। जाखड़ के करीबियों के मुताबिक वह 13 से 15 के बीच तीन प्रेस कान्फ्रेंस कर हाईकमान की पोल खोलेंगे। पहली कान्फ्रेंस उदयपुर, दूसरी दिल्ली और तीसरी चंडीगढ़ में होगी। इन्हीं 3 दिनों में कांग्रेस का भी चिंतन शिविर चलेगा।

कांग्रेस में प्रशांत किशोर जितनी तेजी से सुर्खियां बने, उतनी तेजी से दम तोड़ दिया
राजस्थान में चिंतन शिविर ऐसे समय में हो रहा है, जबकि कांग्रेस में उम्मीद की किरण कहीं से दिखाई नहीं दे रही है। ऐसे कोई कारक नहीं सूझ रहा है, जिसके दम पर कार्यकर्ताओं में जोश भरा जा सके। प्रशांक किशोर के साथ की सुर्खियां जितनी तेजी से बनीं, उससे ज्यादा तेजी से उन्होंने दम तोड़ दिया। कांग्रेस फिर से सोनिया-राहुल के सहारे है। इन्हीं सोनिया-राहुल-प्रियंका से पिछले दिनों सचिन पायलट की मुलाकातें राजस्थान की सियासत में एक बार फिर हंगामा और उथल-पुथल मचाने वाली साबित हो सकती हैं। दरअसल, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने गांधी परिवार को दो-टूक शब्दों में कह दिया है कि अब सीएम गहलोत को हटाने में देरी नहीं करनी चाहिए। यदि देरी हुई तो राजस्थान में पंजाब जैसे हालात हो जाएंगे। उनका कहना है कि मौजूदा हाल ये है कि सीएम गहलोत के नेतृत्व से जनता खुश नहीं है।

उदयपुर शिविर में इस पर मंथन हो सकता है कि राजस्थान में सत्ता परिवर्तन कब किया जाए?
गांधी परिवार के लोगों से पायलट ने कहा कि उनको चुनाव जीतने के बाद से ही समझौतों के नाम पर लगातार झांसा दिया जा रहा है। कांग्रेस में बगावत करके दिल्ली में डेरा डालने के दौरान भी प्रियंका गांधी ने जब उनकी वापसी की राह निकाली थी, तब भी उनको बड़ी जिम्मेदारी का वादा किया गया था। अब पायलट ने प्रियंका गांधी से साफ कह दिया है कि राजस्थान का सीएम अविलंब बदलना होगा। राज्य में गहलोत के जाने और सचिन के आने की सुगबुगाहट के बीच सीएम अशोक गहलोत ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि मेरा इस्तीफा 1998 से सोनिया गांधी के पास है। जब प्रदेश में मुख्यमंत्री बदलेगा तो किसी को पता नहीं चलेगा। गहलोत और पायलट की तनातनी के बीच हाईकमान ने फिलहाल सचिन की डिमांड को चिंतन शिविर तक टाल दिया है। सूत्र बताते हैं कि उदयपुर शिविर में इस पर मंथन हो सकता है कि राज्य में सत्ता परिवर्तन कब किया जाए? यह भी सही है कि पंजाब में सत्ता परिवर्तन करके भी कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी थी।

कांग्रेस क्यों हारी यह जाखड़ 13 से 15 मई तक बताएंगे, कांग्रेस आलाकमान की पोल खोलेंगे
पंजाब में कांग्रेस की ऐसी दुर्गति क्यों हुई ? इस सवाल के जवाब को लेकर पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ मुखर हो रहे हैं। उनके जुबानी हमले उस वक्त होंगे, जब कांग्रेस उदयपुर में चिंतन शिविर कर रही होगी। वे बताएंगे कि पंजाब में कांग्रेस की करारी हार के पीछे की असल वजह क्या हैं। जाखड़ के करीबियों के मुताबिक वह 13 से 15 के बीच तीन प्रेस कान्फ्रेंस कर हाईकमान की पोल खोलेंगे। पहली कान्फ्रेंस उदयपुर, दूसरी दिल्ली और तीसरी चंडीगढ़ में होगी। इन्हीं 3 दिनों में कांग्रेस का भी चिंतन शिविर चलेगा। गौरतलब है कि कांग्रेस ने नवजोत सिद्धू को प्रधान बनाने के लिए सुनील जाखड़ को अचानक हटा दिया। फिर कैप्टन अमरिंदर सिंह को सीएम की कुर्सी से हटाया गया तो उन्हें सीएम बनाने की तैयारी थी। जाखड़ का दावा है कि उनके समर्थन में 42 विधायक भी थे। इसके बावजूद हिंदू होने की वजह से उन्हें सीएम नहीं बनाया गया।

जाखड़ को नोटिस, अनुशासन समिति सस्पेंड करने की हो चुकी सिफारिश
सुनील जाखड़ को हाल ही में कांग्रेस ने अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस भेजा था। जिसका जाखड़ ने जवाब देने की जरूरत ही नहीं समझी।  जाखड़ को इस बात का सख्त एतराज था कि कांग्रेस हाईकमान को पहले उनसे बात करनी चाहिए थी। इसकी जगह सीधे नोटिस भेजकर पार्टी ने उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाई गई है। जाखड़ ने स्पष्ट कर दिया कि इसके खिलाफ वह सोनिया या राहुल गांधी से नहीं मिलेंगे। अब वह खुलकर अपनी बात रखेंगे। कांग्रेस की अनुशासन समिति ने जाखड़ को 2 साल के लिए सस्पेंड करने की सिफारिश की थी। इस पर सोनिया गांधी ने कोई फैसला नहीं लिया है। हालांकि फिलहाल उन्हें पार्टी के सभी पदों से हटा दिया गया।

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