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मोदी सरकार में 22 प्रतिशत बढ़े रोज़गार, 6 महीनों में ई-श्रम पोर्टल से जुड़े 27 करोड़ अनौपचारिक श्रमिक

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की बागड़ोर संभालने के बाद रोजगार सृजन के लिए तीन मोर्चों पर काम शुरू किया। पहला, सरकारी विभागों में खाली पदों को भरने के साथ नई योजनाएं शुरू कीं। दूसरा, विभिन्न नीतिगत सुधार के माध्यम से निजी क्षेत्र को और रोजगार देने में सक्षम बनाया। तीसरा, उन लोगों को वित्तीय और अन्य प्रोत्साहन दिया, जो स्वरोजगार के जरिए रोजगार प्रदाता बन सके। इन तीन प्रयासों का परिणाम है कि देश में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर तेजी से बढ़े हैं। देश में रोजगार की स्थिति बेहतर हुई है। गुरुवार (24 मार्च, 2022) को राज्यसभा में एक प्रश्न के जवाब में केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने श्रम ब्यूरो के आंकड़ों के हवाले से बताया कि वर्ष 2013-14 से पिछले सात वर्षों में देश में रोजगार में 22 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

नौ क्षेत्रों में रोजगार में वृद्धि

केंद्रीय श्रम मंत्री ने कहा कि आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) के अनुसार, ग्रेजुएट लेवल की नौकरी चाहने वालों के बीच 15 से 40 वर्ष की आयु में बेरोजगारी दर में कमी आई है। वहीं कृषि क्षेत्र के अलावा, परिवहन, शिक्षा,स्वास्थ्य संबंधी देखभाल, आतिथ्य, व्यापार और सूचना तकनीक जैसे नौ क्षेत्रों में रोजगार में वृद्धि हुई है। इससे पता चलता है कि विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों के माध्यम से रोजगार के अवसर पैदा होने में मदद मिली है। 

ई-श्रम पोर्टल बना वरदान

श्रम मंत्री ने यह भी कहा कि पिछले छह महीनों के दौरान 27 करोड़ अनौपचारिक कर्मचारियों को ई-श्रम पोर्टल पर नामांकित किया गया है।अगस्त 2021 में ई-श्रम पोर्टल लॉन्च किया गया था। इसका उद्देश्य असंगठित श्रमिकों का एक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने और उन्हें केंद्र और राज्य सरकारों की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं/कल्याण योजनाओं के वितरण की सुविधा देना है। 16 से 59 वर्ष की आयु का कोई भी असंगठित श्रमिक इस पोर्टल पर पंजीकरण के लिए पात्र है। सभी पंजीकृत कर्मचारी प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) और कई अन्य लाभों के माध्यम से एक वर्ष के लिए 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर मुफ्त पाने के हकदार हैं।

 

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