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दलित समेत कुल 15 सदस्य होंगे राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य, के परासरन होंगे अध्यक्ष

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भारत सरकार ने उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए ट्रस्ट ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ की स्थापना से संबंधित गजट अधिसूचना जारी कर दी है। इस ट्रस्ट में कुल 15 सदस्य होंगे, जिनमें 9 स्थायी और 6 नामित सदस्य होंगे। हिंदू पक्ष के वकील के परासरन को ट्रस्ट का अध्यक्ष बनाया गया है। इसके साथ ही ट्रस्ट में अयोध्या के पूर्व शाही परिवार के राजा विमलेंद्र प्रताप मिश्रा, अयोध्या के ही होम्योपैथी डॉक्टर अनिल मिश्रा और कलेक्टर को जगह दी गई है

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रस्ट में शामिल किए जाने वाले लोगों में ऐडवोकेट के परासरन, कामेश्वर चौपाल, महंत दिनेंद्र दास और अयोध्या राज परिवार से जुड़े विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा जैसे नाम प्रमुख हैं। पहले ऐसी खबर थी कि चार शंकराचार्यों को इस ट्रस्ट में शामिल किया जाएगा, लेकिन सरकार ने ट्रस्ट में एक प्रयागराज के ज्योतिष्पीठाधीश्वर स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज को शामिल किया है, साथ ही एक शंकराचार्य और हैं। ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़े को भी जगह दी गई है, लेकिन अखाड़े के महंत दिनेंद्र दास को ट्रस्ट की मीटिंग में वोटिंग का अधिकार नहीं होगा।

15 सदस्यों के नाम-

1- के. परासरन- ट्रस्ट के अध्यक्ष

2- शंकराचार्य वासुदेवानंद महाराज- सदस्य

3- परमानंद जी महाराज हरिद्वार- सदस्य

4- स्वामी गोविंदगिरी जी पुणे- सदस्य

5- विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा- सदस्य

6- डॉ.अनिल मिश्रा होम्योपैथिक डॉ.अयोध्या- सदस्य

7- डॉ.कमलेश्वर चौपाल पटना- सदस्य

8- महंत धीनेद्र दास निर्मोही अखाड़ा- सदस्य

9- डीएम अयोध्या ट्रस्ट के संयोजक- सदस्य

इसके अलावा ट्रस्ट में 6 नामित सदस्य भी होंगे, इनको बोर्ड ऑफ ट्रस्ट नामित करेगा।

कौन हैं ये सदस्य

के परासरन 

ट्रस्ट के सदस्यों के रूप में पहला नाम वरिष्ठ वकील के परासरन का है। परासरन ने अयोध्या केस में लंबे समय से हिंदू पक्ष की पैरवी की। रामलला के पक्ष में फैसला लाने में उनका अहम योगदान रहा है। 92 साल के के. परासरन सेतु समुद्रम प्रॉजेक्ट के खिलाफ भी केस लड़ चुके हैं। उन्हें पद्मभूषण और पद्म विभूषण जैसे पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। 

डॉ अनिल कुमार मिश्र

अनिल कुमार मिश्र उत्तर प्रदेश के आंबेडकर नगर जिले के पहतीपुर के पतौना गांव के रहने वाले हैं। वो राम मंदिर आंदोलन से काफी समय से जुड़े हुए हैं। वह उत्तर प्रदेश होम्योपैथिक मेडिसिन बोर्ड के रजिस्ट्रार पद पर भी कार्यरत हैं। 

कामेश्वर चौपाल

1989 के राम मंदिर आंदोलन के समय हुए शिलान्यास में कामेश्वर ने ही राम मंदिर की पहली ईंट रखी थी। 1991 में वह राम विलास पासवान के खिलाफ चुनाव भी लड़ चुके हैं। 

 

 

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