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दिल्ली की जनता और नेता ही नहीं, अब तो हाई कोर्ट ने भी केजरीवाल और आप सरकार से कहा- हमें आपकी ईमानदारी पर पूरा संदेह! CAG रिपोर्ट में 2026 करोड़ का नुकसान

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आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल, खुद को ‘कट्टर ईमानदार’ कहते हैं। वे अक्सर ढींगें हांकते फिरते हैं कि मेरी ईमानदारी को कोई डिगा नहीं सकता है। जब उनकी कथित ईमानदारी पर कोई शक करता है तो वे उसे विपक्षी साजिश बता देते हैं। लेकिन, अब तो खुद दिल्ली हाइकोर्ट ने ही केजरीवाल की ईमानदारी को पूरी तरह से कठघरे में लाकर उसकी बोलती ही बंद कर दी है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट पर आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार की हीला हवाली पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि ‘सीएजी की रिपोर्ट पर कार्रवाई में विलंब होने और इस मामले में जिस तरह से आप आगे बढ़े हैं, उससे आपकी ईमानदारी पर संदेह पैदा होता है। होना यह चाहिए था कि कैग की रिपोर्ट आप तुरंत स्पीकर को भेजते और इस पर चर्चा शुरू कराते।’

दिल्ली की आबकारी नीति पर CAG की रिपोर्ट में कई खामियां पाई गईं
दिल्ली चुनाव से पहले एक ऐसी रिपोर्ट ने आम आदमी पार्टी और इसके नेताओं की नींद उड़ाकर रख दी है। क्योंकि आप संयोजक अरविंद केजरीवाल की इससे टेंशन बढ़ गई है। दिल्ली शराब नीति पर अब कैग की रिपोर्ट आ गई है। आबकारी नीति पर कैग यानी नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में कई खामियां पाई गई हैं। कैग रिपोर्ट में दावा किया गया है कि केजरीवाल सरकार की मनमानी शराब नीति से सरकारी खजाने को 2,026 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इतना ही नहीं केजरीवाल सरकार ने एक तो शराब नीति संबंधी फैसलों पर LG से मंजूरी ली, दूसके इसके लिए नेताओं को घूस ली-दी गई। हैरानी की और शर्मनाक बात तो यह भी है कि दिल्ली में जब कोविड संकट के दौरान जनता ऑक्सीजन और सुविधाओं की कमी से परेशान थी, तब आम आदमी पार्टी और उसके जिम्मेदार नेता शराब घोटाला को रचने में व्यस्त है। यहां तक कि घोटाले में शामिल एक मंत्री ने स्कूलों की जगह शराब की दुकानें खुलवा दीं।

चुनाव से पहले शराब नीति पर CAG रिपोर्ट ने केजरीवाल  की नींद उड़ाई
दिल्ली सरकार की शराब नीति पर कैग रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कुछ बोलीदाताओं को तब की अरविंद केजरीवाल सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में लाइसेंस तब दिए, जब वे घाटे में चल रहे थे। कैग (सीएजी या CAG) रिपोर्ट में एक्साइज पॉलिसी में ‘खामियां’ बताई गई हैं। रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि एक्साइज पॉलिसी लागू करने में सरकार ने बड़ी चूक की है। कैग रिपोर्ट के मुताबिक, इस चूक की वजह से सरकार को करीब 2,026 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. रिपोर्ट में कहा गया है कि आम आदमी को इसकी कीमत चुकानी पड़ी जबकि ‘आप’ नेताओं को मोटा कमीशन मिला। इसके चलते दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले एक बार फिर एक्साइज पॉलिसी का मुद्दा पूरी तरह गरमा गया है। क्योंकि इससे राज्य के सरकारी खजाने को भारी राजस्व का नुकसान हुआ है।

 

भाजपा ने CAG की लीक रिपोर्ट का हवाला देकर लगाए आरोप
दिल्ली के करोड़ों के शराब घोटाला का मुख्य सूत्रधार भाजपा ने पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल को बताया है। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आम आदमी पार्टी पर सत्ता के नशे और कुशासन का भी आरोप लगाया। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि वित्त वर्ष में शराब घोटाला हुआ है, जिससे खजाने को 2026 करोड़ का घाटा हुआ है। उन्होंने CAG रिपोर्ट के लीक पन्नों के आधार पर लगाया गया है। बीजेपी ने आम आदमी पार्टी पर स्कूल बनाने के बजाय शराब की दुकानें खोलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने स्वच्छता की बात की लेकिन शराब पर आ गए। उन्होंने सुशासन की बात की लेकिन शराब पर आ गए। ठाकुर ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कथित घोटाले का सरगना करार दिया और कहा कि आबकारी नीतियों को मंजूरी के लिए विधानसभा के समक्ष पेश नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि अगर शराब घोटाले का कोई सरगना है तो वह अरविंद केजरीवाल हैं। अगर किसी ने 2026 करोड़ का घाटा किया है तो वह अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी है।

आम आदमी पार्टी का दस साल का सफर घोटालों और पापों से भरा
अनुराग ठाकुर ने कहा कि आम आदमी पार्टी का दस साल का सफर घोटालों और पापों से भरा है। सीएम और डिप्टी सीएम समेत आठ मंत्री, पंद्रह विधायक और एक सांसद जेल गए। स्वतंत्रता के बाद के भारत में ऐसा होना अभूतपूर्व है। दिल्ली में कोविड संकट के दौरान ऑक्सीजन और सुविधाओं की कमी से आम आदमी परेशान थे और आम आदमी पार्टी शराब घोटाला रचने में व्यस्त है। स्कूलों की जगह शराब की दुकानें घोटाले में शामिल एक मंत्री ने खोली हैं। उन्हें शिक्षा मंत्री कैसे कह सकते हैं।

शराब नीति में लाइसेंस आवंटन को लेकर भी कई खामियां
इंडिया टुडे ने दावा किया है कि कैग रिपोर्ट की कॉपी उसके पास है। रिपोर्ट में बताया गया है कि शराब नीति में काफी गड़बड़ियां थीं, जिनमें लाइसेंस देने में खामी भी शामिल है। इसके साथ ही आप लीडर्स को कथित तौर पर घूस के जरिए फायदा पहुंचाया गया। रिपोर्ट में बताया गया है कि डिप्टी चीफ मिनिस्टर जिस ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की अगुआई कर रहे थे, उसने एक्सपर्ट पैनल के सुझावों को खारिज कर दिया था। कैबिनेट ने नीति को मंजूरी दे दी थी और कई अहम फैसलों पर तब के उप-राज्यपाल की मंजूरी भी नहीं ली गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, शिकायतों के बावजूद सभी को नीलामी की बोली लगाने की मंजूरी दे दी गई थी। जिन्हें घाटा हुआ था, उन्हें भी लाइसेंस दे दिए गए या रिन्यू कर दिए गए थे। CAG रिपोर्ट को अभी दिल्ली विधानसभा में रखा जाना है। दिल्ली में 2021 में नई शराब नीति लागू की गई थी। इसमें लाइसेंस आवंटन को लेकर कई सवाल खड़े हुए। नीति वापस लेनी पड़ी।

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) रिपोर्ट में क्या…

  1. आप सरकार ने नई शराब नीति को रद्द करने के फैसले में न कैबिनेट की मंजूरी ली और उपराज्यपाल से राय मांगी।
  2.  कोविड प्रतिबंधों के कारण जनवरी 2022 के लाइसेंस शुल्क के रूप में 144 करोड़ रुपए की छूट रिटेल लाइसेंस धारियों को कैबिनेट की मंजूरी लिए बिना दी गई।
  3.  जिन वार्ड में शराब खोलने की अनुमति नहीं थी। वहां भी शराब की दुकान के लाइसेंस बांटे गए। ये फैसला भी उपराज्यपाल की मंजूरी के बिना लिया गया।
  4.  इसमें लाइसेंस आवंटन को लेकर कई सवाल खड़े हुए। आबकारी नीति को वापस लेना पड़ा।
  5. इतना ही नहीं अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे। दोनों जेल गए और अपने पद छोड़ने पड़े। फिलहाल जमानत पर बाहर हैं।

शराब घोटाले में 100 करोड़ की रिश्वत के प्रमाण ईडी को मिले

दिल्ली के सबसे बड़े शराब घोटाले में सीएम केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष जेल जा आए हैं और जमानत पर चुनाव में जनता को बरगलाने में लगे हैं। यह सर्वविदित है कि शराब घोटाले के तार सुदूर तेलंगाना से जुड़े मिले हैं। तेलंगाना के मुख्यमंत्री रहे के.चंद्रशेखर राव की बेटी और साउथ ग्रुप नाम की शराब लॉबी की मुख्य लीडर के.कविता पर दिल्ली के आप नेताओं को सौ करोड़ रुपये देने के प्रमाण प्रवर्तन निदेशालय की टीम को मिले हैं। इससे ईडी से एक ही मामले में नौ समन पा चुके दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवार की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। CBI ने कविता के अकाउंटेंट बुचीबाबू गोरंतला को गिरफ्तार किया। ईडी ने भी बुचीबाबू से पूछताछ की थी। फिर ईडी ने हैदराबाद के व्यवसायी अरुण रामचंद्रन पिल्लई को 7 मार्च 2023 को गिरफ्तार किया। पिल्लई ने पूछताछ में बताया था कि कविता और आम आदमी पार्टी के बीच एक समझौता हुआ था। इसके तहत 100 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ, जिससे कविता की कंपनी ‘इंडोस्पिरिट्स’ को दिल्ली के शराब कारोबार में एंट्री मिली। कविता ने दिल्ली के आप नेताओं के साथ मिलकर घोटाले की साजिश रची
दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में गिरफ्तार BRS नेता के.कविता ने ED के समन के खिलाफ अपनी याचिका सुप्रीम कोर्ट से वापस ले ली है। कविता 23 मार्च तक ED की रिमांड में भेज दी गई हैं। जांच एजेंसी को पड़ताल में यह तथ्य मिले हैं कि के.कविता ने दिल्ली एक्साइज पॉलिसी के निर्माण और लागू करने में लाभ पाने के लिए AAP के सीनियर लीडर्स के साथ साजिश रची। एजेंसी का दावा है कि इसके लिए दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल और डिप्टी CM मनीष सिसोदिया को 100 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। कविता ने 18 मार्च को अपनी गिरफ्तारी के विरोध में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। याचिका वापस लेने के बाद उनके वकील ने कहा के वे कानून के अनुसार ही मामले से निपटने के लिए जरूरी नियमों का सहारा लेंगे।मनचाही दिल्ली एक्साइज पॉलिसी बनाने के लिए के.कविता ने दी घूस

प्रवर्तन निदेशालय का दावा है कि के.कविता को दिल्ली एक्साइज पॉलिसी बनाने और लागू करने में AAP नेताओं की मदद मिली। इस एहसान के बदले उन्हें 100 करोड़ रुपए का भुगतान के.कविता ने किया है। एजेंसी का कहना है कि मामले की जांच के दौरान इन बातों का पता चला है। जांच एजेंसी का कहना है कि शराब के होलसेलर्स के जरिए आम आदमी पार्टी के लिए रिश्वत ली गई थी। इसके अलावा कविता और उसके सहयोगियों को AAP को अग्रिम भुगतान की गई राशि की वसूली करनी थी। उन्हें प्रॉफिट कमाना था। ईडी ने कहा है कि 23 मार्च तक सात दिन की रिमांड में के.कविता से इस मामले में पूछताछ की जाएगी। इस मामले में ED ने अब तक दिल्ली, हैदराबाद, चेन्नई, मुंबई और अन्य स्थानों सहित देश भर में 245 स्थानों पर रेड मारी है।

साल 2023 में कविता को भेजे गए थे तीन समन, इस साल 2 भेजे
शराब घोटाले के मामले में अब तक AAP के मनीष सिसौदिया, संजय सिंह और विजय नायर समेत कुल 15 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। एजेंसी अब तक 5 सप्लिमेंट्री कंप्लेंट और एक प्रॉसिक्यूशन कंप्लेंट दाखिल कर चुकी है। साथ ही अपराध से प्राप्त आय में से अब तक 128.79 करोड़ रुपए की संपत्ति का पता लगाया गया है। इसे 24 जनवरी 2023 और 3 जुलाई 2023 के वाइड प्रोविजनल अटैचमेंट ऑर्डर के जरिए से अटैच किया गया है। ईडी ने शराब नीति मामले में पूछताछ के लिए कविता को साल 2023 में 3 समन भेजे थे। इस साल 2 समन भेजे गए, लेकिन उन्होंने SC की कार्रवाई का हवाला देते हुए पेश होने से इनकार कर दिया।दिल्ली के सबसे बड़े शराब घोटाले में कविता का नाम कब आया?
दिल्ली शराब घोटाले केस में ईडी ने गुरुग्राम से कारोबारी अमित अरोड़ा को 30 नवंबर, 2022 में गिरफ्तार किया था। ईडी के मुताबिक अमित ने अपने बयानों में TRS नेता के. कविता के नाम का लिया था। जांच एजेंसी ने दावा किया था कि कविता ‘साउथ ग्रुप’ नाम की एक शराब लॉबी की एक मुख्य लीडर थीं। उन्होंने विजय नायर के माध्यम से दिल्ली में AAP सरकार के नेताओं को 100 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया। फरवरी 2023 में CBI ने कविता के अकाउंटेंट बुचीबाबू गोरंतला को गिरफ्तार किया। ईडी ने भी बुचीबाबू से पूछताछ की थी। फिर ईडी ने हैदराबाद के व्यवसायी अरुण रामचंद्रन पिल्लई को 7 मार्च 2023 को गिरफ्तार किया। पिल्लई ने पूछताछ में बताया था कि कविता और आम आदमी पार्टी के बीच एक समझौता हुआ था। इसके तहत 100 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ, जिससे कविता की कंपनी ‘इंडोस्पिरिट्स’ को दिल्ली के शराब कारोबार में एंट्री मिली।साउथ ग्रुप दक्षिण के राजनेताओं, कारोबारियों और नौकरशाहों का है ग्रुप
प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक पिल्लई ने ये भी बताया कि एक मीटिंग हुई थी, जिसमें वो, कविता, विजय नायर और दिनेश अरोड़ा मौजूद थे। इस मीटिंग में दी गई रिश्वत की वसूली पर चर्चा हुई थी। साउथ ग्रुप दक्षिण के राजनेताओं, कारोबारियों और नौकरशाहों का ग्रुप है। इसमें अरबिंदो फार्मा के प्रमोटर सरथ रेड्डी, वाईएसर कांग्रेस के लोकसभा सांसद एम. श्रीनिवासुलु रेड्डी, उनके बेटे राघव मगुंटा और कविता शामिल थे। इस ग्रुप का प्रतिनिधित्व अरुण पिल्लई, अभिषेक बोइनपल्ली और बुचीबाबू ने किया था। तीनों को ही शराब घोटाले में गिरफ्तार किए गए हैं।

शराब घोटाला मामला: अभी तक कितनी गिरफ्तारियां हुई हैं?
कोरोना काल के बीच दिल्ली सरकार ने दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 लागू की थी। इस शराब नीति के कार्यान्वयन में कथित अनियमितता की शिकायतें आईं जिसके बाद उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफारिश की। इसके साथ ही दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 सवालों के घेरे में आ गई। दिल्ली शराब नीति अनियमितता मामले की जांच कर रही दोनों एजेंसियां सीबीआई और ईडी अब तक कई आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी हैं। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल,  पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया,  पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता,  संजय सिंह,  विजय नायर, समीर महेंद्रू, अरुण रामचंद्रन, राजेश जोशी, गोरन्तला बुचिबाबू, अमित अरोड़ा, बेनॉय बाबू (फ्रांसीसी शराब कंपनी पर्नोड रिकार्ड के महाप्रबंधक), पी सरथ चंद्र रेड्डी, अरबिंदो फार्मा के पूर्णकालिक निदेशक और प्रमोटर, व्यवसायी अमनदीप धाल और व्यवसायी अभिषेक बोइनपल्ली शामिल हैं।चुनावी वादे पूरा करने में विफल रहे केजरीवाल-भाजपा
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने रविवार को आरोप लगाया कि राष्ट्रीय राजधानी में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार अपने सभी प्रमुख चुनावी वादों को पूरा करने में विफल रही है और उसने दिल्ली को बर्बाद कर दिया है। भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने यमुना की सफाई और दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाने समेत 10 वादे गिनाए, जो आप ने 2020 के चुनाव से पहले किए थे, लेकिन ये पूरे नहीं हुए।

जल बोर्ड घोटाला: ठेके का मूल्य 38 करोड़, खर्च किए 17 करोड़ बाकि का गबन
प्रवर्तन निदेशालय ने इससे पहले दावा किया कि दिल्ली जल बोर्ड का ठेका भी बढ़ी हुई दरों पर दिया गया। ताकि ठेकेदारों से रिश्वत वसूली जा सके। ठेके का मूल्य 38 करोड़ रुपये था और इस पर सिर्फ 17 करोड़ रुपये खर्च किए गए और शेष राशि गबन कर ली गई। इस तरह के फर्जी खर्च रिश्वत और चुनावी कोष के लिए किए गए थे। कथित तौर पर जल बोर्ड के पूर्व मुख्य अभियंता जगदीश कुमार अरोड़ा ने एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को 38 करोड़ रुपये का ठेका दिया था। यह ठेका इलेक्ट्रोमेग्नेटिक फ्लो मीटर्स की आपूर्ति, स्थापना और परीक्षण के लिए दिया गया था। इस मामले में आरोप लगाया गया है कि बोर्ड और एनबीसीसी के अधिकारियों ने रिश्वत के लिए एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर का पक्ष लिया। ईडी ने इस मामले में गत 31 जनवरी को जगदीश कुमार अरोड़ा और ठेकेदार अनिल कुमार अग्रवाल को गिरफ्तार किया था। उधर ईडी ने मामले से जुड़ी मनी ट्रेल की जांच करते हुए आरोप लगाया है कि एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर को अनुबंध दिए जाने के बाद अरोड़ा को नकद और बैंक खाते में रिश्वत प्राप्त हुई थी। यह पैसा अलग-अलग पार्टियों को देने का आरोप लगाया गया। वहीं आम आदमी पार्टी को चुनावी फंड के तौर पर भी पैसा दिया गया। बीते दिनों मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सहायक विभव कुमार, आम आदमी पार्टी के कोषाध्यक्ष व राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता और अन्य लोगों के यहां छापेमारी की थी।

 

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