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राजस्थान में इस साल दलितों पर अत्याचार के 6000 मामले दर्ज, दलित पीड़ितों की पुकार- राहुल-प्रियंका ‘पधारो म्हारे देश’

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कांग्रेस और गांधी परिवार की ‘गिद्ध राजनीति’ से पूरी दुनिया परिचित हो चुकी है। यही वजह है कि जनता में कांग्रेस की साख लगातार कम हो रही है। इसके बावजूद कांग्रेस ‘गिद्ध राजनीति’ करने से बाज नहीं आ रही है। दलितों और महिलाओं पर अत्याचार के मामले में राजस्थान अन्य राज्यों के मुकाबले काफी आगे हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार इस साल अब तक दलितों पर अत्याचार के 6 हजार से अधिक मामले पुलिस थानों में दर्ज हो चुके हैं। लेकिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा को ये अत्याचार दिखाई नहीं दे रहे हैं।

राजस्थान के हनुमानगढ़ में दलित युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। बीजेपी और बसपा सुप्रीमो मायावती तक ने पूछा कि क्या भूपेश बघेल और चरणजीत सिंह चन्नी वहां जाकर पीड़ित परिवार को मुआवजा देंगे? इसका वीडियो भी वायरल हुआ। सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हुआ। 11 लोगों पर मामला दर्ज हुआ। लेकिन राजस्थान सरकार का कोई व्यक्ति वहां नहीं गया। लोगों को न्याय के लिए पीलीबंगा थाने के बाहर धरना देना पड़ा।

राजस्थान बीजेपी ने इस मामले में अशोक गहलोत सरकार पर निशाना साधा है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया,राज्य विधानसभा में विपक्ष के उप नेता राजेंद्र राठौड़ सहित अन्य नेताओं ने बयान जारी कर कहा कि सीएम गहलोत गृह विभाग संभाल नहीं पा रहे हैं। गृह विभाग में पूर्णकालिक मंत्री होना चाहिए।पूनिया ने कहा कि अपराध के मामले में गहलोत सरकार ने पिछले समस्त रिकॉर्ड तोड़ दिए। यह कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी व महासचिव प्रियंका गांधी के लिए सबक है जो दूसरे प्रदेशों में राजनीतिक पर्यटन करते हैं। राजस्थान में दलितों की सुध लेने के लिए उन्हें आना चाहिए।

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ट्वीट कर कहा,राहुल गांधी लखीमपुर खीरी की चिंता न करें। वहां योग आदित्यनाथ का शासन है। राहुल गांधी दलित युवक की हत्या पर कुछ कहने की हिम्मत दिखाएं,ताकि जनता को मालूम हो कि आप कितने सच्चे हैं।

गौरतलब है कि हनुमानगढ़ जिले के प्रेमपुरा में प्रेम प्रसंग के चलते एक दलित युवक जगदीश मेघवाल की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। महिला के स्वजनों को जब प्रेम प्रसंग के बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने इस पर आपत्ति की। इसके बाद जगदीश को रास्ते में रोक कर महिला के चार स्वजनों ने मारपीट करना शुरू कर दिया। लाठियोें से उसके साथ मारपीट की गई। मौके पर मौजूद लोगों ने पुलिस को बताया कि करीब आधा दर्जन लोगों ने बेरहमी से जगदीश को मारा, जिससे उसकी मौत हो गई।

इससे पहले 26 सितंबर को अलवर जिले के दलित युवक संपत बैरवा की गांव के ही दो लोगों ने खेत में ले जाकर हत्या कर दी थी। 15 सितंबर को अलवर के ही बड़ौदा मेव गांव में दलित युवक योगेश जाटव की हत्या कर दी गई थी। योगेश की बाइक से चार महिलाओं के टक्कर लगने के बाद समुदाय विशेष के लोगों ने पीट पीट कर उसकी हत्या कर दी थी। हैरानी की बात यह है कि दलितों की लगातार हत्या हो रही है। 6000 से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं, लेकिन इनमें से मात्र आधे में ही आरोपितों को सज़ा मिल सकी है। लेकिन कांग्रेस और उसके नेता मौन है। उन्हें उत्तर प्रदेश का लखीमपुर खीरी और हाथरस दिखाई देता है, लेकिन उन्हें राजस्थान का हनुमानगढ़ और अलवर दिखाई नहीं दे रहा है।

राजस्थान में दलितों की तरह बेटियां भी सुरक्षित नहीं हैं। 2020 में देश में सबसे ज्यादा रेप केस राजस्थान में दर्ज किए गए। दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश जरूर है, लेकिन यहां रेप के मामले राजस्थान के आंकड़ों से आधे से भी कम हैं। जबकि यूपी जनसंख्या के मामले में देश का सबसे बड़ा राज्य है। राजस्थान ने तीन गुना अधिक लोग यहां रहते हैं। राजस्थान में एक साल में 5,310 रेप केस दर्ज किए गए। अपने शासन वाले राज्य में दलितों और महिलाओं को सुरक्षित न रख सकने वाली प्रियंका गांधी दूसरे राज्यों में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर घड़ियाली आंसू बहा रही है। यह प्रियंका और राहुल का पाखंड नहीं तो और क्या है ?

 

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