यह बात अब साफ हो चुकी है कि देश में नफरत का माहौल बनाने के लिए एक गहरी साजिश रची जा रही है। उदयपुर व अमरावती हत्याकांड के 3 आरोपियों और बिहार के फुलवारी शरीफ मॉड्यूल में गिरफ्तार लोगों में से ज्यादातर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े हैं। और अब यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि क्या पीएफआई अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी संगठन आईएसआईएस (ISIS) का मॉड्यूल है जहां से उसे फंडिंग मिल रही है। इस बात की जांच नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) कर रही है और इसी सिलसिले में एजेंसी ने 31 जुलाई को देश के 6 राज्यों के 13 जिलों में विभिन्न इलाके में छापेमारी की। छापेमारी के दौरान अनेक आपत्तिजनक दस्तावेज एवं इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद किए गए हैं। दरअसल NIA ने देश के विभिन्न राज्यों में आतंकी गतिविधियों के मामलों में 25 जून 2022 को मामला दर्ज किया गया था, जिसके बाद छापेमारी की जा रही है जिससे आईएसआईएस के मॉड्यूल को क्रैक किया जा सके। एनआईए को मिली जानकारी के अनुसार पीएफआई को हर साल सऊदी अरब, कतर, कुवैत, यूएई और बहरीन से 500 करोड़ रुपए मिलते हैं। इसे फैमिली मेंटेनेंस के नाम पर अलग-अलग खातों में वेस्टर्न यूनियन के जरिए भेजा जाता है। इसके लिए पीएफआई सदस्यों के एक लाख और उनके रिश्तेदार व परिचितों के 2 लाख बैंक खातों का इस्तेमाल किया जाता है। किसी को शक न हो, इसलिए यह रकम हर महीने अलग खातों में आती है।
NIA ने इन राज्यों में की छापेमारी
एनआईए ने देश के छह राज्यों मध्य प्रदेश, गुजरात, बिहार, कर्नाटक, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के साथ ही आसपास के कुछ राज्यों में रेड किया है। मध्य प्रदेश (भोपाल) और उत्तर प्रदेश (देवबंद), साथ ही गुजरात (भरूच), राजस्थान (सूरत), गुजरात (अहमदाबाद), बिहार (अररिया), कर्नाटक (भटकल)और तुमकुर सिटी (तुमकुर सिटी) में रेड किया है। ये सभी जिले ISIS की गतिविधियों से संबंधित हैं। एनआईए को यह भी पता चला है कि साजिश के तहत सोशल साइट्स के माध्यम से लोगों को बरगला कर आतंकी संगठन आईएसआईएस में भर्ती की जा रही है।
PFI भारत का ISIS बनना चाह रहा है लेकिन ये भूल गया कि NIA इनका बाप। गिरफ़्तार करो, इनसे भारत माता की जय बुलवाओ और इन्हें इनकी औक़ात दिखाओ। बहुत Defensive चल लिए अब जो भारत के ख़िलाफ़ बकेगा वो ठुकेगा ??भारत माता की जय??#BanPFI #PFI #ISIS Terrorist #Terrorist pic.twitter.com/KpILvTKgce
— बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट (@bihar_rnaw) July 31, 2022
आईएस-अलकायदा के 25 संदिग्ध पकड़े
एनआईए ने शनिवार को महाराष्ट्र, यूपी, तेलंगाना, झारखंड, तमिलनाडु, केरल, मप्र, प. बंगाल, गुजरात और राजस्थान में आतंकी संगठनों से जुड़े 25 संदिग्धों को हिरासत में लिया। ये सभी 15 अगस्त को दक्षिण भारत के मठों पर आत्मघाती हमले के लिए रची जा रही साजिश का हिस्सा हैं। तमिलनाडु व कर्नाटक पुलिस पहले ही 4 आतंकियों को गिरफ्तार कर चुकी है। एजेंसी यह पता लगा रही है कि इनके निशाने पर और कौन था?
6 राज्यों (मध्य प्रदेश, गुजरात, बिहार, कर्नाटक, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश) में NIA की छापेमारी, PFI और ISIS आतंकियों से जुड़े हैं कई राक्षसों के तार: कई आपत्तिजनक दस्तावेज का जखीरा बरामद
— Ashish kaushik (@AshishK_BJP) July 31, 2022
फैमिली मेंटेनेंस के नाम पर पीएफआई को मिलते हैं 500 करोड़ रुपये
फैमिली मेंटेनेंस के नाम पर अलग-अलग खातों में 500 करोड़ रुपये हर साल आते हैं। एनआईए की एंटी टेरर फंडिंग सेल यह जांच कर रही है कि इतनी बड़ी रकम कहां खर्च हो रही थी। अब तक की जांच में सामने आया है कि पीएफआई कई ऐसे संगठनों को पैसा देता है, जो युवाओं का ब्रेनवॉश कर उन्हें कट्टरता सिखाते हैं। इनमें पाकिस्तान के अलावा खाड़ी के देशों से जुड़े कई संगठन शामिल हैं। पीएफआई ऐसी घटनाओं और सरकारी नीतियों के खिलाफ आंदोलन पर भी खर्च करता है, जो कथित तौर पर मुस्लिम विरोधी होती हैं। जेल में बंद लोगों को भी कानूनी मदद दी जाती है। हालांकि पीएफआई सामाजिक आंदोलन की दलील देता है।
ईडी सीज कर चुकी है 33 बैंक खाते
पीएफआई ने सोशलिस्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ इंडिया, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया व नेशनल वुमन फ्रंट जैसे संगठन बना रखे हैं। ईडी ने इसी साल जून में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज करते हुए पीएफआई और उसके सहयोगी संगठन रिहैब इंडिया फाउंडेशन के 33 बैंक खाते सीज किए थे। पीएफआई के खातों में 60 करोड़ रुपए से अधिक और फाउंडेशन के खातों में 58 करोड़ रुपए जमा हुए थे। लेकिन कार्रवाई से बचने के लिए रकम खातों से निकाल ली गई। ईडी की कार्रवाई के समय खातों में महज 68 लाख रुपए थे। एक अधिकारी ने बताया, पीएफआई उन गलतियों को नहीं दोहरा रहा है, जो सिमी ने की थीं। गौरतलब है कि सिमी पर 2001 में प्रतिबंध लगाया गया था। माना जाता है कि इसका कैडर पीएफआई में सक्रिय है।
NIA taking a major action against the terrorist organization #ISIS conducted raids on 13 locations of #suspects in 6 #states#PMModi govt joint cleaning campaign against #Terrorists and #Corrupt through #NIA and #ED is going on at a fast pace.
The end of PFI is certain.#BanPFI pic.twitter.com/7mQvevSWKd— #GyaniBaba ???? (@GayaniBaba11) July 31, 2022
आतंकी फंडिंग साबित हुई तो लग जाएगा प्रतिबंध
यदि यह साबित हुआ कि पीएफआई विदेशी फंड को आतंकी गतिविधि में खर्च कर रहा है तो प्रतिबंध लगना तय है। कई राज्यों की खुफिया एजेंसियां पीएफआई को संदिग्ध बता चुकी हैं। झारखंड ने इस पर प्रतिबंध भी लगाया था, हालांकि बाद में हाईकोर्ट ने हटा दिया।
मुस्लिम संगठनों ने पीएफआई पर प्रतिबंध की मांग की
ऑल इंडिया सूफी सज्जादनाशीन काउंसिल द्वारा आयोजित कांफ्रेस में पीएफआई जैसे संगठनों पर प्रतिबंध का प्रस्ताव पास हुआ। इस मौके पर एनएसए अजित डोभाल भी थे। काउंसिल के अध्यक्ष हजरत सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने कट्टरपंथी संगठनों पर प्रतिबंध की मांग की। कॉन्फ्रेंस में जो प्रस्ताव पास किया गया है, उसमें कहा गया है, “पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और ऐसे ही अन्य संगठन, जो देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं, वे एक विभाजनकारी एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं और हमारे नागरिकों के बीच कलह पैदा कर रहे हैं, उन्हें प्रतिबंधित किया जाना चाहिए और देश के कानून के अनुसार उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए। साथ ही हम दृढ़ता से अनुशंसा करते हैं कि कोई भी व्यक्ति या संगठन अगर किसी भी माध्यम से समुदायों के बीच नफरत फैलाने का दोषी पाया जाए तो कानून के प्रावधानों के अनुसार उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जानी चाहिए।”
@NIA_India . Muslim brotherhood is alive and thriving in India after getting kicked out of most countries in the middle east as they well understood the dangers and threat that ideology poses . Need to crack down now. Begin with #PFI #SalmanNadwi #MuslimBrotherhood ? https://t.co/Ne0u4NAaY2
— Sqn Ldr Vinod Kumar (Retd) (@veekay122002) July 31, 2022
यूपी के देवबंद से संदिग्ध युवक को किया गिरफ्तार
राष्ट्रीय जांच एजेंसी और यूपी एटीएस ने देवबंद में छापेमारी की और एक संदिग्ध युवक को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि संदिग्ध युवक एक मदरसे का छात्र है और आशंका है कि वह आईएस मॉड्यूल से संपर्क में था। जानकारी के मुताबिक युवक काफी समय से एनआईए की रडार पर था। एनआईए के टीम ने उसे मदरसे से ही धर दबोचा। बताया जा रहा है कि इस युवक के तार सीरिया में हुए बम धमाकों से भी जुड़े हैं।
बिहार में कई जगहों पर छापेमारी
पटना के फुलवारी शरीफ मामले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) संगठन से जुड़े कनेक्शन को लेकर एनआईए की टीम ने कई जगह छापेमारी की। फुलवारी शरीफ के अलावा बिहार के दरभंगा, पटना, नालंदा और पूर्वी चंपारण जिलों में एक साथ छापेमारी की गई। बताया जा रहा है कि सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया से जुड़े लोग उन संपत्तियों के मालिक हैं जहां ये तलाशी हो रही है।
बिहार के मधुबनी में पीएफआई सदस्य तौसीफ के घर छापा
एनआईए की टीम ने बिहार के मधुबनी के बेनीपट्टी थाना के मकिया गांव में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के मोहम्मद तौसीफ के घर छापेमारी की। तौसीफ के घर लगातार 6 घंटे तक छापेमारी चली। घर के अंदर कचरे के डब्बा से एक मोबाइल फोन सहित चार पांच किताबें और अन्य कई कागजात एनआईए की टीम अपने साथ ले गयी है। एनआईए के मुताबिक मोहम्मद तौसीफ पीएफआई का मिथिलांचल का अध्यक्ष है। ग्रामीणों का कहना है कि वह अपने घर पर कभी-कभी पीएफआई का झंडा भी लगाता है। एनआईए ने अपनी जांच में उसे संदिग्ध गतिविधियों में संलिप्त पाया है। पटना के गांधी मैदान में देश विरोधी नारे लगाने के आरोप में वह 2016 में गिरफ्तार भी हुआ था। अभी वह जमानत पर है। वह पीएफआई ग्रुप के लिए मिथिलांचल प्रभारी के रूप में काम करता था।
तौसीफ के भाई ने कहा- पीएफआई देश विरोधी संगठन नहीं
तौसीफ के परिजनों का कहना है कि बेटा निर्दोश है, वो किसी भी प्रकार के देश विरोधी गतिविधि में शामिल नहीं हैं। तौसीफ के भाई ने कहा कि मेरा भाई पीएफआई का सक्रिय सदस्य हैं। पीएफआई देश विरोधी संगठन नहीं है। तौसीफ सात भाई है, जो सभी अलग-अलग रहकर अपना जीवन-यापन करते हैं। सभी की शादी हो चुकी है। मो. तौसीफ उनका चौथा भाई है जो पटना में अपने परिवार के साथ रहता है। इससे पहले भी तौसीफ का नाम देश विरोधी नारा लगाने में आ चुका हैं।
बिहार के मोतिहारी में पीएफआई का ट्रेनिंग सेंटर
बिहार के मोतिहारी में एनएआई की टीम ने पीएफआई के सरगना रियाज मारुफ उर्फ बबलू के घर पर छापेमारी की। मारुफ चकिया में पीएफआई का ट्रेनिंग सेंटर चलाता था। उसके घर से कई दास्तावेज एनआईए की टीम के हाथ लगे हैं। मालूम हो कि भारत को 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए पटना के फुलवारी शरीफ में आतंकी गतिविधियों का खुलासा होने के बाद इसके तार पूर्वी चंपारण तक जुड़े मिले। चकिया नगर पंचायत के कुआंवा गांव में आतंकी संगठन पीएफआई का ट्रेंनिग कैंप होने का खुलासा हुआ था।
10% मुसलमान पीएफआई से जुड़ गए तो 2047 तक भारत को बनाएंगे इस्लामिक राष्ट्र
पीएफआई का साफ तौर पर कहना है कि 75 साल पहले एक इस्लामिक मुल्क भारत से अलग हुआ और जब 2047 में भारत आजादी के 100 वर्ष मनायेगा। तब तक भारत इस्लामिक राष्ट्र में बदल जाएगा। पटना में पुलिस ने जो पीएफआई दस्तावेज जब्त किया है उसमें कहा गया है कि 10% मुसलमान ही मेजॉरटी को घुटनों पर बैठाने के लिए काफी हैं और अगर 10% मुसलमान पीएफआई के साथ जुड़ गए तो 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनने से कोई रोक नहीं सकता। मिशन इस्लाम 2047 का लक्ष्य हासिल करने के लिए देश के अलग-अलग कोने से मुसलमानों को इकट्ठा करना है। फुलवारी शरीफ में ही 6 और 7 जुलाई को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग के नाम पर कैंप लगाया गया था। इस ट्रेनिंग कैंप में चरमपंथी लोग आए और मुसलमानों को तलवार, चाकू, असलाह की ट्रेनिंग दी। पीएफआई ने बाकायदा अपने मिशन को कामयाब करने के लिए चार स्टेज प्लान तैयार किया है। इसमें पहले चरण में न सिर्फ पीएफआई से अधिक से अधिक संख्या में मुस्लिमों को जोड़ना है, बल्कि उन्हें देश के खिलाफ जंग करने जैसी खतरनाक मंसूबों में भी शामिल करना है। दस्तावेज के मुताबिक दूसरे चरण में योजनाबद्ध तरीके के मुसलमानों को एक करके हिन्दुओं में फूट डालनी है ताकि हिंदू-हिंदू ही आपस में लड़ें और पीएफआई के मिशन का रास्ता आसान हो सके।