केरल में टैक्सपेयर्स का पैसा जिहादियों को दिया जा रहा है… यकीन नहीं हो रहा है ना। उत्तर प्रदेश के मामले में जारी जांच के अनुसार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई ने राज्य में बड़े पैमाने पर हिंसा की साजिश रची और इसके लिए बाकायदा फंडिग की गई। बताया जा रहा है कि जातीय और सांप्रदायिक दंगा फैलाने की साजिश की गई। सोशल मीडिया के माध्यम से माहौल खराब करने की पूरी कोशिश गई। इसके लिए पीएफआई ने पूरी तैयारी कर रखी थी। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि हाथरस में जातीय दंगा भड़काने की साजिश रचने वाला पीएफआई का मुखिया अब्दुल सलाम केरल के बिजली विभाग का कर्मचारी है।
Kerala’s Communist government spends taxpayers’ money in giving salary to Salam, chairman of Jihadi outfit Popular Front (PFI). This outfit, which is nothing but SIMI 2.0, was behind Delhi riots, funded Shaheenbagh & recently attempted to create tensions in Hathras.#BanPFI pic.twitter.com/HvfgS2K8LL
— Anoop A.J./അനൂപ് (@AnoopKaippalli) October 11, 2020
एंटी सीएए प्रदर्शन के दौरान पीएफआई की भूमिका को लेकर सवाल उठे थे। ऐसे में एक सरकारी कर्मचारी के इस तरह के देशविरोधी कार्य में संलिप्त होने पर केरल सरकार की मंशा पर भी सवाल उठ रहे हैं। केरल के मल्लापुरम जिले का रहने वाले अब्दुल सलाम की साल 2000 से सरकारी नौकरी में है।
बड़ा ख़ुलासा #PFI का चेयरमेन अब्दुल सलाम. सरकारी कर्मचारी निकला, केरल में बिजली विभाग में काम करता है #HathrasCase में बड़ा ख़ुलासा, जातीय दंगा भड़काने की साज़िश रची थी PFI ने, 100 करोड़ की फ़ंडिंग हुई थी. pic.twitter.com/DanIcX3f3v
— Vikas Bhadauria (ABP News) (@vikasbha) October 7, 2020
नवभारत टाइम्स के अनुसार धर्मांतरण को लेकर कई मामलों में पीएफआई का नाम आता रहा है। दिल्ली में इसी साल फरवरी में हुई हिंसा में इस संगठन की प्रमुख भूमिका होने की बात सामने आई। पिछले 6 साल में वह राज्य बिजली बोर्ड से इजाजत लेकर पर्सनल ट्रिप के नाम पर कई बार विदेश जा चुका है। पीएफआई के खिलाफ कई शिकायत है जिसमें एक आरोप यह भी है कि संगठन को पश्चिमी एशियाई देशों से लगातार फंडिंग मिलती है।