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भारत-नेपाल मिलकर दुनियाभर में भगवान बुद्ध का संदेश पहुंचा सकते हैं: पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नेपाल के लुम्बिनी में बुद्ध जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि नेपाल दुनिया के अनेक पवित्र तीर्थों, मंदिरों और मठों का देश है, यानि दुनिया की प्राचीन सभ्यता संस्कृति को सहेजकर रखने वाला देश है। ऐसे में नेपाल में भगवान बुद्ध की पवित्र जन्मस्थली लुम्बिनी में आना सौभाग्य की बात है। पीएम मोदी ने कहा, ‘सांझी विरासत, सांझी संस्कृति, सांझी आस्था और सांझा प्रेम, यही हमारी सबसे बड़ी पूंजी है और ये जितनी समृद्ध होगी, हम उतने ही प्रभावी ढंग से साथ मिलकर दुनियाभर में भगवान बुद्ध का संदेश पहुंचा सकते हैं।‘

भगवान बुद्ध के प्रति भारत-नेपाल के लोगों की आस्था

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भगवान बुद्ध के प्रति भारत-नेपाल के लोगों की आस्था, उन्हें एक सूत्र में जोड़ती है, एक परिवार का सदस्य बनाती है। पीएम मोदी ने कहा कि बुद्ध मानवता के सामूहिक बोध का अवतरण हैं।

‘बुद्ध बोध भी हैं, और बुद्ध शोध भी हैं।

बुद्ध विचार भी हैं, और बुद्ध संस्कार भी हैं।

बुद्ध इसलिए विशेष हैं कि उन्होंने केवल उपदेश नहीं दिये, बल्कि उन्होंने मानवता को ज्ञान की अनुभूति करवाई।’

अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर का भी जिक्र

मायादेवी मंदिर में दर्शन को अविस्मरणीय बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जहां स्वयं भगवान बुद्ध ने जन्म लिया हो, वहां की ऊर्जा, वहां की चेतना, ये एक अलग ही अहसास है। इस मौके पर पीएम ने भारत में बन रहे भगवान राम के भव्य मंदिर का भी जिक्र किया।

‘जनकपुर में मैंने कहा था कि “नेपाल के बिना हमारे राम भी अधूरे हैं”। मुझे पता है कि आज जब भारत में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बन रहा है, तो नेपाल के लोग भी उतना ही खुश हैं।’

 

वैशाख पूर्णिमा से जुड़ी बुद्ध की जीवनयात्रा में एक अहम संदेश  

भगवान बुद्ध से जुड़े एक अहम विषय का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि “वैशाख पूर्णिमा का दिन लुम्बिनी में सिद्धार्थ के रूप में बुद्ध का जन्म हुआ। इसी दिन बोधगया में वो बोध प्राप्त करके भगवान बुद्ध बने। और इसी दिन कुशीनगर में उनका महापरिनिर्वाण हुआ। एक ही तिथि, एक ही वैशाख पूर्णिमा पर भगवान बुद्ध की जीवन यात्रा के ये पड़ाव केवल संयोग मात्र नहीं था। इसमें बुद्धत्व का वो दार्शनिक संदेश भी है, जिसमें जीवन, ज्ञान और निर्वाण, तीनों एक साथ हैं।

भगवान बुद्ध के साथ जुड़ाव सुखद संयोग

भगवान बुद्ध के साथ जुड़ाव को सुखद संयोग बताते हुए उन्होंने कहा कि ‘जिस स्थान पर मेरा जन्म हुआ, गुजरात का वडनगर, वो सदियों पहले बौद्ध शिक्षा का बहुत बड़ा केंद्र था। आज भी वहां प्राचीन अवशेष निकल रहे हैं जिनके संरक्षण का काम जारी है। कुछ विद्वानों ने उस पवित्र स्थान को गुजरात का काशी भी कहा है। और काशी के समीप सारनाथ से मेरी आत्मीयता आप भी जानते हैं। भारत में सारनाथ, बोधगया और कुशीनगर से लेकर नेपाल में लुम्बिनी तक, ये पवित्र स्थान हमारी सांझी विरासत और सांझे मूल्यों का प्रतीक है। हमें इस विरासत को साथ मिलकर विकसित करना है, आगे समृद्ध करना है।’

संपूर्ण मानवता के हित में भारत-नेपाल की मित्रता 

दुनिया के हालात की चर्चा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जिस तरह की वैश्विक परिस्थितियां बन रही हैं, उसमें भारत और नेपाल की निरंतर मजबूत होती मित्रता, संपूर्ण मानवता के हित का काम करेगी।

भगवान बुद्ध से जुड़े स्थलों के विकास पर जोर

भारत और नेपाल के प्रधानमंत्रियों द्वारा India International Centre for Buddhist Culture and Heritage के शिलान्यास का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इसका निर्माण International Buddhist Confederation of India  द्वारा किया जाएगा। साथ ही लुम्बिनी Buddhist University में डॉ अम्बेडकर Chair for Buddhist Studies स्थापित करने का भी निर्णय लिया गया है।

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