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केजरीवाल सरकार ने विज्ञापनों पर उड़ाया जनता का पैसा, कर्मचारियों को वेतन देना हुआ मुश्किल, केंद्र सरकार से लगायी मदद की गुहार

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राजधानी दिल्ली सहित पूरे देश में कोरोना वायरस का संक्रमण कम होने का नाम नहीं ले रहा है। सभी राज्यों की सरकारें अपने अपने राज्य में इस विषम परिस्थिति से लड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं। ऐसे में दिल्ली की केजरीवाल सरकार के पास कर्मचारियों को वेतन देने के पैसे नहीं है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से 5 हजार करोड़ रुपये की मदद की गुहार लगाई है। इससे विपक्ष ने केजरीवाल सरकार पर विज्ञापन पर फिजुलखर्ची करने का आरोप लगाते हुए करारा हमला किया है।

विज्ञापनों पर कितना किया खर्च ?- मनोज तिवारी

बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से कोरोना वायरस से जंग लड़ने की तैयारियों को लेकर सवाल किया है। मनोज तिवारी ने सीएम केजरीवाल से यह सवाल किया है कि उन्होंने 22 मार्च को जनता कर्फ़्यू से लेकर 29 मई तक टेलीविजन, प्रिंट और इंटरनेट विज्ञापनों पर कितने रुपये खर्च कर दिए ?

अस्पतालों में नए बेड और वेंटिलेटर पर कितना किया खर्च ?- मनोज तिवारी

मनोज तिवारी ने कहा कि केजरीवाल चाहते हैं कि लोग निजी अस्पतालों में इलाज कराएं, जो कोरोना वायरस के इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूल रहे हैं। तिवारी ने आरोप लगाया कि दिल्ली के अस्पतालों में बिस्तरों की भारी कमी है, लेकिन मुख्यमंत्री केजरीवाल झूठ बोल रहे हैं कि 30,000 बेड हैं। मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में केवल 3,150 बिस्तर हैं। उन्होंने ट्वीट करते हुए केजरीवाल से यह भी पूछा है कि दिल्ली के अस्पतालों में नए बेड और वेंटिलेटर पर कितना रुपया खर्च किया है?

कुमार विश्वास का केजरीवाल पर हमला

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पूर्व सहयोगी कुमार विश्वास ने कोरोना वायरस से निपटने में नाकामी का आरोप लगाकर उनपर बहुत ही जबर्दस्त हमला बोला है। विश्वास ने बिना केजरीवाल का नाम लिए उनपर पूरी दिल्ली को मौत का कुआं बनाने का आरोप लगाया है। 

टैक्सपेयर्स का हजारों करोड़ रुपये विज्ञापन पर खर्च 

कुमार विश्वास ने मुख्यमंत्री केजरीवाल पर लाखों-करोड़ों रुपये की बंदरबांट का भी आरोप लगाया है और सिर्फ खुद की मार्केटिंग करने की बात कहकर भी निशाना साधा है। कुमार विश्वास ने अपने ट्वीट में लिखा है, “लाखों करोड़ की चुनावी-रेवड़ियां, टैक्सपेयर्स के हजारों करोड़ अखबारों में 4-4 पेज के विज्ञापन व चैनलों पर हर 10 मिनट में थोबड़ा दिखाने पर खर्च करके, पूरी दिल्ली को मौत का कुआं बनाकर अब स्वराज-शिरोमणि कह रहे हैं कि कोरोना से लड़ रहे डॉक्टरों को सैलरी देने के लिए उनके पास पैसा नहीं हैं।” इस बार वह इतने भड़के हुए हैं कि अपने ट्वीट के अंत में (जो कि बिना नाम लिए केजरीवाल के लिए ही है) जूते की इमोजी का भी इस्तेमाल कर दिया।

केजरीवाल को टीवी पर सुबह-शाम खुद का चेहरा देखने का नशा
कभी केजरीवाल के करीबी रहे और वर्तमान में बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने कहा कि केजरीवाल टीवी चैनलों पर लंबे-लंबे विज्ञापन दे रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल को टीवी पर सुबह शाम सिर्फ खुद का चेहरा देखने का नशा, अखबारों में सिर्फ खुद की फ़ोटो का नशा, रेडियो पर सिर्फ खुद की आवाज का नशा है। विज्ञापनों में करोड़ो-अरबों फूंक कर नशे में मस्त केजरीवाल कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए पैसा नहीं होने का रोना-रो रहे हैं। 

कपिल मिश्रा ने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने एक दिन में विज्ञापन के रूप में 25 करोड़ रुपये फूंकने का भी रिकॉर्ड बनाया है। इसके अलावा अखबारों में हर रोज करोड़ों के एड दिए जा रहे हैं।

केजरीवाल सरकार ने की 5 हज़ार करोड़ रुपए की मांग

दरअसल दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से मदद की अपील की है। सीएम केजरीवाल ने कोरोना संकट के इस दौर में दिल्ली के लोगों की मदद करने को कहा है। केजरीवाल ने दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की एक ट्वीट को रीट्वीट किया और केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगाई है। इससे पहले दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने एक ट्वीट किया था। सिसोदिया ने जानकारी दी कि दिल्ली सरकार ने केंद्रीय वित्त मंत्री को चिट्ठी लिखकर राजधानी के लिए 5 हज़ार करोड़ रुपए की राशि की मांग की है।

अखबारों में विज्ञापन देकर सिक्किम को बताया अलग देश

कुछ ही दिन पहले विभिन्न अखबरों में केजरीवाल सरकार द्वारा सिविल डिफेंस कोर में स्वयंसेवक के तौर पर भर्ती के लिए विज्ञापन दिया गया था। इसमें पात्रता के तौर लिखा गया कि भारत का नागरिक हो या भूटान, नेपाल या सिक्किम की प्रजा हो तथा दिल्ली का निवासी हो। इसका साफ मतलब ये है कि दिल्ली सरकार भूटान और नेपाल की तरह सिक्किम को भी देश का हिस्सा नहीं बल्कि अलग देश मानती है। इस विज्ञापन पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की फोटो भी छपी थी। इस विज्ञापन के बाद विवाद उत्पन्न हो गया। दिल्ली सरकार के विज्ञापन पर सिक्किम के मुख्य सचिव ने दिल्ली के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर आपत्ति जताई।  मुख्य सचिव ने लिखा कि राज्य के लोगों को अपने भारतीय होने पर गर्व है और विज्ञापन को तुरंत वापस लिया जाए। 

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