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राहुल गांधी ‘Prince of Incompetence’, भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने उठाए समझ पर सवाल

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सरकार को बदनाम करने की कोशिश में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी खुद ही हंसी के पात्र बनते जा रहे हैं। ताजा मामला उनके द्वारा पोस्ट एक ट्वीट को लेकर है। राहुल गांधी ने हिन्दू अखबार के एक आर्टिकल को ट्वीट कर लिखा कि प्रधानमंत्री बेईमानी के अधिकार की परवाह करते हैं। इस ट्वीट के बाद एक बार फिर राहुल गांधी की समझ पर सवाल उठने लगे हैं।

दरअसल, द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार एक्टिविस्ट लोकेश बत्रा ने एक आरटीआई दायर की थी, जिसमें उन्होंने पूछा था कि अप्रैल 2020 से अभी तक प्रधानमंत्री कार्यालय को कितनी आरटीआई मिली और उनमें से कितनी निरस्त की जा चुकी हैं। साथ ही उन्होंने अपनी आरटीआई में यह भी पूछा था कि पीएम केयर फंड और पीएम नेशनल रिलीफ फंड से संबंधित कितनी आरटीआई दायर की गई है। इसके आधार पर कहा जा सकता है कि आरटीआई में फंड के इस्तेमाल से जुड़ी कोई बात नहीं पूछी गई थी और आरटीआई की संख्या के बारे में सवाल किया गया है। 

जवाब में पीएमओ ने कहा कि जिस तरह की जानकारी आरटीआई में मांगी गई है उसका कोई ब्यौरा अलग-अलग या खंडों में नहीं रखा जाता है। जानकारी देने के लिए इसे अलग करना पड़ेगा और उससे कार्यालय के संसाधन प्रभावित होंगे। इसलिए अधिनियम की धारा 7 (9) को मद्देनजर रखते हुए ऐसा नहीं किया गया है।

राहुल गांधी के इस ट्वीट पर भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्वीट कर लिखा “ऐसा तब होता है जब ‘प्रिंस ऑफ इन्कॉम्पिटेंस’ बिना पढ़े कोई लेख साझा करते हैं। आरटीआई को अन्य आरटीआई के विवरणों की जानकारी प्राप्त करने के लिए दायर किया गया था और यह दुर्भावनापूर्ण रूप से आपके द्वारा पारदर्शिता किये गए हमले को दिखाता है। खैर, यह स्वाभाविक है कि आपका करियर केवल फर्जी खबरें फैलाने पर आधारित है।”

उन्होंने एक और ट्वीट कर लिखा,“आपके परिवार की संदिग्ध विरासत में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय आपदा कोष में एक स्थायी स्थिति को लागू करना और फिर PMNRF से आपके परिवार के ट्रस्टों में धन प्राप्त करना शामिल है। आपने और आपकी मां ने हमारे राष्ट्रीय हित को चोट पहुंचाने के लिए चीनियों से पैसे भी लिए। क्या कोई इससे नीचे गिर सकता है?”

नड्डा ने एक और ट्वीट कर लिखा कि पूरे देश को पीएम और उनकी पहल पर पूरा भरोसा है। यह विश्वास अभी तक फिर से PM CARES के लिए भारी समर्थन के साथ दिखाई दे रहा था। आप हारने वाले होने के नाते, आप केवल नकली खबरें फैला सकते हैं जबकि पूरे देश ने COVID-19 के खिलाफ लड़ाई में हाथ मिलाया है।

दरअसल, द हिंदू ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि एक आरटीआई में पीएम केयर फंड से जुड़ी कुछ जानकारी मांगी गई थी लेकिन ट्रस्ट ने किसी भी तरह की जानकारी साझा करने से साफ मना कर दिया है, लेकिन हकीकत यह है कि आरटीआई मे पारदर्शिता को लेकर कोई सवाल नहीं पूछा गया था और नियमों के मुताबिक RTI का जवाब दिया गया। 

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