बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर चुनावी सरगर्मी तेज हो गई। चुनाव प्रचार को लेकर स्टार प्रचारकों की लिस्ट भी बन गई है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बेटे राहुल गांधी बिहार में 6 रैलियां कर सकते हैं। कांग्रेस नेता राहुल की किस चरण में कितनी रैलियां होंगी यह तरीख तय होने के बाद पता चलेगा, लेकिन हम आपको अभी बता दे रहे हैं कि बिहार चुनाव में राहुल गांधी क्या-क्या झूठ बोलने वाले हैं। बिहार चुनाव से पहले राहुल गांधी का भाषण लीक हो गया है। राहुल बिहार चुनाव में इन तीन मुद्दे को उठाकर मतदाताओं को बरगलाने की कोशिश करेंगे।
1. राहुल का पहला झूठ
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने लिए 8000 करोड़ का वीवीआईपी बोइंग 777 प्लेन खरीदा है। करदाताओं के आठ हजार करोड़ रुपये से आरामदायक और आलीशान एयर इंडिया का जहाज खरीदा गया है। जबकि सच्चाई यह है कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य वीवीआईपी के लिए अमरीकी राष्ट्रपति के विशेष विमान एयरफोर्स वन की तर्ज पर मिसाइल हमले से बचने जैसे सिक्यॉरिटी फीचर्स से सुसज्जित दो एयर इंडिया वन (बोइंग 777) विमान तैयार करवाए गए हैं। एक अनुमान है कि इन दोनों विमानों की कीमत करीब 8000 करोड़ रुपये है। इस तरह से एक विमान की कीमत करीब 4000 करोड़ रुपए है। प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति किसी भी पार्टी से चुनकर बनेंगे, इसका इस्तेमाल करेंगे।
2. राहुल का दूसरा झूठ
बिहार चुनाव में राहुल गांधी चीन का मुद्दा जरूर उठाएंगे। राहुल गांधी हर रैली में इस बात का जिक्र करेंगे कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कहते हैं कि हिंदुस्तान की जमीन किसी ने नहीं ली, लेकिन चीन ने हमारी 1000 वर्ग किलोमीटर जमीन हड़प ली है। जबकि राहुल गांधी को मालूम है कि चीन ने भारत के हजारों वर्गकिलोमीटर जमीन पर तब कब्जा किया था जब उसके नाना जवाहर लाल नेहरू देश के प्रधानमंत्री थे। क्या राहुल यह भूल गए कि 1962 के युद्ध में इसी चीन के हाथों भारत की शर्मनाक पराजय हुई थी और हिन्दी-चीनी भाई-भाई के माओत्से तुंग और नेहरू के नारे के बीच चीन ने हमला कर हजारों वर्गमील भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था।
3. राहुल का तीसरा झूठ
इसके साथ ही राहुल अपनी रैली में किसानों से जुड़ा मुद्दा उठाएंगे। राहुल रैली को संबोधित करते हुए कहेंगे कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कहते है कि किसान अपना माल कहीं भी बेच सकता है। जब सड़क नहीं होगी तो कहां जाएगा, कैसे जाएगा किसान? सड़क बनी मंडी टैक्स से और मंडी टैक्स आपने खत्म कर दिया, मतलब सड़कों को आपने खत्म कर दिया। जबकि सच्चाई यह है कि आजादी के 60 साल बाद भी देश के किसान आत्महत्या करने को मजबूर थे और प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों के कारण उनकी आमदनी में काफी वृद्धि हुई है। इसके साथ ही सड़क बनाने से मंडी टैक्स को कोई लेना देना नहीं है।
राहुल गांधी इसके पहले भी कई बार झूठ का सहारा ले चुके हैं। आइए डालते हैं एक नजर-
राहुल गांधी ने हाल ही में हाथरस मामले में लोगों को भड़काने और समसनी फैलाने के लिए दावा किया कि पुलिस-प्रशासन ने जल्दी-जल्दी में ही पीड़िता का अंतिम-संस्कार करा परिवार को अंतिम दर्शन भी नहीं करने दिया। राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘भारत की एक बेटी का रेप-क़त्ल किया जाता है, तथ्य दबाए जाते हैं और अन्त में उसके परिवार से अंतिम संस्कार का हक़ भी छीन लिया जाता है। ये अपमानजनक और अन्यायपूर्ण है।’
भारत की एक बेटी का रेप-क़त्ल किया जाता है, तथ्य दबाए जाते हैं और अन्त में उसके परिवार से अंतिम संस्कार का हक़ भी छीन लिया जाता है।
ये अपमानजनक और अन्यायपूर्ण है।#HathrasHorrorShocksIndia pic.twitter.com/SusyKV6CfE
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 30, 2020
लेकिन हाथरस पुलिस ने इसका खंडन करते हुए कहा कि ‘कतिपय सोशल मीडिया के माध्यम से यह असत्य खबर फैलायी जा रही है कि “थाना चन्दपा क्षेत्रान्तर्गत दुर्भाग्यपूर्ण घटित घटना में मृतिका के शव का अन्तिम संस्कार बिना परिजनों की अनुमति के पुलिस ने जबरन रात में करा दिया हैं “। हाथरस पुलिस इस असत्य एवं भ्रामक खबर का खंडन करती है। सच्चाई यह है कि पुलिस एवं प्रशासन की देखरेख में परिजनों द्वारा अपने रीति-रिवाज के साथ मृतिका के शव का अंतिम संस्कार किया गया।’
▶️कतिपय सोशल मीडिया के माध्यम से यह असत्य खबर फैलायी जा रही है कि “थाना चन्दपा क्षेत्रान्तर्गत दुर्भाग्यपूर्ण घटित घटना में मृतिका के शव का अन्तिम संस्कार बिना परिजनों की अनुमति के पुलिस ने जबरन रात में करा दिया हैं “।
⏹️ हाथरस पुलिस इस असत्य एवं भ्रामक खबर का खंडन करती है। pic.twitter.com/EMHLRQzR2o— HATHRAS POLICE (@hathraspolice) September 30, 2020
थाना चन्दपा क्षेत्रान्तर्गत घटित दुर्भाग्यपूर्ण घटना में पुलिस एवं प्रशासन की देखरेख में परिजनो द्वारा मृतिका के शव का अन्तिम संस्कार किया गया है, उक्त सम्बन्ध में ज्वाइन्ट मजिस्ट्रेट द्वारा दी गई बाईट I@AwasthiAwanishK @dgpup @Uppolice @CMOfficeUP @HomeDepttUP @adgzoneagra pic.twitter.com/HiDIYj7dVe
— HATHRAS POLICE (@hathraspolice) September 30, 2020
जीएसटी पर देश से बोला झूठ
यूपीए के दस वर्षों के शासन में कांग्रेस पार्टी जीएसटी को लेकर तमाम राज्यों के बीच आम राय नहीं बना पाई थी, क्योंकि उसका जीएसटी को लेकर कोई साफ रुख नहीं था। 2014 में जब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार बनी तो उसने नए सिरे से जीएसटी को लेकर कवायद शुरू की और सभी राज्य सरकारों के बीच इसे लेकर सहमति बनाई। हालांकि राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने सहमति नहीं दी थी, लेकिन हकीकत ये है कि कांग्रेस की सभी राज्य सरकारों ने जीएसटी का समर्थन किया और संसद के दोनों ही सदनों में कांग्रेस ने जीएसटी पास करवाने के लिए पक्ष में वोटिंग भी की थी।
नोटबंदी पर देश से बोला झूठ
राहुल गांधी ने कहा कि संघ परिवार के एक विचारक ने प्रधानमंत्री मोदी को नोटबंदी का विचार दिया था। राहुल गांधी का यह बयान सरासर झूठा है। सच्चाई यह है कि देश को भ्रष्टाचार से मुक्त करने और कालाधन पर लगाम लगाने के लिए मोदी सरकार ने काफी गहन विचार-विमर्श के बाद नोटबंदी का ऐलान किया था। रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर आर गांधी भी कह चुके हैं कि नोटबंदी का पहला विचार फरवरी 2016 में आया था और सरकार ने विमुद्रीकरण के बारे में रिजर्व बैंक की राय मांगी थी। आरबीआई के तत्कालीन गवर्नर रघुराम राजन ने पहले तो सरकार को मौखिक रूप से इस पर राय दी। बाद में एक विस्तृत नोट बनाकर सरकार को भेजा गया जिसमें स्पष्ट तौर पर बताया गया कि नोटबंदी की खामियां और खूबियां क्या-क्या हैं। इसके बाद पूरी तैयारी के साथ 8 नवंबर, 2016 को नोटबंदी का ऐलान किया गया था।
रायबरेली पर देश से बोला झूठ
राहुल गांधी कहते रहे हैं कि मोदी सरकार आने के बाद से रायबरेली के साथ भेदभाव किया जाता रहा है, लेकिन सच्चाई यह है कि यूपीए के जमाने में राजीव गांधी के नाम पर रायबरेली में जो पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी स्थापित की गई थी उसे पांच वर्षों के दौरान यूपीए सरकार ने महज 1 करोड़ रुपये दिए थे। जबकि मोदी सरकार ने पहले दो वर्षों में इस यूनीवर्सिटी के लिए 360 रुपये देकर इसे एक संस्थान के रूप में विकसित किया। इतना ही नहीं रायबरेली में स्थित इंडियन टेलीकॉम इंडस्ट्रीज नाम का संस्थान बंद होने के कगार पर था और वहां अफसरों को वेतन तक नहीं मिल पा रहा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने इस संस्थान को 500 करोड़ आवंटित कर जीवनदान दिया और 1100 करोड़ रुपये का आर्डर भी दिलाया।
महंगाई पर देश से बोला झूठ
राहुल ने पिछले वर्ष गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान ट्विटर पर लिखा “जुमलों की बेवफाई मार गई, नोटबंदी की लुटाई मार गई, GST सारी कमाई मार गई बाकी कुछ बचा तो – महंगाई मार गई… बढ़ते दामों से जीना दुश्वार, बस अमीरों की होगी भाजपा सरकार?” राहुल गांधी ने इस सवाल के साथ एक इन्फोग्राफिक्स भी पोस्ट किया है। इसमें उन्होंने गैस सिलिंडर, प्याज, दाल, टमाटर, दूध और डीजल के दामों का हवाला देकर 2014 और 2017 के दामों की तुलना में सभी चीजों के दामों में वास्तविक दामों से सौ प्रतिशत अधिक की बढ़ोतरी दिखा दी। जैसे ही राहुल गांधी ने ये ट्वीट किया, लोगों ने इस चालाकी को पकड़ लिया और फिर शुरू हो गई राहुल की खिंचाई।
महिला साक्षरता के आंकड़े पर बोला झूठ
राहुल गांधी ने गुजरात विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान पिछले वर्ष 3 दिसंबर को “22 सालों का हिसाब, गुजरात मांगे जवाब” अभियान के तहत प्रधानमंत्री मोदी से महिला सुरक्षा, पोषण और महिला साक्षरता से जुड़ा सवाल पूछा था, लेकिन इस सवाल के साथ राहुल ने जो इन्फोग्राफिक्स पोस्ट किया था उसमें गुजरात की महिला साक्षरता के उल्टे आंकड़े दिखाए थे। इन आंकड़ों में दिखाया गया था कि 2001 से 2011 के बीच गुजरात में महिला साक्षरता दर में 70.73 से गिरकर 57.8 फीसदी हो गई है।
राहुल गांधी ने जो आंकड़े दिखाए थे वे सरासर गलत थे। गुजरात में महिला साक्षरता की सच्चाई इसके उलट है। सही आंकड़ों के मुताबिक गुजरात में 2001 से 2011 के बीच महिला साक्षरता में 12.9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। यह वृद्धि 1991 से 2001 के बीच हुई 8.9 फीसदी बढ़ोतरी से काफी ज्यादा है। इतना ही नहीं इस दौरान राष्ट्रीय स्तर पर हुई साक्षरता वृद्धि से भी ये काफी ज्यादा है।
45,000 करोड़ एकड़ जमीन पर बोला झूठ
गुजरात चुनाव में प्रचार के दौरान ही राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोलने के क्रम में ऐसा कुछ कह दिया था जो कि असंभव है। राहुल ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी ने अपने उद्योगपति दोस्तों को 45,000 करोड़ एकड़ जमीन दे दी, लेकिन राहुल ने जमीन का जो आंकड़ा बोला वह असंभव है। 45,000 करोड़ एकड़ जमीन इस धरती से भी तीन गुना ज्यादा है। आपको बता दें कि पूरी धरती ही लगभग 13,000 करोड़ एकड़ की है।
Statue of Unity पर देश से बोला झूठ
राहुल गांधी ने गुजरात में पाटीदारों को कहा कि मोदी सरकार के लिए शर्मनाक है कि नर्मदा नदी पर बनने वाला Statue of Unity सरदार पटेल की प्रतिमा made in China होगी। राहुल गांधी एक बार फिर अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चक्कर में सरदार पटेल के नाम पर झूठ बोला। जबकि सच्चाई ये है कि प्रतिमा के निर्माण का कार्यभार एक भारतीय कंपनी को दिया गया है। यह पूरी तरह भारतीय तकनीक, भारतीय मटीरियल, भारतीय इंजिनियरों, भारतीय लेबर और भारतीय चीज़ों द्वारा बनाई जा रही है। यह विशुद्ध रूप से भारतीय प्रतिमा होगी जिसके निर्माण में लगने वाला 90 प्रतिशत से अधिक चीजें भारत की हैं।
लोकसभा सदस्यों की संख्या पर बोला झूठ
वर्ष 2017 के सितंबर में राहुल गांधी जब अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी में छात्रों को संबोधित कर रहे थे, तो उन्होंने लोकसभा में कुल सदस्यों की संख्या ही 546 बता डाली। जबकि सच्चाई यह है कि लोकसभा में कुल सदस्यों की संख्या 545 है, इनमें से 543 को जनता चुनती है और दो सदस्य (ऐंग्लो-इंडियन) मनोनित किए जाते हैं। आप ही बताइए जो शख्स इतने वर्षों से लोकसभा का सदस्य है, उसे लोकसभा के सदस्यों की संख्या तक नहीं पता है।
इंदिरा कैंटीन को बताया अम्मा कैंटीन
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में इंदिरा कैंटीन योजना की लॉन्चिंग में भी राहुल गांधी के ज्ञान पर सवाल उठ गए। पहली बार में उन्होंने योजना का नाम ही गलत बता दिया। जबकि यह योजना उनकी दादी यानी इंदिरा गांधी के नाम पर शुरू हो रही थी, लेकिन राहुल गांधी ने उसे तमिलनाडु में जयललिता के नाम पर चलने वाली अम्मा कैंटीन बता दिया। हालांकि, बाद में उन्हें भूल का अंदाजा हुआ और उन्होंने गलती सुधारने की कोशिश की। लेकिन जिस व्यक्ति में सामान्य ज्ञान का इतना अभाव है उससे क्या उम्मीद की जा सकती है?
महाभारत काल पर झूठ
राहुल गांधी की हरकतें बतातीं हैं कि वे झूठे प्रचार के जरिए और निराधार खबरें फैला कर सत्ता के शीर्ष पर पहुंचने को आतुर हैं। इसी क्रम में वे कई बार खुद के ‘अज्ञानी’ होने का भी सबूत दे देते हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के इस ट्वीट को देखिए-
1000 years ago, Kauravas were fighting for power and Pandavas were fighting for truth. The same question arises now, whether to support BJP’s hunger for power or Congress’s fight for truth: Congress President @RahulGandhi #JanaAashirwadaYatre #RGInKarnataka
— Congress (@INCIndia) 20 March 2018
दरअसल अपने ट्वीट में महाभारत काल का उदाहरण दे रहे हैं और इसे 1000 साल पहले की घटना बता रहे हैं। साफ है कि इस ट्वीट से एक बात साबित हो जाती है कि राहुल गांधी न सिर्फ झूठ फैलाते हैं बल्कि वे अज्ञानी भी हैं। कौरव-पांडव की बात करने वाले राहुल को ये भी नहीं पता है कि महाभारत काल पांच हजार वर्ष से अभी अधिक पुराना है। इस ट्वीट से ये भी पता लग जाता है कि लोग उन्हें गंभीरता से क्यों नहीं लेते हैं?
दो करोड़ रोजगार पर बोला झूठ
इसके पहले लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 के चुनाव प्रचार के दौरान हर वर्ष युवाओं को 2 करोड़ रोजगार देने का वादा किया था। राहुल गांधी का ये आरोप सच्चाई से कोसों दूर है। एबीपी न्यूज चैनल ने अपने कार्यक्रम वायरल सच में राहुल गांधी के इस आरोप की गहनता से पड़ताल की है। इसके अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ने कभी भी देशवासियों से सरकार बनने पर प्रति वर्ष दो करोड़ रोजगार देने का वादा नहीं किया था। इतना ही नहीं भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में भी इसका कहीं जिक्र नहीं किया गया था। यानि दो करोड़ रोजगार देने का आरोप झूठ के सिवा और कुछ नहीं है। इस कार्यक्रम में बताया गया है कि 21 नवंबर, 2013 को एक रैली में श्री मोदी ने कांग्रेस सरकार द्वारा हर वर्ष एक करोड़ रोजगार देने के वादे का जिक्र जरूर किया था। मतलब साफ है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने संसद में प्रधानमंत्री मोदी पर झूठा और मनगढ़ंत आरोप लगाया है।
उत्तर प्रदेश के शिक्षा बजट का झूठा प्रचार
जुलाई 2017 में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने पहला बजट पेश किया था। इस बजट में शिक्षा के लिए आवंटित धन में कमी दिखाकर सोशल मीडिया पर शेयर किया किया गया, जबकि शिक्षा का बजट वास्तव में बढ़ाया गया था।
राहुल गांधी को तो प्रधानमंत्री के विरोध का कोई मौका चाहिए था, उन्होंने तुरंत सोशल मीडिया पर हमला बोल दिया
इसके बाद लोगों ने इसे शेयर करना शुरु कर दिया और कांग्रेसी पत्रकारों ने इस पर खबर भी बना डाली।
सच्चाई यह थी कि समाचार एजेंसी पीटीआई ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा पेश बजट के कुछ अंशों के आधार पर ही यह रिपोर्ट तैयार की थी। कागजों को ठीक ढंग से पढ़कर खबर बनाई गयी होती तो पता चलता कि योगी सरकार ने शिक्षा के लिए बजट में कमी नहीं बल्कि 34 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की है। अखिलेश यादव की सरकार ने 2016-17 में जहां 46,442 करोड़ रुपये शिक्षा के लिए दिये थे वही 2017-18 में योगी आदित्यनाथकी सरकार ने 62, 351 करोड़ रुपये दिए हैं।</span
आइए अब एक नजर डालते हैं कांग्रेस के और झूठ पर…
सत्ता की चाहत में कांग्रेस पार्टी इतना नीचे गिर जाएगी ये किसी ने सोचा भी नहीं होगा। कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से एक वीडियो में सात साल पहले साल 2013 का एक फोटो शेयर कर फेक न्यूज फैलाने की कोशिश की है। कांग्रेस ने गंगा नदी की जिस तस्वीर को शेयर कर मोदी सरकार को बदनाम करने की कोशिश की है वो कांग्रेसी शासनकाल की है। इसका खुलासा होने के बाद कांग्रेसी नेताओं की बोलती बंद हो गई है।
भारत समेत पूरा विश्व इस समय कोरोना महामारी से जूझ रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार लोगों को हर प्रकार से मदद पहुंचाने की कोशिश कर रही है, लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस समेत दूसरी विपक्षी पार्टियां झूठी और मनगढ़त बातों के जरिए लोगों को बरगलाने की कोशिश कर रही है। हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा जारी बयान में कहा गया कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने यह निर्णय लिया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की हर इकाई हर जरूरतमंद श्रमिक व कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा का टिकट खर्च वहन करेगी व इस बारे जरूरी कदम उठाएगी, लेकिन कांग्रेस के इस बयान को सोशल मीडिया में काफी निंदा झेलनी पड़ी।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का यह बयान सिर्फ और सिर्फ आम लोगों को दिगभ्रमित और बरगलाने वाला था। आइए बताते हैं कैसे?
भारतीय रेलवे कर रहा है 85 फीसद खर्च
कांग्रेस द्वारा फैलाई जा रही झूठ की हकीकत ये है कि कोरोना संकट काल में जरूरतमंद प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के लिए रेलवे 85% और राज्य सरकार सिर्फ 15% खर्चा उठा रही है। प्रवासी मजदूरों से एक भी पैसा नहीं लिया गया। इसके अलावा रेलवे ने यात्रा के दौरान खाना और पानी देने के साथ साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करके आधी क्षमता पर ट्रेन चलाया। राज्य सरकरों को सिर्फ बचे हुए 15 प्रतिशत का ही भुगतान करना पड़ा, जो बहुत बड़ी रकम नहीं है। राज्य सरकारों को यह भार महज इस व्यवस्था में दायित्व सुनिश्चित करन के लिए दिया गया।
न्याय योजना कांग्रेस शासित राज्यों में लागू नहीं किया
लोकसभा चुनाव 2019 के पहले कांग्रेस ने न्याय योजना को लेकर खूब प्रचार प्रसार किया लेकिन चुनाव हारने के बाद ही न्याय योजना की बात कांग्रेस यदा कदा ही करती है लेकिन बड़ी बात ये है कि सालभर बीत जाने के बाद भी कांग्रेस शासित पंजाब, छत्तीसगढ़ और राजस्थान लागू नहीं कर पाईं।
डिटेंशन सेंटर को लेकर कांग्रेस ने झूठ बोला
डिटेंशन सेंटर और सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट के मुद्दे पर राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर जो झूठे आरोप लगाए थे, उसका पर्दाफाश हो चुका है। पीआईबी की एक ख़बर से साफ हो जाता है कि कांग्रेस की सरकारों के दौरान डिटेंशन सेंटर बनाए गए थे। इस खबर का पीआईबी ने खंडन किया। 13 दिसंबर, 2011 को पीआईबी द्वारा प्रकाशित की गई एक ख़बर से साफ हो जाता है कि कांग्रेस की सरकारों के दौरान डिटेंशन सेंटर बनाए गए थे। पीआईबी के मुताबिक तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने गोलपुरा, कोकराझाड़ और सिल्चर में डिटेंशन सेंटर बनाए ताकि अवैध घुसपैठियों को प्रत्यर्पण तक वहाँ और रखा जाए। इसके साथ ही इस खबर में ये भी बताया गया था कि कांग्रेस ने नवंबर 2011 तक 362 लोगों को डिटेंशन सेंटर में भेजा था। गोलपुरा में 221, कोकराझाड़ में 79 और सिल्चर के डिटेंशन कैम्प में 62 लोगों को भेजे जाने की खबर थी। इस दौरान 78 लोगों को प्रत्यर्पित किया गया था।
बता दें कि 13 जनवरी 2011 को भारत और बांग्लादेश के बीच घुसपैठियों के प्रत्यर्पण को लेकर करार भी हुआ था, इसके साथ ही भारत ने बांग्लादेश से आने वाले घुसपैठियों के प्रत्यर्पण का मुद्दा भी उठाया था। वहीं तत्कालीन गृह राज्यमंत्री मुल्लाप्पली रामचंद्रन ने लोकसभा में इसकी लिखित जानकारी भी दी थी। गौरतलब है कि पी. चिदंबरम ने ट्वीट कर बीजेपी द्वारा जारी किए वीडियो को गलत करार दिया था, वहीं भाजपा की ओर से बताया गया कि NPR की स्कीम कांग्रेस राज में ही शुरू हुई थी तब पी. चिदंबरम देश के गृह मंत्री थे।
ट्विटर पर शेयर किया प्रधानमंत्री मोदी के मेकअप वाला भ्रामक फोटो
इसके पहले कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चार साल पुराने फोटो को शेयर करते हुए लिखा है कि ‘ऐशो-आराम की जिंदगी में मस्त हैं।’ कांग्रेस ने इस फोटो को अपने वीडियो में इस्तेमाल करते हुए यह कहने की कोशिश की है कि कोरोना संकट काल में प्रधानमंत्री मोदी मजदूर-किसानों की आवाज सुन नहीं रहे हैं और ‘ऐशो-आराम की जिंदगी में मस्त हैं।
Do you know how low can Congress stoop?
Congress did a post saying PM Modi ‘ऐशो-आराम की ज़िंदगी में मस्त हैं’.
The pic used is of Madame Tussauds museum staff recording facial features of PM Modi for wax statue. pic.twitter.com/DzOK3ZWSKk
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) May 28, 2020
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी की जिस तस्वीर को लगाया है, वह मैडम तुसाद म्यूजियम के लिए मार्च, 2016 में ली गई थी। आप भी देखिए ये वीडियो मार्च 2016 का है। उस समय मैडम तुसाद म्यूजियम के कुछ आर्टिस्ट प्रधानमंत्री मोदी का वैक्स स्टेच्यू बनाने के लिए उनका शारीरिक नाप लेने उनके घर आए थे।
कांग्रेस ने इस वीडियो में से प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर निकाल कर लोगों को बरगलाने का काम किया है। साफ है कि प्रधानमंत्री मोदी को बदनाम करने के लिए कांग्रेस किसी भी स्तर तक नीचे गिरने को तैयार है।
फेक न्यूज फैलाते रंगे हाथ पकड़ी गई कांग्रेस की सोशल मीडिया हेड राम्या
कांग्रेस की सोशल मीडिया हेड दिव्या स्पंदना ‘राम्या’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बारे में फेक न्यूज फैलाते रंगे हाथ पकड़ी गई थी। दिव्या स्पंदना ने एक ट्वीट कर लिखा कि, ‘बड़ी मुश्किल से वीडियो ढूंढा है, ये 1998 का इन्टरव्यू है जिसमे साहब खुद कह रहे है हाई स्कूल तक पढा हूँ, लेकिन आज साहब के पास ग्रेजुएशन की डिग्री है जो 1979 मे किया था!!’
बड़ी मुश्किल से विडियो ढूंढा है, ये 1998 का इन्टरव्यू है जिसमे साहब खुद कह रहे है हाई स्कूल तक पढा हूँ, लेकिन आज साहब के पास ग्रेजुएशन की डिग्री है जो 1979 मे किया था !! pic.twitter.com/zr2DLBDv6i
— Divya Spandana/Ramya (@divyaspandana) September 18, 2018
कांग्रेस सोशल मीडिया हेड ने इंटरव्यू को एडिट कर लोगों को गलत जानकारी देकर भरमाने की कोशिश की। दिव्या ने अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री मोदी के सिर्फ हाई स्कूल पास होने का दावा किया, लेकिन अगर आप कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला के साथ प्रधानमंत्री मोदी की पूरी बातचीत देखेंगे तो आपको सच्चाई का पता चलेगा। ओरिजनल वीडियो में प्रधानमंत्री साफ कहते हैं कि बीए और एमए की पढ़ाई एक्सटर्नल एक्जाम (कोरेस्पोंडेस कोर्स) से पूरी की है।
देखिए ओरिजनल वीडियो-
राइट ऑफ को लेकर कांग्रेस ने फैलाई झूठी खबर!
मोदी सरकार पर हमले के लिए कांग्रेस तथ्यों से खिलवाड़ करती रही है। कांग्रेस के ट्विटर हैंडल और नवजीवन वेबसाइट के जरिए लोगों में भ्रम फैलाने की कोशिश की जाती रही है। बड़े अखबार और वेबसाइट भी बगैर तथ्यों की जांच-परख किए इन खबरों को प्रकाशित कर देते हैं।
जब 3 साल में ही मोदी सरकार ने क्रोनी कॉरेपोरेट पर बकाया सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का 2.4 लाख करोड़ का कर्ज़ माफ कर दिया है तो फिर किसानों का कर्ज़ माफ़ क्यों नहीं कर रही है ये सरकार? #SuitBootKiSarkar https://t.co/hafOjoLyIT
— Congress (@INCIndia) 4 April 2018
केंद्र सरकार ने जब राज्यसभा में स्वीकार किया कि सरकारी बैंकों ने वित्त वर्ष 2014-15 से सितंबर 2017 तक 2.41 लाख करोड़ रुपये का लोन राइट ऑफ किया तो कांग्रेस पार्टी ने अपनी वेबसाइट पर लिखा कि सरकार ने कंपनियों का 2.41 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया। सोची-समझी चाल के तहत कांग्रेस ने राइट ऑफ को वेव ऑफ दिखाते हुए मोदी सरकार को बदनाम करने की कोशिश की, क्योंकि मनमोहन सिंह और पी. चिदंबरम के रहते कांग्रेस पार्टी को बैंकों द्वारा लोन की रकम राइट ऑफ करने और वेव ऑफ किए जाने का अंतर पता नहीं हो, ऐसा हो नहीं सकता। कांग्रेस पार्टी की वेबसाइट पर एक आर्टिकल में लिखा गया है कि, Loans Worth ₹2.41 Lakh Crore to Corporate Bodies Waived Off
इसके साथ ही पार्टी से ही संबंधित नवजीवन वेबसाइट पर प्रकाशित खबर का शीर्षक है– ‘सरकार ने माना, सार्वजनिक बैंकों ने 2014 से 2017 के बीच माफ किया 2,41,911 करोड़ रुपए का कर्ज’। वेबसाइट में लिखा गया है कि वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने राज्यसभा सांसद रिताब्रता बनर्जी के सवाल के जवाब में दी लिखित प्रतिक्रिया में यह स्वीकार किया है कि वित्त वर्ष 2014-15 से सितंबर 2017 के बीच सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 2,41,911 करोड़ रुपए कर्ज माफ (वेव ऑफ) कर दिए हैं। जबकि, रिताब्रत बनर्जी के सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने राज्यसभा को बताया कि सरकारी बैंकों ने वित्त वर्ष 2014-15 से सितंबर 2017 के बीच 2,41,911 करोड़ रुपये का लोन राइट ऑफ किया है।
साफ है कांग्रेस ने राइट ऑफ को वेव ऑफ बताकर लोगों में भ्रम फैलाने की कोशिश की। कांग्रेस की इस साजिश पर सीनियर जर्नलिस्ट सुनील जैन ने ट्टीट किया है कि, ‘राहुल गांधी, यह वाकई अविश्वसनीय है कि सिर्फ नरेंद्र मोदी पर हमला बोलने के लिए कांग्रेस पार्टी को तथ्यों को इस हद तक तोड़ना-मरोड़ना चाहिए। लोन के ‘राइटिंग ऑफ’ और इसके ‘वेविंग ऑफ’ में अंतर है। निश्चित है कि आपकी विशाल पार्टी में कुछ लोग तो यह जानते ही होंगे?’
It is truly unbelievable @RahulGandhi that @INCIndia should be distorting facts so much just to hit @narendramodi There is a difference between ‘writing off’ a loan and ‘waiving it off’. Surely someone in your huge party would know? https://t.co/gjJR9zTlZU
— Sunil Jain (@thesuniljain) April 4, 2018
इस फेक न्यूज की खबर पर नवभारत टाइम्स अखबार में साफ बताया गया है कि राइट ऑफ और वेव ऑफ क्या होता है और कैसे सरकर को बदनाम करने की कोशिश की गई।
राहुल से एनसीसी का सवाल पूछने वाली कैडेट को एबीवीपी कार्यकर्ता बताया
24 मार्च, 2018 को कर्नाटक में स्टूडेंट्स से रूबरू होते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि वह एनसीसी के बारे में कुछ नहीं जानते हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए एनसीसी कैडेट संजना सिंह ने कहा, “आश्चर्य की बात है कि राहुल गांधी को एनसीसी के बारे में नहीं पता! यह कोई और चीज नहीं है, यह रक्षा की दूसरी पंक्ति है! आशा है कि राहुल गांधी इसके बारे में जाने! एक नेता के लिए यह जानना जरूरी है।” जाहिर है कि इस एनसीसी कैडेट ने सही बात कही, लेकिन कांग्रेस पार्टी का स्पोक्स पर्सन बन चुके कुछ पत्रकारों को ये बात चुभ गई। एशिया टाइम्स ऑनलाइन के साउथ एशिया एडिटर सैकत दत्ता ने इसके बारे में ट्वीट किया कि संजना सिंह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़ी हुई हैं। जबकि सच्चाई यह है कि किसी दूसरी संजना सिंह के प्रोफाइल को पोस्ट कर सैकत दत्ता ने झूठ खबर फैलाने की कोशिश की। इसी तरह कांग्रेस की सोशल मीडिया हेड ने भी इस झूठी खबर को फैलाने की कोशिश की। लेकिन अब यह साफ हो चुका है कि झूठी खबर फैलाने की मंशा से ये किया गया था जिसका पर्दाफाश हो चुका है।
दुष्प्रचार पर उतरी कांग्रेस !
अल्ट न्यूज पर लगाई गई इस खबर में आप देख सकते हैं कि एक तस्वीर में राजनाथ सिंह के पैरों में गिरे हुए पुलिस इंस्पेक्टर की तस्वीर है, दूसरी तस्वीर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की है जिसमें मुंबई हमले का मास्टर माइंड आतंकवादी हाफिज सईद से उन्हें हाथ मिलाते हुए दिखाया जा रहा है, लेकिन इन तस्वीरों की सच्चाई जानेंगें तो आप कांग्रेस के कुकृत्यों को भी सही रूप में देख पाएंगे।
फोटो शॉप से बनाई Fake तस्वीरें
इन तस्वीरों की सच्चाई भी जान लीजिए। दरअसल राजनाथ सिंह के पैरों में गिरे पुलिस इंस्पेक्टर की तस्वीर एक फिल्म की है। इसमें एक राजनेता के कदमों में पुलिस इंस्पेक्टर को गिड़गिड़ाते हुए दिखाया गया है। दूसरी तस्वीर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हाफिज सईद से हाथ मिलाते हुए दिखाया गया है, लेकिन वास्तविक तस्वीर 1 जनवरी 2016 की तस्वीर है जब प्रधानमंत्री मोदी लाहौर गए थे तो उन्होंने तत्कालीन पीएम नवाज शरीफ से हाथ मिलाया था। इन दोनों ही तस्वीरों से फोटो शॉप के जरिये छेड़छाड़ की गई है और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया है।
Fake तस्वीरों का कांग्रेसी कनेक्शन
दोनों ही तस्वीर वायरल करने वालों का नाता कांग्रेस पार्टी से बताया गया। दरअसल तस्वीर पोस्ट करने वालों में से एक आलमगीर रिजवी फ्रेंड्स ऑफ कांग्रेस वेबसाइट के एनआरआई टीम में सोशल मीडिया वोलेंटियर के रूप में लिस्टेड है। जबकि अरशद चिस्ती के ट्विटर प्रोफाइल में कांग्रेस के आइटी सेल का सदस्य बताया गया है। आलमगीर रिजवी को कई बार बताया गया कि ये तस्वीरें नकली हैं, लेकिन उन्होंने इसे नहीं हटाया। अलबत्ता कांग्रेस के प्रवक्ता संजय झा ने इसे रीट्वीट भी किया है। उन्होंने लिखा है, “अगर यह सही तस्वीर है, तो यह बहुत ज्यादा है। समझ से परे, दंग रह गए।”
हालांकि संजय झा ने इस रीट्वीट के लिए क्षमा मांग ली, लेकिन यह साफ हो गया कि आजकल सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री मोदी और उनके मंत्रिपरिषद के सदस्यों को लेकर कई ऐसी खबरें फैलाई जा रही हैं जो Fake हैं।
Noted. I will delete my RT. @alamgirizvi you should delete this forthwith. It is inappropriate and wrong, and therefore misleading. https://t.co/vvaNqUmfzg
— Sanjay Jha (@JhaSanjay) November 1, 2017
फर्जी तस्वीर के सहारे फेक न्यूज फैलाते पकड़े गए राहुल गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बेटे राहुल गांधी सत्ता पाने के लिए अब बेशर्मी पर उतर आए हैं। मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए राहुल गांधी झूठ पर झूठ बोले जा रहे हैं। फेक न्यूज का सहारा लेकर लोगों को बरगलाने की कोशिश कर रहे हैं। राहुल गांधी ने सितंबर, 2020 में एक फर्जी तस्वीर शेयर कर फेक न्यूज फैलाने की कोशिश की। नोटबंदी के दौरान की इस तस्वीर में गुरुग्राम के नंदलाल की रोते हुए दिखाया गया है। उस समय नंदलाल से रोने का कारण पूछने पर उन्होंने कहा था कि जब वह बैंक के बाहर कतार में खड़े थे तो किसी ने उन्हें धक्का दे दिया। इस क्रम में एक महिला ने उनके पैर कुचल दिए। साफ है कि जिस नंदू लाल की तस्वीर के सहारे राहुल नोटबंदी को कोस रहे हैं, वो तस्वीर न केवल फेक है, बल्कि नंदू लाल पूरी तरह से नोटबंदी पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ खड़े हैं। उन्होंने साफ कहा कि सरकार जो भी कर रही है, वह देश की भलाई के लिए है।
नोटबंदी पर @RahulGandhi फिर फेक न्यूज फैलाते पकड़े गए… जिस नंदू लाल की तस्वीर के सहारे नोटबंदी को कोस रहे हैं… वो तस्वीर न केवल फेक है, बल्कि नंदू लाल जी तो नोटबंदी पर पीएम मोदी के साथ खड़े हैं… ये लिंक देखिएhttps://t.co/Rt2jnEObQG https://t.co/yCd92CEsyS pic.twitter.com/dnV2e43yce
— Dr. Harish Chandra Burnwal (@hcburnwal) September 3, 2020