प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के आमजनों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ने के लिए महत्वाकांक्षी ‘प्रधानमंत्री जनधन योजना’ की शुरुआत की थी, आज इस योजना के शुरू हुए 10 साल पूरे हो गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने आज जन धन योजना की 10वीं वर्षगांठ मनाई और वित्तीय समावेशन पर इसके प्रभाव की सराहना की। उन्होंने सभी लाभार्थियों को बधाई दी और इस योजना को सफल बनाने वालों को धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जन धन योजना वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने और करोड़ों लोगों, विशेषकर महिलाओं, युवाओं एवं हाशिये पर रहने वाले समुदायों को सम्मान देने में सर्वोपरि रही है।
आज देश के लिए एक ऐतिहासिक दिन है- #10YearsOfJanDhan. इस अवसर पर मैं सभी लाभार्थियों को शुभकामनाएं देता हूं। इस योजना को सफल बनाने के लिए दिन-रात एक करने वाले सभी लोगों को भी बहुत-बहुत बधाई। जन धन योजना करोड़ों देशवासियों, विशेषकर हमारे गरीब भाई-बहनों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने… pic.twitter.com/e0vwfaQwkX
— Narendra Modi (@narendramodi) August 28, 2024
प्रधानमंत्री मोदी ने देश की बागडोर संभालने के बाद 15 अगस्त 2014 को जनधन योजना की घोषणा की थी और 28 अगस्त 2014 को इस योजना का शुभारंभ किया था। इसके बाद से ही यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में सामान्यजन को आर्थिक रूप से सशक्त करने का माध्यम बन गई है। इस योजना के 10 पूरे होने पर अब तक 53 करोड़ से ज्यादा लोग बैंकिंग सिस्टम से जुड़ चुके हैं, यानी करोड़ों-करोड़ लोगों ने पहली बार बैंक में प्रवेश किया है।
‘प्रधानमंत्री जनधन योजना’ जनधन खातों की संख्या और इसमे जमा पैसों का भी एक रिकॉर्ड बन चुका है। प्रधानमंत्री जनधन योजना (PMJDY) के तहत खोले गए बैंक खातों की संख्या 53 करोड़ के पार पहुंच गई है। इसके साथ ही जनधन खातों में कुल जमा राशि 2.31 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई है। पीएमजेडीवाई खातों की संख्या मार्च 2015 के 14.72 करोड़ से तीन गुना से ज्यादा बढ़कर 14 अगस्त 2024 तक 53.13 करोड़ हो गई है।
ताजा रिपोर्ट के अनुसार इन खातों में से 55.6 प्रतिशत यानी 29.56 करोड़ खाते महिलाओं के हैं और 66.6 प्रतिशत यानी 35.37 करोड़ खाते ग्रामीण एवं अर्ध-शहरी क्षेत्रों में खोले गए हैं। इसके साथ ही 11.59 लाख से अधिक बैंक मित्र देश भर में बिना बैंक शाखाओं के लोगों को बैंक की सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं।
प्रधानमंत्री जन-धन योजना विश्व का सबसे बड़ा वित्तीय समावेशन कार्यक्रम है। इसने भारत में वित्तीय समावेशन में क्रांतिकारी बदलाव किया है। इन खातों में जमा राशि 2,31,236 करोड़ रुपये से अधिक है। इन खातों में 3.6 गुना वृद्धि के साथ जमा राशि में करीब 15 गुना की वृद्धि हुई है।
प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत खोले गए खातों में मार्च 2015 में प्रति खाता औसत जमा रकम 1065 रुपये था, जो अब 14 अगस्त 2024 को बढ़कर 4352 रुपये हो गया है। यानी अगस्त 2015 अगस्त के मुकाबले प्रति खाता औसत जमा रकम में 4 गुना वृद्धि हुई है।
प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत खाताधारकों को 36.14 करोड़ रुपे कार्ड जारी किए गए हैं। समय के साथ-साथ रुपे कार्ड की संख्या और उपयोग में वृद्धि हुई है। इसके साथ ही रुपे डेबिट कार्ड, पीओएस/एमपीओएस मशीनों और यूपीआई जैसी मोबाइल आधारित भुगतान प्रणालियों की शुरुआत होने से डिजिटल लेनदेन की कुल संख्या 2018-19 में 2,338 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 16,443 करोड़ हो गई है।
28 अगस्त 2014 को शुरू होने के बाद इन 10 वर्षों में प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई ) ने गरीब के जीवन में एक क्रांति ला दी है। इस योजना के मूल सिद्धांत में देश के अछूते रहे लोगों को न्यूनतम कागजी कार्रवाई के जरिए बैंकिंग सेवा से जोड़ना है और जीरो बैलेंस और जीरो फीस के प्रावधान के साथ बुनियादी बचत बैंक जमा (बीएसबीडी) खाता खोलना है। इसके साथ ही दो लाख रुपये की मुफ्त दुर्घटना बीमा कवरेज के साथ नकद निकासी और व्यापारी के स्थान पर भुगतान के लिए स्वदेशी डेबिट कार्ड जारी करना है।
‘जनधन’ योजना बनी महिला सशक्तीकरण का आधार
मोदी सरकार की हर योजना में महिला सशक्तीकरण पर जोर रहता है। यही वजह है कि आज चाहे ग्रामीण क्षेत्र हो या शहरी क्षेत्र सभी जगह महिलाओं प्रगति की ओर अग्रसर हैं। देश की आधी आबादी यानी महिला शक्ति के साथ खड़ी मोदी सरकार लगातार उनके सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक उत्थान में लगी है। केंद्र सरकार लगातार महिलाओं के विकास के लिए बड़े फैसले ले रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ने के लिए महात्वाकांक्षी जनधन योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत जीरो बैलेंस पर कोई भी आम आदमी अपना खाता बैंक में खुलवा सकता है। इन खातों से जहां देश के सामान्यजन को आर्थिक आजादी मिली है वहीं सरकारी योजनाओं की सब्सिडी भी डीबीटी के जरिए सीधे उनके खातों में जा रही है, यानी भ्रष्टाचार पर काफी हद तक लगाम भी लगी है।
दुर्घटना बीमा 2 लाख, ओवरड्राफ्ट की सुविधा 10,000 रुपए
जनधन खातों को अधिक आकर्षक बनाने के लिये सरकार ने इन खातों में मिलने वाले ओवरड्राफ्ट की सुविधा को 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया। इसके साथ ही इसके तहत मिले रुपे कार्ड से जुड़ी दुर्घटना बीमा योजना के तहत मिलने वाली राशि की सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दिया गया है जो 28 अगस्त 2018 के बाद खुलने वालों खाताधारकों के लिए है। इसके तहत 2 हजार रुपये तक की ओडी के लिए कोई शर्त नहीं होगी और ओडी लेने वालों की आयु पहले 18 से 60 वर्ष थी जिसे बढ़ाकर अब 65 वर्ष कर दी गयी है।
डीबीटी के सुगम लेनदेन सुनिश्चित
देशभर में पीएमजेडीवाई खाताधारक विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) लाभ प्राप्त करते हैं। यह तय करने के लिए कि लाभार्थियों को उनका डीबीटी समय पर प्राप्त हो, वित्त विभाग डीबीटी मिशन, एनपीसीआई, बैंकों और विभिन्न मंत्रालयों के साथ सक्रिय भूमिका निभाता है। डीबीटी के कारण अब जनधन खाताधारकों के खाते में बिना कोई कटौती तत्काल रुपये आ जाते हैं।