कोलकाता के आरजी कर मेडिकल अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ गैंगरेप की घटना पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का बयान आया है। उन्होंने कहा कि बस अब बहुत हो गया है। हम इस तरह की घटना को कब तक भूलते रहेंगे। उन्होंने कहा कि वह इस घटना से स्तब्ध और व्यथित हैं। महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार पर राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि अब बहुत हुआ। कोई भी सभ्य समाज बेटियों और बहनों पर इस तरह के अत्याचारों की अनुमति नहीं दे सकता।
Women’s Safety: Enough is Enough — writes President Droupadi Murmu on the recent spate of crimes against women.https://t.co/p8lVaqGd1K
— President of India (@rashtrapatibhvn) August 28, 2024
द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि कोलकाता में एक डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की वीभत्स घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। जब मुझे इस घटना के बारे में जानकारी मिली तो मैं बहुत निराश और भयभीत हो गई। सबसे निराशाजनक बात यह है कि यह अपनी तरह की एकमात्र घटना नहीं थी; यह महिलाओं के खिलाफ अपराधों की एक श्रृंखला का हिस्सा है। कोलकाता में जब छात्र, डॉक्टर और नागरिक विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, तब भी अपराधी अन्य जगहों पर दूसरे शिकार की तलाश में घात लगाए बैठे थे।
अपने बयान में उन्होंने कहा कि जब मैं देश के किसी भी हिस्से में महिलाओं के खिलाफ क्रूरता के बारे में सुनती हूं तो मुझे बहुत दुख होता है। हाल ही में, मैं एक विचित्र दुविधा में फंस गई थी, जब राष्ट्रपति भवन में रक्षा बंधन मनाने आए कुछ स्कूली बच्चों ने मुझसे मासूमियत से पूछा कि क्या उन्हें आश्वासन दिया जा सकता है कि भविष्य में निर्भया जैसी घटना दोबारा नहीं होगी।
President Droupadi Murmu releases a statement on the RG Kar Medical College and Hospital rape-murder incident.
“The gruesome incident of rape and murder of a doctor in Kolkata has left the nation shocked. I was dismayed and horrified when I came to hear of it. What is more… pic.twitter.com/JL74czCvKa
— ANI (@ANI) August 28, 2024
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि दिसंबर 2012 में जब एक लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई तब पूरे देश में सदमे और गुस्से का माहौल था। हमने तय किया कि किसी और निर्भया को ऐसा न सहना पड़े। लेकिन निर्भया कांड के बाद 12 सालों में रेप की अनगिनत त्रासदियां हुई हैं, केवल कुछ ने ही पूरे देश का ध्यान खींचा। इन्हें भी जल्द ही भुला दिया गया। समाज की भूलने की यह सामूहिक आदत घृणित है। इतिहास का सामना करने से डरने वाला समाज ही चीजों को भूलने का सहारा लेता है और अपना सिर रेत में दबा लेता है।