प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार (01 जुलाई, 2022) को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से टेलीफोन पर बात की। इस दौरान उन्होंने यूक्रेन की स्थिति पर भारत के रुख को दोहराया। उन्होंने दोनों देशों के मुद्दों को हल करने के लिए बातचीत एवं कूटनीति का समर्थन किया। प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया कि यूक्रेन में मौजूदा स्थिति के संदर्भ में, प्रधानमंत्री मोदी ने वार्ता और कूटनीति के पक्ष में भारत के लंबे समय से चले आ रहे रुख को दोहराया है।
दोनों के बीच कई वैश्विक मसलों पर हुई चर्चा
पीएमओ के मुताबिक, दोनों नेताओं ने व्यापार से जुड़े मुद्दों और कई वैश्विक मसलों पर आपस में चर्चा की। जिसमें वैश्विक ऊर्जा और खाद्य बाजारों की स्थिति पर चर्चा शामिल थी। खास तौर पर कृषि वस्तुओं, उर्वरकों और फार्मा उत्पादों में द्विपक्षीय व्यापार को और बढ़ाने के मुद्दे पर विचारों का आदान-प्रदान किया। इस दौरान दोनों नेताओं ने दिसंबर 2021 में राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा के दौरान लिए गए फैसलों के कार्यान्वयन की समीक्षा की। इसके अलावा दोनों नेताओं ने वैश्विक और द्विपक्षीय मुद्दों पर नियमित परामर्श जारी रखने पर सहमति जताई।
पीएम मोदी के फोन के बाद बना मानवीय कॉरिडोर
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी की रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ अच्छी दोस्ती है। यूक्रेन संकट के बाद से प्रधानमंत्री मोदी रूस के राष्ट्रपति पुतिन से चार बार बात कर चुके हैं। इससे पहले 7 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन से फोन पर बात की थी। दोनों नेताओं के बीच करीब 50 मिनट तक बात हुई थी। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने सुमी में फंसे भारतीय छात्रों की सुरक्षा को लेकर चिंता जतायी। तब पुतिन ने भारतीय छात्रों के लिए सुरक्षित मार्ग देने का भरोसा दिलाया। इसके बाद ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत छात्रों को निकालने के लिए 8 मार्च को सुमी से पोल्टावा जाने के दो रास्तों पर मानवीय कॉरिडोर तैयार किया गया।
पीएम मोदी के फोन के बाद 6 घंटे तक रूका युद्ध
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने 02 मार्च, 2022 की रात को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की थी। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने का मुद्दा उठाया था। रूस के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी को भरोसा दिलाया था कि रूस हर संभव मदद करने को तैयार है। इसके बाद भारतीय छात्रों को वॉर जोन से सुरक्षित निकालकर उन्हें भारत भेजने के लिए सभी जरूरी निर्देश जारी किए गए। खारकीव में छह घंटे के लिए हमले रोक दिए गए। खबरों के मुताबिक ये हमले बुधवार रात 9.30 बजे से रोके गए थे। इस दौरान भारतीय छात्रों के फौरन रेस्क्यू के लिए रूसी सेना द्वारा खारकीव से रूस तक एक सुरक्षित कॉरिडोर बनाया गया।
The Russians apparently agreed to a six hour window for allowing safe passage to all Indians in Kharkiv before an all-out assault begins tonight . The deadline is 2130 IST, about 3 hours from now. #UkraineWar
— Nitin A. Gokhale (@nitingokhale) March 2, 2022
अंतरराष्ट्रीय मित्रता का एक अनूठा और विश्वसनीय मॉडल
दिसंबर 2021 में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन भारत आए थे। तब प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच दोनों देशों के बीच सदियों पुराने संबंधों को बढ़ाने के लिए पहली ‘2+2’ मंत्रिस्तरीय वार्ता हुई थी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि पिछले कुछ दशकों में, दुनिया ने कई मूलभूत परिवर्तन देखे और विभिन्न प्रकार के भू-राजनीतिक समीकरण उभरे लेकिन भारत और रूस की मित्रता स्थिर रही। भारत और रूस के बीच संबंध वास्तव में अंतरराष्ट्रीय मित्रता का एक अनूठा और विश्वसनीय मॉडल है।