कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान किसानों को परेशानी से बचाने के लिए मोदी सरकार ने कई उपाय किए गए हैं। कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के नेतृत्व में किसानों को राहत के लिए अनेक उपाय लागू किए गए हैं। किसानों के हित में जो भी निर्णय लिए गए हैं, उन्हें अमल में लाने के साथ ही इस दौरान सामाजिक दूरी बनाए रखना बहुत ही जरूरी है।
अधिकारियों को जो निर्देश दिए गए हैं उनमें-
* फसलों की कटाई में किसानों को कोई परेशानी नहीं होना चाहिए
* कृषि उपज खेत के पास ही बिक सकें, साथ ही परिवहन सुगमता से हो
* कृषि आवाजाही के लिए ट्रकों को लॉकडाउन से छूट
* बुआई को लेकर खाद-बीज की कमी कहीं भी नहीं हो
* खाद-बीज के परिवहन के लिए भी पर्याप्त साधन उपलब्ध हो
- कृषि उत्पादों की खरीद से संबंधित संस्थाओं और न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित कार्यों, कृषि उत्पाद बाजार कमेटी व राज्यों द्वारा संचालित मंडियों, खाद की दुकानों, किसानों व श्रमिकों द्वारा खेत में किए जाने वाले कार्यों, कृषि उपकरणों की उपलब्धता हेतु कस्टम हायरिंग केंद्रों और खाद, कीटनाशक और बीजों की निर्माण व पैकेजिंग इकाइयों, फसल कटाई व बुआई से संबंधित कृषि व बागवानी में काम आने वाले यंत्रों की अंतरराज्यीय आवाजाही को छूट दी गई है।
- कृषि मशीनरी और कलपुर्जों की दुकानें लॉकडाउन में चालू रखी जा सकेगी। छूट में संबंधित आपूर्तिकर्ताओं को भी शामिल किया गया है। हाईवे पर ट्रकों की मरम्मत करने वाले गैरेज और पेट्रोल पंप भी चालू रहेंगे, जिससे कृषि उपज का परिवहन आसानी से हो सकें।
- इसी तरह, चाय बागानों पर अधिकतम 50 प्रतिशत कर्मचारी रखते हुए काम किया जा सकेगा।
राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) प्लेटफ़ॉर्म की नई सुविधाएं भी लांच की गई है, जिनका इस दौरान लाभ उठाया जा सकता है। केंद्र ने किसानों के अल्पकालिक फसली ऋण जो 1 मार्च 2020 और 31 मई 2020 के बीच देय हैं या देय होंगे, के लिए पुनर्भुगतान की अवधि भी 31 मई 2020 तक बढ़ाई है। किसान 31 मई 2020 तक अपने फसल ऋण को बिना किसी दंडात्मक ब्याज के केवल 4 प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज दर पर भुगतान कर सकते हैं।
मोदी सरकार ने कोरोना लॉकडाउन के दौरान किसानों की मदद के लिए कई कदम उठाए हैं। डालते हैं एक नजर-
पीएम फसल बीमा योजना के तहत 10 राज्यों को दिए 1,008 करोड़ रुपये
कोरोना संकट के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार हर वर्ग के लोगों को राहत देने के कार्य में जुटी है। पिछले 15-20 दिनों में केंद्र सरकार ने किसानों को हर तरह की मदद देने का कार्य किया है। मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत अब तक 10 राज्यों के किसानों को 1,008 करोड़ रुपये के दावों का भुगतान किया गया है। इस बीच केंद्र सरकार की यह कोशिश भी जारी है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से ज्यादा से ज्यादा किसान जुड़ें। आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने बीमा कंपनियों के सामने कई तरह की शर्तें रख दी हैं, ताकि किसानों का हित सुरक्षित रहे। इसके तहत बीमा का अधिकांश प्रीमियम केंद्र व राज्य सरकारें मिलकर देती हैं। किसानों को खरीफ फसलों पर कुल प्रीमियम का 2 फीसदी, रबी फसलों पर 1.5 और बागवानी नकदी फसलों पर अधिकतम 5 फीसदी प्रीमियम देना होता है। ऐसे में सरकार की कोशिश है कि अधिक से अधिक लोग इस योजना का फायदा उठाएं।
4.91 करोड़ किसानों के खातों में जमा कराए सम्मान निधि के 9,826 करोड़ रुपये
कोरोना वायरस महामारी से लड़ाई की अगुवाई कर रहे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हर वर्ग, हर समुदाय की मदद करने में भी जुटे हैं। मोदी सरकार ने कोरोना संकट के दौरान लोगों की मदद के लिए 1 लाख 70 हजार करोड़ रुपये का प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज का ऐलान किया है। जिसके तक महिलाओं, मजदूरों, किसानों, गरीबों को आर्थिक मदद दी जा रही है। इसी बीच मोदी सरकार ने पीएम-किसान सम्मान निधि की पहली किस्त के 2000 रुपये लाभार्थी किसानों के खातों में जमा कर दिए हैं।
देश में कोरोना संकट के चलते प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के अंतर्गत लॉकडाउन अवधि (24.03.2020 से 03.04.2020) के दौरान, लगभग 4.91 करोड़ किसान परिवार लाभान्वित हुए हैं और 9826 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।#IndiaFightsCorona pic.twitter.com/viTcpRoQDm
— Narendra Singh Tomar (@nstomar) April 4, 2020
कृषि मंत्रालय के मुताबिक लॉकडाउन के बीच में ही केंद्र सरकार ने 4.91 करोड़ किसानों के बैंक खातों में राशि डालने के लिए 9,826 करोड़ रुपए आवंटित कर दिए हैं और ये रकम उनके खातों में जमा भी करा दी गई है। जाहिर है कि केंद्र सरकार द्वारा हर साल इस योजना का लाभ लेने वाले किसानों के खातें में तीन किश्तों में 6000 रुपये की राशि जमा की जाती है। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही पीएम किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत अब तक 9 करोड़ किसान रजिस्टर्ड हो चुके हैं। इसमें से फिलहाल 4.91 करोड़ किसानों के खाते में यह राशि डाली जा रही है। यह राशि 24 मार्च 2020 से लेकर 3 अप्रैल 2020 जारी की गई है।
कोरोना संकट के बीच किसानों को मोदी सरकार की बड़ी राहत
कोरोना महामारी से निपटने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने 21 दिनों को लॉकडाउन किया है। जाहिर है कि इससे हर वर्ग और क्षेत्र के लोगों पर असर पड़ रहा है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार पिछले दस दिनों से लगातार हर क्षेत्र के लिए राहत पैकेज और सहूलियतों का ऐलान कर रही है। अब मोदी सरकार ने 7 करोड़ से अधिक किसान क्रेडिट कार्ड धारक किसान परिवारों को बड़ी राहत दी है। मोदी सरकार ने इन किसानों को राहत देते हुए किसान क्रेडिट कार्ड पर लिए गए कर्ज के भुगतान की डेट दो महीने बढ़ा दी है। बैंकों से लिए गए सभी अल्पकालिक फसली ऋण के भुगतान की अंतिम तारीख 31 मार्च से बढ़ाकर अब 31 मई कर दी गई है। अब किसान 31 मई तक अपने फसल ऋण को केवल 4 प्रतिशत प्रति वर्ष के पुराने रेट पर ही भुगतान कर सकते हैं। बता दें अगर किसान 31 मार्च या फिर समय पर इस कर्ज का बैंक को भुगतान नहीं करते हैं तो उन्हें 7 फीसदी ब्याज देना होता है।
जाहिर है कि खेती के लिए केसीसी पर लिए गए तीन लाख रुपये तक के लोन की ब्याजदर वैसे तो 9 फीसदी है, लेकिन मोदी सरकार इसमें 2 परसेंट की सब्सिडी देती है। यानी किसानों को 7 फीसदी ब्याज ही देना पड़ता है। अगर किसान समय पर कर्ज लौटा देता है तो उसे 3 फीसदी की और छूट मिल जाती है। इस तरह इसकी दर जिम्मेदार किसानों के लिए मात्र 4 फीसदी रह जाती है।
लॉकडाउन के दौरान खाद और बीज की दुकानों को राहत
इससे पहले सरकार ने कृषि से जुड़ी गतिविधियों को भी लॉकडाउन से अलग रखने का फैसला किया था। इसके तहत कृषि उत्पादों की खरीद, मंडियों, उर्वरकों की दुकानों, किसानों व कृषि श्रमिकों द्वारा खेत में किए जाने वाले कार्यों आदि में छूट दी गई है। फसल कटाई व बुआई और बागवानी में काम आने वाले यंत्रों की अंतरराज्यीय आवाजाही को भी छूट दी गई है।
गृह मंत्रालय के अनुसार 21 दिनों के लॉकडाउन के संबंध में आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कृषि व सम्बंधित वस्तुओं, सेवाओं और क्रियाकलापों को आवश्यक छूट देते हुए अतिरिक्त श्रेणियों में रखा गया है। इससे फसलों की कटाई में भी बाधा नहीं आएगी।
गृह मंत्रालय के अनुसार:
1. कृषि उत्पादों की खरीद से संबंधित संस्थाओं व न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित कार्यों,
2. कृषि उत्पाद बाजार कमेटी व राज्य सरकारों द्वारा संचालित मंडियों,
3. उर्वरकों की दुकानों, किसानों व कृषि श्रमिकों द्वारा खेत में किए जाने वाले कार्यों, कृषि उपकरणों हेतु कस्टम हायरिंग केंद्रों (सीएचसी) और
4. उर्वरक, कीटनाशक व बीजों की निर्माण व पैकेजिंग इकाइयों, फसल कटाई व बुआई से संबंधित कृषि व बाग़वानी में काम आने वाले यंत्रों की अंतरराज्य आवाजाही को भी छूट दी गई है।
यह निर्णय कृषि से संबंधित कार्यों के, बिना किसी व्यवधान के समय पर होने के संबंध में लिए गए हैं, जिससे कि इस विकट समय में लॉकडाउन के दौरान भी देश की जनता को खाद्यान्न उपलब्ध करवाया जा सके और किसानों व आम जनता को कोई परेशानी नहीं आएं।
मोदी सरकार ने कोरोना संकट के दौरान हर वर्ग के लिए राहत का ऐलान किया है। देखिए-
मोदी सरकार ने कोरोना महामारी से लड़ने के लिए राज्यों को जारी किए 17,287 करोड़ रुपये
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कोरोना महामारी के खिलाफ जंग का कुशलता से नेतृत्व कर रहे हैं। एक तरफ जहां प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए चिकित्सा व्यवस्था को मजबूत किया है, वहीं गरीबों, मजदूरों के लिए गरीब कल्याण पैकेज लेकर आए हैं। अब मोदी सरकार ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए राज्यों को 17,287 करोड़ रुपये जारी किए हैं। गृह मंत्रालय ने राज्य आपदा खतरा प्रबंधन फंड (एसडीआरएमएफ) से 11,092 करोड़ रुपये राज्यों को देने को मंजूरी दी। इसके साथ ही वित्त मंत्रालय ने 14 राज्यों को राजस्व घाटा अनुदान के तहत 6,195 करोड़ रुपये जारी किए हैं।
बताया जा रहा है कि राज्यों को रकम देने का वादा पीएम नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान किया था। गृह मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि केंद्र ने एसडीआरएमएफ में वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अपने हिस्से की 11,092 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी कर दी है। इधर, वित्त मंत्रालय ने भी15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के तहत पंजाब, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, असम, हिमाचल प्रदेश, केरल, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, तमिलनाडु और त्रिपुरा को राजस्व अनुदान घाटे का 6,195 करोड़ रुपये जारी किया है। राज्यों को इस पैसे का उपयोग क्वारंटीन के अलावा, कोरोना संदिग्धों के सैंपल लेने, स्क्रीनिंग, अतिरिक्त लैब बनाने, स्वास्थ्य, पालिका, पुलिस और दमकल कर्मियों के निजी सुरक्षा उपकरणों (पीपीई) की खरीद में करना होगा।
मोदी सरकार ने 20 करोड़ से अधिक महिलाओं के जन धन खातों में डाली राहत पैकेज की 500 रुपये की पहली किस्त
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार कोरोना महामारी संकट के दौरान देश के हर वर्ग, हर समुदाय के लोगों को राहत दे रही है। मोदी सरकार ने कुछ दिनों पहले ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज का ऐलान किया था। इसके तहत जन धन खाता धारक 20 करोड़ से अधिक महिलाओं के खातों में तीन किस्तों में 500 रुपये ट्रांसफर करने का ऐलान किया गया था। इसी के अंतर्गत मोदी सरकार ने शुक्रवार से इन गरीब महिलाओं के जन धन एकाउंट्स में राहत पैकेज की पहली किस्त ट्रांसफर करना शुरू कर दी है। बताया गया है कि 9 अप्रैल तक सभी महिलाओं के जन धन खातों में 500 रुपये की पहली किस्त ट्रांसफर कर दी जाएगी।
जाहिर है कि देश में कोरोना वायरस की वजह से 21 दिनों के लिए पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया गया है। गरीब लोगों को आर्थिक रूप से दिक्कत ना हो, जिसके तहत 1.70 लाख करोड़ रुपए के प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज का ऐलान किया गया था। जानकारी के अनुसार रुपयों का ट्रांसफर अकाउंट नंबर के लास्ट डिजिट के हिसाब से ट्रांसफर किया जाएगा। यह काम 9 अप्रैल तक पूरा होने की संभावना है। जिन जनधन महिला खाताधाकों के अकाउंट नंबर की लास्ट डिजिट 0 और 1 है, उनके खातों में तीन अप्रैल यानी आज से रुपया आना शुरू हो जाएगा। जिन खाता नंबर के लास्ट डिजिट 2 और 3 है उनमें 4 अप्रैल को, 4 और 5 वाले डिजिट वालों के सात अप्रैल को, 6 एवं 7 के 8अप्रैल और जिन खाता नंबर कं आखिरी डिजिट के नंबर 8 और 9 होंगे उनके अकाउंट में 9 अप्रैल को रुपया आ जाएगा। आईबीए के अनुसार 9 अप्रैल के बाद महिलाएं अपने जन धन खातों से अपना पैसा निकाल सकेंगी।
गरीबों को तीन महीने तक मिलेगा मुफ्त राशन
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 80 करोड़ गरीब लोगों को राहत दी जा रही है। सरकार किसी को भूखा नहीं रखेगी। इसके लिए गरीबों को 5 किलो गेहूं और 5 किलो चावल दिया जाएगा। यह राशन तीन महीने तक मुफ्त दिया जाएगा। इस तरह प्रति व्यक्ति 5 किलों गेहूं और चावल मुफ्त मिलेगा। एक परिवार को एक किलोग्राम भी दाल भी दी जाएगी। यह राशन पहले से पीडीएस के तहत मिल रहे हर महीने 5 किलो के राशन के अतिरिक्त होगा।
मनरेगा की मजदूरी रकम बढ़ाने का एलान
ग्रमीण क्षेत्र में मनरेगा के तहत रकम बढ़ाई जा रही है। इसका फायदा 5 करोड़ परिवारों को मिलेगा। मनरेगा की मजदूरी 182 रुपये से बढ़ाकर 202 रुपये की गई है। 60 साल के ज्यादा उम्र के लोगों, विधवाओं और दिव्यांग लोगों को अतिरिक्त 1000 रुपये की सहायता दी जा रही है। इसका 3 करोड़ लोगों को फायदा होगा। इसे दो किस्तों में दिया जाएगा। यह पैसा डायरेक्ट ट्रांसफर के माध्यम से सीधे खाते में जाएगा।
उज्ज्वला लाभार्थियों को तीन महीने तक 3 सिलेंडर मुफ्त
मोदी सरकार ने राहत पैकेज के तहत देश को 10 करोड़ से अधिक उज्ज्वला लाभार्थियों को अगले तीन महीने तक हर महीने एक रसोई गैस रिफिल मुफ्त देने का ऐलान किया है। इससे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को फायदा होगा।
एसएचजी के लिए अब 20 लाख रुपये का लोन
पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के लिए दिनदयाल योजना के तहत 10 लाख रुपये का कौलेटरल फ्री लोन दिया जाता था। इसे बढ़ाकर 20 लाख किया जा रहा है। इसका फायदा 7 करोड़ परिवारों को फायदा मिलेगा। ऐसे एसजीएच की संख्या देश में 63 लाख है। ये लोग बिना बैंक में संपत्ति गिरवी रखे अब 20 लाख रुपये का लोन ले सकेंगे।
ईपीएफ में कर्मचारी का पैसा सरकार जमा करेगी
संगठित क्षेत्र के तहत प्रोविडेंट फंड का कंट्रिब्यूशन सरकार देगी। 12 फीसदी नियोक्ता की रकम और 12 फीसदी कर्मचारी की रकम का भुगतान सरकार करेगी। यह पैसा ईपीएफ खाते में जाएगा। सरकार 24 फीसदी कुल योगदान करेगी। ऐसे संस्थान जिसमें कर्मचारी की संख्या 100 है और जसके 90 फीसदी कर्मचारी की सैलरी 15000 से कम है उन पर यह नियम लागू होगा।
ईपीएफ से ज्यादा रकम निकालने की सुविधा
ईपीएफ स्कीम के नियम बदले जाएंगे। फंड में पड़ा 75 फीसदी पैसा या 30 महीने का वेतन के बराबर रकम निकालने की सुविधा दी जााएगी। इसके तहत 4.8 करोड़ कर्मचारियों को फायदा होगा।
कोरोना से लड़ने के लिए डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड खर्च करने की इजाजत
मोदी सरकार ने राज्यों को कोरोना पीड़ितों के इलाज और उनकी जांच के लिए डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड का पैसा इस्तेमाल करने की इजाजत दी है। इससे हर जिले में कोरोना से संबंधित जांच काम में मदद मिलेगी। यह फंड राज्य सरकारों के पास उपबल्ध होता है।
कोरोना संकट के बीच आरबीआई की बड़ी राहत
कोरोना वायरस से अर्थव्यवस्था को होने वाले नुकसान के खतरे का अनुमान लगाते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कई कदम उठा हैं। रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में 0.75 फीसदी की बड़ी कटौती करने का फैसला किया है, जिससे रेपो रेट घटकर 4.4 फीसदी रह गया है। इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) में बी एक प्रतिशत की कटौती की है।
?RBI cuts Repo Rate by 75 basis points to 4.4% |
➡️Reverse Repo Rate by 90 basis points to 4% |
?CRR of all banks to be reduced by 100 basis points to 3%
?These measures will inject liquidity of Rs 3.74 lakh crore to the system.#IndiaFightsCorona
— PIB India ?? #StayHome #StaySafe (@PIB_India) March 27, 2020
समय से पहले हुई समीक्षा बैठक
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि कोरोना वायरस के चलते अर्थव्यवस्था के खतरे को देखते हुए मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) ने समय से पहले ही समीक्षा बैठक की। इस बैठक में 4 सदस्य बड़ी कटौती के पक्ष में थे, जिसके बाद यह फैसला लिया गया।
Governor’s address to media https://t.co/vsfV13L0UK
— ReserveBankOfIndia (@RBI) March 27, 2020
पीएम मोदी बोले आरबीआई ने उठाया बड़ा कदम
कोरोना वायारस से उपजे हालात के बीच आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘कोरोना वायरस से अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव से बचाने के लिए आज आरबीआई ने बड़े कदम उठाए हैं। घोषणाओं से तरलता में सुधार होगा, मध्यम वर्ग और व्यवसायों को मदद मिलेगी।’
Today @RBI has taken giant steps to safeguard our economy from the impact of the Coronavirus. The announcements will improve liquidity, reduce cost of funds, help middle class and businesses. https://t.co/pgYOUBQtNl
— Narendra Modi (@narendramodi) March 27, 2020
पहले भी आरबीआई कर चुका है कटौती
इसके पहले भी आरबीआई 5 बार दरों में कटौती कर चुकी है। आरबीआई से दी गई राहत के बाद कर्ज सस्ता होने की उम्मीद बढ़ गई है। इन तमाम उपायों से अर्थव्यवस्था में 3.74 लाख करोड़ रुपये की नकदी बढ़ने का अनुमान है।
कोरोना संक्रमण पर निर्भर करेगी आर्थिक वृद्धि दर और मुद्रास्फीति
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति के निर्णयों की घोषणा करते हुए कहा कि कोरोना वायरस से फैली महामारी के कारण अनिश्चितता की स्थिति है, इसलिए आर्थिक वृद्धि दर तथा मुद्रास्फीति के पूर्वानुमान से बचा गया है। उन्होंने कहा कि इनका अनुमान इस पर निर्भर होगा कि आने वाले समय में कोरोना वायरस का संक्रमण कैसा रहता है।
आइए आसाना शब्दों में समझते हैं कि आरबीआई द्वारा हुई बैठक में क्या मह्तवपूर्ण फैासले लिए गए –
– आरबीआई ने रेपो रेट में 0.75 फीसदी की कटौती कर दी है और रेपो रेट 5.15 फीसदी से घटाकर 4.40 फीसदी कर दिया।
– अब सस्ती दरों पर कर्ज मिल सकेगा और बैंकों के पास इसका फायदा अपने ग्राहकों को देने का मौका रहेगा, साथ ही ईएमआई भी सस्ती होने का अनुमान है।
– आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट भी 0.90 फीसदी घटाकर 4 फीसदी किया है, ये वो दर है जिस पर आरबीआई शॉर्ट टर्म के लिए बैंकों से कर्ज लेता है और इसके जरिए आरबीआई ने सिस्टम में लिक्विडिटी बनाए रखने की कोशिश की है।
– आरबीआई ने कैश रिजर्व रेश्यो में 1 फीसदी की कटौती की है, इससे बैंकों के पास 1.37 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त रकम रहेगी।
– बैंकों और एनबीएफसी को तीन महीने का ऋण स्थगित किया गया है, इसके तहत उन्हें कर्ज और ब्याज अदा करने में 3 महीने की छूट दी गई है।
– आरबीआई ने बैंकों, एनबीएफसी को सलाह दी है कि वो अपने ग्राहकों से लोन की ईएमआई तीन महीनों के लिए लेना टाल दें जिससे ग्राहकों को दिक्कत का सामना ना करना पड़े।
– आरबीआई ने बैंकों के लिए भी लोन-रीपेमेंट नियमों में ढील दी है।
– आरबीआई ने बताया कि मार्जिन स्टेंडिंग फैसिलिटी कैप 2 फीसदी से बढ़कर 3 फीसदी की गई है और नेट फंडिंग रेश्यो नियम को 6 महीने के लिए टाला जा रहा है, जिससे बैंकों के एनपीए इस मुश्किल समय में नहीं बढ़ेंगे।
– आरबीआई गवर्नर के अनुसार सिस्टम में पिछली एमपीसी बैठक से लेकर अबतक 2.8 लाख करोड़ रुपए डाले गए हैं। ये फैसले लिक्विडिटी बनाए रखने के लिए किए गए हैं।
– आरबीआई गवर्नर ने बताया कि भारतीय बैंकिंग सिस्टम पूरी तरह सुरक्षित और मजबूत है लिहाजा बैंकों के ग्राहकों को चिंतित होने की कोई जरुरत नहीं है।