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मजबूती के साथ तेजी से आगे बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी के 9.1 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद

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कोरोना संकट से उबरती हुई भारतीय अर्थव्यवस्था ने रफ्तार पकड़ ली है। आज मोदी सरकार की नीतियों की वजह से अर्थव्यवस्था के हर सेक्टर में तेजी आने से जीडीपी में भी सुधार दिखाई दे रहा है। उद्योग मंडल फिक्की ने गुरुवार (7 अक्टूबर, 2021) को कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 9.1 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। फिक्की ने कहा कि महामारी की दूसरी लहर के बाद अब आर्थिक सुधार अपनी पकड़ मजबूत करता दिखाई दे रहा है।

हालांकि फिक्की के आर्थिक परिदृश्य सर्वेक्षण में मौजूदा त्योहारी सत्र में अर्थव्यवस्था को और रफ्तार मिलने की उम्मीद जतायी गई है, लेकिन आगाह किया गया है कि दिवाली के दौरान लोगों की आवाजाही बढ़ने के चलते कोविड मामलों में वृद्धि हो सकती है। फिक्की ने कहा कि दूसरे हिस्से में मानसूनी बारिश में तेजी और खरीफ के रकबे में बढ़ोतरी से कृषि क्षेत्र की वृद्धि की उम्मीदें बरकरार हैं। गौरतलब है कि पिछले सर्वेक्षण (जुलाई 2021) में फिक्की ने नौ प्रतिशत वृद्धि का अनुमान जताया था। 

उधर घरेलू रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कंपनियों द्वारा तिमाही आय के आंकड़े जारी करने से पहले गुरुवार को कहा कि भारतीय कंपनियां इस साल जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 18-20 प्रतिशत आय वृद्धि दर्ज कर सकती हैं। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि शुद्ध आय में शानदार वृद्धि वॉल्यूम में बढ़त और कमोडिटी की कीमतों में बढ़ोतरी, दोनों से प्रेरित होगी।

आइए देखते हैं मोदी सरकार के प्रयास से देश की अर्थव्यवस्था किस तरह आगे बढ़ रही है…

इससे पहले जीएसटी कलेक्शन के आंकड़ों ने देश की अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लौटने का संकेत दिया था। सितंबर के महीने में 1.17 लाख करोड़ रूपये से अधिक जीएसटी का संग्रह हुआ। मोदी सरकार के प्रयासों से जीएसटी कलेक्शन की रफ्तार बरकरार है। देश की अर्थव्यवस्था को कोरोना महामारी के असर से बाहर निकालने और विकास को तेज रफ्तार देने के लिए मोदी सरकार ने कई अहम फैसले लिए थे। 

सही राह पर अर्थव्यवस्था:GST कलेक्शन के आंकड़ों से संकेत 

• सितंबर में सकल जीएसटी राजस्व संग्रह 1,17,010 करोड़ रुपये
• पिछले साल के इसी महीने की तुलना में 23 प्रतिशत अधिक
• अगस्त, 2021 के 1,12,020 करोड़ रुपये के अधिक GST कलेक्शन

सरकार के जीएसटी कलेक्शन के आंकड़ों को करीब से देखें तो जीएसटी के तौर पर मिले 1,17,010 करोड़ रुपयों का गणित कुछ इस प्रकार है।

• जीएसटी-20,578 करोड़ रुपये
• एसजीएसटी-26,767 करोड़ रुपये
• आईजीएसटी-60,911 करोड़ रुपये
  (वस्तुओं के आयात से मिले 29,555 करोड़ रुपये सहित)
• उपकर-8,754 करोड़ रुपये
  (वस्तुओं के आयात पर जमा किए गए 623 करोड़ रुपये सहित)

मोदी सरकार के फैसलों से भर रहा देश का खजाना

पिछले साल के मुकाबले इस साल सरकार को वस्तुओं के आयात से 30 फीसदी अधिक कमाई हुई है। वहीं घरेलू लेन-देन (सेवाओं के आयात सहित) से प्राप्त राजस्व 20 प्रतिशत अधिक रहा है। अगर साल 2019 से तुलना करें तो उस साल सितंबर के महीने में एक लाख से भी कम यानि 91,916 करोड़ रुपयों का GST कलेक्शन हुआ था। सितंबर 2019 की तुलना में इस तिमाही में GST कलेक्शन 4 प्रतिशत बढ़ा है। इस साल पहली और दूसरी तिमाही में GST कलेक्शन में इजाफे से साफ है कि देश की अर्थव्यवस्था को लेकर मोदी सरकार की नीतियां सही राह पर हैं। जिसका फायदा आम लोगों तक भी पहुंच रहा है।

कोरोना महामारी के असर से बाहर निकल रही अर्थव्यवस्था

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कोरोना संकट काल में भी देश की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है। देश सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनने के रास्ते पर है। इकोनॉमिक थिंक टैंक NCAER ने देश की विकास दर का अनुमान बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दिया है।

  • 9.5 प्रतिशत रहेगी देश की विकास दर-भारतीय रिजर्व बैंक का कहना है कि चालू वित्त वर्ष 2021-22 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 9.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
  • एसएंडपी ने आर्थिक वृद्धि दर 9.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया-एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक वृद्धि दर 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि 2022-23 में यह 7 प्रतिशत रह सकती है।
  • मूडीज ने कहा दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनेगा भारत-अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कहा है कि भारत दुनिया की सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था की राह पर लौट रहा है। पहली तिमाही में तेज विकास दर से यह भरोसा और मजबूत हुआ है।
  • एनसीएईआर का 8.4 से 10.1 फीसदी GDP ग्रोथ का अनुमान-मोदी सरकार की नीतियों की वजह से अर्थव्यवस्था इस संकट काल में भी काफी मजबूत है। 
  • एशियाई देशों में भारत की विकास दर रहेगी सबसे बेहतर-कोरोना महामारी और तमाम विपरीत परिस्थियों के बावजूद मोदी सरकार की नीतियों के चलते देश की इकोनॉमी वृद्धि कर रही है। 
  • जापान की ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा ने कहा है कि साल 2021 में देश की विकास दर 12.8 प्रतिशत हो सकती है।
  • इक्रा का अनुमान, 8.5 प्रतिशत रह सकती है जीडीपी ग्रोथ-रेटिंग एजेंसी इक्रा ने कहा है कि कोरोना के घटते मामले और लॉकडाउन में ढील से वित्त वर्ष 2021-22 में देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 8.5 प्रतिशत रह सकती है।
  • संयुक्त राष्ट्र ने 2022 के लिए जताया 10.1 प्रतिशत ग्रोथ का अनुमान-यूएन ने साल 2022 में भारत की जीडीपी ग्रोथ का पूर्वानुमान 10.1 प्रतिशत लगाया है। 
  • एडीबी ने जताया 11 प्रतिशत ग्रोथ का अनुमान-एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 11 प्रतिशत बढ़ने की संभावना है।
  • IMF ने कहा चीन से 4 प्रतिशत ज्यादा रहेगी विकास दर-अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने कहा है कि साल 2021 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 12.5 प्रतिशत रह सकती है। 
  • फिंच ने कहा है 2021-22 में 9.5 प्रतिशत रह सकती है विकास दर-रेटिंग एजेंसी फिच ने कहा है कि वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की विकास दर 9.5 प्रतिशत रह सकती है। फिच ने कहा कि कोरोना संकट के बाद देश की जीडीपी वृद्धि दर के वापस पटरी पर लौटने की उम्मीद है।

 

 

 

 

 

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