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मोदी सरकार में अल्पसंख्यकों का सम्मान के साथ विकास

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पूरे देश में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। अल्पसंख्यकों में डर फैलायी जा रही है कि मोदी सरकार उनके हितों के खिलाफ काम कर रही है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अल्पसंख्यकों के कल्याण और उनके विकास को लेकर कितने फिक्रमंद है। पिछले पांच सालों में मोदी सरकार ने ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ का मंत्र लेकर अल्पसंख्यकों की उन्नति के लिए लगातार प्रयास किया है।

सुगम हुई हज यात्रा

आजादी के बाद ऐसा पहली बार हुआ, जब 2019 में रिकॉर्ड 2 लाख भारतीय मुसलमानों ने हज यात्रा की, जिनमें 48 प्रतिशत महिलाएं थीं। यह तभी संभव हुआ, जब पीएम मोदी ने सऊदी अरब से भारतीय हज कोटे को 1.75 लाख से बढ़ाकर 2 लाख करने की अपील की। 2017 में मोदी सरकार ने बिना ‘मेहरम’ (पुरुष साथी) महिला के हज यात्रा पर जाने की रोक को हटाया। जिसके बाद 2018 में 1300 और 2019 में 2300 से अधिक मुस्लिम महिलाएं हज यात्रा पर गईं। सऊदी अरब में महिला हज यात्रियों के लिए अलग से सुविधाएं दी गईं । मक्‍का में 16 और मदीना में 3 स्वास्थ्य केंद्र स्‍थापित किए गए। हज यात्रियों की सुविधा के लिए वेबसाइट और मोबाइल ऐप भी लॉन्च किए गए। यही नहीं मोदी सरकार ने हज यात्रा पर लगने वाली जीएसटी दर को 18% से घटाकर 5% कर दिया। अब मोदी सरकार ने समुद्री मार्ग से हज यात्रा के लिए सऊदी अरब से समझौता किया है।

अल्पसंख्यकों के लिए बजट में वृद्धि

जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की बगड़ोर संभाली, तो विपक्षी दलों ने अल्पसंख्यकों को लेकर अफवाहें फैलाने की कोशिश की, लेकिन पीएम मोदी ने सभी अटकलों को खारिज कर दिया। इतना ही नहीं अल्पसंख्यकों के विकास के लिए केंद्र सरकार द्वारा मिलने वाला बजट भी कम नहीं हुआ बल्कि साल दर साल बढ़ता ही रहा। जहां 2013-14 के बजट में अल्पसंख्यकों के लिए 3511 करोड़ रुपये दिए गए, जो 2019-20 में बढ़कर 4700 करोड़ रुपये हो गया।

प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रमों का विस्तार

प्रधानमंत्री जन विकास योजना अल्पसंख्यकों और समाज के अन्य वर्गों की सामाजिक,आर्थिक-शैक्षिक सशक्तीकरण की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हुई है। मुस्लिम बहुल जिलों में आधारभूत सुविधाओं के विकास के लिए प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रमों का विस्तार किया गया। 2014 में पहचाने गए अल्पसंख्यक बहुल जिलों की संख्या 90 थी, जो 2019 में बढ़कर 308 हो गईं।

जीवन  हुआ सुगम 

मोदी सरकार ने कई ऐसी योजनाएं शुरू की हैं, जिनसे अल्पसंख्यकों के जीवन को बेहतर बनाने में मदद मिली है। इन योजनाओं में आयुष्मान भारत योजना, जन धन योजना, पीएम-किसान सम्मान निधि, पीएम श्रमयोगी मान-धन योजना, अटल पेंशन योजना, पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना, पीएम सुरक्षाा बीमा योजना, पीएम फसल बीमा योजना, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, सुकन्या समृद्धि, उज्ज्वला योजना, आवास योजना, उजाला योजना, जल-जीवन मिशन आदि शामिल है।

अल्पसंख्यकों का शैक्षणिक विकास

मोदी सरकार ने अल्पसंख्यकों के शैक्षणिक विकास के लिए अगले 5 साल में 5 करोड़ छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्तियां देने का फैसला किया है। जबकि पिछले 5 साले में 3.8 करोड़ छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्तियां मिल चुकी हैं। ‘नई उड़ान’ योजना के तहत विद्यार्थियों को प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए फ्री कोचिंग की सुविधा दी जा रही है। पिछले 5 सालों में 59,988 छात्र-छात्राओं ने फ्री कोचिंग की सुविधा का लाभ उठाया है। मदरसों को आधुनिक शिक्षा से जोड़ने के साथ ही ‘थ्री टी’ योजना यानी टॉयलेट, टिफिन और टीचर की शुरुआत की गई है। बीच में पढ़ाई छोड़ने वाले छात्रों के लिए ‘सेतु पाठ्यक्रम’ और विदेशों में पढ़ाई के लिए ‘पढ़ो प्रदेश’ योजना मददगार साबित हो रही है।  

कौशल, रोजगार और विकास

पूरे देश में करीब 100 गरीब नवाज कौशल विकास केंद्र खोले गए, जिनमें पिछले 5 साल में 3.9 लाख युवाओं को प्रशिक्षण मिला और 5.6 लाख लाभार्थियों को लोन भी मिला। मोदी सरकार में 6 लाख से अधिक अल्पसंख्यक युवाओं को रोजगार मिला है। युवाओं के कौशल विकास के लिए सीखो और कमाओ योजना और 2015 में हस्तशिल्पियों और दस्तकारों के लिए उस्ताद योजना शुरू की गई।  मोदी सरकार ने अल्पसंख्यकों की समस्याओं को सुनने और समाधान के लिए प्रोग्रेस पंचायत की शुरूआत की।

रोजगार और बाजार का स्रोत ‘हुनर हाट’

दस्तकारों और शिल्पकारों के लिए रोजगार सृजन और बाजार से जोड़ने के लिए ‘हुनर हाट’ का आयोजन किया जा रहा है। पिछले चार वर्षों में एक दर्जन से अधिक ‘हुनर हाट’ का आयोजन किया गया। नवंबर, 2019 तक ‘हुनर हाट’ के माध्यम से 5 लाख शिल्‍पकारों और कारीगरों को रोजगार मिला।

डिजिटल इंडिया से आई पारदर्शिता

मोदी सरकार ने वक्फ बोर्ड एवं वक्फ संपत्तियों के दस्तावेजों का डिजिटलीकरण का काम शुरू किया है। मार्च 2019 तक 90% दस्तावेजों का डिजिटलीकरण किया जा चुका है। जिससे वक्फ बोर्ड एवं वक्फ संपत्तियों के दस्तावेजों में पारदर्शिता आई है। अब तक देशभर में 6 लाख से अधिक वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण हुआ है। डीबीटी के माध्यम से छात्रों को छात्रवृत्तियां मिल रही हैं। डिजिटल साक्षरता के लिए ‘साइबर ग्राम’ परियोजना की शुरूआत की गई है।

कुरीतियों से मुक्ति और विकास

सदियों से सामाजिक भेदभाव और उत्पीड़न का सामना कर रही मुस्लिम महिलाओं को मोदी राज में ही बड़ी राहत मिली, जब मोदी सरकार ने तीन तलाक को कानूनी रूप से अपराध घोषित कर दिया। नई रोशनी योजना के तहत महिलाओं में नेतृत्‍व क्षमता का विकास किया जा रहा है। बालिकाओं की शिक्षा के लिए पढ़ो-बढ़ो अभियान और लड़कियों में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शादी शगुन योजना की शुरूआत की गई है। शादी शगुन योजना के तहत मुस्लिम लड़कियों को स्नातक करने के बाद 51,000 रुपये दिए जाते हैं। छात्राओं के लिए बेगम हजरत महल नेशनल स्कॉलरशिप दी जा रही है।

 गुरुवाणी का प्रसार

मोदी सरकार ने विभिन्न भारतीय भाषाओं में गुरुवाणी के प्रकाशन का फैसला किया है। मोदी सरकार के अनुरोध पर ही यूनेस्को गुरु नानक देवजी की शिक्षा को विश्व भाषाओं में प्रकाशित करने जा रहा है। वहीं केंद्र सरकार के सहयोग से पंजाब के गुरुनानक देव विश्वविद्यालय में अंत: पंथ केंद्र की स्थापना की जा रही है। अमृतसर में गुरु नानक जी के नाम पर यूनिवर्सिटी का निर्माण किया जा रहा है, जिसका टाइ-अप अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों से किया जाएगा। मोदी सरकार के सहयोग से ब्रिटेन के बर्मिंघम विश्वविद्यालय में गुरु नानक पीठ की स्थापना की गई है। इसी तरह की एक पीठ कनाडा के एक विश्वविद्यालय में भी स्थापित की जाएगी।

सिखों को मिला इंसाफ और सम्मान

मोदी सरकार ने 2015 में सिखों को इंसाफ दिलाने के लिए एसआईटी बनाई और सजा भी दिलाई। पीएम मोदी ने 2018 में ऐतिहासिक फैसला लेते हुए करतारपुर कॉरिडोर के निर्माण को मंजूरी दी और 9 नवंबर, 2019 को कॉरिडोर को देश को समर्पित किया। इस दौरान शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने पीएम मोदी को ‘कौमी सेवा पुरस्‍कार’ से सम्मानित किया। ऐतिहासिक शहर सुल्तानपुर लोढ़ा को हेरिटेज टाउन के रूप में विकसित किया जा रहा है। पीएम मोदी ने 13 जनवरी, 2019 को गुरु गोबिंद सिंह की जयंती पर स्मारक सिक्का जारी किया। 5 जनवरी, 2017 को पटना में गुरु गोविंद सिंह की 350वीं जयंती मनायी गई, जिसमें पीएम मोदी भी शामिल हुए। सिख श्रद्धालु अब देश के पांचों पवित्र तख्त स्थलों के दर्शन पंज तख्त एक्सप्रेस से कर सकेंगे। देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में कई सिखों को ब्लैक लिस्ट किया गया था, जिसमें से 312 सिखों के नाम ब्लैक लिस्ट से हटाए गए।  अब वे भारत स्थित अपने रिश्तेदारों से मिल सकेंगे। बीते 5 वर्ष में करीब 27 लाख सिख विद्यार्थियों को स्‍कॉलरशिप दी गईं।

पीएम मोदी की ‘बुद्ध नीति’

पीएम मोदी ने अपनी विदेश नीति में ‘बुद्ध नीति’ को महत्व दिया है। जो दक्षिण पूर्व एशिया के लिए सांस्कृतिक पुल बनीं है। इससे दक्षिण पूर्व एशिया के देशों से भारत के संबंधों में मजबूती आ रही है, वहीं चीन से भी मुकाबला करने में भी मदद मिल रही है। साथ ही पर्यटन और रोजगार को भी बढ़ावा मिला है। 

मोदी राज में बौद्ध विस्तार

पीएम मोदी ने 2015 में बुद्ध जयंती को राष्ट्रीय पर्व के तौर पर मनाए जाने की घोषणा की। देश में भगवान बुद्ध से जुड़ी जगहों को जोड़ने के लिए ‘बौद्ध सर्किट’ परियोजना की शुरुआत की गई है। इसके तहत सड़कों का विकास किया जा रहा है,जिसका काम 2020 तक पूरा हो जायेगा। मोदी सरकार म्‍यांमार, अफगानिस्तान, कंबोडिया, लाओस, वियतनाम में बौद्ध मंदिरों के संरक्षण में मदद कर रही है। मंगोलिया के Ganden Monastery की सारी पांडुलिपियों के संरक्षण और उनके डिजिटलीकरण का काम भी किया जा रहा है।

पारसियों की जनसांख्यिकी वृद्धि

जुलाई 2017 में “जियो पारसी पब्लिसिटी फेज-2” की शुरुआत की गई थी। इसके तहत पारसियों की घटती जनसंख्या को रोकने में सफलता मिली है। मार्च 2019 तक पारसी समुदाय के 184 बच्चों का जन्म हुआ। पारसियों की घटती जनसंख्या को रोकने के लिए मोदी सरकार उन्हें परामर्श एवं चिकित्सा सहायता दे रही है।

 

 

 

 

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