माइक्रोसॉफ्ट के सहसंस्थापक बिल गेट्स ने उम्मीद जताई है कि 2021 के पहले क्वार्टर में कोरोना वैक्सीन मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन को लेकर पूरी दुनिया की निगाहें भारत पर टिकी हुई हैं क्योंकि वैक्सीन की खोज के बाद भारत में उसका उत्पादन तेजी से करने की क्षमता है।
बिल गेट्स ने समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि उन्हें कोरोना वायरस वैक्सीन के उत्पादन के लिए भारत की जरूरत है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि अगले साल की शुरुआत तक भारत में बड़े स्तर पर कोरोना वैक्सीन का उत्पादन होगा और पूरी दुनिया को वैक्सीन की सप्लाई होगी।
गौरतलब है कि भारतीय फार्मा इंडस्ट्री बड़े पैमाने पर पूरी दुनिया के लिए अलग-अलग तरह की वैक्सीन का उत्पादन करती है और इसी क्षमता को देखते हुए पूरी दुनिया भारत की तरफ देख रही है।
कोरोना संकट के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की सक्रियता और उनके फैसलों की वजह से देश ही नहीं पूरी दुनिया उनकी मुरीद बन गई है। आइए देखते हैं पूरे विश्व में किस प्रकार की जा रही है पीएम मोदी के योगदान की प्रशंसा-
WHO ने की आयुष्मान भारत योजना की तारीफ, कहा- कोरोना संक्रमण मामले में अनुमान से काफी बेहतर स्थिति में है भारत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार भारत में बढ़ते कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। जिसका नतीजा है कि संक्रमण के मामले बढ़ने के बावजूद अन्य देशों के मुकाबले भारत की स्थिति काफी बेहतर है। इसकी पुष्टि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी कर रहा है। WHO का कहना है कि भारत को लेकर जिस तरह का अनुमान लगाया गया था, उससे कोरोना की रफ्तार काफी कम और नियंत्रित है।
भारत में कोरोना का असर अनुमान से काफी कम
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़, विश्व स्वास्थ्य संगठन के बताया है कि भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की संख्या हर तीन हफ्तों में दोगुनी हो रही है लेकिन अब तक भारत और दक्षिण एशियाई क्षेत्रों में कोरोना वायरस का असर उस तरह का नहीं दिखाई दिया है जैसा अनुमान लगाया गया था।
घनी आबादी के बावजूद संक्रमण की रफ्तार कम
विश्व स्वास्थ्य संगठन की आपातकाल टीम के प्रमुख डॉ.माइक रायन के मुताबिक दक्षिण एशिया में भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में काफी घनी आबादी है, इसके बावजूद यहां पर कोरोना वायरस का असर काफी हल्का रहा है। हालांकि अभी भी जोखिम बना हुआ है।
आबादी के मुकाबले संक्रमण काफी कम
विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामिनाथन भी कहती हैं कि भारत में भले ही दो लाख से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हों लेकिन एक अरब तीस करोड़ की जनसंख्या वाले इस देश में यह ज्यादा नहीं है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के दावे की पुष्टि
भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में रोजाना दर्ज किए जा रहे कोरोना वायरस के मामले और मौतों का अध्ययन करके यह निष्कर्ष निकाला है कि भारत में कोरोना वायरस इंफेक्शन के फैलने की दर (ट्रांसमिशन रेट) विकसित देशों के मुकाबले काफी कम है। देश में 100 संक्रमित मरीजों से एक हजार संक्रमित मरीज का आंकड़ा पहुंचने में 12 दिन लगे। जबकि, इतने ही समय में विकसित देशों में आंकड़ा, 3,500, 5000, 6000 और यहां तक कि 8000 तक पहुंच गया था। इसके अलावा, भारत में किसी भी देश के मुकाबले जनसंख्या काफी ज्यादा है।
धीमी रफ्तार के पीछे सरकार के प्रयास
जॉइंट हेल्थ सेक्रेटरी के मुताबिक, कोरोना वायरस इंफेक्शन की धीमी रफ्तार के पीछे देश और सरकार द्वारा बिना देरी किए कोरोना वायरस रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन जैसे मजबूत और प्रभावशाली तरीकों का अपनाना रहा। इसके अलावा, देश के नागरिकों द्वारा मिल रहे सहयोग को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। WHO के इसे इमरजेंसी घोषित करने से 13 दिन पहले ही भारत ने इसे रोकने का प्रयास शुरू कर दिया था।
आयुष्मान भारत योजना कोरोना से लड़ने में मददगार- WHO
उधर विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. तेद्रोस गेब्रियेसस ने आयुष्मान भारत योजना की तारीफ करते हुए कहा है कि इसके क्रियान्वयन में तेजी लाकर देश कोविड-19 से बेहतर तरीके से निपट सकता है। शुक्रवार को उन्होंने कहा, “निस्संदेह कोविड बहुत दुभार्ग्यपूर्ण है और कई राष्ट्रों के समक्ष गंभीर चुनौती है, लेकिन हमें इसमें अवसर भी तलाशने होंगे। भारत के लिए यह आयुष्मान भारत को गति देने का अवसर साबित हो सकता है, खासकर प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं पर फोकस करते हुए।”
मोदी सरकार की प्रतिबद्धता की तारीफ
तेद्रोस ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं और जन भागीदारी के जरिये हम महामारी की लहर का रुख मोड़ सकते हैं। भारत ने जो योजना शुरू की है उसका भरपूर इस्तेमाल करने और उसके क्रियान्वयन को गति देने से उसे लाभ हो सकता है। भारत की सरकार आयुष्मान भारत को तेजी से लागू करने के लिए काफी प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इस योजना को कसौटी पर कसने और गति देने के लिए अच्छा अवसर हो सकता है। इस महामारी से लड़ने में इसका पूरा इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
WHO की वैज्ञानिक ने की मोदी सरकार की तारीफ
विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने अन्य देशों की तुलना में कोरोना संक्रमण और मौतों को कम रखने के लिए भारत और प्रधानमंत्री मोदी की सराहना की है। उन्होंने ये भी कहा कि भारत कोविड-19 का टीका बनाने में भी अहम भूमिका निभाएगा। डॉ. स्वामिनाथन ने कहा कि भारत इस प्रक्रिया का हिस्सा नहीं होगा तो दुनियाभर के लिए पर्याप्त मात्रा में कोरोना वायरस टीके का निर्माण असंभव होगा।
कोरोना संकट के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की सक्रियता और उनके फैसलों की वजह से देश ही नहीं पूरी दुनिया उनकी मुरीद बन गई है। आइए देखते हैं पूरे विश्व में किस प्रकार की जा रही है पीएम मोदी के योगदान की प्रशंसा-
कोरोना की लड़ाई में लीड कर रहा है भारत, अमेरिकी सांसद ने की प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ
कोरोना के खिलाफ लड़ाई मे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों की पूरी दुनिया तारीफ कर रही है। WHO से लेकर ब्राजील, इजरायल और अमेरिका तक दुनिया के तमाम देश भारत के प्रयासों की प्रशंसा कर चुके हैं। अब अमेरिका के एक प्रभावशाली सांसद ने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि भारत कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में एक लीडर के तौर पर सामने आया है। सांसद जॉर्ज होल्डिंग ने कहा कि भारत अमेरिका के सबसे करीबी और महत्वपूर्ण सहयोगियों में से एक है और मुझे खुशी है कि इस वैश्विक महामारी के दौरान हमारी खास साझेदारी मजबूत बनी हुई है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार कोरोना से निपटने में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मदद के लिए अपने देश और अमेरिका दोनों में कड़ी मेहनत कर रही है। उत्तर कैरोलिना के रिपब्लिकन सांसद होल्डिंग ने कहा कि अप्रैल की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देशव्यापी लॉकडाउन के बीच अंतरराष्ट्रीय व्यापार के सामने आ रही चुनौतियों से निपटने के लिए साथ मिलकर काम किया। तब से भारत ने अमेरिका को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन की बड़ी खेप जैसी अहम सामग्री मुहैया कराई। उत्तर कैरोलिना के रिपब्लिकन सांसद होल्डिंग ने अमेरिका में महामारी के बीच राहत कार्यों में भारतीय-अमेरिकी गैर लाभकारी संगठनों और सामुदायिक संगठनों द्वारा निभाई जा रही भूमिका की भी सराहना की।
पुलित्जर विजेता पत्रकार ने भी माना पीएम मोदी का लोहा
पुलित्जर पुरस्कार विजेता और न्यूयॉर्क टाइम्स के मशहूर कॉलमनिस्ट थॉमस फ्रायडमैन ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में समय पर उचित प्रयास करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सराहना की। अमेरिकी पत्रकार ने माना कि मोदी सरकार ने कोरोना वायरस को परास्त करने में बेहतरीन काम किया है। इंडिया टुडे के ई-कॉन्क्लेव कोरोना सीरीज में हिस्सा लेते हुए उन्होंने कहा कि शुरुआती कोशिशों की वजह से भारत में कोरोना को फैलने से रोकने में कामयाबी मिली। सबसे दिलचस्प बात यह है कि जब उनसे पूछा गया कि दुनिया के देशों के और कौन नेता हैं, जिन्होंने कोरोना को रोकने के लिए उल्लेखनीय काम किया, तो उन्होंने पीएम मोदी के अलावा किसी भी नेता का नाम नहीं लिया।
बिल गेट्स ने की कोरोना से जंग में पीएम मोदी की प्रशंसा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिस प्रकार भारत में कोरोना महामारी से जंग की अगुवाई कर रहे हैं, जिस प्रकार करोड़ों देशवासियों की इस जानलेवा वायरस से रक्षा कर रहे हैं, उसकी पूरी दुनिया में तारीफ हो रही है। तमाम अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं ने इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा की है। दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति और माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के संस्थापक बिल गेट्स ने भी प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर कोरोना महामारी के खिलाफ भारत के प्रयासों के लिए उनकी तारीफ की है। उन्होंने अपने पत्र में पीएम मोदी के नेतृत्व और कोरोना महामारी को लेकर केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की है।
बिल गेट्स ने अपने पत्र में कहा, ‘मैं कोरोना महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए आपके नेतृत्व के साथ-साथ आपकी और आपकी सरकार के सक्रिय कदमों की सराहना करता हूं। देश में हॉटस्पॉट चिह्नित करने और लोगों को आइसोलेशन में रखने के लिए लॉकडाउन, क्वारंटाइन के साथ-साथ इस महामारी से लड़ने के लिए जरूरी हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाना सराहनीय है। आपने रिसर्च और डेवलेपमेंट के साथ-साथ डिजिटल इनोवेशन पर भी काफी जोर दिया है।‘
कोरोना से लड़ाई में विश्व नेता बना भारत- UN
वैश्विक महामारी कोरोना से लड़ाई के दौरान दुनिया के देशों की समय पर मदद करने और अपने देश को संभालने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व का आज पूरा विश्व कायल है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी भारत की जमकर प्रशंसा की है। उन्होंने तो दुनिया के दूसरे देशों को भी भारत से सीख लेने की बात कही है। गुटेरेस का यह बयान ऐसे समय आया है जब हाल ही में भारत ने अमेरिका समेत कई देशों को कोरोनावायरस संक्रमण से निजात दिलाने वाली दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन की आपूर्ति की थी।
भारत ने न सिर्फ अपने यहां लॉकडाउन, सोशल डिस्टेंसिंग के जरिए स्थितियों को कंट्रोल में रखा है, साथ ही वो लगातार कोरोना से बुरी तरह प्रभावित देशों की मदद भी कर रहा है। भारत के इसी जज्बा को देखकर यूएन के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने उसे सलाम किया है। इसके साथ ही दुनिया के देशों को भी भारत से सीखने की सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि मुश्किल समय में कैसा व्यवहार करना चाहिए और दूसरों की मदद की भावना से काम करना चाहिए वह भारत से सीखने की जरूरत है।
WHO ने की मोदी सरकार के प्रयासों की प्रशंसा
WHO के COVID-19 के विशेष प्रतिनिधिन डेविड नबैरो ने एनडीटीवी के साथ बातचीत में भारत की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर विश्व के अन्य देशों ने जहां लापरवाही बरती,वहीं भारत ने कड़े उठाए हैं और कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत अन्य देशों से आगे है।
"India has a chance of getting on top of this virus and getting ahead of it. Other countries were slow and didn't have any plan because they thought this is not a big problem. But India imposed the strong measures quite quickly", says Dr David Nabarro, Special Envoy COVID-19, WHO pic.twitter.com/Q4ih8tdwDR
— BJP (@BJP4India) April 2, 2020
उन्होंने कहा कि हम बिना किसी कारण किसी की प्रशंसा नहीं करते हैं। हम उन देशों की बात कर रहे हैं जो कार्रवाई कर स्थिति को गंभीरता से ले रहे हैं। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में आप जितनी जल्दी कार्रवाई करेंगे, उतना ही सफल होंगे और भारत जानता है कि यह कैसे करना है।
"We don't often praise without reason. We do praise countries that are taking the situation seriously by acting quickly! The quicker you get on to this, the shorter the pain will be. India knows how to do that!", Dr David Nabarro, Special Envoy COVID-19, WHO on India's response. pic.twitter.com/Uzz4fCcW7C
— BJP (@BJP4India) April 2, 2020
देखिए कोरोना संकट में मदद के लिए किन-किन देशों ने कहा प्रधानमंत्री मोदी का शुक्रिया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत कोरोना संकट काल में कई देशों के लिए संकटमोचक बन कर सामने आया है। प्रधानमंत्री मोदी ने पहले सार्क और फिर जी-20 देशों के जरिए दिखाया कि कोरोना के कहर से कैसे मिलकर निपटा जा सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने दूसरे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और नेताओं से संवाद किया और जरूरतमंद देशों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया। अमेरिका, इजरायल और ब्राजील के अलावा भारत ने स्पेन, श्रीलंका, नेपाल, मालदीव समेत कई देशों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा समेत दूसरी सहायता देने का फैसला किया। इससे वैश्विक धारणा बनाने में मदद मिली है कि भारत याचक नहीं, अब दाता बन चुका है। भारत उन्हें हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, पेरासिटामोल और अन्य जरूरी वस्तुएं उपलब्ध करा रहा है। इस कोरोना काल में मदद पाने वाले देशों की सूची लंबी होती जा रही है और मदद के लिए वे भारत का शुक्रिया अदा कर रहे हैं।
ब्राजील के राष्ट्रपति ने की प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ, कहा प्रभु हनुमान की तरह पहुंचाई संजीवनी बूटी
ब्राजील के राष्ट्रपति जायर एम बोल्सोनारो ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तुलना भगवान हनुमान से की करते हुए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा को संजीवनी बूटी बताया है। उन्होंने कहा कि भारत की ओर से दी गई इस हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा से लोगों के प्राण बचेंगे और इस संकट की घड़ी में भारत और ब्राजील मिलकर कामयाब होंगे। प्रधानमंत्री मोदी को भेजे पत्र में राष्ट्रपति बोल्सोनारो ने लिखा है कि जिस तरह हनुमान जी ने हिमालय से पवित्र दवा (संजीवनी बूटी) लाकर भगवान श्रीराम के भाई लक्ष्मण की जान बचाई थी, उसी तरह भारत और ब्राजील एक साथ मिलकर इस वैश्विक संकट का सामना कर लोगों के प्राण को बचा सकते हैं।
ब्राजील के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में उन्हें हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के लिए धन्यवाद दिया है। दरअसल में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ ब्राजील के राष्ट्रपति बोल्सोनारो ने भी प्रधानमंत्री मोदी से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के निर्यात पर लगे बैन को हटाने का अनुरोध किया था। हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा से बैन हटाने के भारत के फैसले के बाद बोलसोनारो ने प्रधानमंत्री मोदी का तुलना भगवान हनुमान से कर डाली। भारत हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा का सबसे बड़ा उत्पादक है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भी की पीएम मोदी की तारीफ
हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा से बैन हटाने पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ने प्रधानमंत्री मोदी को महान बताया और कहा कि वो भारत का शुक्रिया अदा करते हैं। फॉक्स न्यूज से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वो भारतीय पीएम मोदी की तारीफ करते हैं। निर्यात पर ढील देने के बाद अमेरिका को अब यह दवा मिल सकेगी।
अफगानिस्तान ने अदा किया शुक्रिया
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने मदद के लिए प्रधानमंत्री मोदी का शुक्रिया अदा किया है। राष्ट्रपति गनी ने कहा, ‘प्रिय मित्र नरेन्द्र मोदी, हमें 5 लाख हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन टेबलेट, एक लाख पैरासीटामोल टैबलेट और 75,000 मीट्रिक गेंहू भेजने के लिए धन्यवाद। गेंहू की पहली खेप जल्द ही अफगान के लोगों के लिए पहुंच जाएगी।’ वहीं अफगानिस्तान के राष्ट्रपति को जवाब देते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट संदेश में कहा, “भारत और अफगानिस्तान के बीच एक विशेष प्रकार की दोस्ती है, जो ऐतिहासिक, भौगोलिक और सांस्कृतिक संबंधों पर आधारित है। लंबे समय से, हमने आतंकवाद के संकट के खिलाफ संयुक्त रूप से लड़ाई लड़ी है। हम इसी तरह एकजुटता और साझा संकल्प के साथ कोविड-19 का मुकाबला करेंगे।”
भारत की ओर से चिकित्सीय आपूर्ति मिलने पर कजाकिस्तान के राष्ट्रपति कासिम-जोमार्त तोकायेव ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि भारत सरकार खासकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का व्यक्तिगत रूप से धन्यवाद। मित्रता और एकजुटता का यह उच्च स्तर तब भी दिखाया गया जब भारत ने दवाओं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।