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मोदी सरकार के डिजिटल इंडिया मिशन की लोकप्रियता बढ़ी, 7 साल में 11 लाख से 19 करोड़ हुए डिजिटल पेमेंट डिवाइस

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना डिजिटल इंडिया मिशन की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है और पिछले सात वर्षों में Digital India के माध्यम से डिजिटल पेमेंट्स के लिए लोगों को सशक्त किया गया है। यही वजह है कि सात वर्ष पहले जब डिजिटल इंडिया की शुरुआत नहीं हुई थी तब देश में 11 लाख डिजिटल पेमेंट डिवाइस थे वहीं डिजिटल इंडिया की 2015 में शुरुआत के बाद से पिछले सात वर्षों में डिजिटल पेमेंट डिवाइस की संख्या बढ़कर 19 करोड़ हो गई। यह इस योजना की लोकप्रियता एवं सफलता को जाहिर करता है।

डिजिटल इंडिया मिशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदृष्टि का परिचायक है और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन अब केवल सपना नहीं रह गया है बल्कि यह वास्तविकता में परिवर्तित हो रहा है। डिजिटल इंडिया ने जहां आर्थिक लेन-देन में पारदर्शिता लाई है वहीं 1.8 करोड़ से ज्यादा किसानों को अब रूपे किसान क्रेडिट कार्ड के जरिये पैसे सीधे उनके खाते में पहुंच रहे हैं। pm svanidhi स्कीम के जरिये 29 लाख स्ट्रीट वेंडर भीम-यूपीआई के जरिये डिजिटल पेमेंट के लेन-देन में सक्षम हुए हैं। प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत बिना किसी मिनिमन बैलेंस के खाता धारकों को 31.8 करोड़ रूपे डेबिट कार्ड जारी किया गया है।

वित्त वर्ष 2022 में यूपीआई से 46 अरब ट्रांजेक्शन हुए

डिजिटल इंडिया के तहत देश में डिजिटल भुगतान की सुविधा उपलब्ध होने से लोगों को काफी सहूलियत हुई है। लोगों की डिजिटल भुगतान को लेकर दिलचस्पी बढ़ रही है। यही वजह है कि देश में यूपीआई (Unified Payments Interface) भुगतान में लगातार वृद्धि हो रही है। वर्ष 2022 के जून माह में यूपीआई के कुल 586 करोड़ ट्रांजेक्शन हुए इनमें 10,14,384 करोड़ रुपये राशि का भुगतान हुआ वहीं मई में यूपीआई के कुल 595 करोड़ ट्रांजेक्शन हुए इनमें 10,41,506 करोड़ रुपये राशि का भुगतान रहा। वित्त वर्ष 2022 की ही बात करें तो यूपीआई से कुल 46 अरब ट्रांजेक्शन हुए हैं और इनकी भुगतान राशि 84.17 लाख करोड़ रुपये रही। बीते दो सालों में लोगों का रुझान डिजिटल भुगतान की ओर ज्यादा बढ़ा है। डिजिटल भुगतान आधारित यूपीआई पेमेंट करना आसान है। केवल कुछ क्लिक्स में पेमेंट का ये तरीका सुरक्षित भी है। पेमेंट चाहे छोटी हो या बड़ी यूपीआई पिन दर्ज करते ही सेकंड भर में पेमेंट हो जाती है।

One Nation, One Card से बड़ी सुविधा मिली

One Nation, One Card, यानी देशभर में ट्रांसपोर्ट और दूसरी सुविधाओं के लिए पेमेंट का एक ही माध्यम होने से लोगों को बहुत बड़ी सुविधा मिली है। Fastag के आने से पूरे देश में ट्रांसपोर्ट आसान और सस्ता हुआ है एवं समय की भी बचत हो रही है। इसी तरह GST एवं eWay Bills की व्यवस्था से देश में व्यापार-कारोबार में सुविधा और पारदर्शिता दोनों सुनिश्चित हुई है। वन नेशन वन राशन कार्ड (ONORC ) अब पूरे देश में लागू हो चुका है। योजना के तहत, लाभार्थी देश में कहीं भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत सब्सिडी वाले खाद्यान्न प्राप्त कर सकते हैं। अगस्त 2019 में लॉन्च किया गया ONORC लगभग 24 करोड़ राशन कार्डों की पोर्टेबिलिटी सुनिश्चित करता है। खाद्य मंत्रालय के एक हाल के बयान के अनुसार, पोर्टेबिलिटी के जरिए लाभार्थियों तक 40,000 करोड़ रुपये का सब्सिडी वाला खाद्यान्न पहुंचाया गया।

GeM पोर्टल पर 46 लाख से अधिक विक्रेता

यह डिजिटल तकनीक का ही कमाल है कि गवर्नमेंट ई मार्केट प्लेस (GeM) पोर्टल के जरिए देश के कोने-कोने से लघु उद्यमियों, छोटे दुकानदारों ने अपना सामान सरकार को सीधे बेचा है। अभी तक इस पोर्टल पर 46 लाख से अधिक विक्रेता जुड़ चुके हैं। GeM पोर्टल पर 41 लाख प्रोडक्ट लिस्टेड हैं। वर्ष 2014 में बॉडबैंड यूजर्स की संख्या 2.59 करोड़ थी और डिजिटिल इंडिया शुरू होने से 2022 में यह संख्या बढ़कर 83.4 करोड़ हो गई। इसी तरह भारतनेट आप्टिकल फाइबर नेटवर्क जो 2014 में 258 किलोमीटर की थी वह 2022 में बढ़कर 5.67 लाख किलोमीटर हो गई।

 

आधार से डिजिटल पहचान

आधार कार्ड की बात करें तो 2014 में 61 करोड़ लोगों के पास आधार कार्ड था वहीं 2022 में यह संख्या बढ़कर 133 करोड़ हो गई। आधार आम नागरिकों को डिजिटल पहचान प्रदान कर रहा है और इससे आम जनता का सशक्तीकरण हुआ है। आधार कार्ड की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसकी डिजिटल कॉपी भी उपलब्ध होती है जिसे UIDAI की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है। ऐसी सुविधा किसी और पहचान पत्र के साथ नहीं है। दूसरी खासियत यह है कि डिजिटल कॉपी भी ऑरिजनल कार्ड की तरह सभी जगह पर मान्य होता है। डिजिटल इंडिया मुहिम के बाद भारत में मोबाइल फोन यूजर्स की संख्या भी काफी बढ़ी है। वर्ष 2014 में मोबाइल फोन यूजर्स की संख्या 91.5 करोड़ थी वहीं 2022 में यह संख्या बढ़कर 117 करोड़ हो गई।

डिजी लॉकर पर 11 करोड़ से अधिक यूजर्स जुड़ चुके

डिजिटल इंडिया का शानदार उदाहरण DigiLocker है। स्कूल सर्टिफिकेट से लेकर दूर जरूरी डॉक्युमेंट्स इसमें सुरक्षित रहते हैं। कोरोना काल में कई शहरों के स्कूल कॉलेज में इसी की मदद से वेरिफिकेशन किया गया। डिजी लॉकर में आप अपने सभी जरूरी दस्तावेज जैसे कि पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड आदि सुरक्षित कर सकते हैं। इसमें आप कई तरह के सरकारी प्रमाण पत्र आदि भी स्टोर कर सकते हैं। डिजी लॉकर पर अब तक 11 करोड़ से अधिक यूजर्स जुड़ चुके हैं। अब इसके तहत 5 अरब से ज्यादा दस्तावेज जारी किए जा चुके हैं। डिजी लॉकर एक वर्चुअल लॉकर होता है और इसमें अकाउंट बनाने के लिए आपके पास आधार कार्ड का होना जरूरी होता है। DigiLocker ऐप को Google Play Store से डाउनलोड किया जा सकता है।

डीबीटी के तहत किसानों के खाते में भेजे गए 6 लाख करोड़ रुपये

डीबीटी का पूरा नाम डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (Direct Benefit Transfer) है। डिजिटल इंडिया मिशन के तहत डीबीटी शुरू होने से किसानों को सरकार की ओर से मिलने वाली राशि सीधे लाभार्थियों के खाते में पहुंच रही है। वित्त वर्ष 2021-22 में डीबीटी के जरिये किसानों के खाते में भेजी गई कुल राशि 6,30,264 करोड़ रुपये थी। किसानों को किसी भी योजना के तहत केंद्र सरकार से जो मदद मिलती है वो अब सीधे किसानों को खातों मे भेजे जाने से बिचौलियों का काम खत्म हो गया है। इस योजना से पहले केंद्र सरकार किसानों को मदद करने का जिम्मा सीधे न करके एजेंसी या संस्था को सौंपती थी जिससे किसानों मदद की आधी रकम ही पहुंच पाती थी लेकिन अब डीबीटी स्कीम शुरू होने से उन्हें मदद पूरी राशि उनके खाते में पहुंच रही है। सरकार की ओर से बहुत सी योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनके द्वारा किसानों को अलग अलग प्रकार से मदद की जाती है। जैसे कि किसान सम्मान निधि, किसान फसल बीमा योजना आदि।

डिजिटल इंडिया की शुरुआत

डिजिटल इंडिया को शुरू हुए अब 7 साल हो चुके हैं। इस मिशन को 1 जुलाई 2015 को लॉन्च किया गया था। Digital India के जरिए सरकार अपनी सर्विस सभी नागरिकों को डिजिटली पहुंचाना चाहती है। डिजिटल इंडिया का मतलब है भारतवासी के जीवन को सुलभ और सरल बनाना। गरीबों के अकाउंट खोल उनके बैंक अकाउंट में सीधे पैसे भेजने से बिचौलिए खत्म हो गए। डिजिटल इंडिया से बिजली बिल, पानी बिल, इनकम टैक्स भरना काफी आसान और तेज हुआ है। गरीबों को मिलने वाले राशन की डिलीवरी को आसान किया है। एक ही राशन कार्ड पूरे देश में मान्य है। दुनिया के सबसे बड़े कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग ऐप आरोग्य सेतु से कोरोना रोकने में मदद मिली है। 

डिजिटल इंडिया के दस स्तंभ

डिजिटल इंडिया मिशन का लक्ष्य विकास क्षेत्रों के दस स्तंभों को आवश्यक बल प्रदान करना है। इसके 10 बिंदु निम्न हैं।

1. ब्रॉडबैंड हाईवे

2. मोबाइल कनेक्टिविटी के लिए सार्वभौमिक पहुंच

3. सार्वजनिक इंटरनेट एक्सेस कार्यक्रम

4. ई-गवर्नेंस: प्रौद्योगिकी के माध्यम से सरकार में सुधार

5. ई-क्रांति – सेवाओं की इलेक्ट्रॉनिक डिलीवरी

6. सभी के लिए सूचना

7. इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण

8. नौकरियों के लिए आईटी

9. प्रारंभिक फसल कार्यक्रम

10. संबंधित संसाधन

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