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ये कैसा VVIP Culture? सीएम भगवंत मान की सुरक्षा के नाम पर भगवान के स्वरूपों का अपमान, राम-सीता समेत सभी RAMLILA कलाकारों की तलाशी, मान के सुरक्षा काफिले ने बादल-अमरिंदर को पीछे छोड़ा

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पंजाब में वीआईपी कल्चर खत्म करने का दावा करके सत्ता हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी के सीएम भगवंत मान अब खुद ही सुरक्षा के नाम पर सुपर वीआईपी बने हुए हैं। उन्होंने अपनी सुरक्षा का इतना ज्यादा हौव्वा खड़ा कर दिया है कि मोहाली के दशहरे में रामलीला मंचन के समय सुरक्षा के नाम पर मान सरकार के नुमाइंदों ने भगवानों के स्वरूप को भी नहीं बख्शा। सीएम सिक्योरिटी स्टाफ ने सुरक्षा के नाम पर राम-सीता से लेकर रावण तक सभी कलाकारों की तलाशी ली। यहां तक की उनकी पहनी हुई भगवान की पोशाकें भी अंदर तक जांची गई। इस तरह की जांच से अपमानित महसूस कर रहे रामलीला के कलाकार मायूस नजर आए। सुरक्षा को लेकर सीएम मान इसलिए भी निशाने पर हैं, क्योंकि उन्होंने वीवीआईपी कल्चर के मामले में पंजाब के दो सीएम रहे बादल और अमरिंदर सिंह को भी पीछे छोड़ दिया है।

सीएम की ऐसी सुरक्षा के क्या मायने, भगवानों के स्वरूपों को भी नहीं बख्शा
मोहाली के फेज-8 स्थित तिब्बत मार्केट के दशहरा मेला 45 साल से चल रहा है। सीएम भगवंत मान अपनी सुरक्षा के पूरे तामझाम के साथ इस दशहरा मेले में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। दशहरे में रामलीला मंचन के सभी कलाकार मौजूद थे। राम-सीता, हनुमान से लेकर रावण तक हर कलाकार सीएम मान से मिलने को उत्सुक था। सुबह से ही कलाकर तैयारियों में जुटे थे। लेकिन सीएम मान की वीवीआईपी सिक्योरिटी के चलते भगवानों के स्वरूपों में आ चुके कलाकारों की न सिर्फ खुशी काफूर हो गई, बल्कि उन्होंने अपमानित भी महसूस किया। एक ओर तो राम बने कलाकार के लोग भगवान स्वरूप मानकर पैर छू रहे थे, दूसरी ओर सीएम सिक्योरिटी स्टाफ ने सुरक्षा के नाम पर बेहूदा काम किया। उन्होंने भगवान स्वरूप सभी कलाकारों की तलाशी ली और उनकी पहनी गई पोशाक भी जांची गई। इस तरह की जांच होने पर कलाकार बेहद मायूस नजर आए और लोगों ने भी सीएम को निशाने पर लिया।

पूर्व मुख्यमंत्री बादल और अमरिंदर से सीएम मान की सुरक्षा में तैनात हैं ज्यादा गाड़ियां और स्टाफ
सीएम सुरक्षा के नाम पर यह पहला मौका नहीं है, जबकि भगवंत मान लोगों के निशाने पर आए हैं। दरअसल, पंजाब में वीआईपी कल्चर खत्म करने की हवाई घोषणा करके सत्ता में आई आम आदमी पार्टी, उसके संयोजक अरविंद केजरीवाल और सीएम भगवंत मान इसे भूल चुके हैं। इसी वजह से मान और आप नेता लोगों के निशाने पर हैं। खासकर पंजाब के सीएम भगवंत मान ने तो वीवीआईपी कल्चर के मामले में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और कैप्टन अमरिंदर सिंह को भी पीछे छोड़ दिया है। वजह है उनका लंबा-चौड़ा काफिला। पंजाब में सीएम भगवंत मान के काफिले में 15-20 नहीं, बल्कि 42 गाड़ियां चलती हैं। आपको बता दें कि वर्ष 2007 से 2017 तक पंजाब के मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल के काफिले में 33 कारें हुआ करती थीं। 2017 में कांग्रेस नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब के मुख्यमंत्री बने तो उनके काफिले में भी 33 कारें ही थीं। कैप्टन के शासनकाल के दौरान आम आदमी पार्टी के तमाम नेता और खुद भगवंत मान वीवीआईपी कल्चर को लेकर कांग्रेस और अकाली दल के नेताओं पर निशाना साधते रहे। मान तब कहा करते थे कि किसी सीएम को भला इतनी सुरक्षा की क्या जरूरत है।

पंजाब में वीआईपी सिक्योरिटी: हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और हैं
इसी साल फरवरी में हुए पंजाब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को मिले बहुमत के बाद भगवंत मान ने मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली। सरकार बनने के महीने भर बाद तक भगवंत मान ने राज्य से वीवीआईपी कल्चर खत्म करने और तमाम पूर्व मुख्यमंत्रियों, पूर्व मंत्रियों, पूर्व सांसदों, पूर्व विधायकों, मौजूदा विधायकों के साथ-साथ अफसरों की सिक्योरिटी कम करने के नाम पर खूब वाहवाही लूटी। सरकार ने सोशल मीडिया पर इसे लेकर जमकर प्रचार-प्रसार किया। सरकार और उनके मंत्रियों ने अपने भाषणों में सिक्योरिटी कम करने के काफी कसीदे पढ़े, लेकिन यह सब कुछ दिनों के लिए दिखावटी ही साबित हुआ।

वीवीआईपी कल्चर के खिलाफ रही आप के सीएम मान के काफिले में 9 गाड़ियां ज्यादा
पंजाब की जिस मान सरकार ने सिक्योरिटी कम करने की बात कही थी, हकीकत में इसका उल्टा हुआ। सरकार बनने के महज 6 महीने के अंदर ही सीएम के काफिले में चलने वाली गाड़ियों की संख्या 33 से बढ़ाकर 42 कर दी गई। बादल और कैप्टन के मुकाबले इस समय भगवंत मान के काफिले में 9 गाड़ियां अधिक चल रही हैं। इसके साथ ही सिक्योरिटी स्टाफ भी लगभग डेढ़ गुना हो गया है। सीएम सिक्योरिटी को इतना संवेदनशील बना दिया गया है कि दशहरा कार्यक्रम में रामलीला के कलाकारों तक को नहीं बख्शा जा रहा है।

कम नहीं और ज्यादा हो गया VVIP कल्चर, लोगों ने ली चुटकी-‘ये हैं पंजाब के नए आदमी’
आज हालात यह हैं कि आप सरकार और इसके नेताओं पर वीवीआईपी बनने का असर साफ दिखने लगा। पार्टी के कई विधायक और नेता टोल प्लाजा तक पर धौंस जमाते नजर आए हैं। अब लंबे-चौड़े काफिले की वजह से लोग सीएम भगवंत मान की चुटकी ले रहे हैं। सीएम मान के इसी काफिले को लेकर सोशल मीडिया पर भी वीडियो अपलोड किए जा रहे हेँ। ऐसे ही एक वीडियो में पुलिस सीएम के काफिले के लिए रूट क्लियर करवा रही है और सड़क के दोनों ओर से लोगों को दूर रहने के लिए कह रही है। इसमें कई लोग उन्हें राष्ट्रपति कह रहे हैं तो कुछ कह रहे हैं, ‘ये हैं पंजाब के नए आम आदमी।

वीवीआईपी सिक्योरिटी देने में पश्चिम बंगाल पहले और पंजाब सरकार दूसरे स्थान पर
एक ओर जहां वीआईपी कल्चर को खत्म करने की बाते होती हैं, वहीं दूसरी ओर हकीकत यह है कि वीवीआईपी सिक्योरिटी देने के मामले में तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की सरकार क्रमश: पहले और दूसरे नंबर पर हैं। देश में वीवीआईपी लोगों को सिक्योरिटी देने से जुड़ी वर्ष एक रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिम बंगाल इस मामले में पहले नंबर पर है, जहां 3,142 लोगों को सिक्योरिटी दी गई। देश में दूसरे नंबर पर पंजाब है जहां 2,594 लोगों को वीआईपी सुरक्षा दी गई है।

सुरक्षा घटाने के अगले ही दिन मूसेवाला का मर्डर, हाई कोर्ट ने दिए समीक्षा के आदेश
मान सरकार ने दिखाने भर के लिए विभिन्न दलों के नेता और कथित विरोधियों में से 424 लोगों की सुरक्षा घटाई थी। पिक एंड चूज की यही नीति मान सरकार के गले की हड्डी बन गई। मान सरकार की वीआईपी लोगों की सुरक्षा घटाने की सूचना पहले ही लीक हो गई। इसके अगले ही दिन 29 मई 2022 की शाम को गैंगस्टर लॉरेंस के गुर्गों ने पंजाब के मानसा में मशहूर पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या कर दी। मान सरकार ने मूसेवाला की भी सुरक्षा घटाई थी। इस वारदात के बाद मान सरकार कटघरे में आ गई। पंजाब के 424 वीआईपी की सुरक्षा घटाने या वापस लेने का मामला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचा तो अदालत ने पंजाब सरकार को सभी की सुरक्षा की नए सिरे से समीक्षा का आदेश दिए।

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