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पंजाब में अमरिंदर के बाद चन्नी सरकार का ‘दिवाला निकालने’ में जुटे सिद्धू: पहले ‘दिवाली गिफ्ट’ को बताया फरेब, अब DGP-AG के मुद्दे पर अड़े

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पंजाब में चन्नी सरकार के साथ नवजोत सिद्धू की लड़ाई अब डीजीपी-एजी के मुद्दे पर आ गई है। पंजाब के सीएम के साथ कांग्रेस आलाकमान को भी अपने आक्रमक तेवरों से चैन की सांस नहीं लेने दे रहे हैं नवजोत सिद्धू। पंजाब के सीएम का तो ज्यादातर वक्त सिद्धू की डिमांड की लिस्ट सुलझाने में ही लग रहा है। जब सीएम चरणजीत सिंह चन्नी अपनी ही पार्टी के नेता नवजोत सिंह सिद्धू के साथ जंग में व्यस्त हैं ,तो पंजाब के जनता की सुध कौन ले, विकास की चिंता कौन करे। ऐसे में आम जनता अपनी परेशानियों की सुनवाई के लिए भटक रही है।    

इस्तीफा वापस लेते ही सिद्धू का चन्नी सरकार पर हमला

नवजोत सिद्धू ने अपना इस्तीफा वापस लेते ही, एक बार फिर से पंजाब की चन्नी सरकार पर धावा बोल दिया है। बेअदबी और ड्रग्स के मुद्दे को लेकर लगातार वे चन्नी सरकार को घेरने में जुटे हैं। बयानों के तीर से चन्नी सरकार को हलकान कर रहे हैं, चुनावों को लेकर चेतावनी दे रहे हैं। कह रहे हैं कि सरकार पहले उनकी मांगे माने फिर वे चुनाव प्रचार की तैयारी में जुटेंगे।

DGP-AG के मुद्दे पर अड़े नवजोत सिद्धू 

नवजोत सिद्धू पंजाब की चन्नी सरकार से 50 दिनों के कामकाज का हिसाब मांग रहे हैं। कह रहे हैं कि DGP-AG (एडवोकेट जनरल) को नहीं हटाया तो वे कांग्रेस भवन नहीं जाएंगे, इतनी ही नहीं नवजोत सिंह सिद्धू ने बेअदबी और ड्रग्स के मामले में चन्नी सरकार को चेतावनी दे भी दे डाली है। ड्रग्स केस में रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की चुनौती दे रहे हैं।

बरगाड़ी बेअदबी केस को लेकर भी चन्नी सरकार पर निशाना

नवजोत सिंह सिद्धू बरगाड़ी बेअदबी केस को लेकर चरणजीत सिंह चन्नी सरकार को घेर रहे हैं। सिद्धू का कहना है कि 2015 में इस मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी, जिसे तब के डीजीपी सुमेध सैनी ने दर्ज कराया था और इस मामले में इकबाल प्रीत सिंह सहोता को जांच के लिए गठित एसआईटी का प्रमुख नियुक्त किया गया। तब इस मामले में सहोता की रिपोर्ट को क्लीनचिट दी गई थी। डीजीपी सैनी भी इस मामले में पाक-साफ बच गए। नए डीजीपी इकबाल प्रीत सिंह सहोता को लेकर नवजोत सिंह सिद्धू की नाराजगी साफ नजर आ रही है।

‘AG ने सैनी को जमानत दिलाई, लोगों को क्या जवाब देगी कांग्रेस’

सिद्धू एपीएस देयोल के मामले को भी जोर शोर से उठा रहे हैं, सिद्धू के दबाव में देयोल से इस मामले से जुड़े केस वापस लिए जा चुके हैं। लेकिन सिद्धू नया एजी आने तक जिद पर अड़े हुए हैं। नवजोत सिद्धू का आरोप है कि बेअदबी के मामले में आज तक किसी को सजा नहीं हुई है, ऐसे में पंजाब में कांग्रेस किस मुंह से लोगों के बीच जाएगी। नशे के मुद्दे पर भी सिद्धू ने चन्नी सरकार की जम कर लताड़ लगाई है। सिद्धू का कहना है कि ड्रग्स पर रिपोर्ट को लोगों के सामने रखने से किसी ने मना नहीं किया। अगर चन्नी सरकार इसे सार्वजनिक नहीं कर सकती तो उन्हें दे दे , वे इसे लेकर लोगों के बीच जाएंगे।

पहले भी चन्नी सरकार को घेरते रहे हैं नवजोत सिद्धू

ये पहला मौका नहीं है जब नवजोत सिद्धू ने चन्नी सरकार पर सवाल उठाए हों।सिद्धू जिस  तरह से चन्नी सरकार को घेर रहे हैं, उसे देख कर लगता है कि वे खुद को पार्टी और सरकार के ऊपर मानने लगे हैं। पंजाब में कांग्रेस की सरकार है, लेकिन सिद्धू विपक्ष की भूमिका भी खुद निभा रहे हैं ।

सिद्धू के शॉट पर चन्नी सरकार बगलें झांकने को मजबूर

पंजाब में बिजली 3 रुपए सस्ती कर मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने इसे दिवाली गिफ्ट बताया था। उसे ही सिद्धू बुलंद आवाज में झूठ और फरेब बता रहे हैं। सिद्धू ने करारी चोट करते हुए कहा कि पौने 5 साल मौज कर आखिरी 2 महीने में लॉलीपॉप बांटे जा रहे हैं। सत्ता में आना है और उसके लिए झूठ बोलना है। 500 झूठे वादे कर सत्ता हासिल करने की कोशिश की जा रही है। सिद्धू ने कहा कि पंजाब में अब राजनीति मिशन नहीं, धंधा बन चुकी है। सिद्धू के करारे शॉट पर चन्नी सरकार बगलें झांकने को मजबूर हो गई है। चरणजीत चन्नी के दिवाली गिफ्ट का सिद्धू ने दिवाला निकाल दिया है।

चन्नी सरकार ने दिया दिवाली गिफ्ट में दिया ‘लॉलीपॉप’
दरअसल, पंजाब में चुनाव नजदीक आते ही सीएम चरणजीत चन्नी ने कैबिनेट की मीटिंग के बाद कहा कि पंजाब में घरेलू बिजली की दरें 3 रुपए सस्ती कर दी गई हैं। 100 यूनिट तक बिजली का रेट 4.19 पैसे से घटकर 1.19 रुपए रह जाएगा। वहीं 100 से 300 यूनिट तक 7 रुपए से घटकर 4.01 रुपए और इसके ऊपर के लिए 5.76 रुपए प्रति यूनिट रेट रह गया है। पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं और करीब डेढ़ या दो महीने में इसकी घोषणा भी हो जाएगी। ऐसे में पंजाब के सीएम ने बिजली की कम दरों को दिवाली का गिफ्ट बताकर सियासी दांव खेलने की कोशिश की है।

पौने 5 साल मौज, अब आखिरी 2 महीने में लॉलीपॉप
सीएम के इस दिवाली गिफ्ट की हवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सिद्धू ने निकाल दी है। सिद्धू ने करारी चोट करते हुए कहा कि पौने 5 साल मौज कर आखिरी 2 महीने में लॉलीपॉप बांटे जा रहे हैं। उन्होंने बगैर नाम लिए मुख्यमंत्री से पूछा कि जो सब्सिडी दोगे, वह पैसा कहां से आएगा ? सिद्धू ने कहा कि पंजाब के विकास का रोड मैप क्या है? यह नेताओं को बताना चाहिए। सिद्धू ने सीएम चन्नी की प्रेस कॉन्फ्रेंस से कुछ देर पहले ही यह निशाना साधा। हालांकि प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम चन्नी ने कहा कि कुछ लोग जरूर सोचेंगे कि यह सब चुनाव की वजह से किया जा रहा है, लेकिन ऐसा नहीं है।

सिर्फ एक बार के बिजली बिल के लिए ऐलान : शिअद
शिरोमणि अकाली दल ने भी बिजली सस्ती करने के ऐलान को लोगों से धोखाधड़ी बताया है। अकाली दल के प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने सिर्फ एक बार के बिजली बिल के लिए यह ऐलान किया है। मुख्यमंत्री चन्नी और उनकी सरकार भी जानती है कि जनवरी से चुनाव आचार संहिता लग जानी है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी के नेता चाहते हैं कि आचार संहिता लग जाने से पहले लोगों को एक बिजली बिल मिल जाएं और उन्हें लगने लगे कि बिजली सस्ती कर दी गई है।

‘अब राजनीति मिशन नहीं, धंधा बन चुकी है’
उधर चंडीगढ़ में संयुक्त हिंदू महासभा के कार्यक्रम में सिद्धू ने सरकार से पूछा कि पंजाब का कल्याण कैसे होगा? कोई नहीं बताता। पौने 5 साल सब एक-दूसरे को नीचे गिराने में लगे रहे। जुल्म करते रहे। आखिरी 2 महीने में आसमान जमीन पर ला रहे। तारे तोड़कर दे रहे। कोई बताएगा कि यह सब कहां से देंगे? सिद्धू ने कहा कि क्या पंजाब में मकसद सिर्फ सरकार बनाना है। सत्ता में आना है और उसके लिए झूठ बोलना है। 500 झूठे वादे कर सत्ता हासिल करने की कोशिश की जा रही है। सिद्धू ने कहा कि पंजाब में अब राजनीति मिशन नहीं, धंधा बन चुकी है।

खजाना भरे होने की बात झूठ, इंडस्ट्री क्यों भाग रही?
सिद्धू ने पूछा कि अगर पंजाब के पास खजाना है तो इंडस्ट्री को सब्सिडी दो। उन्होंने कहा कि पंजाब में 5.40 लाख करोड़ टैक्स आता है। इनमें 75% सिर्फ इंडस्ट्री से मिलता है। फिर पंजाब में इंडस्ट्री क्यों नहीं आ रही। हिमाचल प्रदेश में क्यों जा रही है? पंजाब 17-18वें नंबर पर क्यों है? सिद्धू ने कहा कि अगर कोई आपको कहता है कि पंजाब का खजाना भरा है तो यह झूठ है। अगर ऐसा है तो ईटीटी टीचरों को 50-50 हजार वेतन दे दो। 2004 से जिन्हें पेंशन नहीं मिली, उन्हें पेंशन दे दो। क्या पंजाब के पास 50 हजार करोड़ रुपए सरप्लस है। दिल्ली और तमिलनाडु के पास है। सिद्धू ने कहा कि एजेंडों पर वोट डालो, किसी के लॉलीपॉप पर नहीं। सिद्धू ने कहा कि हम कर्जा लेकर कर्जा भर रहे हैं।फैसला करना होगा- चोर को बिठाना है या ईमानदार को
सिद्धू ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को भी नहीं बख्शा। सिद्धू ने कहा कि जो कहते थे, मेरी सरकार और मेरा पंजाब है, उन्हें उठाकर फेंक दिया। उन्होंने कहा कि सीएम और मंत्री एक्स हो जाते हैं, लेकिन कार्यकर्ता हमेशा ताकतवर रहता है। सिद्धू ने इशारों में यह भी स्पष्ट किया कि अगले चुनाव में वह पंजाब के सीएम पद के दावेदार होंगे। सिद्धू ने कहा कि लोगों को फैसला करना है कि किसी चोर को बिठाना है या फिर ईमानदार को। उन्होंने कहा कि इस बार पंजाब को पार्टियों से ऊपर उठकर वारिस को चुनना होगा।

अकाली दल ने कहा-सिद्धू के मुद्दों पर जवाब दें चन्नी
अकाली दल प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू के सोमवार को दिए गए एक भाषण की क्लिप सुनाते हुए कहा कि कांग्रेस का प्रधान तो खुद बोल रहा है कि साढ़े चार साल कोई काम नहीं किया। एक-दूसरे की टांग खिंचाई में लगे रहे और अब चुनाव से पहले दो महीने में लोगों को खैरात देकर क्या सरकार बनाना चाहते हैं? चीमा ने कहा कि मुख्यमंत्री और कांग्रेस को सिद्धू की ओर से उठाए गए मुददों का जवाब देना चाहिए और बताना चाहिए कि वह सही बोल रहे हैं या नहीं?

अपनी ही पार्टी के सीएम पर निशाना सिद्धू की आदत या रणनीति 

अपनी ही पार्टी के सीएम की लानत मलानत नवजोत सिंह सिद्धू की पुरानी आदत है। हाल ही में पंजाब के पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह ने भी उनपर अपमान करने का आरोप लगाया था। नवजोत सिद्धू का कहना था कि सिद्धू ने उनकी बेइज्जती कांग्रेस आलाकमान के शह पर की थी। इस मामले में सोनिया गांधी भी तमाशा देखती रही थीं।

सिद्धू बेइज्जत करते रहे, राहुल-प्रियंका और हरीश रावत शह देते रहे
कांग्रेस छोड़ने के लिए सोनिया गांधी को भेजे इस्तीफे में अमरिंदर ने कहा है कि नवजोत सिद्धू उम्र का लिहाज किए बिना उनको बेइज्जत करते रहे। राहुल-प्रियंका और हरीश रावत उसको शह देते रहे और ऐसे समय में आप (सोनिया गांधी) सब कुछ जानते-बूझते हुए भी आंखें मूंदे बैठी रहीं। अमरिंदर ने कहा कि सिद्धू मुझे बेइज्जत करते रहे। उसे रोकने के बजाय राहुल और प्रियंका उन्हें शह देते रहे।

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