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पीएम मोदी की नीतियों ने बदली कश्मीर की तस्वीर, पाकिस्तान और अलगाववादियों की हेकड़ी गुम

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जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के पैसों पर पलते रहे अलगाववादी नेताओं के दुर्दिन शुरू हो चुके हैं। हिजबुल मुजाहिदीन जैसे खतरनाक आतंकी संगठन के सरगना सैय्यद सलाहुद्दीन के ग्लोबल टेररिस्ट घोषित होने के बाद इनकी हेकड़ी पहले ही गुम हो चुकी थी। अब जांच एजेंसी एनआईए ने भी इनके नेताओं पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। कश्मीर के अलगाववादी नेताओं पर आरोप हैं कि वो पाकिस्तान से आतंकवादियों के माध्यम से घाटी में उपद्रव फैलाने के लिए पैसे लेते रहे हैं।

हुर्रियत की हेकड़ी गुम
समाचार पोर्टल आजतक के अनुसार राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने अलगाववादियों और हुर्रियत के पाकिस्तान परस्त नेताओं पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इस संबंध में एजेंसी ने अलगाववादी नेता सैय्यद अली शाह गिलानी के दामाद अल्ताफ फंटूश समेत तीन लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया है। माना जा रहा है कि एक स्टिंग ऑपरेशन में हुए खुलासे के संबंध में ही इनसे कड़ाई से पूछताछ चल रही है। इसके तहत अलगाववादियों पर आतंकवादियों और पाकिस्तानियों से फंड लेकर कश्मीर में पत्थरबाजी और बाकी देश विरोधी उपद्रवों को भड़काने का आरोप है। इस संबंध में एजेंसी अलगाववादियों से जुड़े देशभर के कई ठिकानों पर पहले छापेमारी भी कर चुकी है।

अलगावादियों की कमर टूटेगी
आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन और हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं के संबंध जगजाहिर हैं। हुर्रियत नेताओं के विरोध में हो रही एनआईए की जांच इसका उदाहरण है। आशंका है कि हुर्रियत नेताओं के तार सलाहुद्दीन और हाफिज सईद जैसे आतंकियों के माध्यम से पाकिस्तानी खूफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़े हुए हैं। दुनिया जानती है कि आईएसआई और पाकिस्तानी सेना कश्मीर समेत पूरे भारत में दहशत फैलाने के लिए कैसी-कैसी तिकड़मों को अंजाम देता रहता है। सलाहुद्दीन को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के दौरान अमेरिका ने भी साफ किया है कि वो फिदायीन तैयार करता है और कश्मीर को अशांत कर रहा है।

पाकिस्तान की बौखलाहट बहुत कुछ कहता है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रभाव में आकर अमेरिका ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से उनकी मुलाकात से पहले ही सैयद सलाहुद्दीन पर एक्शन ले लिया। अमेरिका के इस अंदाज से पाकिस्तान के पैर के नीचे की जमीन खिसक गई। उसे जरा भी एहसास नहीं था कि उसके भारत विरोधी अभियान को इस तरह से झटका लगेगा। यही वजह है कि उसने अमेरिकी निर्णय की निंदा करने में जरा भी देरी नहीं की। बौखलाहट में उसने यहां तक कह दिया कि अमेरिका के निर्णय को न्यायपूर्ण नहीं माना जा सकता। लेकिन पाकिस्तान कितना भी छाती पीटे, उसे इस बात का पूरा अंदाजा है कि अब वो पूरी दुनिया की नजरों में गिर चुका है।

बाकी आतंकी संगठनों पर भी नकेल
सलाहुद्दीन पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में यूनाइटेड जिहाद काउंसिल (UJC) का भी सरगना है। ये 13 आतंकवादी समूहों का शीर्ष संगठन है। इसका गठन पाकिस्तानी सेना ने 1994 में किया था। इस संगठन में हिजबुल के अलावा, कश्मीर में सक्रिय लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकी संगठन भी शामिल हैं। कश्मीर से ताल्लुक रखने वाला सलाहुद्दीन पिछले 28 सालों से पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में छिपा रहता है और वहीं से भारत विरोध गतिविधियों को अंजाम देता रहता है। जाहिर है कि अगर सलाहुद्दीन पर नकेल कसेगी तो उसका असर पाकिस्तान के मातहत बाकी आतंकी संगठनों पड़ेगा, जिसके चलते कश्मीर में उनकी गतिविधियों में धीरे-धीरे कमी आने की संभावना भी बढ़ेगी।

कश्मीर के बारे में दुष्प्रचार पर लगाम
अबतक पाकिस्तान और हुर्रियत के नेता दुनिया को ये बताने में जुटे थे कि वो कश्मीर में स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ रहे हैं। लेकिन सलाहुद्दीन एपिसोड से उनके इस इरादे पर पानी फिर गया है। इस कार्रवाई से एक तरह से यही मैसेज गया है कि वो आजादी की लड़ाई नहीं लड़ रहे बल्कि भारतीय संप्रभुता को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। यही नहीं अब अमेरिका ऐसे आतंकी सरगनाओं के मूवमेंट पर नजदीकी नजर रखेगा। यानी इसी बहाने पाकिस्तान की हरकतें और भी जग-जाहिर होने लगेंगी, इसके लिए भारत को बार-बार बताने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। पीएम मोदी की वजह से अब ये बात दुनिया जान चुकी है कि पाकिस्तान ही भारत में आतंकवादी गतिविधियों की वजह है और उसी के संरक्षण में ऐसे संगठन फल-फूल रहे हैं। यानी आने वाले समय में अगर पाकिस्तान अपनी गतिविधियों से बाज नहीं आया तो उसे आतंकवादी राष्ट्र भी घोषित किया जा सकता है, इसकी संभावनाएं भी बढ़ गई हैं।

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