श्रीलंका के लिए मोदी सरकार एक बार फिर संकटमोचक बनकर सामने आई है। श्रीलंका में आजकल पेट्रोल और डीजल की जबरदस्त किल्लत है। श्रीलंका में ईंधन की कमी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत अपने पड़ोसी देश को ईंधन की अतिरिक्त आपूर्ति भेज रहा है।
श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना के साथ बुधवार को टेलीफोन पर हुई बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बताया कि भारत श्रीलंका को अतिरिक्त ईंधन भेज रहा है और विकास में सहयोग के लिए भारत के सतत समर्थन का भरोसा दिलाया।
In the telephone conversation with Sri Lankan President @MaithripalaS, PM @narendramodi conveyed that India is sending additional fuel to Sri Lanka and assured India’s continued support for development cooperation.
— PMO India (@PMOIndia) November 8, 2017
इसके पहले इसी साल मई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संकटग्रस्त श्रीलंका के लिए राहत भेजी थी। यहां दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने भारी तबाही मचायी थी, जिसमें 50 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हो गए थे और 90 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई।
India condoles the loss of lives and property in Sri Lanka due to flooding and landslides.
— Narendra Modi (@narendramodi) May 26, 2017
We stand with our Sri Lankan brothers and sisters in their hour of need.
— Narendra Modi (@narendramodi) May 26, 2017
भारत ने राहत सामग्री के साथ बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी हिस्से में तैनात आईएनए किर्च को बिना देरी किए कोलंबो की ओर रवाना कर दिया। आईएनएस जलााश्व को भी विशाखापत्तनम से रवाना करके मेडिकल टीमें और हेलिकॉप्टर भेजे गए।
श्रीलंका संकट हो या नेपाल भूकंप, यमन संकट हो या अफगानिस्तान भूकंप आपदा के समय प्रधानमंत्री मोदी फैसले लेने में कतई देर नहीं करते हैं।
बांग्लादेश में रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए भेजी राहत सामग्री
इसी साल सितंबर में ही भारत ने बांग्लादेश में म्यांमार से आए रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए राहत सामग्री भेजी थी। बांग्लादेश के मदद मांगने पर बिना देर किए भारत ने चावल, गेहूं, दाल, चीनी, नमक, खाद्य तेल, नूड्ल्स, बिस्किट, मच्छरदानी वगैरह की पहली खेप के साथ वायु सेना का विमान वहां भेज दिया। विदेश मंत्रालय की निगरानी में ऑपरेशन इंसानियत नाम से वहां राहत कार्यक्रम चलाया गया।
मालदीव के लोगों की प्यास बुझाई
दिसंबर 2014 में मालदीव का वाटर प्लांट जल गया, जिससे पूरे देश में पीने के पानी की किल्लत हो गई। पूरे देश में त्राहिमाम मच गया और आपातकाल की घोषणा कर दी गई। तब भारत ने पड़ोसी का फर्ज अदा किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्वरित फैसला लिया। मालदीव को पानी भेजने का निर्णय कर लिया गया और इंडियन एयर फोर्स के 5 विमान और नेवी शिप के जरिये पानी पहुंचाया जाने लगा।
नेपाल भूकंप में राहत का अद्भुत उदाहरण
27 अप्रैल 2015 को नेपाल की धरती में हलचल हुई और आठ हजार से ज्यादा जानें एक साथ काल के गाल में समा गईं। जान के साथ अरबों रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ सो अलग। हलचल नेपाल में हुई लेकिन दर्द भारत को हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई और नेपाल के लिए भारत की मदद के द्वार खोल दिए। नेपाल में जिस तेजी से मदद पहुंचाई गई वो अद्भुत था। भारतीय आपदा प्रबंधन की टीम ने हजारों जानें बचाईं। सबसे खास रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय का नेपाल सरकार से बेहतरीन समन्वय रहा। प्रधानमंत्री मोदी की इस पहल की पूरे विश्व ने सराहना की।
यमन और खाड़ी देशों में राहत कार्य
जुलाई 2015 में यमन गृहयुद्ध की चपेट में था और सुलगते यमन में पांच हजार से ज्यादा भारतीय फंसे हुए थे। बम गोलों और गोलियों के बीच हिंसाग्रस्त देश से भारतीयों को सुरक्षित निकालना मुश्किल लग रहा था। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कुशल नेतृत्व और विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह के सम्यक प्रबंधन और अगुवाई ने कमाल कर दिया। भारतीय नौसेना, वायुसेना और विदेश मंत्रालय के बेहतर समन्वय से भारत के करीब पांच हजार नागरिकों को सुरक्षित निकाला गया वहीं 25 देशों के 232 नागरिकों की भी जान बचाने में भारत को कामयाबी मिली। इस सफलता ने विश्वमंच पर भारत का लोहा मानने के लिए मजबूर कर दिया ।
अफगानिस्तान में भूकंप में राहत
अक्टूबर 2015 को अफगानिस्तान-पाकिस्तान में 7.5 तीव्रता के भूकंप से 300 लोगों के मौत हो गई। पीएम मोदी ने तत्काल दोनों देशों को मदद की पेशकश की। अफगानिस्तान में भारतीय राहत टीम को बिना देर किए रवाना किया गया और मलबे में फंसे सैकड़ों लोगों को निकालने में सफलता पायी।
सऊदी अरब में फंसे हजारों भारतीयों को निकाला
सऊदी अरब में गलत हाथों में जाकर फंसे करीब 20 हजार भारतीय तीन महीने के भीतर अपने वतन वापस लौट पाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के प्रयास से सऊदी अरब सरकार ने भारतीयों को 90 दिन के लिए ‘राजमाफी’ दी है। ‘राजमाफी’ के तहत 20 हजार से ज्यादा लोगों ने भारत लौटने के लिए अर्जी दाखिल की है।