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लोगों को अच्छे लग रहे नॉर्थ ईस्ट के बदले हालात : पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार को असम के कार्बी अलॉन्ग पहुंचे और दीफू में शांति, सद्भाव और विकास रैली को संबोधित किया। प्रधानमंत्री के इस दौरे को लेकर असम के लोगों का जोश देखते ही बन रहा था। जनसभा में उमड़ी लोगों की भारी भीड़ को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज़ादी के इस अमृतकाल में कार्बी आंगलोंग शांति और विकास के नए भविष्य की तरफ बढ़ रहा है और आने वाले कुछ वर्षों में हमें मिलकर उस विकास की भरपाई करनी है, जो बीते दशकों में हम नहीं कर पाए।

असम में हो रहे तेज गति से विकास का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा “डबल इंजन की सरकार, जहां भी हो वहां सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की भावना से काम करती है। आज ये संकल्प कार्बी आंगलोंग की इस धरती पर फिर सशक्त हुआ है। असम की स्थाई शांति और तेज़ विकास के लिए जो समझौता हुआ था, उसको ज़मीन पर उतारने का काम तेज़ी से चल रहा है”

पीएम मोदी ने असम में भी 2600 से अधिक अमृत सरोवर बनाने के काम की शुरुआत का जिक्र करते हुए कहा कि सरोवरों का निर्माण पूरी तरह से जनभागीदारी पर आधारित है। ऐसे सरोवरों की तो जनजातीय समाज में एक समृद्ध परंपरा रही है। इससे गांवों में पानी के भंडार तो बनेंगे ही, साथ-साथ ये कमाई के भी स्रोत बनेंगे

प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 के बाद से नॉर्थ ईस्ट में मुश्किलें कम हो रही हैं, लोगों का विकास हो रहा है। आज जब कोई असम के जनजातीय क्षेत्रों में आता है, नॉर्थ ईस्ट के दूसरे राज्यों में जाता है, तो हालात को बदलते देखकर उसे भी अच्छा लगता है, उन्होंने कहा, “लंबे समय तक Armed Forces Special Power Act (AFSPA) नॉर्थ ईस्ट के अनेक राज्यों में रहा है। लेकिन बीते 8 सालों के दौरान स्थाई शांति और बेहतर कानून व्यवस्था लागू होने के कारण हमने AFSPA को नॉर्थ ईस्ट के कई क्षेत्रों से हटा दिया है, पिछले वर्ष सितंबर में कार्बी आंगलोंग के अनेक संगठन शांति और विकास के संकल्प से जुड़े। 2020 में बोडो समझौते ने स्थाई शांति के नए द्वार खोले, असम के अलावा त्रिपुरा में भी NLFT ने शांति के पथ पर कदम बढ़ाए। करीब ढाई दशक से जो ब्रू-रियांग से जुड़ी समस्या चल रही थी, उसको भी हल किया गया”

पीएम मोदी ने कहा कि सबका साथ, सबका विकास की भावना के साथ आज सीमा से जुड़े मामलों का समाधान खोजा जा रहा है। जनजातीय समाज की संस्कृति, कला और हस्तशिल्प का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ये हिंदुस्तान की समृद्ध धरोहर है। यही सांस्कृतिक धरोहर भारत को जोड़ती है, एक भारत श्रेष्ठ भारत के भाव को मज़बूती देती है। केंद्र सरकार ट्राइबल टैलेंट और जनजातीय समाज के लोकल उत्पादों को निरंतर प्रोत्साहित कर रही है। उनका प्रोडक्ट देश और दुनिया के बाजारों तक पहुंचे, इसके लिए हर जरूरी प्लेटफॉर्म तैयार किया जा रहा है।

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