आर्थिक कंगाली और तंगहाली के मुहाने पर खड़ा पाकिस्तान अपनी ऐसे बदहाली के बावजूद नापाक इरादों से बाज नहीं आ रहा है। पाकिस्तान से पंजाब और जम्मू-कश्मीर जैसे सीमावर्ती भारतीय राज्यों में ड्रोन से ड्रग्स की तस्करी हो रही है। ताकि भारत के युवाओं को नशे की लत लगाई जा सके। पहले कांग्रेस और फिर पंजाब में आप की मान सरकार बनने के बाद से पाकिस्तान की ओर से भारत में ड्रोन के जरिए ड्रग्स भेजने का अभियान और तेज हुआ है। चार साल में पंजाब के सीमावर्ती गांवों में पकड़े गए 391 ड्रोन पाकिस्तान से नार्को टेरर अभियान के तहत लॉन्च हुए हैं। हैरानी की बात है कि पाकिस्तान के जहरीले इरादों में कुख्यात तस्कर, आतंकी सरगना और संगठन शामिल हैं। इंटेलिजेंस एजेंसियों को इन्वेस्टिगेशन के दौरान कुछ प्रमुख तस्करों और संगठनों के नाम जांच में मिले हैं। जो भारत में ड्रग्स भेजकर इसकी अवैध कमाई को हवाला के जरिए नेपाल और चीन में जुटाते हैं। इसके बाद पाकिस्तान से भारत विरोधी आतंकी गतिविधियों के लिए शेल कंपनियों को पैसे ट्रांसफर करते हैं।
पंजाब में भगवंत मान सरकार के बाद ड्रग्स तस्करी और तेजी से बढ़ी
पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद से सीमा पार से ड्रग्स का आना बेहद आम हो गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक स्थानीय किसान बताते हैं कि “ड्रग्स का बहुत अच्छे से संचालन किया जा रहा है, क्योंकि जो लोग इससे जुड़े हुए हैं, उन्हें वो इलाके पता हैं जहां सीमा के उस पार से ड्रग्स को फेंकना है।” किसानों या मजदूरों को बस उन पैकेटों को अपने घर ले जाना होता है। एक बार जब ये उनकी सीमा में पहुंच गए तो भारतीय कुरियर या ‘पांधी’, जैसा कि स्थानीय रूप से इन्हें जाना जाता है, इन्हें उनके घरों से ले जाते हैं। वो कहते हैं कि ये ‘पांधी’ ड्रग्स के इन पैकेटों को पास के शहरों में पहले से तय जगहों पर ले जाते हैं जहां दूसरा कुरियर वाला आता है। वहां से इसे बेचने वालों तक ले जाया जाता है। फिर वो इसे वितरकों तक पहुंचाते हैं और वहां से यह ग्राहकों तक पहुंचता है। सीमा पर गुप्तचरी में लगे एक अधिकारी के मुताबिक इस पूरी प्रक्रिया में शामिल लोगों को कमीशन मिलता है। इन्हें इसके सरगना या इस धंधे शामिल अन्य लोगों की कोई जानकारी नहीं होती और यही कारण है कि ड्रग्स के सरगना को पकड़ना आसान नहीं है।
पाकिस्तान से ड्रग्स की डिलीवरी लेकर आए 391 ड्रोन सुरक्षा बलों ने पकड़े
इसका खुलासा सुरक्षा बलों के एक्शन में साफ नजर आता है। पिछले चार साल में ही पाकिस्तान से आए 391 ड्रोन सुरक्षा बलों ने पकड़े हैं। 2020 से 2023 तक 266 और 2024 के शुरुआती 8 महीनों में ऐसे 125 ड्रोन बीएसएफ ने पकड़े हैं, जिनमें 2023 तक तीन सालों में 1500 किग्रा हेरोइन भेजी गई। 2024 में 2400 किग्रा से ज्यादा का हेरोइन और गांजा पकड़ा जा चुका है, जो बताता है कि नार्को टेरर कितनी तेजी से बढ़ रहा है। पाकिस्तान ड्रोन से ड्रग्स भेज रहा है। बीएसएफ ने 840 करोड़ रुपये की ड्रग्स पकड़ी है। ड्रोन के जरिए तस्करी में सबसे पहले नाम पंजाब का है। पंजाब राज्य पाकिस्तान के बॉर्डर से जुड़ा है। जैसा की सबको मालूम है कि अफगानिस्तान में अफीम की खेती की जाती है। अफगानिस्तान के रास्ते अफीम, गांजा और हेरोइन जैसे अन्य नशीले पदार्थ पाकिस्तान आते हैं। इसके बाद बॉर्डर में ड्रोन के सहारे इसे पंजाब पहुंचाया जाता है। यहां पर ड्रग्स के गिरोह के बड़े-बड़े सरगना इस अवैध अफीम, कोकीन और अन्य नशीले पदार्थों को दिल्ली समेत पूरे देश में पहुंचाने का काम करते हैं।ढाई साल में ही 40 हजार तस्कर गिरफ्तार, 30 करोड़ रु. बरामद
एक अनुमान के मुताबिक पाकिस्तान से आने वाले ड्रोन और ड्रग्स की यह केवल 15-20% ही रिकवरी है। बाकी की ड्रग्स की खेप तस्करी के स्थानीय नेटवर्क तक पहुंचने की आशंका है। दरअसल, पाक का नरोवाल गुरदासपुर जिले से सटा है। कसूर इलाका फिरोजपुर और सियालकोट व बहावलपुर भारतीय सीमा के पास हैं। बीएसएफ सूत्रों के मुताबिक, ड्रग्स और हथियार लदे ड्रोन इन्हीं इलाकों से लॉन्च किए जा रहे हैं। पंजाब पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया को बताया कि सितंबर 2024 तक ढाई वर्षों में कुल 2,546 किग्रा हेरोइन, 2,457 किग्रा अफीम, 1,156 क्विंटल पोस्त और 42.9 मिलियन टैबलेट्स, कैप्सूल्स, इंजेक्शन जब्त किए गए हैं। इन अभियानों में कुल 39,840 तस्करों को गिरफ्तार किया गया और उनके कब्जे से ड्रग्स तस्करी से अर्जित 30.83 करोड़ की नकदी बरामद की। एनआईए ने खालिस्तानी और पाकिस्तानी आतंकी समूहों के कनेक्शन का पता लगाया है, जो आईएसआई के मार्गदर्शन में एक्टिव रहते हैं।
ड्रग्स की तस्करी में इस्तेमाल हो रहे चार तरह के ड्रोन
1. फिक्स्ड-विंग ड्रोनः अधिकतम दूरी तक उड़ान भरकर बड़ी मात्रा में ड्रग्स लाते हैं।
2. मल्टीरोटर ड्रोनः वर्टिकल उड़ान भरने, छोटे पैकेट लाने और कहीं भी उतरने में सक्षम।
3. हाइब्रिड ड्रोनः फिक्स्ड-विंग और मल्टीरोटर दोनों गुणों को मिलाते हैं और लंबी दूरी तय कर दुर्गम स्थानों पर उड़ान भरते हैं। इन ड्रोन पर चीनी कंपनियों के लेबल लगे मिले हैं।
4. ऑटोनॉमस ड्रोनः ये ड्रोन बिना मानव नियंत्रण के उड़ान में सक्षम हैं। तस्कर इनका उपयोग पूर्व-निर्धारित मार्ग पर करते हैं, जिससे इनकी गतिविधियां छिप जाती हैं।
तस्करी का ‘गोल्डन क्रिसेंट’ से चार साल में बदल गई क्रॉस बॉर्डर स्मगलिंग
अफगानिस्तान दुनिया का सबसे बड़ा अफीम उत्पादक देश है और वहां से ड्रग्स पाक के रास्ते भारत में पहुंचाई जाती हैं। तस्करी के इस नेटवर्क को ‘गोल्डन क्रिसेंट’ कहते हैं, जो अफगानिस्तान, पाक और ईरान से होकर गुजरता है। भारतीय सुरक्षा बलों और एजेंसियों की सतर्कता चलते चार सालों में पाकिस्तान से ड्रग्स तस्करी का पैटर्न पूरी तरह से बदल गया है। 2022 में एनआइए ने हरविंदर सिंह को अटारी से गिरफ्तार किया था। अटारी सीमा पर लगभग 100 किग्रा हेरोइन जब्त की गई थी, जो पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए 10 से अधिक में भेजी गई थी। एक स्टडी में सामने आया है कि 2020 में दुनिया में मैक्सिकन तस्करी संगठनों ने अमेरिकी सीमा के पास और पाकिस्तानी ड्रग्स तस्करों ने भारत में ड्रग्स तस्करी के लिए ड्रोन जैसे एडवांस तकनीक का इस्तेमाल शुरू किया।
ड्रग्स की कमाई से आतंकियों की फंडिंग कर रहा है पाकिस्तान
माध्यम लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए- मोहम्मद जैसे आतंकी संगठन सीधे तौर पर अपनी गतिविधियों की फंडिंग के लिए इसे एक बड़ा आर्थिक स्रोत बना चुके हैं। खुफिया सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान के पंजाब प्रांत से जुड़ा एक कुख्यात ड्रग तस्कर हाफिज मुहम्मद अंसार है उसका नाम भारत में ड्रग्स तस्करी में सामने आता रहा है। इसके अलावा पाकिस्तान के पंजाब और सिंध में सक्रिय मक्की ड्रग कार्टेल भी भारत में ड्रग तस्करी में जुटा हुआ है। स्थानीय अपराधी गिरोहों और शेल कंपनियों के जरिए दूसरे प्रदेशों के नेटवर्क तक ड्रग्स पहुंचाई जाती है। हवाला के अलावा इसकी अवैध कमाई को ट्रांसफर करने के कई तरीके हैं। गैरकानूनी वित्तीय चैनलों से नेपाल व चीन और फिर पाकिस्तान में ट्रांसफर किया जाता है। मनी लॉन्ड्रिंग के इस पहले चरण में ड्रग्स की अवैध व नकद कमाई को वैध व्यवसायों, बैंक खातों या अन्य वित्तीय संस्थानों में जमा किया जाता है। नकदी को छोटे-छोटे हिस्सों में तोड़कर अलग-अलग बैंक खातों में जमा कराते हैं। बड़ी राशि और संदेह से बचने का यह रास्ता ‘स्मर्किंग’ कहलाता है। चीन और नेपाल के कैसीनो के माध्यम से भी इसे वैध किया गया है, जहां बड़ी धनराशि को गेम में वैध जीत से प्राप्त दिखाते हैं। लेयरिंग के दूसरे चरण में पैसा कई जटिल लेन-देन के जरिए घुमाया जाता है ताकि इसके स्त्रोत का पता लगाना मुश्किल हो। नकदी का एक हिस्सा खास तौर पर पंजाब और महाराष्ट्र में टारगेट किलिंग और रंगदारी वसूलने के लिए भी खर्च करने में भी उजागर हुए हैं।
डी कंपनी से लेकर बलूच तस्करों की भी मदद ले रहा है पाकिस्तान
पंजाब में पकड़ी गई ड्रग्स की जड़ें पाकिस्तान के अलावा यूरोप और यूएई में संचालित वैश्विक नेटवकों तक पहुंचती हैं। जसमीत हकीमजादा जैसे प्रमुख व्यक्तियों को नाकों आतंक के संचालक के तौर पर पहचाना गया है, जो स्थानीय युवाओं को इस धंधे और अन्य आपराधिक गतिविधियों के लिए प्रलोभन देता है। वे एनआईए के रडार पर हैं। दाऊद इब्राहिम का डी-कंपनी नेटवर्क आतंकी गतिविधियों और ड्रग्स तस्करी में भी शामिल है। पाकिस्तान का एक और कुख्यात ड्रग तस्कर ताहिर महमूद उर्फ ‘चाचा’ भी अफगानिस्तान से हेरोइन को भारत पहुंचाता है। वहीं, बलूचिस्तान में सक्रिय कई तस्कर गुट भी अफगानिस्तान से ड्रग्स को पाकिस्तान के पंजाब और सिंध के जरिए भारत भेजते हैं।
अवैध ड्रग्स सप्लाई से कमाई के उदाहरण…
- 2020 में 1,212 किग्रा ड्रग्स की भारत में तस्करी का पता चला। जिन तस्करों को पकड़ा, उनसे हवाला के जरिए जुटाए गए 7.21 करोड़ रु. मिले।
- 2021 में तस्करों ने पंजाब में 1,504 किग्रा ड्रग्स भेजी। हवाला से जुटाए गए 8.54 करोड़ के साथ तस्कर पकड़े गए तो इस बात का खुलासा हुआ।
- 2022 में 1854 किग्रा ड्रग्स गुप्त नेटवर्क के जरिए सप्लाई की। इसकी एवज में 8.54 करोड़ रुपए शेल कंपनियों के माध्यम से जुटाए गए।
- 2023 और अब तक 2005 किग्रा ड्रग्स सप्लाई के एवज में स्थानीय गिरोहों ने हवाला और क्रिप्टोकरंसी के जरिए 30.83 करोड़ रुपए की राशि को सफेद धन में बदला गया।
- सूत्रों के मुताबिक पंजाब की आप सरकार में पुलिस के एक बड़े हिस्से को तस्करों के साथ गठजोड़ में शामिल पाया गया है, जो कानून प्रवर्तन प्रयासों की कमजोरी बना है। यही वजह है कि संदिग्ध 10 हजार पुलिस कर्मियों का सीमावर्ती जिलों से ट्रांसफर किया गया है।
वर्ष कौनसा ड्रग्स ड्रग्स मात्रा कीमत
2020 हेरोइन, गांजा, एमडीएम 1707 किलो 403 करोड़
2021 हेरोइन, गांजा 1686 किलो 303 करोड़
2022 हेरोइन, गांजा 1821 किलो 236 करोड़
2023 हेरोइन, गांजा 1548 किलो 209 करोड़
2024 हेरोइन, गांजा 2400 किलो 840 करोड़