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पीएम मोदी के आत्मनिर्भरता और लोकल के मंत्र का असर, CAPF की कैंटीन में सिर्फ स्वदेशी उत्पादों की होगी बिक्री

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कोरोना संकट के दौरान अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए आत्मनिर्भरता और लोकल उत्पाद खरीदने का संदेश दिया था। प्रधानमंत्री मोदी के संदेश की हर देशवासी ने जमकर प्रशंसा की। आखिर स्थानीय और स्वदेशी प्रोडक्ट्स को खरीदने से हमारे देश के लोगों को ही लाभ होगा और देश का पैसा देश में रहेगा, देश में ही लगेगा। कई संस्थानों ने पीएम मोदी के इस मंत्र को अमल में लाना भी शुरू कर दिया है।

प्रधानमंत्री मोदी की अपील के बाद गृहमंत्रालय ने ऐलान किया है कि सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) की कैंटीनों और स्टोरों पर अब सिर्फ स्वदेशी उत्पादों की ही बिक्री होगी। गृह मंत्रालय के मुताबिक 1 जून, 2020 से देशभर की सभी CAPF कैंटीनों पर यह बदलाव लागू होगा। आपको बता दें कि सीएपीएफ की कैंटीनों में कुल खरीद लगभग 2,800 करोड़ रुपये की है। इस फैसले के बाद लगभग 10 लाख CAPF कर्मियों के 50 लाख परिजन स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करेंगे।

इस संबंध में गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया, “माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को आत्मनिर्भर बनाने और लोकल प्रोडक्ट्स (भारत में बने उत्पाद) उपयोग करने की एक अपील की जो निश्चित रूप से आने वाले समय में भारत को विश्व का नेतृत्व करने का मार्ग प्रशस्त करेगी।”

 

PM मोदी ने किया 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज का ऐलान, कहा- लोकल के लिए बनें ‘वोकल’
कोरोना महामारी के संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 12 मई को रात आठ बजे राष्ट्र को संबोधित किया था। इसमें प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सभी एक्सपर्ट और साइंटिस्ट बताते हैं कि कोरोना लंबे समय तक हमारे जीवन का हिस्सा बना रहेगा। लेकिन हम ऐसा भी नहीं होने दे सकते कि हमारी जिंदगी कोरोना के आसपास ही रह जाए। हम मास्क पहनेंगे, दो गज की दूरी रखेंगे, लेकिन अपने लक्ष्यों को दूर नहीं होने देंगे। इस मौके पर ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ का ऐलान किया था। उन्होंने कहा कि 20 लाख करोड़ का यह आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज देश की कुल जीडीपी का करीब-करीब 10% है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विश्व की आज की स्थिति हमें सिखाती है कि इसका मार्ग एक ही है ‘आत्मनिर्भर भारत’। उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र के रूप में आज हम एक बहुत ही अहम मोड़ पर खड़े हैं। इतनी बड़ी आपदा भारत के लिए एक संकेत लेकर आई है, एक संदेश लेकर आई है, एक अवसर लेकर आई है। उन्होने एक उदाहरण देते हुए कहा कि जब कोरोना संकट शुरू हुआ, तब भारत में एक भी पीपीई किट नहीं बनती थी। एन-95 मास्क का भारत में नाममात्र उत्पादन होता था। आज स्थिति ये है कि भारत में ही हर रोज 2 लाख PPE और 2 लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं। 

प्रधानमंत्री मोदी ने देश की अर्थव्यस्था में उछाल लाने के लिए पांच पिलर्स का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की ये भव्य इमारत, पाँच Pillars पर खड़ी होगी। ये है- पहला इकोनॉमी, दूसरा इंफ्रास्ट्रक्चर, तीसरा सिस्टम, चौथा डेमोग्राफी और पांचवां डिमांड। उन्होंने कहा कि थकना, हारना, टूटना-बिखरना, मानव को मंजूर नहीं है। सतर्क रहते हुए, ऐसी जंग के सभी नियमों का पालन करते हुए, अब हमें बचना भी है और आगे भी बढ़ना है। पीएम मोदी ने कहा कि आज से हर भारतवासी को अपने लोकल के लिए ‘वोकल’ बनना है। हमें न सिर्फ लोकल प्रॉडक्ट्स खरीदने हैं, बल्कि उनका गर्व से प्रचार भी करना है। मुझे पूरा विश्वास है कि हमारा देश ऐसा कर सकता है। 

स्वदेशी उत्पादों के इस्तेमाल से अब चीन को मिलेगी कड़ी चुनौती
मुश्किल वक्त में अपना सामर्थ्य ही काम आता है। कोरोना संकट ने इस बात को फिर साबित कर दिया है। जिस समय कोरोना वायरस ने भारत को अपनी चपेट में लेना शुरू किया, उस समय पीपीई किट के लिए भारत चीन पर निर्भर था। लेकिन भारत के वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और विशेषज्ञों ने कम समय में स्वदेशी पीपीई किट निर्माण कर फिर साबित कर दिया कि भारत किसी देश से कम नहीं है। वह खुद के प्रयास से चुनौती को अवसर में बदल सकता है। इसी विश्वास की झलक मंगलवार को पांचवीं बार प्रधानमंत्री मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन में देखने को मिली। उन्होंने कोरोना वायरस की वजह से बनी विश्व की मौजूदा स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि भारत को लोकल के लिए वोकल बनना होगा।

“लोकल सिर्फ जरूरत नहीं, जिम्मेदारी भी”    
लोकल यानि स्थानीय उत्पादों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘संकट के इस समय में इसी लोकल ने हमारी मांग पूरी की, इसी लोकल ने हमें बचाया है। लोकल बस जरूरत नहीं है, बल्कि हमारी जिम्मेदारी भी है। इसलिए लोकल के साथ हमें अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाना होगा। सिर्फ रफ्तार नहीं बढ़ानी है, बल्कि क्वांटम जंप भी लगाना है।’

“आत्मनिर्भरता, आत्मबल से ही संभव होगा”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ को सशक्त बनाना है। यह सब आत्मनिर्भरता, आत्मबल से ही संभव होगा। उन्होंने कहा, ‘‘समय की मांग है कि भारत हर प्रतिस्पर्धा में जीते, सरकार जो आर्थिक पैकेज घोषित कर रही है उसमें अनेक प्रावधान किये गये हैं, इससे क्षमता बढ़ेगी, गुणवत्ता बेहतर होगी।’’

डिमांड क्षेत्र का इस्तेमाल करने की जरूरत
लोकल पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत दुनिया के लिए एक बाजार के साथ साथ बड़ी डिमांड का क्षेत्र भी है। हमें इसका सही इस्तेमाल करने की जरूरत है।

“लोकल प्रोडक्ट को ग्लोबल बनाना है” 
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘ग्लोबल ब्रांड भी कभी इसी तरह लोकल थे। जब लोगों ने उनका इस्तेमाल करना शुरू कर दिया, वे उन्हें बढ़ावा देने लगे, उनकी ब्रांडिंग करने लगे और उन पर गर्व महसूस करने लगे, वे लोकल प्रोडक्ट से ग्लोबल हो गए। भारत को भी यही करना है। मुझे पूरा विश्वास है कि देश ऐसा कर सकता है।’

खादी पर दिया जोर
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘जब मैंने आपसे खादी खरीदने का अनुरोध किया… तो आपने मेरा साथ दिया। खादी और हैंडलूम की मांग और बिक्री कुछ ही समय में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। आपने उसे बड़ा ब्रांड बना दिया है। बस छोटी सी कोशिश थी और परिणाम अच्छा रहा। आगे भी हम ऐसा करेंगे इसकी उम्मीद करता हूं।’

दूसरे देशों पर निर्भरता होगी कम
प्रधानमंत्री मोदी की इस अपील का मतलब ये है कि भारत अब दूसरे देशों पर अपनी निर्भरता को कम करेगा। इसे खासतौर पर चीन के संदर्भ में देखा जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन से साफ है कि अब सरकार स्थानीय स्तर पर लोगों को स्वरोजगार के लिए मौके देने जा रही है। उस क्षेत्र में निर्मित सामानों के इस्तेमाल पर भी जोर दिया जा रहा है, ताकि चीन पर हमारी निर्भरता को पहले के मुकाबले कम किया जा सके। प्रधानमंत्री मोदी ने पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विप्मेंट्स (PPE) किट से इसका उदाहरण भी दिया।

सीक्रेट मिशन को अंजाम देने में जुटा चीन
प्रधानमंत्री मोदी के देश में निर्मित उत्पादों के ज्यादा इस्तेमाल पर जोर देने का प्रमुख कारण चीन के साथ भारत के कूटनीतिक रिश्ते हैं। एक तरफ जहां पूरी दुनिया कोरोना वायरस से जंग लड़ रही है और अपनी अर्थव्यवस्था बचाने में जुटी हुई है तो वहीं चीन दूसरे देशों में भारी पैमाने में निर्यात से कमाए गए पैसे से ही अपने सीक्रेट मिशन को अंजाम देने में जुटा हुआ है। बता दें कि भारत में मोबाइल, कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक्स, साज-सज्जा, लाइटिंग, समेत कई घरेलू उत्पाद भी चीन से बनकर आते हैं जिसका हम इस्तेमाल करते हैं। चीन भारत में अपना उत्पाद बेचकर मोटा पैसा कमाता है जिसका इस्तेमाल वो अपने देश के विकास और एशिया सहित पूरी दुनिया में वर्चस्व बनाए रखने के लिए करता है।

चीन के बढ़ते दबदबे को कम करने की कोशिश
कोरोना से जंग के बीच चीनी सेना एक तरफ मिलिट्री ड्रिल कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ पड़ोसी देशों के ऊपर लड़ाकू विमान और हेलिकॉप्टर उड़ाकर संबंधों में तनाव पैदा करने की भी कोशिश कर रहा है। लद्दाख और सिक्किम में भी चीनी सेना और भारतीय सेना के बीच तनाव बना हुआ है। चीन कभी एवरेस्ट पर 5जी तकनीक इंस्टॉल करने लगता है। ऐसे में एशिया में चीन के बढ़ते दबदबे को कम करने की क्षमता सिर्फ भारत में ही है क्योंकि अगर ऐसा नहीं किया तो इससे भारत के सामरिक हितों का नुकसान होगा।

चीन के खिलाफ एकजुट हो रहे देश
कोरोना संकट फैलाने के बाद चीन लगातार ऐसी हिमाकत कर रहा है, जिससे एशियाई देशों और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ गई है। सबसे ज्यादा परेशानी भारत, बांग्लादेश, म्यांमार, ताइवान, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे पड़ोसी देशों को हो रही है। ऐसे में भारत समेत बाकी देश एकजुट हो रहे हैं।

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