भगोड़े आर्थिक अपराधियों की हर चाल को मोदी सरकार नाकाम करने में जुटी है। मतलब भगोड़े डाल-डाल तो मोदी सरकार पात-पात! देश के हजारों करोड़ रुपये लूटकर विदेशों में जा छिपे भगोड़े नीरव मोदी, मेहुल चौकसी, विजय माल्या आदि अपराधियों के खिलाफ मोदी सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही। महाराष्ट्र के अलीबाग में नीरव मोदी का आलीशान बंगला ढहाने के अलावा मोदी सरकार ने एक फूलप्रुफ प्लान बनाया है, जिसमें नीरव और मेहुल को किसी भी वक्त पकड़कर भारत लाया जा सकता है। ये अभी दुनियाभर के आर्थिक भगोड़े के स्वर्ग कहे जाने वाले कैरिबियाई देशों में छिपा हुआ है।
जानकारी के मुताबिक इन्हें सीबीआई और ED के जॉइंट ऑपरेशन द्वारा भारत लाया जा सकता है। इस ऑपरेशन को लेकर कैरेबियन देशों में सीबीआई की दो टीम अभी भी हैं। साथ ही सूत्रों ने बताया कि ऑपरेशन से जुड़े कुछ अधिकारी तीन दिन पहले ही विदेश गए हैं। भारतीय जांच एजेंसी विदेश मंत्रालय के नेतृत्व में विदेशी दूतावास के संपर्क में है। मेहुल चोकसी भी कैरेबियन देशोंं में है। जांच एजेंसी के सूत्रों ने यह भी खुलासा किया है कि चोकसी और नीरव मोदी जैसे लोग ही इन देशों के निशाने पर होते हैं।
चोकसी को कैरिबियाई देश से उठाया जा सकता है, जबकि नीरव मोदी को यूरोप से उठाया जा सकता है, जहां उसके छिपे होने की संभावना है। प्रत्यर्पण समझौता नहीं होने की वजह से ये द्वीप भारत के भगोड़े आर्थिक अपराधियों के लिए सुरक्षित पनाहगार बन गए हैं। इनके अलावा, अन्य देश जैसे ग्रेनाडा, सेंट लुसिया और डोमिनिसिया भी इसी तरह पैसे लेकर नागरिकता देने का काम करते हैं।
डोमिनिसिया और सेंट लुसिया महज एक लाख डॉलर में ही नागरिकता और पासपोर्ट दे देते हैं, जबकि अगर पत्नी को भी नागरिकता की जरूरत है, तो इसके लिए सेंट लुसिया 1.65 लाख डॉलर और डोमिनिसिया 1.75 लाख डॉलर लेता है। वहीं, ग्रेनाडा इसी तरह का पासपोर्ट दो लाख डॉलर में देता है।
गौरतलब है हाल ही में सरकार ने अगस्टा वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर घोटाले के आरोपी क्रिश्चियन मिशेल को यूएई से भारत प्रत्यर्पित कराया है। मिशेल के बाद एक और आरोपी आशीष खेतान को भी ईडी ने दबोच लिया है।
ऑपरेशन ‘घर-वापसी’!
लंबी दूरी के लिए एअर इंडिया का नॉन स्टॉप बोइंग तैनात
सीबीआई और ईडी के चुनिंदा अफसरों की टीम को जिम्मा
बोइंग में स्टाफ के अलावा 15-20 अफसरों की होगी टीम
सीधे कैरिबियाई देशों में लैंड कर दबोचेंगे मेहुल-नीरव को
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उनकी सरकार की कोशिशोंं आजाद भारत के इतिहास में पहली बार हजारों करोड़ रुपये का घोटाला करने वाला कोई भगोड़ा अपराधी ब्रिटेन से भारत प्रत्यर्पण करने का सामना करने जा रहा है। ब्रिटेन की कोर्ट ने भारत की बैंकों का 9 हजार करोड़ से अधिक लूट कर फरार होने वाले भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यपर्ण को मंजूरी दे दी है। हालांकि माल्या ने इसके खिलाफ ब्रिटेन की ऊपरी अदालत में अपील कर रखी है। लेकिन भारत का पक्ष मजबूत है।
इससे पहले लंदन की कोर्ट में माल्या ने कई दलीले दीं लेकिन मोदी सरकार की तरफ से पेश किए तर्कों के सामने उसकी एक नहीं चली और अखिर कोर्ट ने माल्या को भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश सुना दिया। जाहिर है कि उद्योगपति विजय माल्या कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार का करीबी थी और यूपीए शासन के दौरान ही उसे नियमों को एक किनारे रख कर फायदा पहुंचाया गया था। आपको बता दें कि मोदी सरकार एक-एक भगोड़े अपराधी को भारत लाने में लगी है। अभी हाल ही में वीवीआईपी हेलिकॉप्टर अगस्ता वेस्टलैंड डील के बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल को यूएई से भारत लाया गया था।
बिचौलिया क्रिश्चियन मिशेल यूएई से प्रत्यर्पण कर भारत लाया गया
इसके पहले अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर सौदे के बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल जेम्स को प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया है। प्रधानमंत्री मोदी की कूटनीति की वजह से ही संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) क्रिश्चियन मिशेल के प्रत्यर्पण पर राजी हुआ है। जाहिर है कि 3700 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में मुख्य आरोपी है। अगस्ता वेस्टलैंड ने भारतीय वायु सेना के अधिकारियों और सोनिया गांधी समेत तत्कालीन यूपीए सरकार के लोगों को प्रभावित कर कंपनी की डील दिलाने में मदद के लिए मिशेल की नियुक्ति की थी। भारत लाने के बाद सीबीआई क्रिश्चिएन मिशेल से पूछताछ में लगी है। क्रिश्चियन मिशेल के भारत लाए जाने के बाद आने वाले दिनों में कांग्रेस पार्टी और सोनिया गांधी की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। क्रिश्चियन पर 3,700 करोड़ रुपये की अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर डील में मनी लॉन्ड्रिंग करने, घूस लेने और धोखाधड़ी करने का आरोप है। क्रिश्चियन पर आरोप है कि उसने घूस की रकम ट्रांसफर करने के लिए दो कंपनियों ग्लोबल सर्विसेज एफजेडई, दुबई और ग्लोबल ट्रेड एंड कॉमर्स सर्विसेज, लंदन का इस्तेमाल किया था।
इंडोनेशिया से पकड़ा गया भगोड़ा कारोबारी विनय मित्तल
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब से देश की सत्ता संभाली है उनकी प्राथमिकता हर स्तर पर भ्रष्टाचार और लूट-खसोट को खत्म करना रहा है। इसके लिए मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार रोकने वाले कई नए कानून बनाए हैं और कई पुराने कानूनों को मजबूत भी किया है। बैंकों का पैसा लूट कर विदेश भागने वालों को पकड़ने के लिए मोदी सरकार ने इसी साल अगस्त में भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून बनाया था। इस कानून के बनने के बाद विदेशों में बैठे घोटालेबाजों की शामत आ गई है। सीबीआई ने इसकी कानून के तहत 7 बैंकों से 40 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी कर फरार उद्योगपति विनय मित्तल को पकड़ने में कामयाबी हासिल की है। सीबीआई इस भगोड़े कारोबारी को इंडोनिशेया से प्रत्यर्पित कर भारत ले आई है। विनय मित्तल का नाम विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चोकसी जैसे भगोड़े आर्थिक अपराधियों की सूची में शामिल था। जिस प्रकास मोगी सरकार भगोड़े उद्योगपतियों पर कार्रवाई कर रही है, उससे लगता है कि वो दिन दूर नहीं है जब विजय माल्या और नीरव मोदी भी शिकंजे में होंगे।
गौरतलब है कि सीबीआई ने भगोड़े कारोबारी विनय मित्तल के खिलाफ 2014 और 2016 में कॉरपोरेशन बैंक और पीएनबी की शिकायत पर केस दर्ज किए थे। सीबीआई ने उसके फरार होने के बाद दिल्ली और गाजियाबाद की अदालत में सात चार्जशीट दाखिल की थीं। कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित करते हुए रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। सीबीआई ने कड़ी मशक्कत के बाद विनय मित्तल और उसके परिवार को इंडोनेशिया के बाली में खोज निकाला था और अब उसे प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया है।
मोदी सरकार की सख्ती का असर, बहरीन से पकड़ा गया भगोड़ा आर्थिक घोटालेबाज
सीबीआई ने 9 वर्ष पहले बैंकों को लाखों का चूना लगाने वाले एक आर्थिक घोटालेबाज को बहरीन में धर दबोचा है। सीबीआई ने मोहम्मद याहया नाम के इस शख्स के खिलाफ भगोड़ा आर्थिक अपराध कानून के तहत कार्रवाई की है। आपको बता दें कि मोदी सरकार ने बैंकों का धन लूट कर विदेश भागने वाले कारोबारियों पर सख्त कार्रवाई के लिए इसी वर्ष अगस्त में भगोड़ा आर्थिक अपराध कानून बनाया है। इस कानून के तहत देश ही नहीं विदेश में भी ऐसा घोटालेबाजों की संपत्ति जब्त करने का प्रावधान है।
मोदी सरकार के भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून के तहत सीबीआई को यह पहली कामयाबी थी। सीबीआई घोटालेबाज मोहम्मद याहया को पकड़कर भारत ले आई है। बता दें कि 47 वर्षीय मोहम्मद याहया 2003 में बैंगलुरू के कुछ बैंकों के साथ करीब 46 लाख रुपए का घोटाला करने बाद खाड़ी देश भाग गया था। याहया को बहरीन से पकड़ा गया। पिछले काफी समय से उस पर भारतीय एजेंसियों की नजर थी। बहरीन में उसकी गिरफ्तारी के बाद सभी आवश्यक कार्रवाई को पूरा कर भारत लाया गया। याहया के खिलाफ सीबीआई ने 2009 में जांच शुरू की थी, तबतक वह देश छोड़कर भाग चुका था। उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी हुआ था। मोहम्मद याहया पर आपराधिक षड्यंत्र रचने, धोखाधड़ी जैसे कई आरोप लगाए गए हैं।
जाहिर है कि घोटालेबाजों पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए अगस्त में बने सख्त कानून के बाद यह पहला मामला है, जब सरकार किसी भगोड़े, घोटालेबाज को वतन वापस लाने में कामयाब रही हो। यह भगोड़े आर्थिक अपराधी नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, विजय माल्या जैसे घाटालेबाजों पर भी मोदी सरकार इसी कानून के तहत कार्रवाई कर रही है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत को कूटनीतिक मोर्चे पर एक साथ दो बड़ी कामयाबी मिली है। एक तो पीएम मोदी की अपील पर इटली ने जी 20 देशों के समिट की अपनी मेजबानी छोड़ दी। अब भारत अपनी आजादी के 75वीं वर्षगांठ पर जी 20 समिट की मेजबानी करेगा।
In 2022 India completes 75 years since Independence. In that special year, India looks forward to welcoming the world to the G-20 Summit! Come to India, the world’s fastest growing large economy! Know India’s rich history and diversity, and experience the warm Indian hospitality.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 1, 2018
इसके साथ ही भारत ने माल्या और नीरव मोदी जैसे आर्थिक अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए दुनिया से सहयोग भी मांग लिया। पीएम मोदी ने इसके लिए जी 20 देशों के सामने 9 सूत्रीय फार्मूला दिया है।
दरअसल भारत में जब से मोदी सरकार ने आर्थिक गड़बड़ियों और बैंकों को चूना लगाने वाले लोगों पर कार्रवाई करना शुरू की है, तभी से नीरव मोदी, विजय माल्या जैसे लोग विदेश भाग गए हैं और नियम कानूनों की खामियों का फायदा उठाकर प्रत्यर्पण से बच रहे हैं। अब मोदी सरकार इन अपराधियों के ठिकाने ही खत्म करने की योजना पर काम कर रही है। जी 20 देश दुनिया के 20 बहुत अहम देशों जैसे अमेरिका, रूस चीन, ब्रिटेन, जापान,इटली, फ्रांस, कनाडा, जर्मनी और ब्राजील आदि का संगठन है। इन देशों से दुनिया की करीब 85 फीसदी अर्थव्यवस्था चलती है। जाहिर है ऐसे आर्थिक रूप से मजबूत और ताकतवर देशों की मेजबानी का मौका भारत को मिलेगा तो इससे न केवल भारत में निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे बल्कि दुनियाभर में भारत का सम्मान और बढ़ जाएगा।
भगोड़ों के खिलाफ पीएम मोदी के 9 मंत्र
1. जी 20 देशों के बीच प्रभावी,सक्रिय सहयोग हो।
2. भगोड़ों पर कानूनी कार्रवाई और प्रत्यर्पण के लिए जी 20 देश सहयोग करे।
3.भगोड़े अपराधियों के दूसरे देश में प्रवेश रोकने की प्रक्रिया बने।
4.भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांत प्रभावी तरीके से लागू हो।
5.फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स के जरिए ऐसी व्यवस्था हो खुफिया यूनिट के बीच समन्वयर की व्यवस्था हो।
6.फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स को भगोड़े अपराधी की परिभाषा तय करने की जिम्मेदारी मिले।
7.भगोड़ों की पहचान, प्रत्यर्पण और कार्रवाई के लिए जी 20 देश सहमति से मानक बनाएं।
8.नियम कानूनों की खामियां और प्रत्यर्पण के मामलों पर एक दूसरे से अनुभव साझा करने का एक प्लेटफॉर्म बनाया जाए।
9.भगोड़े अपराधियों से वसूली के लिए, जी20 देश उनकी संपत्ति का पता लगाने की कोशिश करें।
मोदी जी की इन ९ मंत्र से उम्मीद है की अब इन भगोड़े आर्थिक अपराधियों का सही इलाज मोदी सरकार ने निकाल लिया है |