प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार कोरोना महामारी पर काबू पाने के लिए लगातार कोशिश रही है। वैक्सीनेशन से लेकर स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर की मजबूत पर जोर दिया जा रहा है। जिसका नतीजा है कि देश में कोरोना के मामलों की संख्या भी लगातार कम हो रही है लेकिन फिर भी तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए मोदी सरकार कोरोना को लेकर किसी भी तरह की ढिलाई देने के पक्ष में नहीं है। कुछ राज्यों में लगातार मामले बढ़ने से केंद्र सरकार की चिंता बढ़ी हुई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक जिन राज्यों में मामले बढ़ रहे हैं उनमें गैर बीजेपी शासित राज्यों की संख्या सबसे अधिक है।
जिन राज्यों में कोरोना के नए मामलों ने चिंता बढ़ायी है, उनमें केरल (11414), महाराष्ट्र (8815), तमिलनाडु (3565), आंध्र प्रदेश (3461), कर्नाटक (3342), असम (2946), ओडिशा (2896), पश्चिम बंगाल (1490) और तेलंगाना (993) का नाम शामिल है। यहां पर केवल नए मामले ही नहीं बढ़े हैं बल्कि इनमें पॉजिटिविटी रेट भी अधिक रहा है। इनमें से कुछ राज्यों में जुलाई की शुरुआत में ही मोदी सरकार ने अपनी टीमें भेजनी शुरू की। मिली जानकारी के अनुसार, इन राज्यों में पहुंचकर टीमें वहां कोविड-19 मैनेंजमेंट, निगरानी, कंटेनमेंट ऑपरेशंस और टेस्टिंग जैसे काम को देख रही है। साथ ही इन राज्यों में कोविड की स्थिति का मूल्यांकन कर जरूरी उपाय सुझा रही है।
मोदी सरकार ने अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, केरल, असम, मेघालय, त्रिपुरा, सिक्किम और ओडिशा को पत्र लिखकर कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर आगाह किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की तरफ से लिखे गए इस पत्र में इन राज्यों को महामारी की रोकथाम के लिए सलाह और दिशा-निर्देश भी दिए गए हैं। इसमें इन राज्यों में बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा गया है कि यहां पर पॉजिटिविटी रेट 10 प्रतिशत से अधिक है। केंद्र की तरफ से लिखे गए इस खत में 28 जून से 4 जुलाई के बीच बढ़े मामलों के बारे में भी जानकारी दी गई है। केंद्र ने इस खत के माध्यम से इन राज्यों को वैक्सीनेशन में तेजी लाने और वैक्सीनेशन सेंटर की संख्या बढ़ाने की सलाह दी है।
गौरतलब है कि 6-7 जुलाई के दौरान सामने आए कोरोना के नए मामलों से पता चला है कि करीब 55 दिनों में पहली बार कोरोना से ठीक होने वालों की संख्या सामने आए नए मामलों की संख्या से कम रही है। बीते 111 दिनों के अंदर सबसे कम मामले 6 जुलाई को सामने आए थे। इस दिन देश में 34,703 नए मामले सामने आए। इतना ही नहीं 6 जुलाई के बाद देश में एक्टिव मामलों की भी संख्या में बढ़ोतरी हुई है।