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केजरीवाल की करतूत: नर्मदा परियोजना की विरोधी ‘अर्बन नक्सल’ मेधा पाटकर को करेंगे Gujrat CM के रूप में प्रोजेक्ट, अमित शाह बोले- विरोधियों के लिए गुजरात में कोई जगह नहीं

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गुजरात में सत्ता हासिल करने के लिए अनाप-शनाप वादे कर रहे आप संयोजक अरविंद केजरीवाल 2014 में लोकसभा चुनाव बुरी तरह हार चुकी मेधा पाटकर को गुजरात में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर प्रोजेक्ट कर सकते हैं। यह वही मेधा पाटकर हैं, जिसने गुजरात राज्य की जीवनरेखा बन चुकी नर्मदा परियोजना का खुलकर विरोध किया था। यह वही मेधा पाटकर हैं, जिनको ‘अर्बन नक्सल’ भी कहा गया। अब उन्हीं मेधा पाटकर को गुजरात की राजनीति में पिछले दरवाजे से प्रवेश कराने की योजना केजरीवाल बना रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात को बदनाम करने वालों की साजिश का भंडाफोड़ कर दिया।

 

पंजाब में मुंगेरी लाल के सपने दिखाकर अब गुजरात में ख्याली पुलाव पका रहे केजरीवाल
आम आदमी पार्टी ने पंजाब की जनता को मुंगेरी लाल के हसीन सपने दिखाकर अपने मायाजाल में फंसा लिया। पंजाब में लगातर बढ़ते अपराधों, भ्रष्टाचार और नशे के गोरखधंधे पर कोई रोक न लग पाने के कारण अपने ही निर्णय को कोस रही है। पंजाब में आम आदमी पार्टी की मान सरकार के राज में सिखों और गरीब हिंदुओं को ईसाई धर्म में परिवर्तित करने के लिए गुमराह किया जा रहा है। यह सब सरकार की नाक के नीचे हो रहा है, लेकिन इसके पीछे विदेशी फंडिंग मिलने के कारण सरकार प्रभावी कदम नहीं उठा रही है। केजरीवाल को उम्मीद है पंजाब की तरह गुजरात की जनता को भी गुमराह किया जा सकता है। इसलिए वे अपने रेवड़ी कल्चर के अनाप-शनाप वादे कर रहे हैं, लेकिन गुजरात की जनता और युवा झांसे में आने वाला नहीं है।

कुछ लोग रच रहे हैं गुजरात को एकबार फिर बदनाम करने की साजिश
केंद्रीय गृह मंत्री शाह पहले गुजरात में आयोजित किए जा रहे 36वें राष्ट्रीय खेलों के उद्घाटन के अवसर पर कहा कि जो लोग गुजरात और हमारी जीवन रेखा नर्मदा परियोजना का विरोध करने वाली मेधा पाटकर को लाना चाहते हैं। उनको गुजरात की राजनीति में पिछले दरवाजे से प्रवेश कराने के लिए इन दिनों नई शुरुआत की जा रही है। ये वही लोग हैं जो हर संभव मंच पर गुजरात को बदनाम करने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं, उन्हें यहीं रोक देना चाहिए। गुजरात का विरोध करने वालों के लिए गुजरात में कोई जगह नहीं है। शाह ने कहा कि उन्हें गुजरात के लोगों पर भरोसा है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने राज्य का विरोध किया है, उन्हें वे कभी स्वीकार नहीं करेंगे।

पिछले 20 वर्षों में गुजरात ने विकास के अतुलनीय मानदंड स्थापित किए
राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गुजरात में हुए अतुलनीय विकास को याद करते हुए शाह ने कहा कि पिछले 20 वर्षों में गुजरात ने विभिन्न क्षेत्रों में विकास किया है और ऐसे मानदंड स्थापित किए हैं, जिन्हें शायद आने वाले कई दशकों में तोड़ा नहीं जा सकता है। गृह मंत्री ने कहा कि मोदी के नेतृत्व में गुजरात में सड़कों और बंदरगाहों जैसे बुनियादी ढांचे का विकास हुआ है, 24 घंटे बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की गई है और कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को मजबूत किया गया है। आने वाले सालों में गुजरात में विकास की गंगा और तेज गति से प्रवाहित होगी, लेकिन इस बीच कुछ तुच्छ मानसिकता के लोगों द्वारा गुजरात को एकबार फिर बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। गुजरात के युवा इसे सफल नहीं होने देंगे।

गुजरात में आयोजित राष्ट्रीय खेलों के गीत और शुभंकर का अनावरण
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अहमदाबाद के ईकेए एरिना ट्रांसस्टेडिया में गुजरात में होने वाले 36वें राष्ट्रीय खेल के गीत और शुभंकर का अनावरण किया। राष्ट्रीय खेल 29 सितंबर से 12 अक्टूबर तक आयोजित किए जाएंगे और इसे राजनीति और खेलों की दुनिया की मशहूर हस्तियों की मौजूदगी में आधिकारिक रूप से लांच किया गया। कार्यक्रम के दौरान खेलों के गान और शुभंकर के साथ वेबसाइट और मोबाइल एप का भी अनावरण किया गया। इन खेलों का शुभंकर गुजराती में सावज नामक शेर की तरह दिखता है।राष्ट्रीय खेलों में मलखंब और योगासन भी शामिल, सात हजार से ज्यादा खिलाड़ी हिस्सा लेंगे
अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में गुजरात ने खेल की दुनिया में महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया और ऐसा कोई खेल नहीं है, जिसके लिए राज्य में अंतरराष्ट्रीय स्तर का टूर्नामेंट आयोजित नहीं किया जा सके। उन्होंने कहा,’मैं पूरे देश के लोगों को बताना चाहूंगा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में गुजरात ने पिछले एक दशक में खेल के बुनियादी ढांचे के निर्माण में सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। अहमदाबाद, गांधीनगर, सूरत, वडोदरा, राजकोट और भावनगर इन राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करेंगे। विभिन्न राज्यों के 7000 से ज्यादा खिलाड़ियों के 36 प्रतियोगिताओं में भाग लेने की आशा है, जिनमें पारंपरिक ओलिंपिक के ज्यादातर खेल शामिल हैं। स्वदेशी खेल जैसे मलखंब और योगासन भी पहली बार इनमें शामिल किए जाएंगे।

शहरी नक्सली मेधा पाटकर ने कच्छ को पांच दशक तक पानी से वंचित रखा
आपको बता दें कि आप के संयोजक केजरीवाल जिस मेधा पाटकर को प्रोजेक्ट कर रहे हैं गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल उनको अर्बन नक्सल बताया था। सीएम पटेल ने राज्य के कच्छ जिले के भुज में आयोजित एक सभा में कहा था कि अब जब नर्मदा का पानी कच्छ पहुंच गया है, तो हमें यह भी याद रखना चाहिए कि वे लोग कौन थे जिन्होंने करीब पांच दशकों से कच्छ को इस पानी से वंचित रखा था। हम सभी जानते हैं कि नर्मदा बांध परियोजना का विरोध करने वाले शहरी नक्सली कौन थे। उन शहरी नक्सलियों में से सबसे आगे थी मेधा पाटकर। हम सभी जानते हैं कि ये लोग किस राजनीतिक दल से जुड़े हैं और इनकी पॉलिटिकल सोच क्या है?

 

 

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