भारत की उपलब्धियों से चीन क्यों जलता है। भारत ने हाल ही में स्वदेश निर्मित एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत को नौसेना में शामिल किया। उसके बाद भारत अब ब्रिटेन को पछाड़कर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। अब सिर्फ अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी ही उससे आगे हैं। इन खबरों से चीन विचलित है। इन दोनों मुद्दों पर चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने जहां लेख छापा गया है वहीं ग्लोबल टाइम्स के एक पत्रकार ने सोशल मीडिया पर इन मुद्दों पर व्यंग्य कसते हुए अपनी खिसियाहट जाहिर की है। चीन के खिसियाहट की वजह यह है कि वह भारत को अपना सबसे बड़ा दुश्मन समझता है और कोरोना संकट के बाद वहां अर्थव्यवस्था चरमरा गई है जिससे गरीबी, पिछड़ापन बढ़ गई है और विकास के कार्य नहीं हो पा रहे हैं।
India will continue to colonize the UK, and it may “Indianize” the UK. One day, English with Indian accent will become the most standard English worldwide, and foreigners who learn English will learn Indian accent. Go for it, India? pic.twitter.com/6a6XPcTunV
— Hu Xijin 胡锡进 (@HuXijin_GT) September 4, 2022
दरअसल बीजेपी ने एक ट्वीट किया था जिसमें भारत को दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में दिखाया गया था। इसमें लिखा था, ‘मोदी सरकार के परिवर्तनकारी बदलाव भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के उसके लक्ष्य को हासिल करने में सहायता कर रहे हैं। ब्रिटेन को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना भारत की आर्थिक तरक्की का सबसे अच्छा उदाहरण है।’ लेकिन ग्लोबल टाइम्स के पत्रकार हू शिजिन को यह बात पसंद नहीं आई। उन्होंने बीजेपी के ट्वीट की फोटो शेयर करते हुए तंज कसते हुए लिखा, ‘भारत ब्रिटेन को अपना उपनिवेश बनाना जारी रखेगा और वह यूके का ‘भारतीयकरण’ भी कर सकता है। एक दिन भारतीय उच्चारण के साथ अंग्रेजी दुनियाभर में सबसे मानक अंग्रेजी बन जाएगी और अंग्रेजी सीखने वाले विदेशी भारतीय उच्चारण सीखेंगे, लगे रहो भारत।’ ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि दुनिया का आर्थिक ध्रुवीकरण तेजी से पूर्व की ओर बढ़ रहा है, और एशियाई सदी आ रही है। यूके को एशियाई अर्थव्यवस्थाओं के साथ बेहतर सहयोग करने पर विचार करने की आवश्यकता है, ताकि वह भारत से बहुत पीछे न रहे।
उल्लेखनीय है कि एक दशक पहले तक भारत बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के मामले में 11वें नंबर पर था जबकि ब्रिटेन पांचवें स्थान पर था। लेकिन अप्रैल-जून तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में रिकॉर्ड विस्तार होने से यह ब्रिटेन से आगे निकल गई है और ब्रिटेन छठे पायदान पर खिसक गया है। दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था भारत के अगले कुछ वर्षों में ब्रिटेन को और भी पीछे छोड़ देने की संभावना है। भारत की जनसंख्या ब्रिटेन की आबादी की 20 गुना होने से यहां का प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) भी कम है।
The promotional video of India's aircraft carrier is well produced, making the 42,800-ton warship look like an 80,000-ton one. Chinese counterparts should learn from India with humbleness? https://t.co/E3aarumvjf
— Hu Xijin 胡锡进 (@HuXijin_GT) September 3, 2022
INS विक्रांत पर चीन की नसीहत- भारत को पश्चिम देशों की चापलूसी से सतर्क रहना चाहिए
भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत INS विक्रांत के नौसेना में शामिल किए जाने की खबर पूरी दुनिया में प्रमुखता छापी गई। पश्चिमी मीडिया ने इसकी काफी सराहना की। सीएनएन की एक रिपोर्ट में कहा गया कि इस विमानवाहक पोत के जरिये भारत दुनिया की नौसैनिक शक्तियों की एक एलीट लीग वर्ग में शामिल हो गया है। इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य आक्रामकता का मुकाबला करने में यह एक मील का पत्थर साबित होगी। लेकिन चीन शायद भारत की इस प्रगति से खुश नहीं हुआ। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने INS विक्रांत की तुलना चीन के विमानवाहक पोत टाइप 003 फुजियान की और उसका मजाक उड़ाया। इसके बाद पश्चिमी देशों को लेकर भारत को नसीहत भी दे डाली। ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में लिखा कि भारत को पश्चिम देशों की चापलूसी से सतर्क रहना चाहिए। इस लेख में चीनी मीडिया ने कहा कि पश्चिमी देश भारतीय एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत के प्रमुख लक्ष्यों के रूप में चीनी नौसेना को पेश कर रहे हैं। वे भारत और चीन के बीच तनाव को भड़काना चाहते हैं। इससे भारतीय जनता के बीच चीन को लेकर एक राय कायम होगी और सरकार पर बीजिंग विरोधी फैसले लेने का दवाब बढ़ेगा।
कोरोना समय भी चीन ने उड़ाया था भारत का मजाक
भारत-चीन के बीच तनाव की प्रमुख वजह सीमा विवाद है। लेकिन भारत के खिलाफ चीन अपनी नापाक हरकतें जब तब पेश करता रहता है और भारत को नीचा दिखाने की कोशिश करता रहता है। लेकिन उसे यह समझना चाहिए कि अब भारत में एक मजबूत नेतृत्व है जिससे भारत लगातार तरक्की कर रहा है और एक दिन ऐसा आएगा जब वह चीन को भी पछाड़ देगा। इसी तरह की कोशिश कोराना काल के दौरान भी हुई थी। भारत में कोरोना त्रासदी में मदद का दावा कर सहानुभूति बटोरने का प्रयास करने की चीन की घटिया मानसिकता को खुद उसकी ही पार्टी ने दुनिया के सामने उजागर कर दिया। इससे चीन की सत्तारूढ़ पार्टी की देश ही नहीं दुनियाभर में जमकर किरकिरी हुई। दरअसल, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के एक सोशल मीडिया अकाउंट ने भारत में कोरोना त्रासदी का मजाक उड़ाया और कहा कि भारत में चिताएं चल रही हैं जबकि चीन अंतरिक्ष में स्पेस स्टेशन तैयार कर रहा है। कम्युनिस्ट पार्टी के सेंट्रल पोलिटिकल एंड लीगल अफेयर्स के अकाउंट से किए गए इस विवादित पोस्ट के बाद सोशल मीडिया में बवाल मच गया। इस पोस्ट में एक तरफ चीन के रॉकेट लॉन्च करने और दूसरी तरफ भारत में लाशों के जलाए जाने की तस्वीर को दिखाया गया। इस पोस्ट में कैप्शन लिखा गया, ‘चीन में आग जलाना बनाम भारत में आग जलाना।’ सोशल मीडिया यूजर्स ने इसकी काफी आलोचना की थी।