प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है और दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनी हुई है। लोकसभा चुनाव 2024 के आखिरी फेज की वोटिंग से पहले अर्थव्यवस्था को लेकर एक अच्छी खबर आई है। मोदी राज में इकोनॉमी के बेहतर प्रदर्शन और रॉकेट रफ्तार के कारण वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी वृद्धि दर बढ़कर 8.2 प्रतिशत हो गई है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO- एनएसओ) की ओर से शुक्रवार 31 मई को जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार मार्च तिमाही में जीडीपी 7.8 प्रतिशत की दर से बढ़ी। इससे इससे 2023-24 की विकास दर 8.2 प्रतिशत रही। 2022-23 में यह 7 प्रतिशत थी। जीडीपी वृद्धि की इस तूफानी रफ्तार पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि यह तो सिर्फ एक ट्रेलर है। उन्होंने कहा है कि तीसरी तिमाही 2023-24 के जीडीपी वृद्धि के आंकड़े हमारी अर्थव्यवस्था में मजबूत रफ्तार को दर्शाते हैं, जो आगे और तेज होने वाली है। हमारे देश के मेहनती लोगों की बदौलत वर्ष 2023-24 के लिए 8.2 प्रतिशत की वृद्धि इस बात का उदाहरण है कि भारत वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है। जैसा कि मैंने कहा यह तो सिर्फ एक ट्रेलर है।
The Q4 GDP growth data for 2023-24 shows robust momentum in our economy which is poised to further accelerate. Thanks to the hardworking people of our country, 8.2% growth for the year 2023-24 exemplifies that India continues to be the fastest growing major economy globally. As…
— Narendra Modi (@narendramodi) May 31, 2024
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी के तीसरे कार्यकाल में भी यह वृद्धि जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि ताजा जीडीपी डेटा में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 8.2 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही के लिए 7.8 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ मजबूत आर्थिक विकास को दर्शाया गया है। यह जीडीपी वृद्धि दर दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है। ध्यान देने वाली बात यह है कि विनिर्माण क्षेत्र ने 2023-24 में 9.9 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि देखी, जो इस क्षेत्र के लिए मोदी सरकार के प्रयासों की सफलता को उजागर करती है। वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था लचीली और उत्साही बनी हुई है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तीसरे कार्यकाल में भारत की विकास गति जारी रहेगी।
Today’s GDP data showcases robust economic growth with a growth rate of 8.2% for FY 2023-24 and 7.8% for Q4 of FY 2023-24. This remarkable GDP growth rate is the highest among the major economies of the world.
It is worthwhile to note that the Manufacturing sector witnessed a…
— Nirmala Sitharaman (Modi Ka Parivar) (@nsitharaman) May 31, 2024
आइए देखते हैं देश की अर्थव्यवस्था और विकास पर विभिन्न संस्थानों और रेटिंग एजेंसियों का क्या कहना है…
वित्त वर्ष 24-25 में 6.6 प्रतिशत रहेगी विकास दर- डेलॉयट
भारत को लेकर डेलॉयट इंडिया का भरोसा भी और मजबूत हुआ है। डेलॉयट इंडिया के अनुसार मौजूदा वित्तवर्ष 2024-25 में भारत के जीडीपी की वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत रहने की संभावना है। इसके साथ ही डेलॉयट इंडिया ने भारत की तिमाही आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2024 के लिए भी जीडीपी वृद्धि का अनुमान 7.6 से बढ़ाकर 7.8 प्रतिशत कर दिया है। डेलॉयट इंडिया ने कहा है कि पिछले 2 साल से वृद्धि के मजबूत आंकड़ों ने अर्थव्यवस्था को कोविड के पहले के स्तर में आने में मदद की है। बुनियादी ढांचे पर सरकार के व्यय में तेजी से निवेश को समर्थन मिला है। इससे भारत को वृद्धि की रफ्तार तेज रखने में मदद मिली है।
एडीबी ने बढ़ाया जीडीपी विकास दर का अनुमान
एडीबी ने अप्रैल 2024 के ‘एशियन डेवलपमेंट आउटलुक’ में चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विकास दर का अनुमान 6.7 प्रतिशत से बढ़ाकर सात प्रतिशत कर दिया है। एडीबी में भारत के कंट्री डायरेक्टर मियो ओक ने कहा कि वैश्विक स्तर पर प्रतिकूल स्थितियों के बावजूद भारत अपनी मजबूत घरेलू मांग और अनुकूल नीतियों के दम पर सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है। एडीबी ने कहा है कि इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर पूंजीगत निवेश और निजी कंपनियों के निवेश बढ़ने, सेवा क्षेत्र के मजबूत प्रदर्शन तथा उपभोक्ता के आत्मविश्वास में सुधार से वित्त वर्ष 2025 में वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।
विश्व बैंक ने बढ़ा दिया ग्रोथ अनुमान
विश्व बैंक ने भी कहा है कि भारत की जीडीपी ग्रोथ तेज रहने वाली है। विश्व बैंक ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि वित्त वर्ष 2024 में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है। इसके साथ ही विश्व बैंक ने निवेश में वृद्धि को देखते हुए वित्त वर्ष 2025 के लिए भी अर्थव्यवस्था की वृद्धि का अनुमान 6.4 से बढ़ाकर 6.6 प्रतिशत कर दिया है। विश्व बैंक ने अपनी अपडेटेट नोट में कहा है कि भारत में सर्विस और इंडस्ट्री सेक्टर में वृद्धि तेज बनी रहने की संभावना है। इसके साथ ही निर्माण और रियल एस्टेट में भी तेजी देखने को मिलेगी। विश्व बैंक ने यह भी कहा है कि महंगाई का दबाव कम होने से वित्तीय स्थिति बेहतर करने के लिए नीतिगत फैसले लेने की जगह बनेगी। ऐसे समय में जब दुनिया भर में आर्थिक मोर्चे पर सुस्ती छाई हुई है, भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। विश्व बैंक ने भी कहा है कि ग्लोबल इकोनॉमी अभी और सुस्त रहेगी, लेकिन भारत की रफ्तार बनी रहेगी।
S&P ने बढ़ाया जीडीपी वृद्धि अनुमान
अमेरिकी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी एसएंडपी (S&P) ग्लोबल रेटिंग्स ने अगले वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत की ग्रोथ रेट का अनुमान बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है। रेटिंग एजेंसी ने पहले वित्त वर्ष 2024-25 में वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत होने का अनुमान लगाया था। एसएंडपी ने एशिया प्रशांत के लिए ‘इकोनॉमिक आउटलुक’ में कहा है कि एशियाई उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं के लिए हम आम तौर पर मजबूत वृद्धि का अनुमान लगाते हैं। हमे उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत हो जाएगी।
2030 तक बनेगा दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था- एसएंडपी
इसके पहले रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल (S&P Global) ने कहा कि भारत साल 2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। इसके साथ यह भी कहा कि वित्त वर्ष 2026-27 में देश की जीडीपी वृद्धि दर सात प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान है। एसएंडपी ने ‘ग्लोबल क्रेडिट आउटलुक 2024: न्यू रिस्क, न्यू प्लेबुक’ रिपोर्ट में कहा कि भारत 2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है और यह अगले तीन सालों में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2022-23 के आखिर तक भारत के सकल घरेलू उत्पाद का आकार 3,730 अरब अमेरिकी डॉलर रहा है जो भारत 2027-28 तक 5,000 अरब डॉलर के साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा।
चीन नहीं, भारत बनेगा एशिया-प्रशांत का विकास इंजन
इसके पहले एसएंडपी ने ‘चाइना स्लोज इंडिया ग्रोथ’ नाम से जारी अपनी रिपोर्ट में कहा कि चीन नहीं, बल्कि भारत एशिया-प्रशांत का विकास इंजन बनेगा। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने अपनी रिपोर्ट में उम्मीद जताई है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र का वृद्धि इंजन चीन से हटकर दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया की तरफ स्थानांतरित हो जाएगा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर वर्ष 2026 तक बढ़कर सात प्रतिशत तक पहुंच जाएगी, जबकि चीन के लिए इसके सुस्त पड़कर 4.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
2031 तक डबल होकर 6.7 ट्रिलियन डॉलर की होगी हमारी इकोनॉमी
एसएंडपी ने कहा है कि भारतीय इकोनॉमी साल 2031 तक बढ़कर डबल हो जाएगी। इसका आकार 3.4 लाख करोड़ डॉलर से बढ़कर 6.7 लाख करोड़ डॉलर हो जाएगा। रेटिंग एजेंसी ने अगस्त वॉल्यूम रिपोर्ट ‘लुक फॉरवर्ड इंडिया मोमेंट’ में भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर यह जानकारी साझा की है। एजेंसी ने कहा है कि विनिर्माण और सेवाओं के निर्यात और उपभोक्ता मांग के कारण यह तेजी बनी रहेगी। एसएंडपी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि अर्थव्यवस्था लगभग दोगुनी होने से प्रति व्यक्ति आय भी बढ़ जाएगी। 2031 तक भारत पर कैपिटा जीडीपी 2500 से बढ़कर 4500 डॉलर तक हो जाएगी।
2031 तक 7 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा भारत- क्रिसिल
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने वित्त वर्ष 2025 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को 6.4 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है। एजेंसी ने कहा कि महंगाई में कमी आ रही है। बेहतर कृषि उत्पादन, खाद्य महंगाई पर नियंत्रण के साथ तेल और कमोडिटी की कीमतों में नरमी से वित्त वर्ष 2025 में भी यह गिरावट जारी रहेगी। क्रिसिल ने भारत आउटलुक रिपोर्ट में कहा है कि 2031 तक भारत उच्च-मध्यम आय वाला देश बन जाएगा और अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के करीब पहुंच जाएगी। एजेंसी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमीश मेहता ने यह भी कहा है कि इस दशक के अंत तक देश की प्रति व्यक्ति आय 4,500 डॉलर के स्तर को पार कर जाएगी।
भारत की जीडीपी ग्रोथ 8 प्रतिशत तक पहुंचने की ओर अग्रसर- बार्कलेज रिसर्च
बार्कलेज रिसर्च ने कहा कि भारत की जीडीपी ग्रोथ 8 प्रतिशत तक पहुंचने की ओर अग्रसर है। बार्कलेज रिसर्च ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा कि उचित पॉलिसी मिक्स के साथ भारत संभावित रूप से अपनी जीडीपी ग्रोथ रेट को 8 प्रतिशत के करीब बढ़ा सकता है और इस दशक के अंत तक ग्लोबल ग्रोथ में सबसे बड़ा कंट्रीब्यूटर बन सकता है। इंडियाज ब्रेकआउट मोमेंट शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि बढ़ती घरेलू बचत और सार्वजनिक गैर-बचत में गिरावट से घरेलू बचत को उस स्तर से ऊपर बढ़ाया जा सकता है जो अर्थव्यवस्था की निवेश आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त होना चाहिए। बार्कलेज रिसर्च ने यह भी कहा है कि हम उम्मीद करते हैं कि इंडस्ट्रियल सेक्टर तीन प्रमुख सब-सेक्टर्स में सबसे तेज ग्रोथ दिखाएगा।
2023 से 2028 के बीच औसत 6 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी इंडियन इकोनॉमी
गोल्डमैन सैश ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2023 से 2028 के बीच औसत 6 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। गोल्डमैन सैश ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2023 और 2028 के बीच सालाना 6 प्रतिशत से अधिक की औसत वृद्धि करेगी, साथ ही देश में समृद्ध उपभोक्ताओं की संख्या 2023 में 60 मिलियन से बढ़कर 2027 तक 100 मिलियन हो जाएगी। गोल्डमैन सैश के विश्लेषक अर्नब मित्रा ने कहा है कि यदि धन प्रभाव मजबूत होता है, तो यह और भी अधिक हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि क्रेडिट कार्ड की संख्या में लगभग 14-15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। हमने 1 मिलियन रुपये से अधिक की टैक्स फाइलिंग देखी, ये लगभग 19 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है।
2075 तक भारत बनेगा दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था- गोल्डमैन सैश
हाल ही में आई गोल्डमैन सैश की रिपोर्ट के अनुसार भारत 2075 तक दूनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार भारत जापान, जर्मनी और अमेरिका को पीछे छोड़ देगा। गोल्डमैन सैश के रिसर्च इकोनॉमिस्ट शांतनु सेनगुप्ता के मुताबिक भारत की आबादी में दुनिया की आबादी की तुलना में सबसे बेहतरीन मिश्रण मौजूद है। कामगारों, बच्चों और बुजुर्गों की आबादी भारत में अन्य देशों की तुलना में सबसे अच्छी है। इस कारण भारत मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर में तेजी से आगे बढ़ सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने तकनीक और अनुसंधान के क्षेत्र में अन्य देशों की तुलना में कहीं बेहतर काम किया है। ये दोनों ही क्षेत्र भारत की अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने का काम कर रहे हैं। इसके अलावा कैपिटल निवेश भारत की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में बड़ी मदद कर रहा है।
2024-25 में 7 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी भारत की इकोनॉमी- RBI
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मॉनेटरी पॉलिसी का एलान करते हुए कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2024-25 में 7 प्रतिशत से दर से बढ़ेगी। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वैश्विक आर्थिक परिदृश्य से मिले-जुले संकेत ही मिल रहे हैं। अस्थिर ग्लोबल स्थितियों के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था ने बेहतर प्रदर्शन किया है। इसके साथ ही निजी निवेश में भी सुधार के संकेत दिख रहे हैं। ऐसे में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जीडीपी की वृद्धि दर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है। शक्तिकांत दास ने यह भी कहा कि ग्रामीण मांग में तेजी जारी है, शहरी खपत मजबूत बनी हुई है और पूंजीगत व्यय में वृद्धि के कारण निवेश चक्र रफ्तार पकड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जून तिमाही में ग्रोथ रेट के 7.2 प्रतिशत, सितंबर तिमाही में 6.8 प्रतिशत, दिसंबर तिमाही में 7 प्रतिशत और मार्च तिमाही में 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
वित्तवर्ष 2025 में 6.5 प्रतिशत रह सकती है देश की ग्रोथ रेट- आईएमएफ
वैश्विक आर्थिक मंदी के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने वित्त वर्ष 2025 के लिए भारत की वृद्धि दर का अनुमान 20 आधार अंक बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है। आईएमएफ ने मौजूदा वित्त वर्ष में भी वृद्धि का अनुमान बढ़ा दिया है। इसमें 40 आधार अंक बढ़ाते हुए 6.7 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया है। आईएमएफ ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2024 (वित्त वर्ष 2025) और 2025 (वित्त वर्ष 2026) में 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है और दोनों वर्ष के वृद्धि अनुमान को अक्टूबर में लगाए गए अनुमान से 0.2 प्रतिशत बढ़ाया गया है, जो मजबूत देसी मांग के कारण है।
2027-28 तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा-आईएमएफ
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने हाल ही में एक रिपोर्ट में भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर जो अनुमान व्यक्त किया, उसके मुताबिक भारत की अर्थव्यवस्था, जो अभी लगभग 3.75 ट्रिलियन डॉलर की है, वित्त वर्ष 2027-28 तक 5 ट्रिलियन डॉलर को पार कर जाएगी। भारत 5.2 ट्रिलियन डॉलर के साथ विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इसकी वैश्विक अर्थव्यवस्था में 4 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। इस दौरान अमेरिकी अर्थव्यवस्था 31 ट्रिलियन डॉलर के साथ शीर्ष पर रहेगी और वैश्विक अर्थव्यवस्था में इसकी हिस्सेदारी 24 प्रतिशत होगी। इसके बाद चीन 25.7 ट्रिलियन डॉलर के साथ दूसरे स्थान पर रहेगा और वैश्विक जीडीपी में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी।
ग्लोबल ग्रोथ में भारत की होगी 18 प्रतिशत हिस्सेदारी- आईएमएफ
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का मानना है कि भारत विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर है और ग्लोबल इकोनॉमिक ग्रोथ में भारत का योगदान अगले पांच साल में मौजूदा 16 प्रतिशत बढ़कर 18 प्रतिशत हो जाएगा। आईएमएफ के एशिया-प्रशांत विभाग के निदेशक कृष्णा श्रीनिवासन के अनुसार 2028 तक दुनिया की विकास दर में भारत की हिस्सेदारी 18 प्रतिशत होगी। आईएमएफ का मानना है कि बड़े पैमाने पर पब्लिक कैपिटल एक्सपेंडिचर और रेजिलिएंट डोमेस्टिक डिमांड के कारण भारत की आर्थिक वृद्धि मजबूत बनी हुई है।
चुनौतियों के बाद भी सबसे तेज रहेगी भारत की आर्थिक वृद्धि
भारत आने वाले समय में सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा। आईएमएफ के अनुमान के अनुसार रूस-यूक्रेन संकट, कोरोना महामारी और महंगाई जैसी चुनौतियों के बाद भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था रहेगी। आईएमएफ ने कहा है कि वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि में भारत की हिस्सेदारी 2028 तक फ्रांस और ब्रिटेन को पार कर जाने की उम्मीद है। इससे भारत वैश्विक आर्थिक विकास को चलाने में एक प्रमुख देश बन जाएगा।
आईएमएफ को भरोसा, वैश्विक अर्थव्यवस्था की अगुवाई करेगा भारत
आईएमएफ का कहना कि भारत की अगुवाई में दक्षिण एशिया वैश्विक वृद्धि का केंद्र बनने की दिशा में बढ़ रहा है और 2040 तक वृद्धि में इसका अकेले एक-तिहाई योगदान हो सकता है। आईएमएफ के हालिया शोध दस्तावेज में कहा गया कि बुनियादी ढांचे में सुधार और युवा कार्यबल का सफलतापूर्वक लाभ उठाकर यह 2040 तक वैश्विक वृद्धि में एक तिहाई योगदान दे सकता है। आईएमएफ की एशिया एवं प्रशांत विभाग की उप निदेशक एनी मेरी गुलडे वोल्फ ने कहा कि हम दक्षिण एशिया को वैश्विक वृद्धि केंद्र के रूप में आगे बढ़ता हुए देख रहे हैं।
कई वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं से बेहतर है भारत
इसके पहले इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) की उपप्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की कई दूसरी अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन कर रही है। अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा कि भारत को लेकर दुनियाभर में पॉजिटिव सेंटीमेंट है। बहुत सारे बिजनेस और कंपनियां भारत को एक निवेश डेस्टिनेशन के रूप में देख रही हैं, क्योंकि वे चीन सहित दूसरे देशों से निकलने की कोशिश कर रहे हैं।
विश्व की सर्वाधिक तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा भारत- फिच
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार की नीतियों का कमाल है कि भारतीय अर्थव्यवस्था का हर सेक्टर बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। आज भारत विकास दर के मामले में दुनिया में नंबर वन बना हुआ है। देशी और विदेशी रेटिंग एजेंसियां भी भारत के विकास दर पर भरोसा जता रही हैं। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच (Fitch) ने भारत की रेटिंग को बरकरार रखते हुए कहा कि अगले कुछ सालों तक भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बनी रहेगी। फिच ने भारत के लिए ‘बीबीब-‘(BBB-) की रेटिंग बरकरार रखी है और विकास दर के अनुमान में बढ़ोतरी की है। एजेंसी ने वित्त वर्ष 2025 के लिए जीडीपी में 6.5 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया था।
शताब्दी अंत तक भारत होगा दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति
मोदी राज में भारत इस शताब्दी के अंत तक दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति के रूप में उभरेगा। सेंटर फॉर इकोनॉमिक ऐंड बिजनेस रिसर्च ( CEBR- सीईबीआर) की ताजा वर्ल्ड इकनॉमिक लीग टेबल रिपोर्ट में कहा गया है कि सदी के अंत तक भारत की अर्थव्यवस्था का आकार चीन से 90 प्रतिशत बड़ा और अमेरिका के जीडीपी से 30 प्रतिशत बड़ा हो जाएगा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि साल 2032 तक जर्मनी और जापान को पीछे छोड़कर भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इसके साथ ही भारत की तेज वृद्धि दर बरकरार रहेगी और यह 2024 से 2028 के बीच औसतन 6.5 प्रतिशत रहेगी। सीईबीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में युवाओं की सबसे ज्यादा आबादी है। यहां बढ़ता का मध्य वर्ग, गतिशील उद्यम क्षेत्र और वैश्विक अर्थव्यवस्था से बढ़ता जुड़ाव वृद्धि के प्रमुख चालक बनेंगे।
इक्रा ने जीडीपी वृद्धि अनुमान को बढ़ाकर किया 6.5 प्रतिशत
मोदी राज में अर्थव्यवस्था को लेकर दुनिया का भारत पर भरोसा और मजबूत हुआ है। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने भारत की वृद्धि दर अनुमान को 6.2 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है। इक्रा ने कहा है कि जिंसों के दाम में कमी आने से तीसरी तिमाही में वृद्धि दर हमारे पिछले अनुमान से बेहतर रहने की उम्मीद है। रेटिंग एजेंसी का कहना है कि अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में इक्रा का कारोबारी गतिविधि ‘मॉनिटर’ गैर-कृषि संकेतकों में त्योहारों के दौरान वृद्धि दर्शाता है।
UBS ने भारत के वृद्धि दर अनुमान को बढ़ाकर किया 6.3 प्रतिशत
ब्रोकरेज कंपनी यूबीएस (UBS) की भारत में मुख्य अर्थशास्त्री तन्वी गुप्ता जैन ने कहा कि भारत की घरेलू आर्थिक गतिविधियां उम्मीद से बेहतर चल रही हैं। निकट भविष्य में वृद्धि की गति को मौजूदा त्योहारी सीजन के दौरान उच्च घरेलू खर्च, तेज ऋण वृद्धि और कड़े चुनावी कैलेंडर से पहले ग्रामीण समर्थक सामाजिक योजनाओं के लिए सरकारी खर्च से समर्थन मिलेगा। उन्होंने ये भी कहा कि भारत की वृद्धि वित्त वर्ष 2025-26 में 6.2 प्रतिशत और 2026-27 में 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा भारत
मोदी सरकार की नीतियों के कारण भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इस बात पर ब्रोकरेज कंपनी मॉर्गन स्टेनली ने भी मुहर लगा दी है। मॉर्गन स्टेनली की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत साल 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी डॉलर के आधार पर भारत की सांकेतिक जीडीपी वृद्धि वित्त वर्ष 2025 तक बढ़कर 12.4 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी और यह चीन, अमेरिका और यूरो क्षेत्र से बेहतर प्रदर्शन करेगी। यह वित्त वर्ष 2024 में सात प्रतिशत रहेगी। उच्च विकास दर के कारण भारत की अर्थव्यवस्था मजबूती से बढ़ेगी। मॉर्गन स्टेनली ने कहा है कि उम्मीद है कि 2027 तक सांकेतिक जीडीपी पांच लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगी, जिससे भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
साल 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा भारत- जेपी मॉर्गन
जेपी मॉर्गन ने भी कहा है कि अब भारत के विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में ज्यादा देर नहीं है। जेपी मॉर्गन के एशिया प्रशांत इक्विटी रिसर्च के मैनेजिंग डायरेक्टर जेम्स सुलिवन की मानें तो भारत 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने यह भी कहा है कि 2030 तक भारत की जीडीपी दोगुनी से ज्यादा 7 ट्रिलियन डॉलर की हो जाएगी। बिजनेस न्यूज चैनल CNBC-TV18 के साथ एक इंटरव्यू में सुलिवन ने कहा कि अगले कुछ सालों में भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ेगी और इसका शेयर बाजार अच्छा प्रदर्शन करेगा। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि लंबी अवधि में भारतीय अर्थव्यवस्था में बड़े संरचनात्मक बदलाव होंगे। सुलिवन ने कहा कि अगले कुछ महीनों में निर्यात में भी तेजी आने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि अभी जो 500 अरब डॉलर से कम का निर्यात है वो बढ़कर एक लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच जाने का अनुमान है।
जीडीपी ग्रोथ प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज 6.2 प्रतिशत रहने का अनुमान- रॉयटर्स पोल
रॉयटर्स पोल के अनुसार, मार्च 2024 में समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 6.2 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। यह इस वित्तीय वर्ष में सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था होगी। रॉयटर्स की ओर से 20-26 सितंबर के बीच 65 अर्थशास्त्रियों के बीच कराए गए सर्वेक्षण के अनुसार, एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के वित्त वर्ष 2025 में 6.3 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है। रॉयटर्स पोल के मुताबिक, मोदी सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में सड़क, रेलवे और अन्य बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए खर्च बढ़ाया है। इससे भारत को वैश्विक मंदी टालने में मदद मिली है। अर्थशास्त्रियों का ये भी मानना है कि आने वाले समय में सरकारी खर्च में वृद्धि से भारत की आर्थिक वृद्धि को समर्थन मिलेगा।
2030 तक भारत की प्रति व्यक्ति आय में होगी 70% की बढ़ोतरी- स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक
स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक की एक रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की प्रति व्यक्ति आय 2030 तक लगभग 70 प्रतिशत यानी अगले सात साल में सात गुना बढ़ने का अनुमान है और मौजूदा स्तर 2,450 डॉलर से बढ़कर 4,000 डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। रिपोर्ट के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2030 तक आज के डॉलर के हिसाब से भारत की प्रति व्यक्ति आय 329122.40 रुपये हो जाने की संभावना है। प्रति व्यक्ति आय के पिछले 20 साल के आंकड़ों पर नजर डाले तो 2001 के बाद से प्रति व्यक्ति आय में रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 2011 में 460 डॉलर से बढ़कर 1,413 डॉलर और 2021 में 2150 डॉलर हो गया। इस तरह प्रति व्यक्ति आय में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
पीएम की गारंटी 2027 तक होगी पूरी-एसबीआई रिपोर्ट
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली के प्रगति मैदान में ‘भारत मंडपम’ का उद्घाटन करते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर एक बड़ी गारंटी दी। उन्होंने कहा कि मेरे तीसरे कार्यकाल में भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी के एक दिन बाद भारत का सबसे बड़ा बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी एक रिपोर्ट जारी की। इसमें दावा किया कि भारत 2027 तक दुनिया की तीससी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने कहा कि भारत के जीडीपी की वृद्धि दर (स्तिर मूल्य पर) 2023-24 में 6.5 प्रतिशत रहेगी। देश ने 2014 के बाद से जिस रास्ते को चुना है, उससे पता चलता है कि भारत मार्च 2023 के वास्तविक जीडीपी आंकड़े के आधार पर वित्त वर्ष 2027-28 तक दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। इससे पहले की रिपोर्ट का हवाला देते हुए अर्थशास्त्रियों ने कहा कि भारत दो साल पहले ही प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी को पूरा कर लेगा। पिछले अनुमान में एसबीआई ने 2029 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की संभावना जताई थी। रिपोर्ट के मुताबिक 2022-27 के दौरान अर्थव्यवस्था के आकार में 1800 अरब डॉलर की वृद्धि ऑस्ट्रेलियाई अर्थव्यवस्था के मौजूदा आकार से ज्यादा होगी।
फिच रेटिंग्स ने बढ़ाया भारत की जीडीपी का अनुमान
वैश्विक आर्थिक मंदी के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर है। ग्लोबल एजेंसी फिच रेटिंग्स ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया। फिच ने विकास का अनुमान वित्त वर्ष 2023 के 7.2 प्रतिशत को देखते हुए किया है। फिच ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था व्यापक रूप से मजबूत है। 2023 की पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) में यह सालाना आधार 6.1 प्रतिशत की दर से बढ़ी है। हाल के महीनों में वाहन बिक्री के आंकड़े बेहतर रहे हैं। इसके अलावा पीएमआई सर्वे और ऋण की वृद्धि भी मजबूत रही है। इसके चलते चालू वित्त वर्ष के लिए हमने वृद्धि दर के अनुमान को 0.3 प्रतिशत बढ़ाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया है। इसके साथ ही फिच ने कहा कि 2024-25 और 2025-26 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
वैश्विक मंदी का भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर नहीं- फिच
रेटिंग एजेंसी फिच ने इसके पहले भारत की संप्रभु रेटिंग के परिदृश्य को स्थिर बताते हुए कहा कि देश का विकास मजबूत दिख रहा है। फिच रेटिंग्स ने भारत की दीर्घकालिक विदेशी मुद्रा जारीकर्ता डिफॉल्ट रेटिंग को स्थिर परिदृश्य के साथ ‘बीबीबी’ के स्तर पर रखा है। फिच ने कहा कि भारत की रेटिंग अन्य देशों की तुलना में मजबूत ग्रोथ और बाहरी वित्तीय लचीलापन दर्शा रही है, जिससे अर्थव्यवस्था को पिछले साल के बड़े बाहरी झटकों से पार पाने में मदद मिली है।
FY23-24 में भारत की ग्रोथ रेट हो सकती है 6.5 प्रतिशत से अधिक
वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की ग्रोथ रेट 6.5 प्रतिशत से अधिक हो सकती है। टाटा कैपिटल के एमडी और सीईओ राजीव सभरवाल ने कहा है कि सभी इकॉनोमिक इंडीकेटर्स बताते हैं कि FY23-24 में भारत की ग्रोथ रेट 6.5 प्रतिशत से अधिक हो सकती है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि इंडियन इकोनॉमी लंबी अवधि में हर साल 7.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। राजीव सभरवाल ने कहा कि उन्हें व्यक्तिगत तौर पर यह भी लगता है कि ये ग्रोथ 6.75 प्रतिशत तक रह सकती है।
भारत ‘ब्राइट स्पॉट’ के रूप में बरकरार, 2024 में 6.7 प्रतिशत रहेगी वृद्धि दर
संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ‘ब्राइट स्पॉट’ के रूप में बरकरार है। यूएन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय आर्थव्यवस्था के संबंध में कई सकारात्मक चीजें दिख रही हैं और यह कैंलेडर वर्ष 2024 में 6.7 प्रतिशत की रफ्तार से आगे बढ़ सकती है। रिपोर्ट के अनुसार घरेलू मांग में लचीलापन बरकरार रहने से भारतीय अर्थव्यवस्था को मदद मिलेगी। संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग में वैश्विक आर्थिक निगरानी शाखा, आर्थिक विश्लेषण और नीति प्रभाग के प्रमुख हामिद राशिद ने कहा है कि हम इस साल के लिए अपने पूर्वानुमान को लेकर काफी आश्वस्त हैं।
2030 तक विश्व की तीसरी बड़ी आर्थिक महाशक्ति बनेगा भारत
स्विट्जरलैंड के दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (World Economic Forum) 2023 में वैश्विक कंसल्टेंसी फर्म ईवाई द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध और वैश्विक आर्थिक संकट का सामना करने के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था साल 2028 में 5 लाख करोड़, 2036 में 10 लाख करोड़ के पड़ाव को पार करते हुए साल 2047 तक 26 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगी। वहीं प्रति व्यक्ति सालाना औसत आय बढ़कर छह गुना हो जाएगी। वैश्विक कंसल्टेंसी फर्म ईवाई द्वारा ‘इंडिया एट 100 : रीयलाईजिंग द पोटेंशियल ऑफ 26 ट्रिलियन इकोनॉमी’ नाम से पेश रिपोर्ट में दावा किया गया कि 2030 तक भारत जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ कर विश्व की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति बन चुका होगा। 6 प्रतिशत की सालाना औसत वृद्धि दर के आधार पर आंकलन किया गया कि 2047 में प्रति व्यक्ति सालाना औसत आय 15 हजार डॉलर यानी मौजूदा विनिमय दर के लिहजा से करीब 12.25 लाख रुपये पहुंच जाएगी, यह आज के स्तर से 6 गुना से अधिक होगी।
देश में कई साल रह सकता है 9 प्रतिशत का ग्रोथ रेट
मोदी राज में विकास की स्थिति यह है कि देश में कई साल तक 9 प्रतिशत का ग्रोथ रेट रह सकता है। राजस्थान के उदयपुर जिले में जी-20 अध्यक्षता के तहत आयोजित पहली शेरपा बैठक में आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल ने कहा कि भारत कई वर्षों तक 9 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि को बनाए रखने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि 2030 के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने के लिए जरूरी है कि दुनिया लगातार उच्च वृद्धि दर हासिल करे। सान्याल ने कहा कि भारत की प्रति व्यक्ति आय केवल 2,200 अमेरिकी डॉलर है और यह कई वर्षों की उच्च वृद्धि दर के बाद हासिल की गई है। विशेष रूप से दक्षिणी गोलार्ध में एसडीजी हासिल करने के लिए जीडीपी विकास दर को बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
विकास दर 6- 7 प्रतिशत से अधिक रहने की उम्मीद- पीएचडीसीसीआई
देश के लिए अच्छी खबर यह है कि मौजूदा वित्त वर्ष में विकास दर 6- 7 प्रतिशत से अधिक रहने की उम्मीद है। उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था छह से सात प्रतिशत की दर से आगे बढ़ सकती है। पीएचडीसीसीआई के नए अध्यक्ष साकेत डालमिया ने कहा कि उत्पादन में तेजी आई है और देश में मजबूत मांग है। डालमिया ने यह भी कहा कि उद्योग मंडल ने अपने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कृषि और रसायनों जैसे 75 संभावित उत्पादों की पहचान की है, ताकि वर्ष 2027 तक 750 अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिल सके।
एशिया की दूसरी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा भारत
भारत वर्ष 2030 तक जापान को पीछे छोड़कर एशिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। आईएचएस मार्किट ने अपनी ताजा रिपोर्ट में दावा किया कि वर्ष 2030 तक भारतीय अर्थव्यवस्था ब्रिटेन और जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरे पायदान पर पहुंच जाएगी। रिपोर्ट के मुताबिक भारत की जीडीपी 2030 में बढ़कर 84 खरब डॉलर होने का अनुमान है, जो फिलहाल 27 खरब डॉलर है। वर्ष 2030 तक भारत की जीडीपी की साइज जर्मनी और ब्रिटेन से ज्यादा होकर अमेरिका और चीन के बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यस्था बन सकती है। आईएचएस मार्किट ने दावा किया कि कुल मिलाकर भारतीय अर्थव्यवस्था का भविष्य मजबूत और स्थिर दिख रहा है, जिससे अगले एक दशक तक यह सबसे तेज बढ़ती जीडीपी वाला देश बना रहेगा।
दुनिया पर मंडरा रही मंदी की आशंका, लेकिन भारत को खतरा नहीं- ब्लूमबर्ग
ब्लूमबर्ग के अर्थशास्त्रियों के बीच किए गए सर्वे के अनुसार 2023 में दुनिया के कई देशों के सामने मंदी का संकट मंडरा रहा है। सर्वे की माने तो एशियाई देशों के साथ दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं पर मंदी का खतरा बढ़ता जा रहा है। कोरोना लॉकडाउन और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण यूरोपीय देशों के साथ अमेरिका, जापान और चीन जैसे देशों में मंदी का खतरा कहीं ज्यादा है। लेकिन अच्छी बात यह है कि भारत को मंदी के खतरे से पूरी तरह बाहर बताया गया है। ब्लूमबर्ग सर्वे के अनुसार भारत ही ऐसा देश है जहां, मंदी की संभावना शून्य यानी नहीं के बराबर है।