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किसान आंदोलन के नाम पर जो सेना की गाड़ियों को रोके-क्या वे देश के दुश्मन नहीं

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आंदोलन के नाम पर देश की सुरक्षा से खिलवाड़

सरहद पर चीन के साथ तनाव, कश्मीर में आतंकियों की सिर उठाने की कोशिश, देश के खिलाफ हर वक्त पाकिस्तान की साजिश। देश की उत्तरी सीमा पर दो-दो दुश्मनों के साथ लोहा ले रही है भारतीय सेना। ऐसे नाजुक समय में किसान आंदोलन के नाम पर देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ की ये तस्वीरें देखिए। 

ये खुद को किसान कहते हैं , लेकिन इनकी हरकतों को जहां देश का जवान परेशान हो रहा है , वहीं देश के लोग भी शर्मिंदा हैं। हाइवे जाम कर रहे लोग अन्नदाता के नाम पर आंदोलन कर देश की सुरक्षा को खतरे में डाल से भी पीछे नहीं हट रहे।

विरोध के नाम पर देश को शर्मसार करने वाली तस्वीरें 

देश में लोगों में जोश भरने वाला नारा है जय जवान जय किसान। भारत में देश के वीर जवानों के साथ मेहनत किसानों की भी जयजयकार होती रही है। लेकिन अब किसानों के नाम पर आंदोलन का ढोंग करने वाले, देश के मेहनती किसानों की जो तस्वीर पेश कर रहे हैं उसे देख सारा देश हैरान है।

 

सेना की राह में रोड़े पर फूटा देश के लोगों का गुस्सा

इन तस्वीरों को देख कर किसी का भी सिर शर्म से झुक जाएगा। देश का पढ़ा लिखा तबका हो या गरीब से गरीब मजदूर, अन्नदाता के नाम पर सेना के जवानों को परेशान करने वालों से नफरत करने लगेगा।

देश के इन दुश्मनों ने सरहद के तरह कूच करती सेना के काफिले को आगे बढ़ने से रोक दिया। इतना ही नहीं रास्ते पर ट्रैक्टर लगा कर सड़क को जाम कर दिया गया। सेना के अधिकारी विनती करते रहते रहे रास्ते देने की गुजारिश करते रहे, लेकिन आंदोलन के नाम पर ढोंग करने वालों पर कोई असर नहीं हुआ। किसान नेताओं ने सेना के जवानों की इस दलील को भी अनसुना कर दिया कि उन्हें बॉर्डर के पास युद्धाभ्यास में हिस्सा लेना है इसलिए उन्हें आगे बढ़ने की इजाजत दी जाए। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इन तस्वीरों से लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है।

आंदोलन की आड़ में बेशर्मी पर उठ रहे सवाल 

सड़क पर जाम लगाना जाम आम लोगों को परेशान करना, उनकी गाड़ियों में तोड़फोड़ करना। और अब सरहद पर जा रहे देश वीर सपूतों के रास्ते में रोड़े अटकाना। सवाल है कि

• अगर ये देश के किसान हैं तो फिर देश के दुश्मन कौन हैं
• क्या सेना की गाड़ियों को रोकने से किसानों की समस्या खत्म हो जाएगी
• क्या इससे भारतीय सेना की तैयारियों पर असर नहीं पड़ेगा
• क्या इससे सरहद पर देश के दुश्मनों को फायदा नहीं पहुंचेगा

किसानों के आंदोलन के नाम पर मोदी विरोध की इससे ज्यादा शर्मनाक तस्वीर हो नहीं सकती। विरोधी पार्टियां मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए किसी भी हद तक जा सकती हैं । उसकी गवाही दे रही हैं सेना के काफिले को रोके जाने की ये तस्वीरें ।

मोदी विरोध के लिए आम लोगों पर जुल्म कब तक 

किसान आंदोलन के नाम पर देश आम लोगों को परेशान करने की ये पहली तस्वीर नहीं है । इसके पहले भी कई ऐसी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी हैं , जिससे आंदोलन के नाम पर मोदी सरकार विरोध और देश विरोध की साजिश से पर्दा उठ चुका है ।

किसान आंदोलन के नाम पर मोदी विरोध और देश विरोध की तस्वीर पीएम मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान भी दिखी, जब किसान आंदोलन को लेकर विदेशी हस्तक्षेप की मांग होने लगी।

आंदोलन में देश के असली अन्नदाता कहीं नहीं दिख रहा । लेकिन किसानों के आंदोलन के नाम पर राजनीतिक दलों के नेता और कार्यकर्ता जरूर नजर आते हैं। साफ है कि मोदी सरकार का विरोध करने वाले विपक्षी नेता किसान आंदोलन का इस्तेमाल अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए करने की कोशिश कर रहे हैं ।

• मोदी सरकार ने कई बार किसानों को बातचीत का न्योता दिया है
• सरकार ने हर मुद्दे पर बातचीत की पहल की है
• किसानों का कहना है कि पहले कृषि कानूनों को खत्म करो
• जब कानून ही खत्म हो जाएंगे तो सरकार से बात किन मुद्दों पर होगी

अन्नदाता बहाना मकसद राजनीति चमकाना 

किसानों को शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है, लेकिन उन्हें आम लोगों को परेशान करने का कोई हक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने कुछ फैसलों में इसे साफ किया है , अगर किसानों के आंदोलन के नाम पर आम लोगों को परेशान किया जाएगा, सेना के काफिले को रोका जाएगा तो इससे किसानों को कोई फायदा नहीं मिलने वाला है।

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