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मोदी सरकार के फैसलों से भारतीय रेल को मिल रही रफ्तार: नवीकरणीय ऊर्जा के इस्तेमाल और ‘मेक फॉर वर्ल्ड’ पर जोर

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मोदी सरकार के फैसलों से भारतीय रेल को मिल रही रफ्तार 

भारतीय रेल तेजी से अपनी विकास योजनाओं को रफ्तार देने में जुटा है। इसी कड़ी में उत्तर-मध्य रेलवे ने जून, 2022 तक पूर्ण विद्युतीकरण का लक्ष्य तय किया है। उत्तर-मध्य रेलवे ने अप्रैल-सितंबर, 2021 में कुल 238 ट्रैक किलोमीटर का विद्युतीकरण किया। वहीं उत्तर-मध्य रेलवे का कुल 6,150 किलोमीटर ट्रैक विद्युतीकृत किया जा चुका है। रेलवे के तेजी से विकसित होते इंफ्रास्ट्रक्चर की वजह से 

• दूसरी तिमाही में उत्तर-मध्य रेलवे का माल लदान 45 लाख टन रहा
• बीते वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह 39.6 लाख टन था
• इसी दौरान रेलवे के माल भाड़े से आये में भी इजाफा है
• बीती तिमाही में माल भाड़े से आय 9.6 प्रतिशत बढ़ी
• दूसरी तिमाही में माल भाड़े से आय 453.24 करोड़ रुपये रही
• जो बीते वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 413.6 करोड़ रुपये था

कोरोना महामारी की चुनौतियों पर विजय पा रही भारतीय रेल 

कोरोना महामारी से निपटने के मोदी सरकार के कारगर फैसलों की वजह से देश में रेलवे की रफ्तार भी बढ़ी है। जिससे ट्रेन से सफर करने वाले मुसाफिरों को बहुत सुविधा हो रही है। उत्तर-मध्य रेलवे में लगभग

• 96 प्रतिशत मेल एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन फिर से शुरू किया गया है
• न्यू भाऊपुर-न्यू खुर्जा खंड पर 7,000 से अधिक मालगाड़ियों का संचालन
• भारतीय रेलवे के ये खंड माल ढुलाई के लिए डेडिकेटेड है

भारतीय रेलवे का जोर तकनीक के इस्तेमाल से तेल की खपत को कम करने पर भी है। जिससे देश को विदेशी मुद्रा की बचत हो सके। इसके लिए रेलवे सौर उर्जा के इस्तेमाल पर जोर दे रहा है। इसके लिए उत्तर-मध्य रेलवे लगातार प्रयास कर रहा है।

• कई 11.03 मेगावॉट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए गए
• वर्ष 2021-22 में सितंबर तक 67 लाख यूनिट सौर ऊर्जा का उत्पादन    
• बीते वित्त वर्ष की इसी अवधि से 12 प्रतिशत अधिक उत्पादन

रेलवे की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए उत्तर-मध्य रेलवे ने 2021-22 के लिए 1.3 करोड़ यूनिट सौर ऊर्जा पैदा करने का लक्ष्य रखा है, जिससे लगभग पांच करोड़ रुपये की बचत होगी और 11,000 टन से अधिक कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी, जिससे पर्यावरण साफ होगा।

पीएम मोदी का मेक इन इंडिया का सपना हो रहा साकार 

रेलवे की योजना जहां एक और ऊर्जा की बचत के लिए नवीकरणीय ऊर्जा के इस्तेमाल की है वहीं पीएम मोदी के मेक इन इंडिया के सपने को साकार करने के लिए भी भारतीय रेल तेजी से कदम उठा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की सत्ता संभालने के बाद हर क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ नीति को बढ़ावा दिया। पिछले सात सालों में प्रधानमंत्री मोदी की इस नीति का प्रभाव भी दिखाई दे रहा है। मोदी सरकार के प्रयासों की मदद से निर्माण क्षेत्र में भी काफी सुधार हुआ है। इससे ‘मेक इन इंडिया’ को लगातार सफलता मिल रही है। कोरोना काल में उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद भारतीय रेलवे की लोकोमोटिव मैन्युफैक्चरिंग फैक्ट्री चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्क्स (सीएलडब्ल्यू) पिछले सभी मैन्युफैक्चरिंग रिकॉर्ड को तोड़ दिया। चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्क्स द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक

• अगस्त 2021 में रिकॉर्ड 46 इंजनों का निर्माण किया गया
• यह किसी भी वित्तीय वर्ष में अगस्त महीने में सबसे अधिक उत्पादन है
• मेक इन इंडिया के जरिए निर्यात के लिए भी निर्माण को बढ़ावा 

रेलवे के कर्मचारियों को मोदी सरकार का बड़ा तोहफा

इधर मोदी सरकार ने त्योहारों से पहले रेलवे के कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है। भारतीय रेलवे के नॉन गजटेट कर्मियों को 78 दिन के बोनस का एलान किया गया है। इसका फायदा रेलवे के 11 लाख 56 हजार ज्यादा कर्मचारियों को होगा। इस फैसले से सरकार पर 1,985 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा।

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