भारतीय बाजारों पर FPI (विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक) का बढ़ता भरोसा
सेंसेक्स हर रोज नए रिकॉर्ड बना रहा है। इसकी एक बड़ी वजह है विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजार पर बढ़ता भरोसा। डिपॉजिटरी से मिले आंकड़ों के मुताबिक FPI (विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक) ने 1 से 8 अक्तूबर तक
- इक्विटी में 1530 करोड़ रूपए का निवेश किया
- डेट सेगमेंट में 467 करोड़ रूपए का निवेश किया गया
- सितंबर महीने में FPI की खरीददारी 26517 करोड़ रूपए थी
- अगस्त में FPI ने 16459 करोड़ रूपयों की खरीददारी की थी
कोरोना काल में भी मोदी सरकार के फैसलों से देश में कोरोबारी जगत को प्रोत्साहन मिला है। आईटी सेक्टर में काम करने वाली कंपनियों की कमाई बढने से FPI (विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक) का देश की आईटी कंपनियों में निवेश के प्रति रूझान तेजी से बढ़ा है। लंबी अवधी के लिए भारत निवेशकों के लिए एक अहम देश के तौर पर उभरा है। विदेशी निवेशकों के इसी भरोसे की वजह से हाल के दिनों में भारतीय शेयर बाजार लगातार नई ऊंचाइयां छू रहा है।
सेंसेक्स 60 हजार के आंकड़े के ऊपर कर रहा कारोबार
सेंसेक्स हाल के दिनों में लगातार 60 हजार के आंकड़े टिका हुआ है । इसके पहले सेंसेक्स ने 18 अगस्त 2021 को 56,000 और 13 अगस्त, 2021 को 55,000 अंक के स्तर के पार किया। सेंसेक्स इसी महीने 4 अगस्त को पहली बार 54000 के आंकड़े को पार किया।
नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के साथ ही सेंसेक्स ने जून 2014 में पहली बार 25 हजार के स्तर को छुआ था। मोदी राज में पिछले 7 साल में सेसेक्स ने 25 हजार से 60 हजार तक की लंबी छलांग लगाई है। पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के दौरान अप्रैल 2014 में सेंसेक्स करीब 22 हजार के आस-पास रहता था।
मोदी सरकार के फैसलों से तेजी से आगे बढ़ रहा देश
रोज रिकॉर्ड तोड़ता शेयर बाजार इस बात का सबूत है कि प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में जिस तरह देश आगे बढ़ रहा है, उससे तमाम क्षेत्रों की कंपनियों में विदेशी निवेशकों का भरोसा जगा है।
- आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार के ऐतिहासिक सुधार
- कोरोना काल में भी इकोनॉमी को मजबूत करने के लिए बड़े फैसला
- भारत के GDP में साल दर साल रिकॉर्डतोड़ तेजी
- एफडीआई नीति और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में सुधार
- देश में विदेशी निवेश को लेकर माहौल में सुधार
मोदी सरकार के इन फैसलों से भारतीय बाजार पर निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। और बड़ी तादाद में विदेशी निवेशक भारतीय बाजार का रूख कर रहे हैं।ये मोदी सरकार की कोशिशों का ही नतीजा है कि विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सितंबर में 16,305 करोड़ रुपये निवेश किया। FPI भी भारतीय बाजारों में लगातार खरीददारी कर रहे हैं ।
- एफपीआई भारतीय बाजारों में कर रहे हैं रिकॉर्डतोड़ निवेश
- विदेशी मुद्रा भंडार 642 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर
- अगस्त में निर्यात बढ़कर 33 अरब डॉलर हुआ
- अगस्त में निर्यात में हुआ 46 फीसदी का इजाफा
- अगस्त में व्यापार घाटा 14 अरब डॉलर पर आया
GST कलेक्शन के मोर्चे पर देश के लिए अच्छी खबर
जीएसटी कलेक्शन लगातार तीसरे महीने 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का हुआ है।
- सितंबर महीने में करीब 1.17 लाख करोड़ का GST कलेक्शन
- पिछले साल की तुलना में 23 फीसदी का इजाफा हुआ है
- पिछले साल सितंबर में 95,480 करोड़ रुपये का जीएसटी क्लेक्शन
- 2019 में कोरोना के अटैक के बाद 27 फीसदी का इजाफा
- साल 2019 के सितंबर में 91,916 करोड़ रुपये का GST कलेक्शन
देश में तेजी से बढ़ रहे हैं रोजगार के मौके
भारतीय रोजगार बाजार में सितंबर में तेज इजाफा रिकॉर्ड किया गया है। देश में रोजगार के नए मौके मिलना युवाओं के लिए भी बड़ी खुशखबरी है। ये इकोनॉमी के पटरी पर लौटने का संकेत भी है।
- सालाना आधार पर 57 प्रतिशत की वृद्धि हुई है
- नौकरी जॉबस्पीक की ताजा रिपोर्ट से खुलासा
- कोविड-पूर्व के स्तर सितंबर 2019 के मुकाबले 21 फीसदी इजाफा
विकास की तेज रफ्तार से बदला निवेश का माहौल
कोरोना महामारी और तमाम विपरीत परिस्थियों के बावजूद मोदी सरकार की नीतियों के चलते देश की इकोनॉमी वृद्धि कर रही है। मोदी राज में एशियाई देशों में भारत की विकास दर सबसे बेहतर रहने की संभावना है। जापान की ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा ने कहा है कि साल 2021 में देश की विकास दर 12.8 प्रतिशत हो सकती है। कई और रेटिंग एजेसियों ने भी मोदी सरकार के नेतृत्व में भारत के तेज विकास की उम्मीद जताई है ।
- वित्त वर्ष 2021-22 में 10 प्रतिशत की ग्रोथ की उम्मीद- NCAER
- 9.5 प्रतिशत रहेगी देश की विकास दर- आरबीआई
- आर्थिक वृद्धि दर 9.5 फीसदी रहने का अनुमान-एसएंडपी
- तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा भारत-मूडीज
- एनसीएईआर- 8.4 से 10.1 प्रतिशत तक रह सकती है जीडीपी ग्रोथ
- इक्रा का अनुमान- 8.5 प्रतिशत रह सकती है जीडीपी ग्रोथ
- संयुक्त राष्ट्र ने 2022 के लिए जताया 10.1 प्रतिशत ग्रोथ का अनुमान
- एडीबी ने जताया 11 प्रतिशत ग्रोथ का अनुमान
- चीन से 4 प्रतिशत ज्यादा रहेगी विकास दर- IMF
- विश्व बैंक ने जीडीपी ग्रोथ अनुमान 10.1 प्रतिशत किया
- चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में रिकॉर्ड 20.1 प्रतिशत GDP ग्रोथ