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राहुलजी, आपके गहलोत भी हिंदुत्व की ओर जा रहे हैं, क्या अब आप उन्हें रोकने का साहस दिखाएंगे, मंदिरों में रामायण-सुंदरकाण्ड पाठ कराने जा रही गहलोत सरकार

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आपको याद ही होगा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राजस्थान की राजधानी जयपुर में ही हिंदुस्व की पुरजोर मुखालफत की थी। बाद में प्रधानमंत्री पीएम मोदी के काशी कॉरिडोर के उद्घाटन के मौके पर गंगा स्नान की भी राहुल गांधी ने आलोचना की। लेकिन अब उनकी राजस्थान की कांग्रेस सरकार के मन में भी हिंदुत्व जाग गया है। विधानसभा चुनाव से पहले सीएम अशोक गहलोत को राम-हनुमान याद आ रहे हैं। साफ्ट हिंदुत्व की राह अपनाते हुए गहलोत सरकार राज्य के मंदिरों में रामनवमी पर रामायण पाठ और हनुमान जयंती पर सुंदरकाण्ड का पाठ कराने जा रही है। क्या अब राहुल गांधी अपनी सरकार को इस हिंदुत्ववादी कदम को उठाने से रोक पाएंगे ?

गहलोत सरकार में मुस्लिम तुष्टिकरण हावी, नवरात्र नहीं रोजे रहते हैं याद
यह तो प्रमाणित तथ्य है कि गहलोत सरकार मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति पर चलकर काम कर ही है। वह चाहे करौली के दंगों हों, या फिर रमजान माह में मुस्लिम बहुल इलाकों में अबाध बिजली आपूर्ति के आदेश। मदरसों को विशेष सहूलियतें देने की बात हो या अब अजमेर में …. धारा 144 लगाना। गहलोत सरकार मुस्लिमों को खुश करने के लिए लगातार ऐसे कदम उठाती रही है। सरकार की नीयत पर इसलिए भी सवाल उठते हैं, क्योंकि उसे मुस्लिमों के रमजान में रोजे तो याद रहते हैं, लेकिन इन्हीं दिनों चल रहे नवरात्र के व्रत वह भूल जाती है।

राहुल गांधी की ‘सोच’ के विपरीत कांग्रेस सरकार…पर वो सीएम को रोकने की स्थिति में नहीं
सरकार के इस हिंदुत्व विरोधी चेहरे के एक्सपोज होने और अगले साल ही होने वाले चुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने साफ्ट हिंदुत्व की ओर कदम बढ़ाने का मन बनाया है। यह अलग बात है कि यह उनकी पार्टी लाइन और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की सोच के विपरीत है। लेकिन पांचों राज्यों में कांग्रेस के बुरी तरह हुए सूपड़ासाफ के बाद राहुल गांधी अभी ऐसी स्थिति में बिल्कुल नहीं है कि वो किसी भी कांग्रेसी मुख्यमंत्री पर कोई रोक-टोक लगा सकें। राहुल गांधी ने पंजाब में तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर ‘रोक’ लगाने का नतीजा देख ही लिया है।

दिल से मुस्लिम तुष्टिकरण की हिमायती, सुंदर काण्ड पाठ का मंदिरों में ‘नाटक’
बहरहाल, गहलोत सरकार साफ्ट हिंदुत्व के एजेंडे पर मजबूरन चलने की कोशिश कर रही है, क्योंकि दिल से तो वह मुस्लिम तुष्टिकरण की ही हिमायती है। गहलोत सरकार ने दिखाने भर के लिए ही सही पहली बार देवस्थान के अधीन प्रत्यक्ष प्रभार के मंदिरों में रामनवमी पर रामायण पाठ और हनुमान जयंती पर सुंदरकांड पाठ कराने का फैसला लिया है। इस संबंध में शासन सचिव (देवस्थान) ने आदेश जारी किए हैं। देवस्थान आयुक्त करण सिंह ने सभी जिलों के सहायक आयुक्तों से जिलों के प्रत्यक्ष प्रभार के दो-दो मंदिरों की सूची मांगी है, जहां रामायण पाठ और सुंदरकांड पाठ कराए जाएंगे।

राज्य के सभी जिलों के दो-दो मंदिरों में होगा रामायण-सुंदरकाण्ड पाठ
राजस्थान की कांग्रेस सरकार के आदेशों के तहत इन मंदिरों में 10 अप्रैल को रामायण पाठ और 16 अप्रैल को हनुमान जयंती पर सुंदरकांड पाठ की आवश्यक व्यवस्थाएं भी कराने को कहा गया है। जयपुर में प्रत्यक्ष प्रभार का एक ही राम मंदिर होने से यहां रामगढ़ मोड स्थित मंदिर श्री रघुनाथ जी, राधानिवास में रामायण पाठ होंगे। पाठ 9 अप्रैल को शुरू होंगे, 10 अप्रैल को पूर्णाहुति होगी। इसके लिए देवस्थान विभाग ने 8 पुजारियों को रामायण पाठ करने के लिए नियुक्त किया है। ये पुजारी अपने-अपने मंदिरों की सेवापूजा करने के साथ तीन-तीन घंटे का रामायण पाठ करेंगे। ये सभी पुजारी रात को मंदिर में ही रहेंगे। इनके अलावा रामनवमी के दिन रामायण पाठ की पूजा के लिए विशेष रूप से दो पुजारी को विशेष जिम्मेदारी सौंपी गई है।

औरंगजेब की सोच रखने वाली कांग्रेस सरकार ने तुष्टिकरण की सारी सीमाएं तोड़ दी
दूसरी ओर बीजेपी का कहना है कि एक ओर तो सरकार रामायण और सुंदर काण्ड पाठ कराने का ‘नाटक’ कर रही है, दूसरी ओर रामनवमी,महावीर जयंती एव हनुमान जयन्ती जैसे उत्सवों पर धारा 144 लगा रही है। प्रदेश से पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने एक बयान में कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने तुष्टिकरण की सारी सीमाएं तोड़ दी हैं। कोटा, बीकानेर एव जोधपुर के बाद अब अजमेर में भी रामनवमी,महावीर जयंती एव हनुमान जयन्ती जैसे उत्सवों पर औरंगजेब की सोच रखने वाली कांग्रेस सरकार ने धारा 144 की पाबंदी लगाई है। इसमें धार्मिक प्रतीक चिह्न युक्त झंडियां लगाने, डीजे बजाने पर रोक शामिल है। राजस्थान में अपराधों पर लगाम लगाने में नाकाम रहने वाली सरकार आमजन पर लगाम लगा रही है! क्या प्रदेश में हिन्दू त्योहार मानना अपराध हो गया ? हर त्योहार से पहले ऐसा आदेश निकालना निश्चित ही प्रायोजित हैं ?

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