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मोदी राज में गरीबों को मिला पक्के घर का सम्मान, पीएम आवास योजना से हुआ जीवन आसान

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश ने हर परिवार को छत मुहैया कराने के मामले में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अपने घर का हसरत पाले बैठे लोगों के सपनों में मोदी सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना ने एक नई जान डाल ही है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मोदी सरकार तीन करोड़ से ज्यादा पक्के घरों का निर्माण कर चुकी है। इसकी जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि देश के हर निर्धन को पक्का घर देने के लिए सरकार महत्त्वपूर्ण कदम उठा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत तीन करोड़ से अधिक मकान बनाए जा चुके हैं। सभी घर मूलभूत सुविधाओं से युक्त हैं और ये घर महिला सशक्तिकरण के प्रतीक बन गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट संदेश में कहा, “देश के हर गरीब को पक्का मकान देने के संकल्प में हमने एक अहम पड़ाव तय कर लिया है। जन-जन की भागीदारी से ही तीन करोड़ से ज्यादा घरों का निर्माण संभव हो पाया है। मूलभूत सुविधाओं से युक्त ये घर आज महिला सशक्तिकरण का प्रतीक भी बन चुके हैं।”

प्रधानमंत्री मोदी कर रहे आम लोगों के घर का सपना पूरा
प्रधानमंत्री मोदी ने जब साल 2014 में पहली बार देश की बागडोर संभाली तो उस समय करोड़ों लोगों के पास अपना घर नहीं था। प्रधानमंत्री मोदी ने इन लोगों की पीड़ा को समझ साल 2022 तक देश के हर परिवार को घर देने का वादा किया। इसी के तहत प्रधानमंत्री मोदी ने 25 जून, 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) की शुरूआत की और 20 नवंबर, 2016 को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का शुभारंभ किया।

समय से पहले पूरा होगा घर निर्माण का लक्ष्य
पीएम आवास योजना (ग्रामीण) के तहत अब तक गरीबों के लिए 2.52 करोड़ पक्के घरों का निर्माण पूरा हो चुका है। इसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से 1.95 लाख करोड़ रुपये की सहायता राशि जारी की जा चुकी है। इसके साथ ही पीएम आवास योजना (शहरी) के तहत कुल 58 लाख पक्के मकानों का निर्माण किया जा चुका है। इसके लिए अब तक 1.18 लाख करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है। ग्रामीण विकास मंत्रालय के अनुसार कोरोना संकट काल में भी प्रधानमंत्री आवास योजना में रिकॉर्ड एक लाख घरों का निर्माण किया गया। इतना ही नहीं पिछले वित्त वर्ष में ग्रामीण भारत में 35.37 लाख घर बनाए गए जो कोरोना महामारी काल में रिकॉर्ड निर्माण है। इस योजना में प्रत्येक लाभार्थी को रसोई गैस के साथ शौचालय, बिजली और पानी की सुविधा भी दी गई है। 

आधारभूत सुविधाओं पर जोर
योजना में वैश्विक जलापूर्ति, सीवरेज ढांचे में सुधार, बच्‍चों का विकास, दिव्‍यांगों के अनुकूल हरे पार्कों और खुली जगह, पानी की निकासी और गैर-मोटर चालित शहरी यातायात में सुधार पर जोर दिया गया है। पीएमएवाई के तहत बनने वाले प्रत्येक पक्के घर में शौचालय, गैस कनेक्शन, बिजली आपूर्ति, पेयजल आपूर्ति आदि सुविधाओं से ग्रामीण भारत की तस्वीर बहुत तेजी से बदल रही है।

महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक कदम
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक उपाय के रूप में घरों को महिला के नाम पर या संयुक्‍त स्‍वामित्‍व में उपलब्‍ध कराया जा रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की क्रेडिट से जुड़ी सब्सिडी योजना के तहत 18 लाख प्रतिवर्ष तक की आय के मध्‍यम आय वर्ग के परिवारों को पहली बार घरों के लिए धनराशि उपलब्ध कराई जा रही है। घर के कारपेट एरिया को बढ़ाकर 200 वर्गमीटर कर दिया गया है।

हर घर जल की सुविधा
जल संकट से जल सुरक्षा की ओर बढ़ने के लिए एक हजार से अधिक परियोजनाओं को लागू किया जा रहा है। हर घर में स्वच्छ  पानी के लिए नल कनेक्‍शन उपलब्‍ध कराए जाएंगे। मिशन के अंत तक सभी परिवारों को जल की आपूर्ति सुलभ होगी। अपशिष्‍ट जल को रिसाइकिल और पुनर्उपयोग के लिए सीवरेज एवं सेप्‍टी टैंक प्रबंधन परियोजनाओं पर काम चल रहा है। स्‍वस्‍थ जीवन शैली के लिए हरी-भरी जगह जुटाने के लिए पार्कों का विकास किया जा रहा है। इन पार्कों में महिलाओं, बच्‍चों और दिव्‍यांगजनों की अनुकूल सुविधाएं जुटाई गई हैं।

अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी और सूचना प्रौद्योगिकी के जरिए निगरानी
बेहतर गुणवत्ता के आवासों के तेजी से निर्माण के लिए लाभार्थियों के खातों में प्रत्यक्ष हस्तांतरण के जरिए आईटी-डीबीटी के जरिए सहायता राशि मुहैया कराई गई है। अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी और सूचना प्रौद्योगिकी के जरिए घरों के निर्माण की पूरी प्रक्रिया की निगरानी की जा रही है। लाभार्थियों के मकानों के निर्माण कार्य के विभिन्न चरणों पर नजर रखी जा रही है। राज्यों ने निर्माण सामग्री को रियायती दामों पर उपलब्ध कराने के लिए कई कदम उठाए हैं, ताकि आवासों का निर्माण कार्य और उसकी गुणवत्ता प्रभावित न हों। कुछ राज्यों में इस योजना के तहत कलस्टर और कॉलोनियां भी बनाई गई हैं, जिससे आमतौर पर भूमिहीन लाभार्थी लाभांवित होंगे। इन आवासों का निर्माण दिल्ली के यूएनडीपी-आईआईटी ने किया है और संबंधित राज्यों के लाभार्थियों को यह सुविधा दी गई है कि वे अपनी पसंद के अनुरूप आवासों का डिजाइन चुन सकें।

सस्ते मकान क्षेत्र में जबरदस्त तेजी
प्रधानमंत्री आवास योजना पीपीपी मोड के आधार पर चल रही है। ऐसा अनुमान है कि इस कारण सस्ते आवासीय क्षेत्र में जबरदस्त तेजी आने वाली है। कई हाउसिंग कंपनियों के अनुसार ग्राहकों का जबरदस्त आकर्षण दिख रहा है। पीएमएवाई के तहत केंद्र सरकार ने मध्यम आयवर्ग के लोगों के लिए दो नई योजनाएं शुरू की। इन योजनाओं के तहत 9 लाख रुपये तक के आवास ऋण पर ब्याज में 4 फीसदी और 12 लाख रुपये के आवास ऋण पर ब्याज में 3 फीसदी छूट दी गई है।

गुणवत्तापूर्ण मकानों के लिए राजमिस्त्री प्रशिक्षण कार्यक्रम
इतना ही नहीं, गुणवत्तापूर्ण आवास के निर्माण के लिए प्रशिक्षित राजमिस्त्री की आवश्यकता होती है। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण राजमिस्त्री प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया। ग्रामीण राजमिस्त्री प्रशिक्षण कार्यक्रम 11 राज्यों में शुरू किए गए हैं। इसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छी गुणवत्ता वाले आवासों का निर्माण संभव होगा। साथ ही देश में कुशल कारिगरों की संख्या बढ़ेगी। प्रशिक्षित राजमिस्त्रियों को रोजगार के अच्छे अवसर मिलेंगे।

मकानों के 168 प्रकार के डिजाइन
जो भी मकान बने, वह गरीब को सक्षम और सशक्त बनाने के लिए हो, इसको ध्यान में रखते हुए यूएनडीपी-आईआईटी दिल्ली ने आवासों के विभिन्न डिजाइन तैयार किए हैं। 15 राज्यों के लिए स्थानीय जलवायु और स्थानीय निर्माण सामग्री को ध्यान में रखते हुए बने। इसके लिए इस योजना के तहत 168 प्रकार के डिजाइन को सरकार ने मंजूरी दी है। इन डिजाइनों में से कोई भी डिजाइन प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थी चुन सकते हैं और मकान बनवा सकते हैं। इन आवास डिजाइनों को केन्द्रीय आवास शोध संस्थान, रुडकी ने भी मंजूरी दी है। इन आवास डिजाइनों में लागत कम आती है तथा ये आपदा प्रतिरोधी भी हैं।

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