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मुद्रा योजना के सात साल: मोदी सरकार की इस योजना से देश में आ रही है स्वरोजगार क्रांति, जॉब सीकर की जगह क्रिएटर बन रहे हैं युवा

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प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के आज सात वर्ष पूरे हो गए हैं। प्रधानमत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 8 अप्रैल, 2015 को इस योजना का शुभारंभ किया था। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के सात वर्ष पूरा होने पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि मुद्रा योजना ने अनगिनत देशवासियों को अपना कौशल प्रदर्शन और रोजगार के अवसर पैदा करने का अवसर दिया है। उन्होंने कहा कि इस योजना ने लोगों के जीवन में परिवर्तन लाते हुए उनमें खुशहाली और आत्‍मसम्‍मान बढ़ाया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को वित्तीय सहायता देने के लिए शुरू की गई मुद्रा योजना के कारण बड़े स्तर पर स्वरोजगार को बढ़ावा मिला है। इस योजना ने अल्प समय में ही कई लोगों की जिंदगी बदल दी है। मुद्रा योजना के कारण युवा जॉब सीकर की जगह जॉब क्रिएटर बन रहे हैं। इस योजना के लाभार्थियों में 68 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं, यानि महिलाओं की आर्थिक उन्नति में भी यह योजना क्रांतिकारी साबित हुई है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 34.42 करोड़ से अधिक ऋण दिए गए हैं।

मुद्रा योजना ने बदली जिंदगी
कई लोगों के पास हुनर तो है, लेकिन पूंजी की कमी की वजह से अपने हुनर का सही इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं। ऐसे लोगों को प्रोत्साहन देने और उनके हाथों को काम देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने 8 अप्रैल, 2015 में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की शुरूआत की थी। पिछले सात वर्षों में अब तक 34.42 करोड़ से अधिक लोगों को मुद्रा लोन दिया जा चुका है। योजना के शुभारंभ के बाद से 25 मार्च, 2022 तक 18.60 लाख करोड़ रुपये की धनराशि के 34.42 करोड़ से अधिक ऋण स्वीकृत किए गए हैं।

68 प्रतिशत से अधिक महिलाओं को दिया गया लोन
मुद्रा योजना में दिए गए 88 प्रतिशत ऋण ‘शिशु’ श्रेणी के हैं। अब तक करीब 22 प्रतिशत लोन नए उद्यमियों और 68 प्रतिशत ऋण महिला उद्यमियों को दिये गए हैं। मुद्रा योजना के तहत लगभग 51 प्रतिशत ऋण अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों को दिये गए हैं। इसके साथ ही करीब 11 प्रतिशत लोन अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को दिए गए हैं।

जॉब सीकर नहीं जॉब क्रिएटर बन रहे हैं युवा
मोदी सरकार की मुद्रा योजना के जरिए छोटे व्यापारियों और युवाओं को बिना बैंक गारंटी के लोन उपलब्ध कराया जाता है। प्रधानमंत्री मोदी की मुद्रा योजना से देश में युवाओं को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिली है और ऐसे लोगों को अपने व्यवसाय के लिए लोन मिला है, जिनकी बैंकों में कोई पहुंच नहीं है। मुद्रा योजना से न सिर्फ स्वरोजगार के मौके मिले हैं बल्कि इसने जॉब मल्टिप्लायर का काम काम किया है, औरों को भी रोजगार का अवसर दिया है।

छोटे कारोबारियों को साहूकारों से मिली मुक्ति
मुद्रा योजना शुरू होने से पहले ऊंची पहुंच वालों को तो लोन आसानी से मिल जाया करते थे, लेकिन छोटे कारोबारियों को साहूकारों के चक्कर लगाने पड़ते थे। साहूकारों का ब्याज देने के चक्कर में उनकी पूरी जिंदगी ब्याज के कर्ज में डूब जाती थी। मुद्रा योजना ने उद्यमियों को ब्याजखोर लोगों से बचाया है। मोदी सरकार मुद्रा योजना से उद्यमियों के सपनों को साकार कर रही है। केंद्र सरकार ने छोटे उद्यम शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) शुरू की है।

मुद्रा योजना के तहत कर्ज मिलना हुआ आसान
मुद्रा योजना से पहले तक छोटे कारोबार शुरू करने के लिए बैंक से कर्ज लेने में काफी औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ती थीं। कर्ज लेने के लिए गारंटी भी देनी पड़ती थी। इस वजह से कई लोग कारोबार तो शुरू करना चाहते थे, लेकिन बैंक से कर्ज लेने से कतराते थे। अब मुद्रा योजना के तहत बिना गारंटी का कर्ज मिलता है। इसके अलावा कर्ज के लिए कोई प्रोसेसिंग चार्ज भी नहीं लिया जाता है। मुद्रा योजना में कर्ज चुकाने की अवधि को 5 साल तक बढ़ाया जा सकता है।

कारोबार के लिए 10 लाख रुपये तक कर्ज
कोई भी व्यक्ति जो अपना व्यवसाय शुरू करना चाहता है, वह इस योजना के तहत 10 लाख रुपये तक का कर्ज ले सकता है। पीएमएमवाई के के तहत, लाभार्थी माइक्रो यूनिट/उद्यम क विकास / विकास और वित्तपोषण की जरूरतों के स्तर को दर्शाते हुए ‘शिशु’, ‘किशोर’ और ‘तरुण’ के लिए तीन श्रेणी में बांटा गया है। शिशु के तहत 50 हजार, किशोर में 50 हजार से पांच लाख तक और तरुण में पांच लाख से 10 लाख रुपये तक के लोन दिए जाते हैं। मुद्रा योजना की सफलता छोटे कारोबारियों को प्रोत्साहित करने पर केंद्रित है। इसका रोजगार-सृजन पर विविध और बेहद प्रभावपूर्ण असर पड़ा है। अब, सभी को इसका सीधा फायदा दिखाई दे रहा है। यह बात स्पष्ट है कि सरकार देश में सभी को नौकरियां नहीं दे सकती, लेकिन रोजगार के अवसर और धन उपलब्ध करवा करके सभी के विकास में योगदान सुनिश्चित कर सकती है।

रोजगार के बड़े अवसर पैदा कर रही है मुद्रा योजना
छोटे व्यापारी आर्थिक तौर पर कमजोर होने के कारण अपने व्यापार को आगे बढ़ाने में असमर्थ थे, उनके लिए मुद्रा योजना वरदान साबित हुआ है। व्यापार को बढ़ावा देने के साथ दूसरों के लिए भी रोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं। दर्जी, मैकेनिक, टैक्सी चलाने वाले, ऑटो चलाने वाले, बुनकर… सभी को आसानी से लोन मिल जा रहा है। इस योजना से महिलाओं को ही नहीं, सभी धर्म, जाति और वर्ग के लोगों को फायदा मिल रहा है। सही मायनों में यह योजना प्रधानमंत्री मोदी के मूल मंत्र सबका साथ, सबका विकास का सटीक उदाहरण है।

PMMY का ऐसे उठा सकते हैं फायदा
मुद्रा योजना (PMMY) के तहत लोन के लिए आपको सरकारी या बैंक की शाखा में आवेदन देना होगा। बैंक का ब्रांच मैनेजर आपसे कामकाज से बारे में जानकारी लेता है। उस आधार पर आपको PMMY लोन मंजूर करता है।

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