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कश्मीर पर भारत को मिला फ्रांस का साथ, राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा किसी तीसरे देश को हस्तक्षेप का हक नहीं

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फ्रांस ने एक बार फिर कश्मीर पर खुलकर भारत का समर्थन किया है। फ्रांस ने साफ कहा है कि भारत ने कश्मीर पर जो फैसला किया है, उसपर फ्रांस भारत के साथ है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युएल मैक्रों ने कहा कि कश्मीर भारत-पाकिस्तान का आपसी मामला है इसलिए किसी भी तीसरे देश को इसमें नहीं आना चाहिए। गुरुवार को फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच द्विपक्षीय बातचीत हुई। इसके बाद फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने साफ कहा कि कश्मीर मामले में किसी तीसरे देश को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।

फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को कश्मीर मुद्दा द्विपक्षीय ढंग से हल करना चाहिए। किसी तीसरे पक्ष को इसमें हस्तक्षेप या क्षेत्र में हिंसा भड़काने का काम नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘बहुत ही जरूरी है कि हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ सकें। हम पूरे क्षेत्र में जो है शांति बनाए रख सकें और हम सॉवरेनिटी को भी बनाए रखें।’

फ्रांस के शतु दा शॉतिली में दोनों नेताओं के बीच 90 मिनट से अधिक की बातचीत में आपसी संबंधों की समीक्षा की गई। बातचीत के बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई और दोनों देशों ने चार सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए। फ्रांस के राष्ट्रपति के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और फ्रांस के संबंध किसी स्वार्थ पर नहीं बल्कि स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के मजबूत आदर्शों पर आधारित हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘फ्रांस और भारत कंधे से कंधा मिलाकर आजादी और लोकतंत्र की रक्षा की है। फासिज्म और एक्स्ट्रीमिज्म का मुकाबला किया है। फर्स्ट वर्ल्ड वार के दौरान हजारों भारतीय सैनिकों का बलिदान आज भी फ्रांस में याद किया जाता है। आज आतंकवाद, क्लाइमेट चेंज एनवायरमेंट और टेक्नोलॉजी के समावेशी विकास की चुनौतियों का सामना करने के लिए फ्रांस और भारत एक साथ मजबूती से खड़े हैं।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और फ्रांस आतंकवाद से निपटने और सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा, ‘दोनों देशों को आतंकवाद और रेडिक्लाइजेशन का लगातार सामना करना पड़ रहा है। क्रॉस बॉर्डर टेरेरिज्म का मुकाबला करने में हमें फ्रांस का बहुमूल्य समर्थन और सहयोग मिला है। इसके लिए हम प्रेजिडेंट मैक्रों का धन्यवाद देते हैं। हमने सिक्यूरिटी और काउंटर टेरेरिज्म पर सहयोग को व्यापक बनाने का इरादा किया है। मैरीटाइम और सायबर सिक्यूरिटी में भी हमारे बढ़ते सहयोग को और मजबूत करने का फैसला भी हमने किया है।’

दोनों नेताओं ने हर प्रकार के आतंकवाद की कड़ी निंदा की और कहा कि आतंकवाद को किसी भी आधार पर सही नहीं ठहराया जा सकता, न ही इसे किसी मजहब, नस्ल, राष्ट्रीयता या जातीयता से जोड़ा जाना चाहिए। दोनों नेता विश्वव्यापी आतंकवाद से निपटने के लिए भारत द्वारा प्रस्तावित वैश्विक सम्मेलन का जल्द आयोजन करने पर भी सहमत हुए। पीएम मोदी और मैक्रों ने कट्टरवाद और विशेष रूप से ऑनलाइन माध्यमों से प्रचारित कट्टरवाद को रोकने के लिए नए सिरे से प्रयास और सहयोग करने पर सहमति व्यक्त की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और फ्रांस जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने और पर्यावरण तथा प्रौद्योगिकी आधारित समावेशी विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। रक्षा औद्योगिक सहयोग को रणनीतिक साझेदारी का महत्वपूर्ण अंग मानते हुए दोनों नेताओं ने इस दिशा में सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराई।

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