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Congress Politics में ‘साइड-लाइन’ होते जा रहे दिग्विजय सिंह के सुर्खियों में आने के लिए फिर विवादित बोल, हिटलर की आर्मी से की RSS के स्वयंसेवकों की तुलना

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मध्य प्रदेश की राजनीति से ‘साइड-लाइन’ होते जा रहे वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जान-बूझकर विवादित बयान देकर सुर्खियों में रहना चाह रहे हैं। पहले भी कई बार अनर्गल बयानबाजी कर चुके दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर ऐसे ही बिगड़े बोल बोले हैं। इस बार दिग्विजय ने राष्ट्रसेवा के लिए जी-जान से समर्पित राष्ट्रीय स्वयंसेवक (आरएसएस) संघ पर हमला बोला है। राजनीतिक और नैतिक सारी मर्यादाएं लांघते हुए कांग्रेस नेता ने इस बार आरएसएस के लोगों की तुलना हिटलर की आर्मी से कर डाली है। उन्होंने हिटलर के अंत को ऐतिहासिक सच बताते हुए आरएसएस पर तंज करने की असफल कोशिश की है।

कांग्रेस नेता दिग्विजय पहले भी कर चुके हैं मर्यादा लांघने वाली बयानबाजी
ऐसा पहली बार नहीं है कि दिग्विजय सिंह ने सारी मर्यादाएं लांघकर महज सुर्खियां बटोरने के लिए बयानबाजी की हो। इससे पहले भी वे ट्विटर पर और सार्वजनिक मंचों पर घोर आपत्तिजनक भाषा बोल चुके हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने जबलपुर की एक घटना के बहाने एक बार फिर हिटलर का संदर्भ देते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर निशाना साधा है। जबलपुर में भगवा झंडा उतारने पर आरएसएस के लोगों और नगरनिगम के दस्ते से संबंधित एक खबर का लिंक पोस्ट करते हुए दो ‘ट्वीटर किए।

आरएसएस की और हिटलर की निजी सेना की वेशभूषा में समानता
दिग्विजय सिंह ने कहा कि संपूर्ण सत्ता किसी भी व्यक्ति या संगठन के लिए एक नशा है जो अंततोगत्वा उसके पतन का कारण बनता है। इन लोगों पर प्रकरण दर्ज नहीं होगा, लेकिन नगर निगम अधिकारी का स्पष्टीकरण ले कर उसे दण्डित अवश्य किया जाएगा। इसी क्रम में उन्होंने लिखा,‘हिटलर की निजी सेना एसएस की वेशभूषा भूरी शर्ट थी और आरएसएस की ‘निजी सेना’ की वेशभूषा खाकी पैंट है। समानता है कि नहीं? हिटलर का अंत में क्या हश्र हुआ? जर्मनी बर्बाद हो गया। यह एक ऐतिहासिक सत्य है। दिग्विजय अक्सर आरएसएस को निशाने पर लेने वाले अपने बयानों के चलते विवादों में बने रहते हैं।

आर्मी के साथ दीवाली मनाने पर पीएम मोदी के खिलाफ भी उगल चुके हैं जहर
इससे पहले भी मध्यप्रदेश पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दीपावली का त्योहार आर्मी के साथ मनाने के मौके पर निशाना साधा है। पहले मोदी की तुलना हिटलर से कर दी। फिर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खिलाफ भी आग उगली। दिग्विजय सिंह ने ट्विटर पर लिखा था कि यह तो शुरुआत है। हिटलर पहले विश्वयुद्ध में एक कॉर्पोरल था। उसने खुद को जर्मन आर्मी का कमांडर-इन-चीफ घोषित कर दिया था। अगर संसद में मोदी जी को एक और कार्यकाल मिला तो वे संविधान बदल देंगे। आज तक से बातचीत में दिग्विजय सिंह ने कहा था, ‘मोदी विभाजक छवि के नेता हैं। वह 30 के दशक में यूरोप के तानशाह मुसोलिनी और हिटलर की तरह हैं।आर्टिकल 370 पर भी पाकिस्तान की सोच जैसा ही दिग्विजय सिंह ने दिया था बयान 
इससे पहले भी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और राहुल गांधी के करीबी दिग्विजय सिंह के बयान से उनकी पाकिस्तानी सोच का खुलासा हुआ था। इस पर लोगों ने उन्हें जबरदस्त ट्रोल किया। एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कांग्रेस को लेने के देने पड़ गए हैं। दरअसल क्लब हाउस चैट के इस ऑडियो में दिग्विजय सिंह साफ तौर पर कश्मीर को लेकर कांग्रेस पार्टी के एजेंडे को सामने रख रहे हैं। इसमें एक पाकिस्तानी पत्रकार शाहजेब जिलानी के सवाल का जवाब देते हुए दिग्विजय सिंह कहते हैं, ”जब उन्होंने कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाया तो वहां लोकतंत्र नहीं था। वहां इंसानियत भी नहीं थी क्योंकि उन्होंने सभी को जेल में बंद कर दिया था। कश्मीरियत वहां के सेक्युलरिज्म का अहम हिस्सा है क्योंकि मुस्लिम बहुल राज्य का राजा हिंदू था और दोनों साथ मिलकर काम करते थे। यहां तक कि कश्मीर में कश्मीरी पंडितों को सरकारी नौकरी में आरक्षण दिया गया था। ऐसे में आर्टिकल 370 को हटाने का फैसला बेहद दुखद था और कांग्रेस जब सत्ता में आएगी तो 370 को हटाने के फैसले पर फिर से विचार करेगी।

जम्मू-कश्मीर में आया यह क्रांतिकारी बदलाव वहां के क्षेत्रीय दलों और कांग्रेस पार्टी को हजम नहीं हो रहा है। जम्मू-कश्मीर के क्षेत्रीय दल तो खुलकर अपनी बात कहते आए हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी पूरे भारत के लोगों की भावनाओं के खिलाफ जाकर अपना स्टैंड खुले तौर पर सामने नहीं रख पाई। कांग्रेस की इसी दबे हुए एजेंडे को कहीं न कहीं दिग्विजय सिंह ने क्लब हाउस चैट में सामने रख दिया है। दिग्विजय सिंह ने साफ कहा है कि जब भी कांग्रेस की सरकार आएगी, तो वो धारा 370 हटाने के फैसले पर विचार करेगी। एक बात और जान लीजिए कि हमारे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान का भी यही विचार है और वो भी जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने का मुखर विरोध करता रहा है। ऐसे में कांग्रेस की यह सोच एक हिसाब से पाकिस्तान की सोच से मेल खाती है, यानि इस मुद्दों पर दोनों एक हैं।

दिग्विजय के बयान पर भाजपा ने कांग्रेस को घेरा
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का यह बयान सामने आने के बाद देश की राजनीति में बवंडर आ गया है। जैसे ही दिग्विजय सिंह का ऑडियो सोशल मीडिया पर लीक हुआ, लोगों की प्रतिक्रिया भी सामने आने लगीं। सबसे कड़ा विरोध भारतीय जनता पार्टी ने किया। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ट्वीट कर कहा, ”कांग्रेस का पहला प्यार पाकिस्तान है। दिग्विजय सिंह ने राहुल गांधी का संदेश पाकिस्तान तक पहुंचाया है। कांग्रेस कश्मीर को हथियाने में पाकिस्तान की मदद करेगी।”

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट कर कहा, “भारत की छवि को नष्ट करने और भारतीय सेना का उपहास करने के लिए पाकिस्तान और कांग्रेस का विचार समान है। दिग्विजय सिंह ने धारा 370 के लिए जो कहा है वही पाकिस्तान का इंटरनेशनल एजेंडा है।“

बीजेपी के प्रवक्ता संबित्र पात्रा ने भी वायरल चैट को रिट्वीट करते हुए कांग्रेस और दिग्विजय सिंह को निशाने पर लिया। संबित पात्रा ने ट्विटर किया, ”दिग्विजय सिंह ने अनुच्छेद 370 बहाल करने पर पुनर्विचार की बात कही। उन्होंने हिंदू कट्टरपंथी का जिक्र किया। कांग्रेस राष्ट्रविरोधियों का क्लब हाउस है।”

बाद में संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस पार्टी पर दिग्विजय सिंह के राष्ट्रविरोधी बयान पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा, “दिग्विजय सिंह पाकिस्तान की हां में हां मिला रहे हैं। वे कश्मीर को थाली में रखकर पाकिस्तान को सौंपना चाहते हैं।”

भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने भी दिग्विजय सिंह पर हमला बोला। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ”क्लब हाउस चैट में राहुल गांधी के शीर्ष सहयोगी दिग्विजय सिंह एक पाकिस्तानी पत्रकार से कहते हैं कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो वे अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले पर पुनर्विचार करेंगे। वास्तव में? यही तो पाकिस्तान चाहता है।“

आम लोगों ने देशद्रोही सोच के लिए दिग्विजय की लगाई लताड़

 बीजेपी ही नहीं, आम लोगों की तरफ से भी इसी प्रकार की प्रतिक्रिया देखने को मिली। वरिष्ठ पत्रकार आदित्य राज कौल ने दिग्विजय सिंह के कश्मीरी पंडितों को सरकारी नौकरी में आरक्षण मिलने के दावे पर सवाल उठाते हुए अपने ट्वीट में लिखा, “कश्मीरी पंडितों को कभी भी कश्मीर या शेष भारत में सरकारी नौकरी में आरक्षण नहीं मिला।“

इसी प्रकार आलोक भट्ट ने ट्वीट किया, “जब राहुल गांधी के खास नेता एक पाकिस्तानी पत्रकार को यह बता सकते हैं कि सत्ता में आने पर वो कैसे धारा 370 को फिर से लागू करेंगे, तो वे पाकिस्तानी सेना के जरनलों के सामने क्या सौदेबाजी करते होंगे।”

दिग्विजय सिंह और कांग्रेस के खिलाफ अन्य लोगों की प्रतिक्रिया भी देखिए-

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