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आस्था पर हमले से जागा हिंदू, त्रिपुंडधारी को विलेन बनाया तो SHAMSHERA डिजास्टर साबित, हिंदू प्रतीकों और भारत के विरोधी Hater Aamir Khan की फिल्म के खिलाफ अब ट्रेंडिंग में #Boycottlaalsinghchaddha

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भारत का बहुसंख्यक समाज आज मोदी युग में अपने धर्म और संस्कृति को लेकर जिस तरह की भूमिका में वैसी पहले कभी नहीं रही। आज बहुसंख्यक वर्ग अपने मूल्यों को लेकर संवेदनशील है, तो उस पर अंगुली उठाने वालों के लिए आक्रामक भी। हिंदू समाज अपनी ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत पर गौरवान्वित है, तो जानबूझकर इसका विद्रूप चेहरा दिखाने, धर्म और आराध्यों का अपमान करने वालों के खिलाफ बेहद सजग और सक्रिय भी है। अब हिंदू समुदाय मौन न रहकर सनातन धर्म का अपमान करने वालों को मुंहतोड़ जवाब दे रहा है। वामपंथियों के साथ ही तथाकथित बुद्धिजीवी कहे जाने वाले बॉलीवुड ने ही हमारी धार्मिक मान्यताओं का सबसे ज्यादा निरादर किया है। डाक्युमेंट्री फिल्म काली और शमशेरा से लेकर अब लाल सिंह चढ्डा तक हिंदू समुदाय सनातन प्रतीकों को जबरदस्ती गलत अर्थों में दिखाने को पुरजोर आवाज में गलत साबित कर रहा है। एक्टर-डायरेक्टर हिंदुओं की आस्था का, सनातन प्रतीकों को मजाक बनाने में लगे
फिल्म मेकिंग का मतलब समाज और देश के प्रति एक जिम्मेदारी भी है। किसी भी तरीके से रुपये कमाने की कोशिश में लगे बॉलीवुड के कलाकार, निर्माता-निर्देशक पता नहीं कब इस बात को समझेंगे? अपने आराध्यों के प्रति समर्पित भारतीय जनमानस ने कभी फिल्म जय संतोषी मां रिकॉर्ड तोड़ सफलता दिलाई थी। लेकिन बाद की पीढ़ी के एक्टर-डायरेक्टर हिंदुओं की आस्था का, सनातन प्रतीकों का, मजाक बनाकर धन कमाने में लगे। अब हिंदू जनमानस जाग गया है। 150 करोड़ की लागत से बनी ताजातरीन फिल्म शमशेरा को इसी वजह के फ्लाप कराकर उसने साबित कर दिखाया है कि आस्था के प्रतीकों का अपमान अब किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा।

जागा हिंदू जनमानस…आस्था के प्रतीकों का अपमान अब सहन नहीं किया जाएगा
दरअसल, फिल्म शमशेरा के फ्लॉप होने की बात करें तो फिल्म का ट्रेलर आने के बाद ही यह लगने लगा था कि यशराज का यह नया प्रोजेक्ट शायद ही टिकट खिड़की पर खड़ा हो पाए। हिंदू विरोधी किरदार और अन्य कारणों से आशंकाएं सही साबित हुई। फिल्म शमशेरा का विरोध संजय दत्त के किरदार को लेकर हुआ। इस फिक्शनल पीरियड ड्रामा में संजय दत्त ने मुख्य विलेन शुद्ध सिंह की भूमिका निभाई थी। संजय दत्त के किरदार को जिन प्रतीकों के सहारे गढ़ा गया, उसने हिंदू जनमानस में फिल्म के प्रति नाराजगी पैदा कर दी।माथे पर त्रिपुंड और गले में मालाओं के बावजूद आचरण से मानवताविरोधी दिखाया
फिल्म शमशेरा के विलेन शुद्ध सिंह को देखकर लगता है कि वह बहुत धार्मिक किस्म का व्यक्ति है। वह वर्दी में माथे पर त्रिपुंड, गले में मालाएं और उसके सिर पर शिखा है- जो कि सनातन परंपरा में साधु-संन्यासियों या ऋषि मुनियों का बाना है। उन्हें मानवता में विश्वास रखने वाला माना जाता है, जबकि फिल्म में शुद्ध सिंह का कर्म और आचरण मानवताविरोधी पशु समान नजर आता है। लोगों का आरोप है कि शुद्ध सिंह के किरदार के जरिए हिंदुओं की भावनाओं का मजाक उड़ाया गया और यह जानबूझकर किया गया। लोगों ने कहा भी कि क्या असल जिंदगी में, हिंदू जनमानस में ऐसे किरदार कभी दिखाई देते हैं?

शमशेरा में हिंदू विरोधी मानसिकता के खिलाफ सुपर फ्लाप करके जनादेश सुनाया
यही वजह रही कि करीब 150 करोड़ का भारी भरकम बजट, 4300 से ज्यादा स्क्रीन, रणबीर कपूर-संजय दत्त जैसी तगड़ी स्टारकास्ट, टिकट खिड़की पर सोलो रिलीज के बावजूद शमशेरा को दर्शकों ने बुरी तरह से खारिज कर दिया। दर्शकों को हिंदू विरोधी मानसिकता वाला किरदार पसंद नहीं आया और उन्होंने बॉक्स ऑफिस के जरिए यशराज के बैनर के खिलाफ “जनादेश” सुना दिया। शमशेरा से दर्शकों की नाराजगी की सबसे बड़ी वजह फिल्म की कहानी में जबरदस्ती सनातन प्रतीकों को गलत अर्थों में दिखाना था।

शुद्ध सिंह में हिंदुओं को उत्पीड़क और पीर बाबा को मुस्लिम सेकुलर दिखाया
कई लोगों ने ट्विटर पर फिल्म के कुछ विजुअल भी साझा किए थे। इसमें से एक विजुअल में दिख रहा है कि रणबीर और संजय दत्त के किरदारों में खूब फाइट हुई। इस दौरान एक हथियार रणबीर की पीठ में धंसा नजर आता है। रणबीर की हालत बहुत खराब है. मगर वे किसी मुस्लिम संत या “पीर बाबा” का नाम लेते हैं और अपनी पीठ में धंसा हथियार निकाल देते हैं। फिल्म दिखाती है कि पीर बाबा का नाम लेते ही रणबीर जोश से भर जाता है, जबकि त्रिपुंड-चोटीधारी शुद्ध सिंह, पीर बाबा की पुकार के साथ रणबीर के रौद्र रूप को देखकर खुद को बचाने के लिए डरकर पीछे हटता नजर आता है। शमशेरा में शुद्ध सिंह के बहाने धार्मिक हिंदुओं को उत्पीड़क दिखाया गया जबकि पीरबाबा के बहाने मुसलमान सेकुलर नजर आता है। शमशेरा के जिस क्लिप की चर्चा हुई उसे Babu Saana नाम के हैंडल से साझा किया गया था।

आमिर के परिवार को भारत लगता है असुरक्षित, फिल्मों में उड़ाया हिंदू प्रतीकों का मजाक
रणबीर कपूर के डबल रोल वाली शमशेरा के इस बुरे हश्र को देखकर मिस्टर परफेक्शनिस्ट कहे जाने वाले आमिर मियां का भरोसा भी अपनी एक्टिंग से उठ गया है। चार साल बाद फिल्म लाल सिंह चढ्डा से बड़े पर्दे पर आने वाले आमिर खान अब हर प्लेटफार्म पर लोगों से फिल्म का बॉयकाट न करने की विनती करते नजर आ रहे हैं। यह वही आमिर खान ने जिन्होंने गुजरात के दंगों के लिए तत्कालीन सीएम को भी दोषी ठहराया था। यह वही आमिर खान हैं, जिनकी पत्नी को भारत में रहने से डर लगता था और यह “चुपचाप-चार्ली” भारत में रहने को असुरक्षित मानते था। और यह वही आमिर खान है जिसने अपनी फिल्म पीके में हिंदू आस्था के प्रतीकों को जमकर मजाक बनाया था।

शिवलिंग पर दूध चढ़ाने में पैसा बर्बाद करने के बजाए इसे बच्चे को पिलाओ-खान
आमिर की बेहूदा गलतियों की सजा देने का मौका अब जनता के पास आया है। यही वजह है कि लोगों का गुस्सा अब #Boycottlaalsinghchaddha के रूप में ट्वीटर पर ट्रेंडिंग कर रहा है। विभिन्न सोशल प्लेटफार्म पर आमिर की फिल्म न देखने की अपील की जा रही है। आमिर खान के मीम्स बन रहे हैं। इसमें लोग आमिर के दोगलेपन को खुलकर सामने ला रहे हैं। इसमें लोग कह रहे हैं कि आमिर खान ने ही कहा था कि शिवलिंग पर दूध चढ़ाने में पैसा बर्बाद करने के बजाए इसे बच्चे को पिलाना चाहिए। अब लोग भी फिल्म की टिकट पर पैसा बर्बाद करने के बजाए इसे किसी और काम में लगाएंगे।

शमशेरा की तरह दर्शकों के लिए तरस सकती है आमिर की फिल्म, पिछली फिल्म भी हुई थी फ्लाप
फिल्म लाल सिंह चड्ढा जो कि हॉलीवुड फिल्म फोरेस्ट गम्प की हूबहू नकल है, उससे आमिर खान करीब चार साल बाद बड़े पर्दे पर वापसी कर रहे हैं। काफी लंबे इंतजार के बाद ये फिल्म रक्षाबंधन पर सिनेमाघरों में रिलीज के लिए तैयार है। लाल सिंह चड्ढा में आमिर खान के साथ करीना कपूर भी नजर आने वाली हैं। करीना का यह बयान कि जिसे फिल्म देखनी है वो देखे…को सुनकर लोग और भड़क गए हैं। पहले ही आमिर के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभियान चल रहा है, करीना ने इसमें तड़का लगा दिया है। आमिर के फैंस तक इस फिल्म को बॉयकॉट करने की मांग कर रहे हैं। आमिर की पिछली फिल्म ठग्स ऑफ हिंदुस्तान भी डिजास्टर साबित हुई थी। अब शमशेरा का हश्र देखकर आमिर को लोगों से विनती करनी पड़ रही है कि वो लाल सिंह चढ्डा का बहिष्कार न करें, लेकिन आमिर ने अपनी पिछली गलतियों के लिए माफी नहीं मांगी है।

कनाडा में आगा खान म्यूजियम ने फिल्म काली के विवादित पोस्टर हटाकर हिंदूओं से माफी मांगी

इससे पहले  हिंदू विरोधी मानसिकता वाली डाक्युमेंट्री फिल्म ‘काली’ के बेहद आपत्तिजनक पोस्टर पर विवाद हुआ था। इसके बाद लगातार हिंदू देवी-देवताओं पर कटाक्ष किए जा रहे हैं। विवादित पोस्टर बनाए जा रहे हैं। अब लीना मणिमेकलई ने भगवान शिव और मां पार्वती का किरदार निभाने वालों का धूम्रपान करते फोटो डाला है। काली की मेकर ने भड़काऊ ट्वीट करके लोगों को उकसाने की कोशिश है। उधर भगवान शिव का सिगरेट जलाते हुए बैनर भी सामने आया है। यह मामला तमिलनाडु के कन्याकुमारी का है। इस बीच, कनाडा में आगा खान म्यूजियम ने फिल्म का विवादित पोस्टर हटाते हुए हिंदू समुदाय से माफी मांगी है।

लीना ने शिव-पार्वती का किरदार निभाने वालों का धूम्रपान करते फोटो डाला
डॉक्युमेंट्री फिल्म ‘काली’ के विवाद को और भड़काने के लिए इसकी निर्माता लीना मणिमेकलई ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक और विवादित तस्वीर शेयर कर दी। लीना ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर भगवान शिव और मां पार्वती का रोल निभाने वाले कलाकारों की एक तस्वीर शेयर की है। इस तस्वीर में भगवान शिव और मां पार्वती का किरदार निभाने वाले दोनों अभिनेता धूम्रपान करते दिखाई दे रहे हैं। वहीं, निर्माता लीना ने फोटो पोस्ट करते हुए लिखा, ‘कहीं और’। देश के कई राज्यों में लोग लीना मणिमेकलई के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर तत्काल गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।

हिंदुओं को गाली देना = धर्मनिरपेक्षता? और हिंदू आस्था का अपमान = उदारवाद?
लीना मणिमेकलई के इस ट्वीट पर राजनेताओं के बयान आने भी शुरू हो गए हैं। बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने लीना की इस पोस्ट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा, ‘यह रचनात्मक अभिव्यक्ति की बात नहीं है, यह तो जानबूझकर उकसावे का मामला है। हिंदुओं को गाली देना = धर्मनिरपेक्षता? हिंदू आस्था का अपमान = उदारवाद?’ इतना ही नहीं शहजाद ने आगे लिखा, ‘लीना की हिम्मत इसलिए इतनी बढ़ती जा रही है क्योंकि उसको पता है कि लेफ्ट पार्टियां, कांग्रेस, टीएमसी उनके सपोर्ट में खड़ी है। अभी तक टीएमसी ने महुआ मोइत्रा पर कोई कार्रवाई नहीं की है।

‘मैं ऐसे भारत में नहीं रहना चाहती’ महुआ का ट्वीट- दर्ज कर लो FIR, कोर्ट में मिलूंगी
काली फिल्म को लेकर तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के बयान के खिलाफ कानपुर समेत यूपी, मध्य प्रदेश व बंगाल के कई शहरों में एफआईआर दर्ज कराई गई हैं। बिगड़े बोल पर सियासी घमासान के बीच भाजपा ने मोइत्रा की गिरफ्तारी की मांग की है। काली फिल्म को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। एक तरफ टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा अपने बयान से पीछे हटने का नाम नहीं ले रही हैं तो भाजपा व अन्य हिंदू संगठन उनका लगातार विरोध कर रहे हैं। इस बीच महुआ मोइत्रा ने एक और ट्वीट करके इस आग को और हवा दे दी है। महुआ ने कहा- ‘तुम अपनी एफआईआर दर्ज कर लो, कोर्ट में मिलूंगी।’ महुआ ने ट्वीट कर कहा, ‘मैं ऐसे भारत में नहीं रहना चाहती, जहां भाजपा की पितृसत्तात्मक ब्राह्मणवादी सोच हावी हो और सभी धर्म के आस-पास घूमते रहें। मैं मरते दम तक अपने बयान पर कायम रहूंगी।

मेरे लिए काली का मतलब मांस और शराब स्वीकार करने वाली देवी- मोइत्रा
मोइत्रा ने मंगलवार को कहा था कि काली के कई रूप हैं। मेरे लिए काली का मतलब मांस और शराब स्वीकार करने वाली देवी है। उन्होंने, ‘यह आप पर निर्भर करता है कि आप अपने भगवान को कैसे देखते हैं। अगर आप भूटान और सिक्किम जाएं तो वहां पूजा में भगवान को व्हिस्की चढ़ाई जाती है। वहीं, आप उत्तर प्रदेश में किसी को प्रसाद में व्हिस्की दे दो तो उसकी भावना आहत हो सकती है। मेरे लिए देवी काली एक मांस खाने वाली और शराब पीने वाली देवी के रूप में है। देवी काली के कई रूप हैं।’

टीएमसी सांसद महुआ के आपत्तिजनक बयान का कांग्रेसी शशि थरूर किया समर्थन
महुआ के बयान का कांग्रेस नेता शशि थरूर ने समर्थन किया है। उन्होंने कहा है, महुआ मोइत्रा पर हो रहे हमलों ने मुझे हैरान कर दिया है। ये हमले उस वजह से हो रहे हैं, जो हर हिंदू जानता है। हिंदू जानते हैं कि देश में हर जगह पूजा करने का तरीका अलग-अलग है। देवी पर कोई क्या चढ़ाता है, यह वह भक्त ही जानता है। उन्होंने आगे कहा, हम ऐसी स्थिति में पहुंच चुके हैं, अगर हम सार्वजनिक मंच पर किसी के बारे में कुछ कहेंगे तो किसी न किसी की भावना आहत ही होगी। हालांकि, यह तय है कि महुआ ने किसी को अपमानित करने की भावना से ऐसा नहीं कहा था। उन्होंने आगे कहा, मैं सबसे अपील करता हूं कि माहौल को ठंडा रखें। धर्म को कोई किस प्रकार मानता है, यह भक्त पर ही छोड़ दें।

जय माँ कलकत्ते वाली… तेरा श्राप ना जाये ख़ाली- अनुपम खेर
दूसरी ओर अभिव्यक्ति की आजादी की दुहाई देने वाली लीना की खबर दिग्गज कलाकार अनुपम खेर ने ली है। उन्होंने एक ट्वीट कर कहा है कि शिमला में एक बहुत ही प्रसिद्ध माँ काली का मंदिर है। #कालीबाड़ी। बचपन में कई बार जाता था। बूंदी के प्रसाद और मीठे चरणामृत के लिये। मंदिर के बाहर एक साधु/फ़क़ीर टाइप बार बार दोहराता था.. “जय माँ कलकत्ते वाली… तेरा श्राप ना जाये ख़ाली..” आजकल उस साधु और मंदिर की बहुत याद आ रही है!

मणिमेकलई जैसी विकृत मानसिकता वाले लोगों की पोस्ट रोकी जानी चाहिए- नरोत्तम मिश्रा
फिल्ममेकर लीना मणिमेकलई की नई पोस्ट से फिर बवाल हो गया है। मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विकृत मानसिकता करार देते हुए ट्विटर को पत्र लिखने की बात कही है। उन्होंने कहा कि मणिमेकलई जैसी विकृत मानसिकता वाले लोगों की ऐसी पोस्ट को रोकने के लिए अपने स्तर पर भी प्रयास करने होंगे। उनकी स्कैनिंग करनी होगी ताकि धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली सामग्री सोशल मीडिया पर न आए।

कन्याकुमारी में भगवान शिव को सिगरेट जलाते हुए बैनर लगाया, हिंदू संगठनों में आक्रोश 
दूसरी ओर काली कंट्रोवर्सी के बीच कन्याकुमारी जिले के थिंगल नगर के पास आरोग्यपुरम में आस्था का अपमान हुआ है। एक बैनर में कपल की फोटो के साथ बधाई देते दोस्तों की फोटो है, जबकि दूसरे बैनर में भगवान शिव को सिगरेट जलाते हुए दिखाया गया है। पहले बैनर में दूल्हे का भी मजाक उड़ाने की कोशिश की गई है। बैनर में दूल्हे के लिए लिखा है, ‘अपने बालों को छोटा रखो, कितना छोटा? इतना छोटा कि आपकी पत्नी उन्हें पकड़ न पाए। बैनर सामने आते ही पुलिस ने आरोपियों को पुलिस थाने बुलाया और चेतावनी दी। विवाद बढ़ने के बाद पुलिस ने बैनर हटा दिया है। हालांकि, सोशल मीडिया पर बैनर की तस्वीरें वायरल होने के बाद हिंदू संगठनों ने आक्रोश जताया है।

पुलिस ने आपत्तिजनक बैनर हटाया और इसके जिम्मेदारों को सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ा
कन्याकुमारी जिले के आरोग्यपुरम में कुछ दिन पहले ही एक कपल की शादी हुई है। इस कपल को बधाई देने के लिए ही दूल्हे प्रतिश के दोस्तों ने बैनर लगाए। प्रतिश के दोस्तों ने इलाके में 2 बैनर लगाए। प्रतिश के दोस्तों ने जैसे ही भगवान शिव का बैनर लगाया। इस पर हिंदू संगठनों की नजर पड़ गई। बैनर तुरंत सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद इलाके के हिंदू संगठनों ने इरानियल थाने की पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस तुरंत हरकत में आई और दूल्हे प्रतिश सहित दोस्तों के ग्रुप को थाने बुला लिया। हालांकि, सभी को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया और पुलिस ने बैनर हटा दिए।

 

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