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सबसे बड़ा हेटर आमिर खान, गुजरात दंगे और नरेन्द्र मोदी को लेकर बोला झूठ, देवी-देवताओं का किया अपमान, देश में फैलाया डर

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बॉलीवुड सुपरस्टार आमिर खान इस समय अपनी आने वाली फ़िल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ को लेकर सूर्खियों में हैं। यह फ़िल्म 11 अगस्त को रिलीज होने वाली है। इससे पहले ही इस फ़िल्म के बायकॉट की मांग हो रही हैं। ट्विटर पर #BoycottLaalSinghChaddha जमकर ट्रेंड हो रहा है। इधर, फिल्म के बायकॉट की मांग से आमिर खान दुखी नजर आ रहे हैं। आमिर ने कहा कि ‘लाल सिंह चड्‌ढा’ फिल्म का बायकॉट करना दुखद है। पता नहीं क्यों लोगों को लगता है कि मैं अपने देश से प्यार नहीं करता, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। आमिर के इस बयान से स्पष्ट है कि उन्हें अपने अंदर भरी नफरत का ज्ञान नहीं है। तो चलिए आपको आमिर की नफरत और लोगों के बायकॉट और विरोध की वजह बताते हैं।

बायकॉट से परेशान आमिर खान सफाई देने पर मजबूर

दरअसल, आमिर खान को पता नहीं है कि वो जिस थाली में खाना खा रहे हैं, उसी में छेद कर रहे हैं। अब लोगों ने उनकी फ़िल्म के बायकॉट और विरोध के जरिए आमिर खान को सोचने और सफाई देने पर मजबूर कर दिया है। लोगों का आरोप है कि आमिर खान ने 2002 के गुजरात दंगों और तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर झूठ बोला था। यहां तक कि जिस देश में वो शांतिपूर्वक रहते हैं। फिल्म के जरिए पैसे और प्रसिद्धि प्राप्त करते हैं। उसको लेकर लोगों में डर पैदा करने की कोशिश की। इसके अलावा अपनी फिल्मों में हिंदू संस्कृति और देवी-देवताओं का अपमान करते हैं और उसे नीचा भी दिखाते हैं।

नरेन्द्र मोदी के खिलाफ फैलाई नफरत, कोर्ट से मिली क्लीन चिट

पिछले 21 सालों में ऐसा कोई भी मौका नहीं है, जब नरेन्द्र मोदी को बदनाम करने और उनकी सरकार को अस्थिर करने की कोशिशें नहीं की गई हों। आखिरकार 24 जून, 2022 को सत्य की जीत हुई और सुप्रीम कोर्ट ने 2002 गुजरात दंगा मामले में ज़किया जाफरी की याचिका खारिज करते हुए दंगे की साज़िश के आरोप से तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को मुक्त कर दिया। कोर्ट ने कहा कि कुछ लोगों ने अपने निहित स्वार्थ के लिए न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग करने का प्रयास किया, ताकि मामला चर्चा में बना रहे। दरअसल नरेन्द्र मोदी को झूठे तथ्यों के आधार पर बदनाम करने की मुहिम चलाई गई, जिसमें राजनीतिज्ञ, पत्रकार और फर्जी सामाजिक कार्यकर्ता से लेकर आमिर खान जैसे बॉलीवुड अभिनेता भी शामिल थे।  

नरेन्द्र मोदी को बदनाम करने की मुहिम में शामिल थे आमिर 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आमिर खान की नफरत जगजाहिर है। गुजरात के मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री बनने तक कई मौकों पर आमिर खान ने नरेन्द्र मोदी के खिलाफ अपनी नफरत को प्रदर्शित किया है। सोशल मीडिया पर एक वीडिया वायरल हो रहा है, जिसमें आमिर खान पत्रकार शेखर गुप्ता से बात करते हुए दिख रहे हैं। वर्ष 2002 के इस इंटरव्यू में आमिर खान ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को गुजरात दंगों में लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया था। और उनकी पार्टी पर भी सवाल खड़े किए थे। लेकिन गुजरात दंगे की बात करते हुए आमिर खान ने गोधरा में ट्रेन जलाए जाने और 59 हिन्दुओं की निर्मम हत्या का जिक्र नहीं किया था। 

गुजरात दंगों पर बोला झूठ, गोधरा कांड भूल गए

इंटरव्यू में आमिर खान ने कहा था, “एक इंसान के तौर पर मैं ये समझता हूं कि लोगों के दिमाग में बहुत जहर भरा है। गुजरात में जो हुआ बहुत बुरा हुआ। कोई आदमी मोदी जैसा, वहां गुजरात में इंडियन मारे गए थे। चाहे वो हिंदू हों, मुसलमान हों, सिख हों, ईसाई हो। मारे गए एक नेता के हाथों, जिसे सोचा गया था कि वो लोगों का नेता होगा, वो जिम्मेदार है लोगों के मरने के लिए। वो और उनकी पार्टी। वहां जो हुआ वो बहुत एंटी-इंडियन था। ये मानवता के खिलाफ था। लोगों ने इसके खिलाफ आवाज भी उठाई ये अच्छा हुआ। ये देख कर अच्छा लगा, मुझे भारत के लोगों में भरोसा है। वो थोड़ा भटकेंगे लेकिन मुझे उम्मीद है उन्हें प्यार में भरोसा है।”

अमेरिका का वीजा न मिलना राष्ट्रीय गौरव- आमिर

इसी इंटरव्यू में शेखर गुप्ता से बात करते हुए आमिर खान ने कहा था कि जो लोग इस तरह की घटनाओं को अंजाम देते हैं, वो पूरी तरह से देश विरोधी हैं। ये लोग मानवता और स्वस्थ समाज की अवधारणा को ठेस पहुंचाते हैं। कुछ ही लोग इसके खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं। आजकल खबर में आ रहा है कि अमेरिका ने नरेन्द्र मोदी को वीजा देने से इनकार कर दिया है और ये राष्ट्रीय गौरव की बात हो गई है। बताया जाता है कि आमिर खान ने नरेन्द्र मोदी को अमेरिका का वीजा न मिले इसके लिए भी एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया था।

मेधा पाटेकर के साथ नर्मदा डैम प्रोजेक्ट के खिलाफ चलाया अभियान

आमिर ने साल 2006 में मेधा पाटेकर के साथ मिलकर नर्मदा डैम प्रोजेक्ट को लेकर नरेन्द्र मोदी के खिलाफ अभियान चलाया था। और गुजरात के विकास में बांधी डाली थी। 15 अप्रैल, 2006 को आमिर ने जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहीं एक्टिविस्ट मेधा पाटेकर का समर्थन किया था। मेधा उस समय गुजरात सरकार के एक फैसले का विरोध कर रही थी जिसमें ये कहा गया था कि सरदार सरोवर बांध की लंबाई बढ़ाई जाएगी। उस दौरान आमिर की फिल्म रंग दे बसंती रिलीज़ होने वाली थी और वे अपनी पूरी टीम के साथ मेधा का समर्थन करने पहुंचे थे। आमिर की नर्मदा बचाओ आंदोलन में सक्रियता देखकर कई लोग हैरान हुए थे।

इन्टॉलरेंस पर कहा था- देश का माहौल खराब है

आमिर खान ने कुछ साल पहले देश में बढ़ रहे इन्टॉलरेंस पर रिएक्ट किया था। उन्होंने कहा था कि उन्हें अपने बच्चों को लेकर पहली बार डर लग रहा है, क्योंकि देश का माहौल बहुत खराब है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि उनकी पूर्व पत्नी किरण ने उनसे पूछा कि क्या हमें भारत छोड़ देना चाहिए? किरण अपने बच्चे की सेफ्टी को लेकर डर महसूस कर रही थीं। आमिर ने पत्नी के कहने पर देश तो नहीं छोड़ा लेकिन सलाह देने वाली पत्नी किरण राव को ही छोड़ दिया। अब उनका और किरण राव का तलाक हो चुका है। अब आमिर खान इससे नाराज़ हैं कि लोग ऐसा क्यों कह रहे हैं कि उन्हें देश से प्यार नहीं। इस पर सवाल उठ रहे हैं कि देश में जिसे डर लगता हो, वो देश से कैसे प्यार कर सकता है?

पीके फिल्म में भगवान का अपमान किया था

आमिर की पिछली फिल्म ‘पीके’ को लेकर भी लोगों के मन में गुस्सा है। लोगों का कहना है कि कैसे आमिर ने फिल्म में ‘भगवान’ का मजाक उड़ाया था और ‘हिंदू धर्म’ का ‘अपमान’ किया था। फिल्म के रिलीज के समय हिन्दू संगठनों ने फिल्म पर कथित रूप से धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। फिल्म में ‘गौ माता’ और भगवान शिव जैसे देवी देवताओं को जिस तरह दिखाया गया है वह सनातन धर्म का आपमान है। लोग आमिर की फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ के बहिष्कार की अपील कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि हिन्दू-देवी देवताओं और भारत का अपमान करने वाली मानसिकता पर लगाम लगाने की जरूरत है। ताकि आगे से कोई अपमान करने की हिम्मत नहीं कर सके।

शिव की मूर्ति पर दूध चढ़ाने वाला विवादित बयान

आमिर ने अपने शो ‘सत्यमेव जयते’ में कहा था कि शिव की मूर्ति पर 20 रुपये का दूध चढ़ाने के बजाय किसी बच्चे को खाना खिलाना ज्यादा बेहतर होगा। इस बात पर भी काफी विवाद हुआ था। अपने इस बयान के चलते आमिर खान को काफी ज्यादा ट्रोल होना पड़ा था। अब लोग कह रहे हैं कि वो ‘लाल सिंह चड्ढा’ पर पैसे खर्च करने के बजाय गरीब बच्चों को खाना खिलाएंगे।

आमिर खान का भारत विरोधी तुर्की से संबंध

फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ की शूटिंग के लिए आमिर खान की तुर्की यात्रा भी विवादों के घेरे में हैं। आमिर खान ने भारत विरोधी तुर्की में जाकर किस तरह वहां के राष्ट्रपति से मुलाकात की और वहां के पर्यटन को प्रमोट किया, इससे भी उनके अंतरराष्ट्रीय इस्लामी एजेंडे को समझा जा सकता है। पाकिस्तान का यार तुर्की अक्सर कश्मीर राग अलापता है और भारत के मुस्लिमों को भड़काता है। जब भारत ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया था, तब उन्होंने इस कार्रवाई का विरोध किया था। कुछ रिपोर्ट्स में यह दावा भी किया जा चुका है कि तुर्की भारत में कट्टर इस्लामिक संगठनों को फंडिंग भी करता है। तुर्की की प्रथम महिला एमीन एर्दोगन से आमिर खान 15 अगस्त, 2020 को मिले थे। इस मुलाकात की फोटो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं। 

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