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सरकार की इन स्कीम का लाभ उठाकर महिलाएं भी कर सकती हैं बिजनेस, बन सकती हैं आत्मनिर्भर

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देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक महामारी कोविड-19 के बाद ‘आपदा में अवसर’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ का मंत्र दिया। इससे देश में कारोबार करने वालों को प्रोत्साहित करने में मदद मिली। पीएम की इस प्रेरणा से कई स्टार्टअप्स अब यूनिकॉर्न की रेस में शामिल हो गए हैं। ऐसे में देश की महिलाएं भी पीछे नहीं रहीं। उन्होंने भी आगे बढ़कर अलग-अलग क्षेत्रों में कामकाज शुरू किया। केंद्र की मोदी सरकार महिलाओं को आगे लाने, उन्हें आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें अपना बिजनेस शुरू करने के लिए लगातार प्रोत्साहित कर रही है ताकि महिलाएं खुद अपने दम अपना काम कर सकें और किसी दूसरे के ऊपर निर्भर ना रहें। इसके साथ ही सरकार देश की महिलाओं को जागरूक करने के लिए कई तरह की योजनाएं भी चला रही है। सरकार की कई स्कीम है जिससे लाभ उठाकर महिलाएं अपना बिजनेस शुरू कर सकती हैं। इन योजनाओं की बदौलत आज चाहे ग्रामीण हो या शहरी हर जगह की महिलाएं अपनी पहचान बना रही हैं। पिछले कुछ समय से हमारे देश में स्टार्टअप इंडिया का बूम आ रहा है और सरकार महिलाओं को भी नये उद्यमों के क्षेत्र में भागीदार बनाना चाहती है इसीलिए सरकार ने महिलाओं के ल‍िए विभिन्‍न प्रकार की लोन योजना चलाई है। इन लोन योजना के तहत महिलायें बहुत तरह का काम कर सकती हैं। इनके जरिये ब्यूटी पार्लर, सैलून, सिलाई, कृषि उपकरणों की सेवा, कैंटीन और रेस्टोरेंट, नर्सरी, लॉन्ड्री और ड्राई क्लीनिंग, डे केयर सेंटर, कम्प्यूटराइज्ड डेस्क टॉप पब्लिशिंग, केबल टीवी नेटवर्क, फोटोकॉपी सेंटर, सड़क परिवहन ऑपरेटर, प्रशिक्षण संस्थान, वॉशिंग मशीन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक और इलेक्ट्रिकल गैजेटस रिपेयरिंग, जैम और जेली, मुरब्बा बनाना आदि कई प्रकार के छोटे उद्योग शुरू किए जा सकते हैं।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना छोटे उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई है। इस योजना में 50 हजार से 50 लाख रुपए तक का लोन मिलता है। लोन किसी भी राष्ट्रीय बैंक से ले सकते हैं। इन पैसों की मदद से महिलाएं भी अपना बिजनेस शुरू कर सकती हैं। 10 लाख रुपए तक के लोन के लिए किसी गारंटर की जरूरत नहीं है। मुद्रा योजना में 3 तरह के प्लान शामिल हैं। शिशु: नए बिजनेस के लिए सालाना 12% ब्याज की दर से 50 हजार रुपए तक का लोन दिया जाता है। लोन 5 साल में चुकाना होता है। किशोर: पहले से चल रहे बिजनेस के एक्सपेंशन के लिए 50 हजार से 5 लाख रुपए तक का लोन मिलता है। लोन जमा करने और ब्याज की दरें क्रेडिट हिस्ट्री से बैंक तय करता है। तरुण: बिजनेस बढ़ाने के लिए 5 लाख रुपए से 10 लाख रुपए तक का लोन मिलता है। लोन डिपॉजिट और ब्याज की दरें क्रेडिट हिस्ट्री से बैंक तय करता है। भारत सरकार का उद्देश्य है महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना। अब इस स्कीम का लाभ उठाकर महिलाएं अपना बिजनेस करने का सपना साकार कर सकती हैं। मुद्रा योजना के तहत अब तक लगभग 19 लाख करोड़ रुपये के ऋण दिए गए हैं। लोन लेने वालों में करीब 7 करोड़ ऐसे लोग हैं, जो पहली बार उद्यमी बने हैं। मुद्रा योजना के तहत जो 36 करोड़ लोन दिए गए हैं, उसमें से करीब 70% महिला उद्यमी हैं।

स्त्री शक्ति पैकेज स्कीम

देश में स्त्रियों की स्थिति में सुधार लाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा महिलाओं को वित्तीय संबंधी परेशानियों को दूर करने के लिए कई योजनाएं चला रही है। इन्हीं में से एक योजना स्त्री शक्ति पैकेज। इसके तहत सरकार महिलाओं की उद्यम के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करेगी। यह योजना सरकार द्वारा आम महिलाओं के लिए चलाई गई है। इस योजना के तहत जो महिलाएं अपना बिजनेस शुरू करना चाहती हैं, लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण नहीं कर पाती उन्हें एसबीआई बैंक द्वारा लोन प्रदान करवाया जाएगा। ताकि महिलाएं लोन प्राप्त कर सके और अपने सभी प्रकार की आर्थिक तथा वित्तीय समस्याओं का हल निकाल सके। इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश में महिलाओं के स्तर को उठाना व महिलाएं उद्यमियों को बढ़ावा देना है जिससे महिलाएं नए रोजगार आसानी से शुरू कर सकें। इसके लिए भारतीय स्टेट बैंक ने कुछ मापदंड तय किए हैं। उन्हीं के आधार पर महिलाओं को रोजगार के लिए लोन मिल सकता है। इसके साथ ही देश में महिला उद्योगों की संख्या में बढ़ोतरी की जाए तथा उद्योगों के तहत 5 लाख तक की सिक्योरिटी भी सरकार द्वारा महिलाओं को दी जाएगी। इसके लिए कोई सिक्योरिटी भी नहीं ली जाती है। महिलाएं इन बिजनेस को दें सकती है बढ़ावा- डेरी प्रोडक्ट जैसे दूध, मक्खन, दही आदि, रेडीमेड गारमेंट्स का उत्पादन एवं बिक्री, अगरबत्ती, पापड़ आदि का उत्पादन एवं बिक्री, कंपोस्ट खाद का उत्पादन एवं बिक्री, बीजों की बिक्री, खाद की बिक्री, कंबल की बिक्री आदि।

अन्नपूर्णा योजना

अन्नपूर्णा योजना के तहत केंद्र सरकार अपना कारोबार करने की इच्छा रखने वाली महिलाओं को फूड कैटरिंग बिजनेस के लिए 50 हजार रुपए तक का लोन देती है। इसका इस्तेमाल बर्तन खरीदने, गैस कनेक्शन लेने, फ्रिज, मिक्सर, टिफिन बॉक्स और खाने की टेबल जैसे सामान खरीदने के लिए किया जा सकता है। लोन के लिए एक गारंटर की जरूरत होती है. लोन की रकम को 36 महीने यानी 3 साल में चुकाना होता है। अन्नपूर्णा स्कीम में लोन पर ब्याज की दर मार्केट के हिसाब से तय होती है। हमारे देश की महिलाओं को प्राचीनकाल से ही देवी अन्नपूर्णा का रूप कहा जाता रहा है. अन्नपूर्णा का अर्थ होता हैं अन्न देवी यानी स्वादिष्ट खाना बनाने वाला व्यक्ति, जोकि खास तौर पर घर की महिलाएं होती है। घर पर अपने परिवार वालों को महिलाएं स्वादिष्ट खाना खिलाती ही हैं, लेकिन यदि वे अपने इस हुनर को अपना व्यवसाय बना लें, तो उनके आत्मनिर्भर बनने की ओर यह एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। ऐसी महिला उद्यमियों के लिए हमारे देश की सरकार एवं निजी सेक्टर्स ने मिलकर लोन योजना शुरू की हैं ताकि उन्हें वित्तीय सहायता मिल सके, और खुद आत्मनिर्भर बनकर वे अपना व्यवसाय करके पैसा कमा सकें। केंद्र सरकार एवं निजी सेक्टर मिलकर लाभार्थी महिलाओं को 50 हजार रूपए तक की लोन की राशि प्रदान करते हैं, जोकि विभिन्न बैंकों के माध्यम से प्रदान की जाती हैं। इस योजना में महिलाओं को 36 मासिक क़िस्तों में लोन राशि चुकाने के लिए कहा जाता है।

महिला समृद्धि योजना

महिला व्यापारियों को प्रोत्साहित करने और उनके बिज़नेस को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय, भारत सरकार ने महिला समृद्धि योजना लागू की है। इस दूरदर्शी योजना के तहत, सरकार महिला व्यापारियों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है जो समाज के हाशिए वर्गों से आती हैं। महिला सशक्तिकरण को देखते हुए इस योजना को देशभर में कई तरह के चैनल पार्टनर द्वारा लागू किया जा रहा है। योजना के तहत, महिला लाभार्थियों की पहचान की जाती है और उन्हें सीधे या स्वयं सहायता समूह के रूप में लोन दिया जाता है। आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़ी महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए महिला समृद्धि योजना की शुरुआत हुई। यह योजना समाज के हाशिए पर रहने वाली महिलाओं के जीवन में बदलाव लाने के लिए है इसीलिए यह सुनिश्चित करने के लिए कि लोन सही लोगों को मिले, लोन लेने के लिए कुछ योग्यता शर्तें रखी गई हैं। बिजनेस शुरू करने में होने वाले खर्च के लिए बैंक 60 हजार रुपए तक का लोन ऑफर करते हैं। लोन चुकाने के लिए 3 साल 6 महीने की अवधि होती है। इस पर सालाना 4% ब्याज चुकाना होता है। BPL होल्डर महिलाएं भी इस योजना का फायदा ले सकती हैं। इसमें किसी गारंटर या सिक्योरिटी की जरूरत नहीं है।

महिला उद्यम निधि योजना

सिडबी द्वारा छोटे एवं मध्यम साइज का नया बिजनेस शुरु करने के लिए और पुराने बिजनेस का विस्तार करने के लिए बिजनेस लोन दिया जाता है। इसके लिए सिडबी द्वारा ‘महिला उद्यम निधि’ स्कीम चलाई जाती है। इस स्कीम के तहत महिला उद्यम को बढ़ावा देने और महिलाओं को करोबार शुरू करने के​ लिए किफायती दर पर वित्तीय मदद की जाती है। महिला उद्यम निधि के तहत मिलने वाली फंडिंग के तहत मैन्युफैक्चरिंग और उत्पादन जैसी एक्टिविटीज शुरू की जा सकती हैं। इस स्कीम के तहत महिलाओं को कारोबारी बनाने के लिए कम ब्याज दर पर लोन दिया जाता है। इस योजना में महिलाएं अधिकतम दस लाख रुपये का लोन ले सकती हैं। अधिकतम 10 साल में लोन रीपेमेंट की सुविधा मिलती है, इसमें पांच साल का मोरेटोरियम पीरियड भी होगा। खास बात ये है कि लोन लेने के लिए महिलाओं को कोई कोलेटरल या सिक्योरिटी नहीं देना होता है। इस स्कीम को सिडबी ने पीएनबी के साथ शुरु किया लेकिन अब कई बैंक जुड़ गए हैं। इसका लाभ पाने के लिए पात्र महिलाओं के लिए कुछ शर्तें होंगी, जिसपर ध्यान देने की जरूरत है। योजना के तहत ब्यूटी पार्लर, सैलून, सिलाई, कृषि और कृषि उपकरणों की सेवा, कैंटीन और रेस्टोरेंट, नर्सरी, लॉन्ड्री और ड्राई क्लीनिंग, डे केयर सेंटर, कम्प्यूटराइज़्ड डेस्क टॉप पब्लिशिंग, केबल टीवी नेटवर्क, फोटोकॉपी (जेरॉक्स) सेंटर, सड़क परिवहन ऑपरेटर, प्रशिक्षण संस्थान, वॉशिंग मशीन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक और इलेक्ट्रिकल गैजेट्स रिपेयरिंग, जैम-जेली व मुरब्बा बनाना आदि छोटे उद्योग शुरू किए जा सकते हैं। छोटे व्यवसाय (MSME), अति-छोटे व्यवसाय (SSI) की शुरुआत करने के लिए आवेदक महिला का किसी उद्योग से जुड़ा होना जरूरी है। व्यवसाय में महिला उद्यमी का मालिकाना हक कम से कम 51% होना चाहिए।

 

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