आजादी के बाद से देश को लूटने वाली कांग्रेस पार्टी ने कर्नाटक में अब दलितों के फंड में भी घोटाला कर दिया है। प्रदेश के वाल्मीकि कॉरपोरेशन के खाते से हैदराबाद की फर्स्ट फाइनेंस क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी (FFCCSL) के विभिन्न खातों में करीब 94 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए गए। इस संबंध में एसआईटी मामले की जांच कर रही है। जांच में पुष्टि हुई है कि 700 से अधिक खातों में पैसे ट्रांसफर किए गए हैं। वहीं करोड़ों रुपये के एसटी फंड घोटाले के एक मुख्य आरोपी ने कर्नाटक में अनुसूचित जनजातियों के विकास के लिए निर्धारित फंड का एक हिस्सा यानी 3.3 करोड़ रुपये देकर हैदराबाद के एक ऑटो डीलर से एक पुरानी लैंबोर्गिनी (Lamborghini) कार खरीद डाली। इस बीच प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 12 जुलाई, 2024 को कांग्रेस विधायक बी नागेन्द्र को हिरासत में ले लिया। नागेन्द्र को कर्नाटक के वाल्मीकि निगम में करोड़ों के अवैध ट्रांसफर घोटाला मामले में हिरासत में लिया गया है। नागेन्द्र ने घोटाला उजागर होने के बाद जून में अनुसूचित जनजातीय कल्याण मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। दलित समाज को एक और झटका देते हुए कर्नाटक सरकार ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण योजनाओं के लिए निर्धारित 14,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि को अपने चुनावी वादों को पूरा करने के लिए डायवर्ट कर दिया है।
एसटी फंड के पैसे से खरीदी लैंबोर्गिनी
करोड़ों रुपये के एसटी फंड घोटाले (ST Fund Scam) के एक मुख्य आरोपी सत्यनारायण वर्मा ने कर्नाटक में अनुसूचित जनजातियों के विकास के लिए निर्धारित फंड का एक हिस्सा यानी 3.3 करोड़ रुपये देकर हैदराबाद के एक ऑटो डीलर से एक पुरानी लैंबोर्गिनी (Lamborghini) खरीदी थी। हालांकि, यह खरीदारी ज्यादा दिन तक नहीं चली। पैसे के लेन-देन का पता लगने के कुछ ही दिनों के भीतर पुलिस ने खरीद का पता लगा लिया और वाहन को जब्त कर डीलर को लौटा दिया। साथ ही डीलर से 3.3 करोड़ रुपये भी बरामद कर लिए।
#ED raids #Karnataka #Congress x- minister B #Naggendra, in connection with Rs 94-Crore ST fund scam will f #Valmiki Corporation.
Satyanaraya Varma bought #Lamborghini at 3.3 Crore of this fund.
Who else is a partner in this Scam?#Corruption of #Congress is at an all time high. pic.twitter.com/tSjlhvMmZU— Shridhar Prabhu (Modi Ka Parivar) (@shridharprabhu) July 11, 2024
मुख्य आरोपी गिरफ्तार, 8.2 करोड़ रुपये बरामद
एसआईटी ने बीते 13 जून को हैदराबाद में मुख्य आरोपी सत्यनारायण वर्मा (36 वर्ष) को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने 8.2 करोड़ रुपये नकद जब्त किए, जो कथित तौर पर निगम के थे। बाद में उसे बेंगलुरु लाया गया और उससे पूछताछ की गई। एसआईटी अधिकारियों ने कहा कि वर्मा ने घोटाले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वर्मा ने कथित तौर पर पुलिस को बताया कि उसने 3.3 करोड़ रुपये में एक लैम्बोर्गिनी खरीदी थी।
कई खातों में 5 लाख से लेकर 2 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए
गिरफ्तार आरोपी सत्यनारायण वर्मा इस मामले का सरगना बताया जा रहा है। वर्मा के साथी साईतेज को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया। दोनों नया बैंक अकाउंट खोलकर पैसे ट्रांसफर करने में शामिल थे। पता चला है कि चरवाहों और कई अन्य लोगों के खातों में पैसे जमा किए गए थे। प्रत्येक खाते में 5 लाख से 2 करोड़ रुपये तक पैसे ट्रांसफर किए गए।
घोटाला उजागर होने के बाद मंत्री का इस्तीफा
बी नागेन्द्र सिद्दारमैया सरकार में अनुसूचित जनजातीय कल्याण मंत्री थे। एसटी फंड में घोटाला उजागर होने और घोटाले में उनका नाम सामने आने के बाद उन्होंने जून में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। यह इस्तीफ़ा कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति कल्याण विकास निगम (KMVSTDC) में करोड़ों की गड़बड़ी में नाम सामने आने के बाद दिया। इस बीच जांच एजेंसी ने बी नागेन्द्र को हिरासत में ले लिया है। यह पूरा मामला लगभग 94 करोड़ सरकारी धन के दुरुपयोग और उसके अलग-अलग खातों में ट्रांसफर किए जाने से जुड़ा हुआ है।
Karnataka Congress Govt.’
Using SC/ST fund to buy Lamborghini
‘Haath Badlega Haalat.’ ? @INCIndia pic.twitter.com/A6bmoMx4xq
— The Squint (@TheSquint_) July 12, 2024
कर्मचारी की आत्महत्या से घोटाले से उठा पर्दा
कर्नाटक सरकार KMVSTDC प्रदेश की जनजातीय जनता के कल्याण के लिए चलाती है। इसके अंतर्गत जनजातीय जनसंख्या के लिए रोजगार समेत विशेष योजनाएं लाई जाती हैं। कर्नाटक सरकार इसके लिए अलग से बजट देती है। इसी महर्षि वाल्मीकि फंड में घोटाले की बात सामने आई है। यह पूरा मामला एक आत्महत्या से चालू हुआ था। मई, 2024 में इसी निगम से जुड़े एक 48 वर्षीय कर्मचारी ने आत्महत्या कर ली थी। उसकी मौत के बाद एक सुसाइड नोट मिला था। इसमें उसने आरोप लगाया था कि उसके उच्चाधिकारियों ने उस पर इस बात के लिए दबाव बनाया था कि वह निगम के खातों से पैसा ट्रांसफर करे। उसने कहा था यह काम निगम का पैसा हड़पने के लिए किया गया था। उसका आरोप था कि यह काम एक मंत्री के मौखिक आदेशों के आधार पर किया गया था।
घोटाले की रकम चुनावों में इस्तेमाल किया गया
वरिष्ठ भाजपा नेता बी श्रीरामुलु ने कहा कि आदिवासी लोगों के कल्याण के लिए रखे गए धन में हेराफेरी कर उससे महंगी लग्जरी कारें खरीदी गईं। उन्होंने कहा कि घोटाले की रकम को लोकसभा चुनाव सहित विभिन्न चुनावों में इस्तेमाल किया गया। भाजपा नेताओं ने आरोप लगाए हैं कि घोटालेबाजों ने धन की हेराफेरी करने के लिए सरकारी और बैंक अधिकारियों को हनीट्रैप में फंसाया।
घाटोले में राज्य सरकार की भूमिका संदिग्ध
पूर्व मंत्री और भाजपा नेता नरसिंह नायक ने इस घाटोले में राज्य सरकार की भूमिका को भी संदिग्ध बताया। नायक ने कहा कि ‘हम सभी जानते हैं कि वित्त सचिव की मंजूरी के बिना तीन करोड़ रुपये से अधिक राशि हस्तांतरित नहीं की जा सकती, लेकिन एक ही दिन में 50 करोड़ रुपये हस्तांतरित कर दिए गए। यह आश्चर्य की बात है कि सरकार में किसी को भी इसके बारे में पता नहीं था।’
187 करोड़ रुपये की अवैध राशि हस्तांतरित की गई
भाजपा नेता के अनुसार, यह राशि 16 व्यवसायियों के खातों में हस्तांतरित की गई। हस्तांतरित की गई राशि 4.12 करोड़ रुपये से 5.98 करोड़ रुपये के बीच थी।घोटाले का खुलासा तब हुआ जब निगम के लेखा अधीक्षक चंद्रशेखरन पी ने 26 मई को आत्महत्या कर ली थी और एक सुसाइड नोट छोड़ा। सुसाइड नोट में चंद्रशेखर पी ने आरोप लगाया कि निगम से 187 करोड़ रुपये की राशि अवैध रूप से हस्तांतरित की गई। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इसमें कुछ आईटी कंपनियों और हैदराबाद स्थित एक सहकारी बैंक के विभिन्न खातों में अवैध रूप से जमा किए गए 88.62 करोड़ रुपये भी शामिल हैं।
घोटाले में अब तक 11 लोग को गिरफ्तार
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने कथित घोटाले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है, जिसने अब तक इस मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। एसआईटी ने नागेंद्र और निगम के अध्यक्ष बसनगौड़ा दद्दाल से पूछताछ की है। इस बीच, केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 10 जुलाई 2024 को कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में नागेंद्र और दद्दाल से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की।
तीन एजेंसियां कर रही हैं जांच
तीन एजेंसियां – राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (SIT), केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और ED – आरोपों की जांच कर रही हैं। SIT ने इस संबंध में 11 लोगों को गिरफ्तार किया है और कथित रूप से गबन की गई 14.5 करोड़ रुपये की राशि जब्त की है। बीते 9 जुलाई को SIT ने ED की छापेमारी से एक दिन पहले बी। नागेंद्र और निगम के अध्यक्ष बसनगौड़ा दद्दल, रायचूर ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस विधायक से पूछताछ की थी। पूरा मामला सामने आने के बाद कई बैंक कर्मचारियों समेत KMVSTDC के कई कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई। भाजपा ने इस मामले में बी नागेन्द्र का इस्तीफा मांगा था। इसके बाद उन्हें इस्तीफ़ा देना पड़ा था। इस मामले की जांच CBI को हस्तांतरित करने की मांग भी हुई थी। अब इस घोटाले में बी नागेन्द्र की भूमिका की जांच हो रही है।
SC-ST फंड का 14 हजार करोड़ रुपये डायवर्ट
दलित समाज को एक और झटका देते हुए कर्नाटक सरकार ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण योजनाओं से 14,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि को अपने चुनावी वादों को पूरा करने के लिए डायवर्ट कर दिया है। कर्नाटक सरकार ने एससीएसपी और टीएसपी के तहत मूल रूप से निर्धारित 14,730 करोड़ रुपये को “पांच गारंटी योजनाओं” के रूप में जानी जाने वाली योजनाओं को लागू करने के लिए फिर से आवंटित करने का फैसला किया है।
Congress’ KHATA KHAT loot of SC/STs in Karnataka
Plans to Loot & divert 37% of SC/ST funds for its guarantees
₹14730 cr from ₹39,121 cr to be taken awayTo fulfil these crackpot guarantees – just now Karnataka govt raised milk, petrol, diesel, water prices
Earlier too… pic.twitter.com/YsBdhUGYNs
— Shehzad Jai Hind (Modi Ka Parivar) (@Shehzad_Ind) July 6, 2024
अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष ने भेजा नोटिस
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) के अध्यक्ष किशोर मकवाना ने कर्नाटक सरकार पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण योजनाओं से 14,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि को डायवर्ट करने को लेकर कर्नाटक सरकार को नोटिस जारी कर सात दिनों के भीतर जवाब मांगा है। मकवाना ने कहा, “कर्नाटक सरकार ने अनुसूचित जातियों के कल्याण के लिए निर्धारित धन का दुरुपयोग किया है। इस धन को किसी अन्य उद्देश्य के लिए डायवर्ट किया जा रहा है। यह संविधान के विरुद्ध है।” मकवाना ने कहा कि हम चाहते हैं कि इस राशि का इस्तेमाल अनुसूचित जातियों के कल्याण के लिए किया जाए।
#ब्रेकिंगन्यूज: कर्नाटक की कांग्रेस सरकार एससी/एसटी फंड में से करीब 14 हजार करोड़ रुपये अपनी गारंटिया पूरा करने में खर्च करेगी?
देश की सबसे बड़ी दलित विरोधी कांग्रेस सरकार हे दलितों के साथ जो हो रहा है
उसका बदला हम जरूर लेंगे कर्नाटका सरकार से @kharge @RahulGandhi @Mayawati pic.twitter.com/duTuOo1HL7— RAVI KUMAR (@RavikumarYWSO) July 12, 2024
फंड डायवर्ट कर कुछ गलत नहीं कियाः डीके शिवकुमार
आयोग के नोटिस पर राज्य के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा है कि उनकी सरकार ने कुछ गलत नहीं किया है और ऐसा ही कानून आंध्र प्रदेश में भी मौजूद है। शिवकुमार ने कहा कि ‘हमने राज्य में ऐसा कानून बनाया है, जिसके तहत एक तय रकम किसी समुदाय पर खर्च की जाएगी। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। पहले आंध्र प्रदेश में ऐसा ही कानून लाया गया था।’
#WATCH | Bengaluru | On NCSC notice to Karnataka over alleged diversion of SC/ST funds, State Deputy CM DK Shivakumar says, “We have made a law in the state that a particular amount of money will be spent on a particular community. There is nothing wrong with it. Earlier, Andhra… pic.twitter.com/tXctfQMapT
— ANI (@ANI) July 11, 2024
पीएम मोदी ने इंडी अलायंस से खतरनाक इरादे से किया था आगाह
हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को कांग्रेस और इंडी अलायंस के खतरनाक एजेंडा के प्रति चेताया था। उन्होंने आगाह किया था- ”ये इंडी गठबंधन वाले तुष्टिकरण के लिए, अपने वोटबैंक के लिए कुछ भी कर सकते हैं। कांग्रेस कहती है कि देश की संपत्ति पर पहला हक मुसलमानों का है। ये एससी-एसटी-ओबीसी का आरक्षण समाप्त करना चाहते हैं। कांग्रेस और इंडी अलायंस SC-ST और OBC का आरक्षण छीनकर अपने वोटबैंक को देना चाहते हैं।”
अपने वोट बैंक को आरक्षण देने की कांग्रेस और इंडी गठबंधन की साजिश का मोदी ने खुलासा क्या किया, उनके पूरे इकोसिस्टम को सांप सूंघ गया है! pic.twitter.com/1Cxb7dZwvs
— Narendra Modi (@narendramodi) April 26, 2024