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कोरोना संकट काल में भी भारत ने सेवा निर्यात में बनाया रिकॉर्ड, 250 अरब डॉलर पर पहुंचा

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था कोरोना काल में भी पटरी पर बनी हुई है। अर्थव्यवस्था के हर सेक्टर में सुधार दिखाई दे रहा है। मोदी राज में वित्त वर्ष 2021-22 में कोरोना के बावजूद रिकार्ड 250 अरब डॉलर का सेवा निर्यात किया गया। जबकि वित्त वर्ष 2020-21 में 195 अरब डॉलर का सेवा निर्यात किया गया था। 250 अरब डॉलर के सेवा निर्यात के साथ ही भारत का कुल निर्यात 669 अरब डॉलर का हो गया। वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को बताया कि वित्त वर्ष 21-22 में वस्तु का निर्यात 419.5 अरब डॉलर का रहा। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 21-22 में सेवा निर्यात के लिए 225 अरब डॉलर का लक्ष्य रखा गया था जिसे पार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि अब भारत कॉल सेंटर और बीपीओ से बाहर निकलकर सेवा सेक्टर में एआई, डाटा एनालिसिस, रिसर्च उत्पाद, बिजनेस मैनेजमेंट उत्पादों का निर्यातक बन चुका है। गोयल ने बताया कि सेवा निर्यात में पर्यटन और इससे जुड़े सेक्टर का महत्वपूर्ण योगदान होता है, लेकिन कोरोना की दूसरी व तीसरी लहर के कारण गत वित्त वर्ष में अंतरराष्ट्रीय पर्यटन बिल्कुल बंद रहा। इसके बावजूद वस्तु निर्यात की तरह इस अवधि में सबसे अधिक सेवा निर्यात किया गया।

आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा में मील का पत्थर
भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 400 अरब डॉलर का निर्यात लक्ष्य रखा था। लेकिन वित्त वर्ष खत्म होने से पहले ही 23 मार्च, 2022 को देश ने 400 अरब डॉलर के निर्यात आंकड़े को पार कर लिया। तब प्रधानमंत्री मोदी ने निर्यात आंकड़ा 400 अरब डॉलर के पार पहुंचने को एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा था कि यह आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा में मील का पत्थर है।

विकसित देशों को होने वाले निर्यात में बढ़ोतरी
वित्त वर्ष 2021-22 में विकसित देशों को होने वाले निर्यात में अच्छी खासी बढ़ोतरी हुई है। भारत ने सबसे ज्यादा अमेरिका को निर्यात किया और उसके बाद संयुक्त अरब अमीरात, चीन, बांग्लादेश एवं नीदरलैंड का स्थान रहा। प्रधानमंत्री मोदी ने देश के कारोबारियों और भारतीय मिशनों से कोरोना आपदा में अवसर तलाश करने की अपील की थी। दोनों ने प्रधानमंत्री मोदी की बात पर अमल किया। करीब 200 देशों या जगहों में हो रहे कारोबार पर उनकी सीधी नजर थी। महामारी के दौरान लंबे समय से खरीदारी रुकी हुई थी। जैसे ही मांग बढ़ी पहले से तैयार भारत ने उसका बखूबी फायदा उठाया।

आइए एक नजर डालते हैं देश की अर्थव्यवस्था एक बार फिर से किस प्रकार पटरी पर लौटने लगी है…

पीएमआई मार्च में उछलकर 53.6 पर पहुंचा
मार्च 2022 में सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में सुधार देखने को मिला। मांग की स्थिति मजबूत होने के चलते मार्च में सेवा क्षेत्र का मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) 53.6 के स्तर पर पहुंच गया। यह व्यापक रूप से व्यावसायिक गतिविधियों में मजबूत विस्तार का संकेत है। एसएंडपी ग्लोबल इंडिया सर्विसेज पीएमआई इंडेक्स फरवरी में 51.8 के स्तर पर था, जो मार्च महीने में बढ़कर 53.6 पर आ गया है। यह लगातार आठवां महीना है जब सेवा क्षेत्र ने उत्पादन में विस्तार देखा गया है। पीएमआई 50 से ऊपर होना तेजी को और 50 से नीचे होना गिरावट को दर्शाता है।

फरवरी में कोर सेक्टर का उत्पादन 5.8 प्रतिशत बढ़ा
कोरोना संकट के कारण औद्योगिक गतिविधियों पर असर जरूर हुआ है, लेकिन भारतीय अर्थव्यस्था में तेजी से आगे बढ़ रही है। इस साल फरवरी में पिछले साल की तुलना में आठ कोर सेक्टर का उत्पादन 5.8 प्रतिशत बढ़ा है। आठ कोर सेक्टर में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्‍पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली शामिल है। औद्योगिक उत्‍पादन सूचकांक (आईआईपी) में आठों कोर सेक्टर की हिस्सेदारी 40.27 प्रतिशत है। सरकारी आंकड़े के अनुसार इस साल फरवरी में पिछले साल की तुलना में कोयला का उत्पादन में 6.6 प्रतिशत और प्राकृतिक गैस का उत्पादन में 12.5 प्रतिशत, रिफाइनरी उत्पाद में 8.8 प्रतिशत, इस्पात उत्पादन में 5.7 प्रतिशत, सीमेंट उत्पादन में 5 प्रतिशत और बिजली उत्पादन में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

जीएसटी कलेक्शन 1.33 लाख करोड़ के पार
वित्त मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार फरवरी 2022 के महीने में सकल जीएसटी राजस्व संग्रह 1,33,026 करोड़ रुपये का रहा। इसमें सीजीएसटी 24,435 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 30,779 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 67,471 करोड़ रुपये और उपकर 10,340 करोड़ रुपये शामिल हैं। फरवरी, 2022 के महीने के लिए राजस्व पिछले साल के इसी महीने फरवरी, 2021 में संग्रह किए गए जीएसटी राजस्व से 18 प्रतिशत और फरवरी 2020 में जीएसटी राजस्व से 26 प्रतिशत अधिक है। ऐसा पांचवीं बार हुआ है जब जीएसटी संग्रह 1.30 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गया है।

शेयर बाजार ने रचा इतिहास, शिखर पर सेंसेक्स
मोदी राज में भारतीय शेयर बाजार ने इतिहास रचा है। 19 अक्टूबर, 2021 को नया रिकॉर्ड कायम करते हुए बंबई स्टॉक एक्सचेंज के सेंसेक्स ने पहली बार 62 हजार का आंकड़ा पार किया। 19 अक्टूबर   बाजार खुलते ही सेंसेक्स नए रिकॉर्ड पर पहुंच गया। सेंसेक्स 450 अंक की उछाल के साथ 62,215 पर तो एनएसई का निफ्टी 100 अंक की तेजी के साथ 18,580 के पार पहुंच गया। इसके पहले 14 अक्टूबर, 2021 को 61 हजार, 24 सितंबर, 2021 को सेंसेक्स 60,000 के पार, 16 सितंबर, 2021 को सेंसेक्स 59,000 के पार, 03 सितंबर, 2021 को 58,000 और 31 अगस्त, 2021 को 57,000 के पार गया था।

इसके पहले सेंसेक्स ने 18 अगस्त 2021 को 56,000 और 13 अगस्त, 2021 को 55,000 अंक के स्तर के पार किया। सेंसेक्स इसी महीने 4 अगस्त को पहली बार 54000 के आंकड़े को पार किया। यह 22 जून को 53,000 के लेवल को पार कर नए शिखर पर पहुंचा था। इसके पहले 15 फरवरी, 2021 को शेयर बाजार के बीएसई सेंसेक्स ने 52,000 के लेवल को पार कर रिकॉर्ड बनाया था। नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के साथ ही सेंसेक्स ने जून 2014 में पहली बार 25 हजार के स्तर को छुआ था। मोदी राज में पिछले 6 साल में 25 हजार से 50 हजार तक के सफर तय कर सेंसेक्स दो गुना हो गया है। पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के दौरान अप्रैल 2014 में सेंसेक्स करीब 22 हजार के आस-पास रहता था।

रोज रिकॉर्ड तोड़ता शेयर बाजार इस बात का सबूत है कि प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में जिस तरह देश आगे बढ़ रहा है, उससे तमाम क्षेत्रों की कंपनियों में विश्वास जगा है। नोटबंदी और जीएसटी जैसे आर्थिक सुधारों के कदम उठाने के बाद कोरोना काल में भी आर्थिक जगत में मोदी सरकार की साख मजबूत हुई है, और कंपनियां, शेयर बाजार, आम लोग सभी सरकार की नीतियों पर भरोसा कर रहे हैं। जाहिर है यह भारतीय अर्थव्यवस्था में निवेशकों के भरोसे को दिखाता है।

विदेशी मुद्रा भंडार 642 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर
कोरोना संकट काल में भी मोदी सरकार की नीतियों के कारण विदेशी मुद्रा भंडार ने रिकॉर्ड बनाया। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 3 सितंबर,2021 को खत्म हफ्ते में 8.895 अरब डॉलर बढ़कर 642.453 अरब डॉलर को पार कर गया। रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार यह अबतक का सबसे ऊंचा स्तर है। इस दौरान विदेशी मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण हिस्सा यानी विदेशी मुद्रा एसेट्स 8.213 अरब डॉलर बढ़कर 579.813 अरब डॉलर पर पहुंच गया। विदेशी मुद्रा भंडार ने 5 जून, 2020 को खत्म हुए हफ्ते में पहली बार 500 अरब डॉलर के स्तर को पार किया था। इसके पहले यह आठ सितंबर 2017 को पहली बार 400 अरब डॉलर का आंकड़ा पार किया था। जबकि यूपीए शासन काल के दौरान 2014 में विदेशी मुद्रा भंडार 311 अरब डॉलर के करीब था।

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