मैं जब भी कोई बयान देता हूं तो संता-बंता की तरह उसका सोशल मीडिया पर मजाक उड़ने लगता है। मैं कुछ भी बोलूं उसे कोई सीरीयसली नहीं लेता। आखिरकार इस देश में क्या हो रहा है, कुछ ऐसे ही विचार आज राहुल गांधी के ज़हन में घूम रहे होंगे। और एक आम शहरी होने के नाते हम भी राहुल की इस बात से इत्तेफाक रखते है। और आखिर ऐसा हो भी क्यों न संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत सभी को बोलने की स्वंतत्रता मिली हुई है। लेकिन राहुल जी एक बात तो प्रधानमंत्री की माननी पड़ेगी कि बोलने से पहले थोड़ा सोच लेना चाहिए। आखिर क्या सोचकर आपने ये बयान दिया था कि देश के 60 प्रतिशत लोग अभी तक अनपढ़ है आपको क्या लगा कि मौगेम्बों (जनता) बहुत खुश होगी। प्रधानमंत्री तो आपको सीख दे रहे थे कि 60 साल से देश में आपका शासन था तो क्यों भई अपना रिपोर्ट कार्ड खोल रहे हो। चलिए राहुल जी आप के जख्मों पर लगाने के लिए कुछ मरहम सोशल मीडिया से ही ले आते है शायद कुछ दर्द कम हो जाए।
national buffoon in full flow… raises his voice… not the quality of debate!
— MRV (@MRVChennai) December 22, 2016
हम मरहम ढूंढ रहे थे ये भाईसाहब ट्वीट पर कह रहे है विदुषक राहुल, अपनी आवाज उठाते हुए लेकिन बात बिलकुल बेदम।
OMG @OfficeOfRG tells reasons for #NoteBandi .Exposes himself.Proves @narendramodi ‘s point.
— Anil Girotra (@anilgirotra25) December 22, 2016
राहुल जी इसका ट्वीटर तो हैक कर लेना चाहिए ये आपको झूठा और मोदी को सच्चा बता रहा है।
My kid wanted to watch cartoon on TV. News channel was on with Rahul Gandhi ranting. I asked him if i can watch… https://t.co/OyKSHYfXUA
— Bijit Bora (@bijitbora) December 22, 2016
सो-सॉरी राहुल जी लेकिन बताना तो पड़ेगा इन मैडम का कहना है कि इनके बच्चें आपके साथ कार्टून देखना चाहते है।
STRIKE ON !!! on Twitter“I don’t know why Sir Modiji gave so much importance to Rahul Gandhi in Varanasi? Modiji should maintain his personality and ignore RG”twitter.com
I don’t know why Sir Modiji gave so much importance to Rahul Gandhi in Varanasi? Modiji should maintain his personality and ignore RG
— STRIKE ON !!! (@disha_in_way) December 22, 2016
ये साहब तो मोदी जी को समझा रहे है कि क्यों आप इसके मुंह लगकर अपनी पर्सेनेलिटी खराब कर रहे हो।
राहुल भाई इसीलिए कहते है कि झूठ नहीं बोलना चाहिए क्योंकि जब सचमुच का शेर आता है तो ऐसे ही सिट्टी-पिट्टी गुम हो जाती है जैसे कांग्रेसियों की हो रही है अभी भी वक्त है सुधर जाओं नोटबंदी पर देश को गुमराह मत करो वर्ना कहीं ऐसा ना हो कि 2019 के लोकसभा चुनाव में 44 से 4 सीटों पर ना सिमट जाओं।