INDI गठबंधन में ममता बनर्जी, लालू यादव और अखिलेश यादव के बाद अब आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के विरोध में मोर्चा खोल दिया है। गत लोकसभा चुनाव में एक साथ मिलकर चुनाव लड़ने के बाद अब दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले ही इंडिया ब्लॉक की ये दोनों पार्टियां एक-दूसरे के विरोध में मैदान में उतर आई हैं। कांग्रेस आप सरकार की नीतियों का विरोध करने के साथ ही भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अरविंद केजरीवाल घेर रही है। कांग्रेस कोषाध्यक्ष अजय माकन ने तो आप से गठबंधन को बड़ी भूल बताने के साथ ही केजरीवाल को राष्ट्रविरोधी व मौकापरस्त तक कह दिया था। इससे नाराज आप ने इंडी गठबंधन से कांग्रेस को बाहर करने का अल्टीमेटम दे दिया। दरअसल, दिल्ली में महिलाओं को हर महीने 2100 रुपये और बुजुर्गों के मुफ्त इलाज से जुड़े आम आदमी पार्टी के शिगूफे पर सियासत गरम है। पूर्व सीएम केजरीवाल दावे किए जा रहे हैं। दूसरी तरफ, दिल्ली सरकार के ही अलग-अलग विभाग अखबारों में विज्ञापन देकर जनता को आगाह कर रहे हैं कि ऐसी किसी योजना का कोई अस्तित्व ही नहीं है, ना ही ऐसी कोई योजना अधिसूचित हैं। लिहाजा ऐसी किसी योजना के वादों के बहकावे में न आएं और अनधिकृति व्यक्तियों से निजी और संवेदनशील जानकारियों को शेयर न करें।
अजय माकन के खिलाफ 24 घंटे में कार्रवाई का अल्टिमेटम
बीजेपी और कांग्रेस ने केजरीवाल के शिगूफे को जनता को गुमराह करना बताया है। यूथ कांग्रेस ने तो पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने में शिकायत देकर कहा है कि अरविंद केजरीवाल के खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा का केस दर्ज किया जाए। दिलचस्प बात ये है कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों ही इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं। अब आप ने गठबंधन में शामिल कांग्रेस पर खुलेआम आरोप लगाया है। दिल्ली की सीएम आतिशी और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने यहां तक आरोप लगा दिया कि कांग्रेस के लिए हो फंडिंग कर रही है। AAP ने कांग्रेस से अजय माकन के खिलाफ 24 घंटे में कार्रवाई का अल्टिमेटम दिया है। ऐसा ना करने पर वह कांग्रेस को इंडिया गठबंधन से ही बाहर करने के लिए अन्य घटक दलों से बातचीत शुरू करेगी।
कांग्रेस की अरविंद केजरीवाल और आतिशी खिलाफ एक एफआईआर
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि कांग्रेस नेताओं के बयान और रवैये से साफ लगता है कि दिल्ली के चुनाव के लिए कांग्रेस ने साठगांठ कर ली है। कल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन जी ने कहा कि केजरीवाल जी एंटी-नेशनल हैं। मैं कांग्रेस पार्टी से पूछना चाहती हूं कि आपने आज तक किसी और नेता के खिलाफ ऐसा आरोप कभी लगाया क्या? ऐसा सवाल उठाया क्या?…कल कांग्रेस ने अरविंद केजरीवाल और मेरे खिलाफ एक एफआईआर दर्ज कराई। अन्य किसी दल या नेता के बारे में कांग्रेस में ऐसा करने की हिम्मत नहीं है। हमें आधिकारिक सूत्रों से पता चला है कि कांग्रेस के जो प्रत्याशी हैं, उनके चुनाव का खर्चा कौन उठा रहा है। सुनने में आया है कि संदीप दीक्षित, फरहाद सूरी को चुनाव लड़ने के लिए फंड आ रहा है…अगर कांग्रेस की साठगांठ नहीं है तो 24 घंटे के अंदर अजय माकन और यूथ कांग्रेस के नेता के खिलाफ ऐक्शन ले। अगर कांग्रेस ऐसा नहीं करती है तो आम आदमी पार्टी को एक्शन लेना पड़ेगा।
केजरीवाल के वादों को उनकी सरकार के विभागों ने ही झूठा बताया
दिल्ली की आतिशी सरकार ने महिलाओं के लिए हर महीने 1000 रुपये की स्कीम का झूठा ऐलान किया था। क्योंकि अभी तक किसी महिला के खाते में पैसे नहीं पहुंचे हैं। अभी एक हजार देना शुरू भी नहीं किया है और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने कह दिया है कि महंगाई के मद्देनजर चुनाव बाद इस स्कीम के तहत 1000 रुपये के बजाय हर महीने 2100 रुपये दिए जाएंगे। इसके अलावा उन्होंने दिल्ली के बुजुर्गों के सरकारी या निजी अस्पतालों में पूरी तरह मुफ्त इलाज का वादा किया। दिल्ली सरकार के ही एक विभाग ने बकायदा विज्ञापन देकर कहा कि बुजुर्गों के मुफ्त इलाज लिए प्रस्तावित ‘संजीवनी’ योजना अधिसूचित ही नहीं है। दिल्ली सरकार के ही विभागों की तरफ से अखबारों में जनता को आगाह करने वाले विज्ञापनों के बाद बीजेपी और कांग्रेस आम आदमी पार्टी पर आक्रामक हैं।
यूथ कांग्रेस ने केजरीवाल के खिलाफ थाने में की शिकायत
दूसरी ओर दिल्ली कांग्रेस की यूथ विंग के अध्यक्ष अक्षय लाकड़ा ने पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। उनका आरोप है कि आम आदमी पार्टी ने कथित योजनाओं के नाम पर जनता को गुमराह किया है और उन्हें धोखा दिया है। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा है कि AAP के तमाम विधायक और एमसीडी के पार्षद लोगों से वोटर आईडी डीटेल और फोन नंबर समेत संवेदनशील निजी जानकारियां जुटा रहे हैं।
आप के खिलाफ कांग्रेस आक्रामक, दोनों में कड़वाहट घुली
दिल्ली में 2024 का लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ने वाली AAP और कांग्रेस विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने जा रही हैं। अजय माकन जैसे कांग्रेस के नेता तो खुलकर कह रहे हैं कि आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन एक बड़ी गलती थी। माकन तो केजरीवाल को ‘देशविरोधी’ तक ठहरा रहे हैं, जैसा कि AAP सांसद संजय सिंह दावा कर रहे हैं। संदीप दीक्षित AAP पर झूठ की राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने तो गुरुवार को दिल्ली के एलजी से मुलाकात कर सीएम आतिशी और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ जांच की मांग की है। साफ है, दोनों पार्टियों के बीच काफी कड़वाहट घुल चुकी है।
हरियाणा-महाराष्ट्र चुनाव में करारी शिकस्त से कांग्रेस से विश्वास उठा
वैसे भी लोकसभा चुनाव में अपने प्रदर्शन में जो थोड़े-से सुधार के बाद कांग्रेस में जो तआत्मविश्वास जगा था, वह अब विरोध के चलते पूरी तरह से डोल रहा है। अब स्थितियां तेजी से बदलती हुई दिख रही हैं। हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद पार्टी अब अपने ही सहयोगियों के निशाने पर है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने इंडिया गठबंधन के नेतृत्व पर अपना दावा ठोक दिया है। शरद पवार और लालू प्रसाद यादव जैसे दिग्गजों ने दीदी की दावेदारी का समर्थन भी कर दिया है। ईवीएम के मुद्दे पर भी सहयोगी दल कांग्रेस को नसीहत दे रहे हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला नसीहत दे रहे कि जीत गए तो सब ठीक और हार गए तो ईवीएम दोषी का पाखंड नहीं चलेगा। एनसीपी (शरद पवार) की सुप्रिया सुले भी बिना किसी ठोस सबूत के ईवीएम पर सवाल उठाने को गलत बता रही हैं।
कांग्रेस के साथ गठबंधन में रह पाना संभव नहीं-आतिशी
आप नेता व मुख्यमंत्री आतिशी ने माकन के बयान पर कांग्रेस से कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के मुखिया केजरीवाल पर इस तरह के बयान के बाद कांग्रेस के साथ गठबंधन में रह पाना संभव नहीं है। उन्होंने केजरीवाल के खिलाफ बयान देने पर कांग्रेस को माकन के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। आप के तेवरों से साफ है कि गठबंधन को लेकर मामला और गर्मा सकता है। क्योंकि जिस तेवर में माकन ने आप पर हमला बोला है और गत लोकसभा चुनाव में आप के साथ गठबंधन को बड़ी भूल बताया है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस न ही माकन के खिलाफ कार्रवाई करने वाली है और न ही आप के दबाव के आगे झुकने वाली है। जो हालात बन रहे हैं उसमें ममता बनर्जी, लालू प्रसाद यादव और अखिलेश के बाद अब आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल कांग्रेस को गठबंधन से बाहर करने की योजना बनाते दिख रहे हैं। गत दिनों अखिलेश यादव हर मोर्चे पर आप को समर्थन देने का वादा कर चुके हैं। माना जा रहा है कि गठबंधन से कांग्रेस को बाहर किए जाने की आप मांग उठाती है तो वह केजरीवाल के साथ खड़े दिखाई दे सकते हैं।
इंडी गठबंधन के घटक दल राहुल गांधी के नेतृत्व के खिलाफ
दरअसल, विपक्ष का सबसे बड़ा चेहरा होने के दम भरने वाले राहुल गांधी के दिन अब लदने वाले हैं? इंडिया गठबंधन का चेहरा राहुल गांधी के बजाए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बनाने की तैयारी हो रही है। अब शीशे की तरह साफ हो गया है कि इंडी ब्लॉक के अंदर राहुल गांधी को लेकर खटपट का समंदर लहरा रहा है। इंडिया गठबंधन के ज्यादातर खिलाड़ी कैप्टन बदलने के पक्ष में खड़े नजर आ रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस की मांग है कि ममता बनर्जी को इंडिया गठबंधन का कैप्टन बनाया जाए। ममता बनर्जी की दावेदारी के बाद इंडिया गठबंधन पूरी तरह खेमों में बंटा हुआ नजर आ रहा है। वैसे यदि दिमाग पर थोड़ा-सा जोर डालें तो याद आएगा कि पीएम मोदी ने तो लोकसभा चुनाव से पहले ही भविष्यवाणी कर दी थी कि इंडी गठबंधन के दल सिर्फ चुनावी स्वार्थ के लिए जुड़े हैं। चुनाव होने के बाद गठबंधन के दल आपस में टकराने लग जाएंगे। वही अब हो रहा है। केजरीवाल ने दिल्ली में कांग्रेस से अलग राह पकड़ ली है। उधर पांच दलों के सीएम ममता बनर्जी के पक्ष में उठ खड़े होने से इसी संभावना को बल मिल रहा है और राहुल गांधी के पांव देश की सियासत में कमजोर होने लगे हैं।
अब इंडिया गठबंधन का ‘कप्तान’ बदलने का वक्त आ गया
दरअसल, हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी चौतरफा मुसीबतों में घिरे नजर आ रहे हैं। एक ओर राहुल गांधी पर अमेरिकी उद्योगपति जॊर्ज सोरोस के साथ कनेक्शन का बड़ा खुलासा हुआ है, तो दूसरी ओर इंडिया ब्लॊक के अंदर से ही राहुल गांधी के नेतृत्व को लेकर बगावत जैसे हालात पैदा हो गए हैं। राहुल गांधी की कथित ब्रिटिश नागरिकता को लेकर जांच पहले से ही चल रही है। इंडिया ब्लॊक की पांच प्रमुख पार्टियों ने गठबंधन की कमान बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सौंपने का समर्थन कर कांग्रेस खासकर, राहुल गांधी के लिए ऐसी मुसीबत खड़ी कर दी है, जिससे पार पाना मुश्किल होगा। ममता बनर्जी और उनकी पार्टी ने राहुल गांधी के खिलाफ खुल्लम-खुल्ला मोर्चा खोल दिया है। दावा यही है कि अब इंडिया गठबंधन का कप्तान बदलने का वक्त आ गया है। राहुल गांधी की कैप्टेंसी में इंडिया गठबंधन के लिए लगातार मजबूत हो रही भाजपा को हराना असंभव होगा।
पांच प्रमुख दलों ने राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर उठाए सवाल
लोकसभा चुनाव में टीम एनडीए का स्कोर कार्ड 293 रहा, जो स्पष्ट बहुमत से कहीं ज्यादा है। एनडीए के कप्तान नरेन्द्र मोदी ने अपनी टीम को शानदार जीत दिलाई। वहीं, टीम इंडिया गठबंधन का स्कोर 235 ही रहा। लगातार तीसरी हार के बाद अब विपक्षी टीम की कैप्टेंसी को लेकर नई जंग छिड़ गई है। टीएमसी की मांग है कि हरियाणा और महाराष्ट्र में कांग्रेस का स्कोर कार्ड ऐसा है कि अब टीम इंडिया का कप्तान बदलना होगा। मतलब टीम इंडिया में कैप्टन की कुर्सी को लेकर अंदरूनी झगड़ा शुरू हो गया है। हरियाणा और महाराष्ट्र में कांग्रेस की बुरी हार के बाद पांच प्रमुख दल राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठा चुके हैं। नवंबर में हरियाणा और दिसंबर में महाराष्ट्र के चुनाव में कांग्रेस की बुरी करारी हार होते ही ममता बनर्जी कैंप से राहुल गांधी के नेतृत्व को चुनौती देने में तनिक भी देरी नहीं की है।
चुनाव हार रहे राहुल गांधी इंडी गठबंधन को आगे कैसे ले जा सकते हैं
टीएमसी के सांसद कीर्ति आजाद ने पिछले सप्ताह ही यह बयान दिया था कि अब इंडिया ब्लॊक की कमान बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सौंप दी जानी चाहिए। क्योंकि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस खुद बुरी तरह हार का सामना कर रही है। ऐसे में वह इंडिया गठबंधन को आगे लेकर कैसे जा सकती है। अपने सांसद के इस बयान पर पहली प्रतिक्रिया ममता बनर्जी ने ही दी। उन्होंने साफ तौर पर कह दिया कि सभी दल राजी हों तो वे ‘इंडिया’ की कमान संभालने को तैयार हैं। इसके बाद तो ममता बनर्जी को समर्थन की झड़ी सी लग गई। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव, एनसीपी चीफ शरद पवार, शिवसेना (उद्धव) और अब लालू यादव ने भी मांग कर दी कि इंडिया ब्लॊक की कमान ममता बनर्जी को सौंप दी जानी चाहिए।
दो राज्यों में करारी हार के बाद भी कांग्रेस का अहंकार नहीं टूटा
इंडिया गठबंधन में शामिल पार्टियां इसलिए कई कारणों से कांग्रेस और राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठा रही है और ममता का समर्थन कर रही है। इनका कहना है कि कांग्रेस आज सभी दलों को साथ लेकर चलने में सक्षम नहीं। दूसरा दो राज्यों में मिली करारी हार के बाद भी कांग्रेस और राहुल गांधी का अहंकार टूटा नहीं है। इसलिए वह जमीनी वास्तविकता से पूरी तरह अनजान हैं। ममता बनर्जी किसी भी तरह अपना गढ़ बचा पा रही हैं, इसलिए वह इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करने में सक्षम हैं। हालांकि, यह अलग बात है कि भाजपा भले ही पश्चिम बंगाल में ना जीत पाई हो, लेकिन पिछले दस साल से देश पर राज कर रही है। ऐसे में सिर्फ एक राज्य की सत्ता संभालने वाली ममता बनर्जी, लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बने नरेन्द्र मोदी को कैसे चुनौती दे सकती हैं?
अब गठबंधन के कई घटक दल राहुल को अपना नेता मानने को तैयार नहीं
इंडिया गठबंधन में चल रही उठापटक के बीच कांग्रेस और राहुल गांधी की ओर से चुप्पी साध ली गई है। राहुल गांधी और उनकी पार्टी संसद के सत्र में गौतम अडानी का अपना वही पुराना मुद्दा उठा रहे हैं। इस मुद्दे पर टीएमसी और समाजवादी पार्टी का उसे समर्थन ना मिलने से समझा जा सकता है कि इंडिया के कई प्रमुख घटक दल राहुल गांधी को अपना नेता मानने को तैयार नहीं हैं। इंडिया ब्लॊक के प्रमुख घटक दल राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने भी ममता बनर्जी को इंडिया का नेतृत्व सौंपने की मांग कर एक प्रकार से कांग्रेस का साथ छोड़ दिया है। पटना में पत्रकारों ने जब लालू यादव से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान के संबंध में पूछा तो उन्होंने कहा, “इंडिया गठबंधन का नेतृत्व ममता बनर्जी को दे देना चाहिए, हम सहमत हैं।” कांग्रेस की आपत्ति से जुड़े सवाल पर लालू ने कहा, “कांग्रेस के आपत्ति जताने से कुछ नहीं होगा। ममता बनर्जी को नेतृत्व दे देना चाहिए।”
ममता का नाम आगे करने के बयानों से सियासी पारा चढ़ा
भले ही कहने को कांग्रेस की ओर से इंडिया ब्लॊक की कमान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे संभाल रहे हैं, लेकिन सहयोगी दल मानते हैं कि इंडिया की कमान अप्रत्यक्ष रूप से राहुल गांधी के हाथों में ही है। मल्लिकार्जुन तो कठपुतली मात्र हैं। कांग्रेस की ओर से मुख्य चेहरा राहुल गांधी ही हैं। ऐसे में इंडी गठबंधन के सहयोगी दलों का निशाना सीधे-सीधे राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर ही है। सहयोगी दलों ने एक प्रकार से राहुल गांधी के प्रति बगावत कर उनके प्रति अविश्वास व्यक्त कर दिया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को विपक्षी दलों के गठबंधन का नेतृत्व देने के लेकर कई दलों के बयान के बाद सियासी पारा चढ़ गया है। अब सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष के नेता इस बयानबाजी में शामिल हो गए हैं। इंडी गठबंधन के नेतृत्व पर लालू-शरद-उद्धव आदि नेताओं का साथ मिलने ममता बनर्जी फूली नहीं समा रही हैं। लालू यादव, शरद पवार से लेकर संजय राउत ने भी ममता बनर्जी को प्रमुख भूमिका देने की बात कही है। इस बीच ममता बनर्जी ने इंडिया ब्लॉक के नेतृत्व में बदलाव की चर्चाओं पर अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है, उन्होंने इस पद के लिए उनका समर्थन करने वाले विपक्षी नेताओं को धन्यवाद दिया है। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने भी ममता बनर्जी को गठबंधन का नेतृत्व करने के लिए सबसे बेहतर उम्मीदवार बताया।