पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस के डबल स्टैंडर्ड पर जमकर लताड़ लगाई है। शर्मिष्ठा मुखर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है कि जब 2020 में उनके पिता और देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन हुआ तो कांग्रेस ने कांग्रेस कार्य समिति द्वारा शोक सभा बुलाने की भी जहमत नहीं उठाई। कांग्रेस नेतृत्व पर इस मुद्दे पर गुमराह करने का भी आरोप लगाते हुए उन्होंने यह भी कहा कि एक वरिष्ठ नेता ने उनसे कहा था कि कि राष्ट्रपतियों के लिए ऐसा नहीं किया जाता। यह बिलकुल बकवास है क्योंकि बाद में बाबा की डायरी से पता चला कि पूर्व राष्ट्रपति केआर नारायणन के निधन पर सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाई गई थी। उस समय शोक संदेश का ड्राफ्ट प्रणब दा ने ही तैयार किया था।
When baba passed away, Congress didnt even bother 2 call CWC 4 condolence meeting. A senior leader told me it’s not done 4 Presidents. Thats utter rubbish as I learned later from baba’s diaries that on KR Narayanan’s death, CWC was called & condolence msg was drafted by baba only https://t.co/nbYCF7NsMB
— Sharmistha Mukherjee (@Sharmistha_GK) December 27, 2024
दरअसल में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केन्द्र सरकार से मांग की है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए दिल्ली में जमीन आवंटित की जाए। कांग्रेस का कहना है कि डॉ मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार वाली जगह पर ही उनका स्मारक बनाया जाना चाहिए।
आज कांग्रेस अध्यक्ष श्री @kharge ने प्रधानमंत्री जी और गृह मंत्री से फ़ोन पर बात करके व एक पत्र लिख कर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से पुरज़ोर अनुरोध किया कि भारत के सपूत सरदार मनमोहन सिंह जी का अंतिम संस्कार व स्मारक स्थापित करना ही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी। pic.twitter.com/pNxh5txf0b
— Congress (@INCIndia) December 27, 2024
जबकि आपको यह जानकर हैरानी होगी कि 23 दिसंबर 2004 को नरसिम्हा राव के निधन के बाद दिल्ली के राजघाट परिसर में समाधि स्थल बनाए जाने की मांग की गयी थी, लेकिन कांग्रेस ने इसकी मंजूरी नहीं दी थी। नरसिम्हा राव के समर्थक और कुछ नेताओं ने मांग की थी कि उनकी समाधि दिल्ली के राजघाट परिसर में बनाई जाए, जहां पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी, और राजीव गांधी जैसे अन्य पूर्व प्रधानमंत्रियों की समाधियां स्थित हैं। तो कांग्रेस नेतृत्व ने इसका समर्थन नहीं किया था। शर्मिष्ठा मुखर्जी ने बीजेपी नेता सीआर केसवन के एक पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए कहा है कि कांग्रेस ने पार्टी के अन्य नेताओं को सिर्फ इसलिए नजरअंदाज किया क्योंकि वे गांधी परिवार से नहीं थे।
It is indeed ironic that a Congress President is writing to PM @narendramodi ji about traditions & the funeral place becoming the sacrosanct venue for a memorial. One should remind Kharge ji how the Congress led UPA Govt never built a memorial in Delhi for former PM Narasimha… pic.twitter.com/nt59JttvrX
— C.R.Kesavan (@crkesavan) December 27, 2024
केसवन ने अपने पोस्ट में साफ कहा है कि यूपीए सरकार ने नरसिम्हा राव जी के लिए दिल्ली में कभी कोई स्मारक नहीं बनाया। केवल पीएम मोदी ही थे जिन्होंने 2015 में नरसिम्हा राव जी के लिए एक स्मारक की स्थापना की और उन्हें 2024 में मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया। राव के पार्थिव शरीर को कांग्रेस मुख्यालय में भी नहीं रखा गया। कांग्रेस के ऐतिहासिक पापों को हमारा देश कभी नहीं भूलेगा।
बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने भी कहा है कि दुख की बात है कि कांग्रेस, जिसने डॉ. मनमोहन सिंह जी को जीवनकाल में कभी वास्तविक सम्मान नहीं दिया, अब उनके सम्मान के नाम पर राजनीति कर रही है। यह कांग्रेस पार्टी की उसी मानसिकता के अनुरूप है जिसमें नेहरू – गांधी ख़ानदान के बाहर के किसी भी नेता को उपयुक्त सम्मान नहीं दिया जाता। पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव जी के देहांत के बाद उनके साथ का बर्ताव देश को याद है।
डॉ. मनमोहन सिंह जी, जिन्होंने Nehruvian Model से बाहर निकल कर देश के नये आर्थिक विकास की नींव रखी, उनको यथोचित सम्मान देने के लिए प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार प्रतिबद्ध है। कल कैबिनेट बैठक में उनकी स्मृति में एक स्मारक व समाधि स्थल बनाने का… pic.twitter.com/pkp1hhOul2
— Dr. Sudhanshu Trivedi (@SudhanshuTrived) December 28, 2024
स्मारक -समाधि के मुद्दे पर लोग सोशल मीडिया पर भी कांग्रेस को लताड़ लगा रहे हैं। आप भी देखिए लोग सोशल मीडिया पर क्या कह रहे हैं…
#FactsMatter #ManmohanSingh मनमोहन सिंह की अंत्येष्टि और स्मारक पर कांग्रेस विवाद खड़ा कर रही है।
तथ्य
पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह का अंतिम संस्कार इलाहाबाद में हुआ था
पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव का अंतिम संस्कार हैदराबाद में हुआ था
पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा…— हर्ष वर्धन त्रिपाठी 🇮🇳Harsh Vardhan Tripathi (@MediaHarshVT) December 28, 2024
भूतपूर्व सांसद संजय गाँधी , भूतपूर्व प्रधानमंत्रियों इंदिरा गाँधी और राजीव गाँधी की दिल्ली के बीचोंबीच करोड़ों रुपये कीमत वाली , 50-50 एकड़ में बनी समाधियों में से सिर्फ आधा एकड़ जगह गाँधी परिवार मनमोहन सिंह जी के स्मारक के लिये नही दे पा रहा है।
केंद्र सरकार से स्मारक के लिये…
— ocean jain (@ocjain4) December 28, 2024
सवाल तो और भी हैं!!
संजय गाँधी का स्मारक दिल्ली में है, पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव नहीं ??
ये संजय गांधी किस सन से किस सन तक भारत के प्रधानमंत्री रहे थे? pic.twitter.com/xbQfR0hsKD
— Ranjan Sahai #IAF #KargilVeteran 🇮🇳 (@ranjan_27) December 28, 2024
आज कांग्रेस को मान-सम्मान की बातें करना शोभा नहीं देता।
मोदी सरकार ने न सिर्फ नरसिम्हा राव जी को भारत रत्न दिया, बल्कि उनका स्मारक भी बनवाया।
सम्मान का असली मतलब सिखना है तो मोदी सरकार से सीखें। pic.twitter.com/PS2nBysBT5— Social Tamasha (@SocialTamasha) December 28, 2024
𝗙𝗮𝗰𝘁𝘀 𝗼𝗳 𝘁𝗵𝗲 𝗺𝗮𝘁𝘁𝗲𝗿 𝗿𝗲𝗴𝗮𝗿𝗱𝗶𝗻𝗴 𝗺𝗲𝗺𝗼𝗿𝗶𝗮𝗹 𝗳𝗼𝗿 𝗳𝗼𝗿𝗺𝗲𝗿 𝗣𝗠 𝗹𝗮𝘁𝗲 𝗠𝗮𝗻𝗺𝗼𝗵𝗮𝗻 𝗦𝗶𝗻𝗴𝗵
On 27 December morning, Government of India received a request from the Congress president to allocate space for a memorial for former Prime… pic.twitter.com/Sw0JlUIB8P
— Kanchan Gupta 🇮🇳 (@KanchanGupta) December 28, 2024
2013 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार ने Common Memorial Ground बनाने का निर्णय लिया था। किसी भी नेता के लिए अलग से समाधि स्थल नहीं बनेगा ।
— अनंत विजय/ Anant Vijay (@anantvijay) December 28, 2024
Sanjay Gandhi was not PM, but still Congress gave state funeral and memorial.
But Congress didn’t give it to their PM PV Narasimha Rao.
Now demanding it for Manmohan Singh. https://t.co/9xF7EdzBU1 pic.twitter.com/BUEzWjvaIP
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) December 27, 2024
Note the date: 16-May-2013. This was the cabinet decision approved by the Manmohan Singh cabinet in 2013 construct a ‘Rashtriya Smriti Sthal’ as a memorial complex for all national leaders. Dr. Manmohan Singh’s memorial should also be built at the complex. pic.twitter.com/qLfl3JZBB3
— Yo Yo Funny Singh (@moronhumor) December 27, 2024
राष्ट्रीय नेताओं की समाधियों के लिए निर्धारित यमुना तट की 245 एकड़ सरकारी ज़मीन में से डेढ़ सौ एकड़ से ज्यादा तो अकेले नेहरू-गांधी परिवार ने घेर रखी है। संजय गांधी तक को जगह मिली है।
थोड़ा एडजस्ट कीजिए। खिसकिए जरा। एक कोना मनमोहन सिंह के लिए दीजिए। कई अच्छे काम किए हैं उन्होंने। pic.twitter.com/qwXXGiPqiG
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) December 28, 2024